शनिवार, 13 जून 2020

गिरिडीह पुलिस के हत्थे चढ़े 12 साइबर अपराधी गिरफ्तार

गिरिडीह पुलिस के हत्थे चढ़े 12 साइबर अपराधी गिरफ्तार


22 मोबाइल, 37 सिम कार्ड, 15 एटीएम कार्ड, 7 पासबुक, 5 आधार कार्ड, 4 पेन कार्ड, 3 डीएल, 4 वोटर आईडी कार्ड, एचपी  कंपनी का एक लैपटॉप, एक स्विफ्ट डिजायर चार पहिया बरामद

डेढ़ वर्षों में 3 करोड़ से अधिक कैश ट्रांजेक्शन के मिले सबूत


गिरिडीह : साइबर अपराध के शातिरों के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश कर पुलिस ने 12 शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अपराधियों में तीन सगे भाई भी शामिल है।

साइबर क्राइम डीएसपी संदीप सुमन ने शनिवार को एक प्रेसवार्ता कर उक्त जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने 22 मोबाइल, 37 सिम कार्ड, 15 एटीएम कार्ड, 7 पासबुक, 5 आधार कार्ड, 4 पेन कार्ड, 3 डीएल, 4 वोटर आईडी कार्ड, एचपी  कंपनी का एक लैपटॉप, एक स्विफ्ट डिजायर चार पहिया कार भी बरामद किया है। कहा कि अपराधियों की गिरफ्तारी नवादा ग्राम के पिंडरिया से की गई है।

उन्होंने बताया कि एसपी सुरेंद्र कुमार झा को मिले गुप्त सूचना के आधार पर एक छापेमारी टीम गठित की गई। जिसमें 12 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। डीएसपी संदीप सुमन ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों के मोबाइल खंगालने पर पिछले डेढ़ वर्षों में 3 करोड़ से अधिक कैश ट्रांजेक्शन के सबूत मिले हैं। बताया कि ये सभी अलग-अलग तरीकों से ठगी करते थे। गिरफ्तार अपराधियों में कुछ कलकत्ता, दिल्ली में रहकर ओला, उबर की गाड़ियों को चलाते हुए ठगी का काम किया करते थे। तो कोई अपराधी कभी फर्जी बैंक अधिकारी बनकर, कभी फर्जी पेटीएम लिंक, तो कभी ऐप इंस्टाल करवाने के जरिए अलग-अलग तरीकों से लोगों को अपना शिकार बनाते थे।

गिरफ्तार अपराधियों में राजेश मंडल, संतोष मडंल, फूलचंद मंडल, विकेश प्रसाद वर्मा, तालेश्वर प्रसाद वर्मा, सुधीर प्रसाद वर्मा, बहादुर मंडल, दशरथ मंडल
बबलू कुमार मंडल, रूपेश कुमार मंडल, पवन यादव
राजेश मंडल शामिल हैं। जिसमें 10 ताराटांड़ थाना क्षेत्र का है जबकि अन्य 2 अहिल्यापुर थाना इलाके का है। इनमें तीन सगे भाई भी है।

गिरफ्तार अपराधियों को लेकर यह भी बात सामने आ रही है कि लॉकडाउन के बाद सभी गिरिडीह आए थे। इसके बाद ये सभी अपने इलाके के साइबर अपराधियों के संपर्क में आए और साइबर क्राइम से जुड़कर खाताधारकों के खाते से पैसे ठगने शुरू कर दिए। गिरफ्तार अपराधियों में ताराटांड का राजेश मंडल पश्चिम बंगाल में रहकर अपना वाहन चलाकर पैसे कमाता था। लॉकडाउन लागू होने के बाद राजेश मंडल अपनी गाड़ी लेकर घर लौट गया। इसके बाद अपने एक पड़ोसी युवक के संपर्क में आया, जो पहले से साइबर अपराधी था। हालांकि यह स्पस्ट नहीं हो पाया है कि राजेश ने अब तक कितने खाताधारकों को ठगा है।

इसी प्रकार अहिल्यापुर का रहने वाला पवन वर्मा मुंबई में रहकर होटल में काम करता था, लेकिन लॉकडाउन के बाद पवन अपने घर पहुंचा और खुद को साइबर क्राइम की दुनिया से जोड़ लिया। एक शातिर अपराधी के संपर्क में आकर पवन ने कई तकनीक सीखे और खाताधारकों को बगैर फोन किए ही उनके खाते से पैसे उड़ाना शुरू कर दिया। इधर पुलिस सभी अपराधियों से पूछताछ करने में जुटी हुई है।

साइबर डीएसपी ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि ऐसे अपराध कर्मी छोटे छोटे हथकंडों को अपनाकर आमलोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। ऐसे लोगों से सतर्क रहें और कभी भी लालच में आकर या अन्य कारणों से फोन पर अपना फाइनेंशियल डिटेल किसी के साथ शेयर न करें । खुद को साइबर अपराध से सुरक्षित रखें।

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