शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2018

स्वास्थ्य सलाह : अपना डॉक्टर स्वयं बनें

करें घरेलू चीजों का प्रयोग, बने रहेंगे निरोग

*अपना डॉक्टर स्वयं बने*


*1 =  केवल सेंधा नमक प्रयोग करें, थायराईड, बी पी और पेट ठीक होगा।*

*2 = केवल स्टील का कुकर ही प्रयोग करें, अल्युमिनियम में मिले हुए लेड से होने वाले नुकसानों से बचेंगे*

*3 = कोई भी रिफाइंड तेल ना खाकर केवल तिल, मूंगफली, सरसों और नारियल का प्रयोग करें। रिफाइंड में बहुत केमिकल होते हैं जो शरीर में कई तरह की बीमारियाँ पैदा करते हैं ।*

*4 = सोयाबीन बड़ी को 2 घण्टे भिगो कर, मसल कर ज़हरीली झाग निकल कर ही प्रयोग करें।*

*5 = रसोई में एग्जास्ट फैन जरूरी है, प्रदूषित हवा बाहर करें।*

*6 = काम करते समय स्वयं को अच्छा लगने वाला संगीत चलाएं। खाने में भी अच्छा प्रभाव आएगा और थकान कम होगी।*

*7 = देसी गाय के घी का प्रयोग बढ़ाएं। अनेक रोग दूर होंगे, वजन नहीं बढ़ता।*

*8 = ज्यादा से ज्यादा मीठा नीम/कढ़ी पत्ता खाने की चीजों में डालें, सभी का स्वास्थ्य ठीक करेगा।*

*9 = ज्यादा से ज्यादा चीजें लोहे की कढ़ाई में ही बनाएं। आयरन की कमी किसी को नहीं होगी।*

*10 = भोजन का समय निश्चित करें, पेट ठीक रहेगा। भोजन के बीच बात न करें, भोजन ज्यादा पोषण देगा।*

*11 = नाश्ते में अंकुरित अन्न शामिल करें। पोषक विटामिन और फाइबर मिलेंगें।*

*12 = सुबह के खाने के साथ देशी गाय के दूध का बना ताजा दही लें, पेट ठीक रहेगा।*

*13 = चीनी कम से कम प्रयोग करें, ज्यादा उम्र में हड्डियां ठीक रहेंगी।*

*14 = चीनी की जगह बिना मसले का गुड़ या देशी शक्कर लें।*

*15 = छौंक में राई के साथ कलौंजी का भी प्रयोग करें, फायदे इतने कि लिख ही नहीं सकते।*

*16 = चाय के समय, आयुर्वेदिक पेय की आदत बनाएं व निरोग रहेंगे।*

*17 = एक डस्टबिन रसोई में और एक बाहर रखें, सोने से पहले रसोई का कचरा बाहर के डस्ट बिन में डालें।*

*18 = रसोई में घुसते ही नाक में घी या सरसों का तेल लगाएं, सर और फेफड़े स्वस्थ रहेंगें।*

*19 = करेले, मैथी और मूली यानि कड़वी सब्जियां भी खाएँ, रक्त शुद्ध रहेगा।*

*20 = पानी मटके वाले से ज्यादा ठंडा न पिएं, पाचन व दांत ठीक रहेंगे।*

*21 = प्लास्टिक और अल्युमिनियम रसोई से हटाएं, दोनों केन्सर कारक हैं।*

*22‌ = माइक्रोवेव ओवन का प्रयोग कैंसर कारक है।*

*23 = खाने की ठंडी चीजें कम से कम खाएँ, पेट और दांत को खराब करती हैं।*

*24 = बाहर का खाना बहुत हानिकारक है, खाने से सम्बंधित ग्रुप से जुड़कर सब घर पर ही बनाएं।*

*25 = तली चीजें छोड़ें, वजन, पेट, एसिडिटी ठीक रहेंगी।*

*26 = मैदा, बेसन, छौले, राजमां और उड़द कम खाएँ, गैस की समस्या से बचेंगे।*

*27 = अदरक, अजवायन का प्रयोग बढ़ाएं, गैस और शरीर के दर्द कम होंगे।*

*28 = बिना कलौंजी वाला अचार हानिकारक होता है।*

*29 = पानी का फिल्टर R O वाला हानिकारक है। U V वाला ही प्रयोग करें, सस्ता भी और बढ़िया भी।*

