रविवार, 26 अप्रैल 2020

जमुआ की बेटी रोजा रख कर भी दे रही है सदर अस्पताल जमशेदपुर में सेवा

जमुआ की बेटी रोजा रख कर भी दे रही है सदर अस्पताल जमशेदपुर में सेवा


जमुआ/गिरीडीह : वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते जहां लोग अपने अपने घरों में सुरक्षित रहने को विवश हैं वहीँ दूसरी ओर जमुआ प्रखंड के खरगडीहा पंचायत की रहने वाली माबिया कुलसुम पिता मोहम्मद इरफ़ान आलम रोजा रख कर भी सदर अस्पताल जमशेदपुर में लोगों की सेवा में लगी हुई है।


उनका कहना है कि संसार में मानव सेवा से बढ़ कर कोई सेवा नहीं है। यही हमारा लक्ष्य है और इससे हमें सुकून मिलता है। कहा कि यहां हर तरह के पेसेंट आते है। कोरोना संदिग्धों की भी जांच कर उसे आवश्यक उपचार और अयोसोलेसन किया जाता है।

विदित हो कि माबिया सदर अस्पताल जमशेदपुर में एएनएम की छात्रा है। पढाई के साथ वह हर रोज़ अस्पताल में मरीज़ों की सेवा भी करती है। शुरू से ही मेघावी होने के साथ साथ सामाजिक कार्यों में रूचि रखने वाली माबिया जमुआ के कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय   से वर्ष 2015 में मेट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। उसी विद्यालय से वर्ष 2017 में बारहवीं की परीक्षा भी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की है। माबिया के कार्य और हौसले को देखते हुए उनके माता-पिता के साथ साथ गांव के अन्य ग्रामीणों में भी हर्ष है और उनके उज्वल भविष्य की कामना करते हैं।
   इधर प्रशिक्षु एएनएम माबिया प्रवीण के पिता इरफान आलम एवं मामा अज़हर उद्दीन ने बताया कि माबिया बचपन से ही पढाई लिखाई के साथ सामाजिक कार्यो में सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती रही है। 

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