गुरुवार, 5 मार्च 2020

एपवा का सीएए और एनआरसी के खिलाफ तीन दिवसीय धरना खोरीमहुआ अनुमंडल कार्यलय परिसर में शुरू


सीएए और एनआरसी के खिलाफ एपवा ने दिया धरना
खोरीमहुआ : अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोशिएशन (एपवा) के बैनर तले गुरुवार को खोरीमहुआ अनुमंडल कार्यालय परिसर में ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ एपवा की जिला अध्यक्ष कौशल्या दास ने नेतृत्व में महिलाओं ने धरना दिया।
 यह धरना लगातार तीन दिनों तक चलेगा।  

मुख्य अतिथि सह राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जयंती चौधरी ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह में आपसी सामंजस्य नहीं है। एक तरफ मोदी नागरिकता संशोधन बिल लागू नहीं करने की बात कर रहे हैं तो वहीं बिल लागू करने पर शाह अडिग हैं। इससे यह स्पष्ट हो चुका है कि केंद्र सरकार भारत के नागरिकों को परेशान करने की साजिश कर रही है। 

कहा कि असम में कानून लागू कर 19 लाख भारतीय नागरिकों को देश से बाहर निकालने की योजना बनाई गई है। इसमें पांच लाख मुस्लिम और 14 लाख हिदू गरीब व पिछड़ा वर्ग के परिवार शामिल हैं। यही कानून पूरे देश में लागू कर पिछड़ों, आदिवासी तथा अल्पसंख्यकों को बाहर निकालने की साजिश रची जा रही है। जिसे किसी भी सूरत में देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।

धरना में फातिमा खातून, लैला खातून, खतीजा खातून, कौशल खातून, पूजा देवी, मालती देवी, चंपा देवी, शबनम खातून, हॉकली देवी, जमुनी देवी, संगीता कुमारी, ललिता देवी, बेबी बेबी, ललिता दिनराही, बबीता देवी सहित दर्जनों की संख्या में ऐपवा की महिलाएं उपस्थित थीं।

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