*30 = रसोई में ही बहुत से कॉस्मेटिक्स हैं, इस प्रकार के ग्रुप से जानकारी लें।*

*31 = रात को आधा चम्मच त्रिफला एक कप पानी में डाल कर रखें, सुबह कपड़े से छान कर इस जल से आंखें धोएं, चश्मा उतर जाएगा। छानने के बाद जो पाउडर बचे उसे फिर एक गिलास पानी में डाल कर रख दें। रात को पी जाएं। पेट साफ होगा, कोई रोग एक साल में नहीं रहेगा।*

*32 = सुबह रसोई में चप्पल न पहनें, शुद्धता भी, एक्यू प्रेशर भी।*

*33 = रात का भिगोया आधा चम्मच कच्चा जीरा सुबह खाली पेट चबा कर वही पानी पिएं, एसिडिटी खतम।*

*34 = एक्यूप्रेशर वाले पिरामिड प्लेटफार्म पर खड़े होकर खाना बनाने की आदत बना लें तो भी सब बीमारियां शरीर से निकल जायेंगी।*

*35 = चौथाई चम्मच दालचीनी का कुल उपयोग दिन भर में किसी भी रूप में करने पर निरोगता अवश्य होगी।*

*36 = रसोई के मसालों से बनी चाय मसाला स्वास्थ्यवर्धक है।*

*37 = सर्दियों में नाखून के बराबर जावित्री कभी चूसने से सर्दी के असर से बचाव होगा।*

*38 = सर्दी में बाहर जाते समय 2 चुटकी अजवायन मुहं में रखकर निकलिए, सर्दी से नुकसान नहीं होगा।*

*39 = रस निकले नीबू के चौथाई टुकड़े में जरा सी हल्दी, नमक, फिटकरी रख कर दांत मलने से दांतों का कोई भी रोग नहीं रहेगा।*

*40 = कभी - कभी नमक - हल्दी में 2 बून्द सरसों का तेल डाल कर दांतों को उंगली से साफ करें, दांतों का कोई रोग टिक नहीं सकता।*

*41 = बुखार में 1 लीटर पानी उबाल कर 250 ml कर लें, साधारण ताप पर आ जाने पर रोगी को थोड़ा थोड़ा दें, दवा का काम करेगा।*

*42 = सुबह के खाने के साथ घर का जमाया देशी गाय का ताजा दही जरूर शामिल करें, प्रोबायोटिक का काम करेगा।*


*हृदय की बीमारी के आयुर्वेदिक इलाज*

*हमारे देश भारत मे 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे, उनका नाम था महाऋषि वागवट जी !!*

*उन्होने एक पुस्तक लिखी थी, जिसका नाम है अष्टांग हृदयम!! (Astang Hridayam)*

*इस पुस्तक मे उन्होने बीमारियो को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखे थे !*

यह उनमे से ही एक सूत्र है !!

*वागवट जी लिखते है कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है ! मतलब दिल की नलियों मे Blockage होना शुरू हो रहा है तो इसका मतलब है कि रक्त (Blood) मे Acidity (अम्लता) बढ़ी हुई है !*

*अम्लता आप समझते है, जिसको अँग्रेजी में Acidity भी कहते हैं और यह अम्लता दो तरह की होती है !*

*एक होती है पेट कि अम्लता !*
*और*
*एक होती है रक्त (Blood) की अम्लता !*

*आपके पेट मे अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट मे जलन सी हो रही है, खट्टी खट्टी डकार आ रही है, मुंह से पानी निकल रहा है और अगर ये अम्लता (Acidity) और बढ़ जाये तो इसे Hyperacidity कहते हैं !*

*फिर यही पेट की अम्लता बढ़ते - बढ़ते जब रक्त मे आती है तो रक्त अम्लता  (Blood Acidity) होती है और जब Blood मे Acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त दिल की नलियों में से निकल नहीं पाता और नलियों में Blockage कर देता है और तभी Heart Attack होता है ! इसके बिना Heart Attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं ! क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है !!*

*एसीडिटी का इलाज क्या है*??

*वागबट जी आगे लिखते है कि जब रक्त (Blood) में अम्लता (Acidity) बढ़ गई है ! तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करें जो क्षारीय है !*

*आप जानते है दो तरह की चीजे होती है !*

*अम्लीय (Acidic)*
*और*
*क्षारीय (Alkaline)*

*अब अम्ल और क्षार (Acid and Alkaline) को मिला दें तो क्या होता है ?*

*हम सब जानते हैं Neutral होता है !!*

*तो वागबट जी लिखते हैं कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय (Alkaline) चीजे खाओ ! तो रक्त की अम्लता (Acidity) Neutral हो जाएगी, और जब रक्त मे अम्लता Neutral हो गई तो Heart Attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं होगी ।*

*ये है सारी कहानी !!*

*अब आप पूछोगे जी ऐसे कौन सी चीजे है जो क्षारीय है और हम खाये ??*

*आपके रसोई घर मे ऐसी बहुत सी चीजे है जो क्षारीय है ! जिन्हें अगर आप खायें तो कभी Heart Attack न आयेगा और अगर आ गया तो दुबारा नहीं आएगा !*

*आपके घर में जो सबसे ज्यादा क्षारीय चीज है वह है लौकी, जिसे हम दुधी भी कहते है और English मे इसे Bottle Gourd भी कहते हैं जिसे आप सब्जी के रूप मे खाते है !*

*इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है इसलिये आप हर रोज़ लौकी का रस निकाल कर पियें या अगर खा सकते है तो कच्ची लौकी खायें ।*

*वागवतट जी के अनुसार रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है, इसलिए आप लौकी के रस का सेवन करें !*

*कितना मात्रा में सेवन करें*

*रोज 200 से 300 ग्राम लौकी का रस ग्राम पियें !*

कब पिये ?

*सुबह खाली पेट (Toilet) शौच जाने के बाद पी सकते है. या फिर नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं!*

*इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय भी बना सकते हैं ! जिसके लिए इसमें 7 से 10 पत्ते के तुलसी के डाल लें क्योंकि तुलसी बहुत क्षारीय है !*

*इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते भी मिला सकते है, क्योंकि पुदीना भी बहुत क्षारीय होता है।*

*इसके साथ आप इसमें काला नमक या सेंधा नमक भी जरूर डाले ! ये भी बहुत क्षारीय है। याद रखे नमक काला या सेंधा ही डालें, दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डालें !*

*ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय है।*

*तो मित्रों आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करे 2 से 3 महीने आपकी सारी Heart की Blockage ठीक कर देगा। 21 वे दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा और फिर आपको कोई आपरेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी !*

*घर मे ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा और आपका अनमोल शरीर और लाखों रुपए आपरेशन के बच जाएँगे और जो पैसे बच जायें उसे अगर इच्छा हो किसी गौशाला मे दान कर दें क्योंकि डाक्टर को देने से अच्छा है किसी गौशाला दान दे !*

*हमारी गौ माता बचेगी तो भारत बचेगा !!*



*हल्दी का पानी*
     
*पानी में हल्दी मिलाकर पीने से यह 7 फायदें होते है ....*

*1. गुनगुना हल्दी वाला पानी पीने से दिमाग तेज होता है। सुबह के समय हल्दी का गुनगुना पानी पीने से दिमाग तेज और उर्जावान बनता है।*

*2.‌ आप यदि रोज़ हल्दी का पानी पीते हैं तो इससे खून में होने वाली गंदगी साफ होती है और खून जमता भी नहीं है, यह खून साफ करता है और दिल को बीमारियों से भी बचाता है।*

*3. लीवर की समस्या से परेशान लोगों के लिए हल्दी का पानी किसी औषधि से कम नही है क्योंकि हल्दी का पानी टाॅक्सिस लीवर के सेल्स को फिर से ठीक करता है। इसके अलावा हल्दी और पानी के मिले हुए गुण लीवर को संक्रमण से भी बचाते हैं।*

*4. हार्ट की समस्या से परेशान लोगों को हल्दी वाला पानी पीना चाहिए क्योंकि हल्दी खून को गाढ़ा होने से बचाती है जिससे हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है.*

*5. जब हल्दी के पानी में शहद और नींबू मिलाया जाता है तब यह शरीर के अंदर जमे हुए विषैले पदार्थों को निकाल देता है, जिसे पीने से शरीर पर बढ़ती हुई उम्र का असर नहीं पड़ता है। हल्दी में फ्री रेडिकल्स होते हैं जो सेहत और सौंदर्य को बढ़ाते हैं.*

*6. शरीर में किसी भी तरह की सूजन हो और वह किसी दवाई से ना ठीक हो रही हो तो आप हल्दी वाला पानी का सेवन करें। हल्दी में करक्यूमिन तत्व होता है जो सूजन और जोड़ों में होने वाले असहय दर्द को ठीक कर देता है। सूजन की अचूक दवा है हल्दी का पानी।*

*7. कैंसर खत्म करती है हल्दी। हल्दी कैंसर से लड़ती है और उसे बढ़ने से भी रोक देती है क्योंकि हल्दी एंटी - कैंसर युक्त होती है और यदि आप सप्ताह में तीन दिन हल्दी वाला पानी पीएगें तो आपको भविष्य में कैंसर से हमेशा बचे रहेगें।*


*हमारे वेदों के अनुसार स्वस्थ रहने के १५ नियम हैं.....*

*१ - खाना खाने के १.३० घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए।*

*२ - पानी घूँट घूँट करके पीना है जिससे अपनी मुँह की लार पानी के साथ मिलकर पेट में जा सके, पेट में Acid बनता है और मुँह में छार, दोनो पेट में बराबर मिल जाए तो कोई रोग पास नहीं आएगा।*

*३ - पानी कभी भी ठंडा (फ़्रिज़ का) नहीं पीना है।*

*४ - सुबह उठते ही बिना क़ुल्ला किए २ ग्लास पानी पीना चाहिए, रात भर जो अपने मुँह में लार है वो अमूल्य है उसको पेट में ही जाना ही  चाहिए ।*

*५ - खाना, जितने आपके मुँह में दाँत है उतनी बार ही चबाना  है ।*

*६ - खाना ज़मीन में पलोथी मुद्रा में बैठकर या उखड़ूँ बैठकर ही खाना चाहिए।*

*७ - खाने के मेन्यू में एक दूसरे के विरोधी भोजन एक साथ ना करे जैसे दूध के साथ दही, प्याज़ के साथ दूध, दही के साथ उड़द की दlल ।*

*८ - समुद्री नमक की जगह सेंधl नमक या काला नमक खाना चाहिए।*

*९ - रीफ़ाइन तेल, डालडा ज़हर है, इसकी जगह अपने इलाक़े के अनुसार सरसों, तिल, मूँगफली या नारियल का तेल उपयोग में लाए । सोयाबीन के कोई भी प्रोडक्ट खाने में ना ले इसके प्रोडक्ट को केवल सुअर पचा सकते है। आदमी में इसके पचाने के एंज़िम नहीं बनते हैं ।*

*१० - दोपहर के भोजन के बाद कम से कम ३० मिनट आराम करना चाहिए और शाम के भोजन बाद ५०० क़दम पैदल चलना चाहिए।*

*११ - घर में चीनी (शुगर) का उपयोग नहीं होना चाहिए क्योंकि चीनी को सफ़ेद करने में १७ तरह के ज़हर (केमिकल ) मिलाने पड़ते है इसकी जगह गुड़ का उपयोग करना चाहिए और आज कल गुड़ बनाने में कॉस्टिक सोडा (ज़हर) मिलाकर गुड को सफ़ेद किया जाता है इसलिए सफ़ेद गुड़ ना खाए। प्राकृतिक गुड़ ही खाये। प्राकृतिक गुड़ चाकलेट कलर का होता है।*

*१२ - सोते समय आपका सिर पूर्व या दक्षिण की तरफ़ होना चाहिए।*

*१३ - घर में कोई भी अलूमिनियम के बर्तन या कुकर नहीं होना चाहिए। हमारे बर्तन मिट्टी, पीतल लोहा और काँसा के होने चाहिए।*

*१४ - दोपहर का भोजन ११ बजे तक अवश्य और शाम का भोजन सूर्यास्त तक हो जाना चाहिए ।*

*१५ - सुबह भोर के समय तक आपको देशी गाय के दूध से बनी छाछ (सेंधl नमक और ज़ीरा बिना भुना हुआ मिलाकर) पीना चाहिए ।*

*यदि आपने ये नियम अपने जीवन में लागू कर लिए तो आपको डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और देश के ८ लाख करोड़ की बचत होगी । यदि आप बीमार है तो ये नियमों का पालन करने से आपके शरीर के सभी रोग (BP, शुगर ) अगले ३ माह से लेकर १२ माह में ख़त्म हो जाएँगे।*



*सर्दियों में उठायें मेथी दानों से भरपूर लाभ*

*➡ मेथीदाना उष्ण, वात व कफनाशक, पित्तवर्धक, पाचनशक्ति व बलवर्धक एवं ह्रदय के लिए हितकर है | यह पुष्टिकारक, शक्ति,  स्फूर्तिदायक टॉनिक की तरह कार्य करता है | सुबह–शाम इसे पानी के साथ निगलने से पेट को निरोग बनाता है, कब्ज व गैस को दूर करता है | इसकी मूँग के साथ सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं | यह मधुमेह के रोगियों के लिए खूब लाभदायी हैं |*

*➡ अपनी आयु के जितने वर्ष व्यतीत हो चुके हैं, उतनी संख्या में मेथीदाने रोज धीरे – धीरे चबाना या चूसने से वृद्धावस्था में पैदा होने वाली व्याधियों, जैसे घुटनों व जोड़ों का दर्द, भूख न लगना, हाथों का सुन्न पड़ जाना, सायटिका, मांसपेशियों का खिंचाव, बार - बार मूत्र आना, चक्कर आना आदि में लाभ होता है | गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भुने मेथी दानों का चूर्ण आटे के साथ मिला के लड्डू बना के खाना लाभकारी है |*

*मेथी दाने से शक्तिवर्धक पेय*

*दो चम्मच मेथीदाने एक गिलास पानी में ४ – ५ घंटे भिगोकर रखें फिर इतना उबालें कि पानी चौथाई रह जाय, इसे छानकर २ चम्मच शहद मिला के पियें ।*

*औषधीय प्रयोग*

*1. कब्ज : २० ग्राम मेथीदाने को २०० ग्राम ताजे पानी में भिगो दें. ५-६ घंटे बाद मसल के पीने से मल साफ़ आने लगता है. भूख अच्छी लगने लगती है और पाचन भी ठीक होने लगता है |*

*2. जोड़ों का दर्द : १०० ग्राम मेथीदाने अधकच्चे भून के दरदरा कूट लें | इसमें २५ ग्राम काला नमक मिलाकर रख लें | २ चम्मच यह मिश्रण सुबह- शाम गुनगुने पानी से फाँकने से जोड़ों, कमर व घुटनों का दर्द, आमवात (गठिया) का दर्द आदि में लाभ होता है | इससे पेट में गैस भी नहीं बनेगी |*

*3. पेट के रोगों में : १ से ३ ग्राम मेथी दानों का चूर्ण सुबह, दोपहर व शाम को पानी के साथ लेने से अपच, दस्त, भूख न लगना, अफरा, दर्द आदि तकलीफों में बहुत लाभ होता है |*

*4. दुर्बलता : १ चम्मच मेथीदानों को घी में भून के सुबह - शाम लेने से रोगजन्य शारीरिक एवं तंत्रिका दुर्बलता दूर होती है |*

*5. मासिक धर्म में रुकावट : ४ चम्मच मेथीदाने १ गिलास पानी में उबालें | आधा पानी रह जाने पर छानकर गर्म–गर्म ही लेने से मासिक धर्म खुल के होने लगता है |*

*6. अंगों की जकड़न : भुनी मेथी के आटे में गुड़ की चाशनी मिला के लड्डू बना लें | १–१ लड्डू रोज सुबह खाने से वायु के कारण जकड़े हुए अंग १ सप्ताह में ठीक हो जाते हैं तथा हाथ–पैरों में होने वाला दर्द भी दूर होता है |*

*7. विशेष : सर्दियों में मेथीपाक, मेथी के लड्डू, मेथीदानों व मूँग–दाल की सब्जी आदि के रूप में इसका सेवन खूब लाभदायी हैं |*

*IMPORTANT*

*HEART ATTACK और गर्म पानी पीना!*

*यह भोजन के बाद गर्म पानी पीने के बारे में ही नहीं Heart Attack के बारे में भी एक अच्छा लेख है।*

*चीनी और जापानी अपने भोजन के बाद गर्म चाय पीते हैं, ठंडा पानी नहीं। अब हमें भी उनकी यह आदत अपना लेनी चाहिए। जो लोग भोजन के बाद ठंडा पानी पीना पसन्द करते हैं यह लेख उनके लिए ही है।*

*भोजन के साथ कोई ठंडा पेय या पानी पीना बहुत हानिकारक है क्योंकि ठंडा पानी आपके भोजन के तैलीय पदार्थों को जो आपने अभी अभी खाये हैं ठोस रूप में बदल देता है।*

*इससे पाचन बहुत धीमा हो जाता है। जब यह अम्ल के साथ क्रिया करता है तो यह टूट जाता है और जल्दी ही यह ठोस भोजन से भी अधिक तेज़ी से आँतों द्वारा सोख लिया जाता है। यह आँतों में एकत्र हो जाता है। फिर जल्दी ही यह चरबी में बदल जाता है और कैंसर के पैदा होने का कारण बनता है।*

*इसलिए सबसे अच्छा यह है कि भोजन के बाद गर्म सूप या गुनगुना पानी पिया जाये। एक गिलास गुनगुना पानी सोने से ठीक पहले पीना चाहिए। इससे खून के थक्के नहीं बनेंगे और आप हृदयाघात से बचे रहेंगे।*


खरगडीहा मुहर्रम अखाडा कमेटी को एसडीएम ने किया पुरष्कृत

सर्वश्रेष्ठ मुहर्रम अखाड़ा का प्रदर्शन हेतु खरगडीहा अखाडा कमेंटी को एसडीएम ने किया सम्मानित


जमुआ : पिछले दिनों सम्पन्न हुये मुहर्रम त्यौहार के मौक पर बेहतर अखाड़ा का प्रदर्शन करने वाली खरगडीहा अखाडा कमेंटी को खोरीमहुआ के अनुमण्डल पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार सिंह ने एक सादे समारोह में प्रशस्ति पत्र एवं कप देकर सम्मानित किया।
     गौरतलब है कि जमुआ प्रखंड के सभी अखाडा कमेंटियों के द्वारा उक्त मौके पर एक से बढ़कर एक करतबों एवं कलाबाजियों का प्रदर्शन किया गया। जिसमें प्रथम स्थान खरगडीहा अखाडा कमेटी को प्राप्त हुई। शुक्रवार को अनुमंडल पदाधिकारी श्री सिंह ने खरगडीहा के मुखिया चिना खान, उप मुखिया राहुल कुमार साहू, पंसस प्रतिनिधि जुल्फिकार अली, प्रो.शमीम, पप्पू खान, रोहित साव सहित दर्जनों लोगों की उपस्थिति में सर्वश्रेष्ठ अखाड़ा के प्रदर्शन हेतु  मुखिया एवं उप मुखिया को प्रशस्ति पत्र एवं कप देकर सम्मानित किया गया।



      मौके पर अपने सम्बोधन में अनुमंडल पदाधिकारी  ने लोगों से अपने अपने क्षेत्रो में सभी समुदायों के त्यौहार को अच्छे ढंग से मनाने एवं ईनजॉय करने की अपील किया। उन्होंने सभी त्यौहार को इसी तरह आपसी भाई चारे के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में  मनाने की भी अपील की।
    उक्त अवसर पर खोरीमहुवा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजीव कुमार, जमुआ बीडीओ विनोद कुमार कर्मकार, सीओ रामबालक कुमार समेत अन्य कई पदाधिकारी एवं अखाडा कमिटी के सदस्यों के अलावे शांति समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।

गुरुवार, 11 अक्टूबर 2018

आस्था : छाती पर कलश स्थापना, बना है चर्चा का विषय

युवक ने किया छाती पर कलश स्थापना, बना है चर्चा का विषय

बिहार पदेश के जमुई जिले के बरहट प्रखंड अंतर्गत गादी कटौना निवासी 28 वर्षीय दिनेश रावत नामक एक युवक ने शारदीय नवरात्र के पावन मौके पर  परम्परागत तरीके से एवं वैदिक रीति - रिवाज के साथ  अपनी  छाती पर कलश स्थापित किया है। 

युवक द्वारा छाती पर कलश की स्थापना जमुई जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। दिनेश का माँ दुर्गा के प्रति आस्था और उनके द्वारा किये गए अदभुत अनुष्ठान का दर्शन करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके आवास पर पहुँच रहे हैं।
       
           उल्लेखनीय है कि दिनेश विवाहित हैं और उनके ही कंधों पर पत्नी , पुत्र , पुत्री , माता - पिता के भरण - पोषण की भी जिम्मेदारी है। दैनिक मजदूरी कर वह अपने पुरे परिवार का भरण - पोषण करते हैं। 

    इस आस्थापूर्ण अनुष्ठान के बावत दिनेश के पिता युगल रावत बताते हैं कि उनका पुत्र बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति का है। पूजा - पाठ , भजन - कीर्तन में उसकी विशेष अभिरुचि रही है। वह पिछले कई साल से फलहारी नवरात्र का अनुष्ठान करता आ रहा है। इस वर्ष उसने अपनी छाती पर कलश स्थापित कर शक्ति की अधिष्ठात्री माँ दुर्गा में विशेष आस्था प्रकट किया है।


जिलामुख्यालय में मनरेगा कर्मियों का भिक्षाटन कल

शुक्रवार को जिला मुख्यालय में भिक्षाटन करेंगे मनरेगाकर्मी



गिरिडीह। शुक्रवार को जिले भर के सभी मनरेगा कर्मी जिला मुख्यालय में भिक्षाटन करेंगें। उक्त जानकारी मनरेगाकर्मी संघ के जिलाध्यक्ष बिनोद विश्वकर्मा ने दी। 

     उन्होंने बताया की मनरेगा कर्मी अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में पिछले 11 वर्षों से लगातार अन्दोलरत्त है। बावजूद अब तक किसी भी सरकार ने इनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया,और ई ही सर्वोच्यन्यायालय के आदेशों का पालन ही किये। अंततः मनरेगा कर्मियों ने चरणबद्ध आंदोलन का रूप रेखा तैयार कर पिछले 23 सितंबर से नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडेय के नेतृत्व में आंदोलन की शुरुवात कर दी है, जो आगामी14 नवम्बर तक सुचारु रूप से जारी रहेगा।  उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो आगामी 15 नवम्बर से मनरेगाकर्मी अनिश्चित कालीन हड़ताल करने को बाध्य होंगे।



वंही मनरेगा कर्मचारी संघ के जिला सचिव टहल रविदास ने बताया की कल शुक्रवार को जिले के सभी मनरेगा कर्मी गिरिडीह जिला मुख्यालय स्थित झंडा मैदान से निकल कर आंबेडकर चौक, जेपी चौक, कालीबाडी चौक, मकतपुर के रास्ते जिलापरिषद् तक भिक्षाटन करते हुवे वापस टावर चौक पहुंचेंगे।
      पदाधिकारिद्वय ने आंदोलन की रणनीति की जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 26 अक्टूबर को समस्त मनरेगा कर्मी 36 घंटे तक ग्रामीण विकास मंत्री के आवास का घेराव करेंगे, जबकि दो नवम्वर को माननीय मुख्य मंत्री का आवास घेराव किया जायेगा। वंही 9 नवम्वर को सभी विधानसभा क्षेत्र में तिरंगा रैली निकाली जायेगी साथ ही पम्पलेट का वितरण किया जायेगा। अंत में 14 नवम्वर की की शाम को प्रदेश भर के सभी मनरेगा कर्मी सम्बंधित जिला मुख्यालयों में मशाल जुलुस निकालेंगे ततपश्चात 15 नवम्बर से अनिश्चित कालीन हड़ताल में चले जायेंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश पर युवक ने फेंकी चप्पल, मची अफरा-तफरी

 नीतीश कुमार पर भरी सभा में आरक्षण से नाराज युवक ने फेंकी चप्‍पल,  सीएम की सभा में मचा हड़कंप




बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में भारी चूक सामने आई है। पटना में कार्यक्रम के दौरान एक युवक ने उनपर चप्‍पल फेंकने की कोशिश की। गनीमत यह रही कि मंच से दूर होने के कारण युवक का चप्पल मंच तक नहीं पहुंच सका। जिस वक्त ये घटना हुई उस वक्त नीतीश कुमार और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह सहित अन्य बड़े नेता बापू सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे।

नीतीश कार्यक्रम का उद्धघाटन करने के बाद मंच पर बैठे ही थे तभी उनको निशाना बनाते हुए वहां मौजूद एक युवक ने चप्पल फेंक दी। वहां मोजूद जेडीयू के नेताओं ने युवक को पकड़ लिया और उसकी जमकर धुनाई कर दी। युवक का नाम चंदन तिवारी बताया जा रहा है।

जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक नीतीश पर चप्‍पल फेंकने वाला युवक चंदन आरक्षण के मुद्दे को लेकर नीतीश कुमार से नाराज था और इसी के चलते उसने घटना को अंजाम दिया। इस घटना के बाद कार्यक्रम में कुछ देर के लिए अफरातफरी मच गई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और अपने साथ पूछताछ के लिए ले गई है। चंदन औरंगाबाद का रहनेवाला है और वह खुद को सवर्ण सेना का सदस्य बता रहा है।

आपको बता दें कि बिहार में आरक्षण और एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधन के विरोध में प्रदर्शन का दौर लगातार जारी है लेकिन पहली बार किसी शख्स ने इस मसले को लेकर सीएम को टारगेट किया है। बिहार में आरक्षण खत्‍म को लेकर कई जगह घेराव हो रहे हैं।


मंगलवार, 9 अक्टूबर 2018

रेलवे ट्रैक के नीचे जमीन धंसी, कोयला ढुलाई बाधित

  रेलवे ट्रैक के नीचे जमीन धंसी, कोयला ढुलाई प्रभावित 

गिरिडीह : गिरिडीह रेलवे स्टेशन से बनियाडीह कोलियरी को जाने वाली रेलवे ट्रैक के नीचे जमीन के धँस जाने से कोयला ढुलाई का कार्य प्रभावित हो गया है। कोलियरी का गिरिडीह रेलवे स्टेशन तक का यह एकमात्र सम्पर्क रेलवे ट्रैक है।

मुफस्सिल थाना क्षेत्र के हेठलापीठ के पास मंगलवार की सुबह रेलवे ट्रैक के नीचे यह हादसा घटित हुई है।  जिसमे रेलवे ट्रैक की जमीन लगभग 60 फीट तक धँस गयी है।

रेल ट्रैक के नीचे भू-धंसान की सूचना मिलते ही सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी लक्ष्मीकांत महापात्रा समेत सीसीएल कीबनियाडीह परियोजना के कई पदाधिकारी घटना स्थल पर पहुंच वस्तुस्थिति का जायजा लिया। मौके पर परियोजना पदाधिकारी ने अधीनस्थ के कर्मियों को जल्द से जल्द ट्रैक की मरम्मति का निर्देश दिया। 

गौरतलब है कि रेलवे स्टेशन से सीसीएल के सीपी साइडिंग तक अंग्रेजों के शासन काल से एक अलग रेल लाइन बिछाई गई है। दशकों पुराने इस रेललाइन के माध्यम से गिरिडीह कोलियरी का उत्पादित कोयला मालगाड़ी पर लादकर देश के अन्य भागों में भेजा जाता है।

लेकिन इस इलाके में अवैध तरीके से हो रही कोयला खनन के कारण इस रेल ट्रैक के नीचे की जमीन धंसने लगी है। यूँ तो अवैध कोयला खुदाई के कारण कई बार सीसीएल के इलाके में भू धसान हो चुकी है। लेकिन सीसीएल प्रबन्धन अवैध कोयला खुदाई को रोक पाने में नाकाम रही है।

 मंगलवार को हुई इस घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे परियोजना पदाधिकारी से सीसीएल क्षेत्र में बार-बार हो रहे भू-धंसान के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से साफ़ इनकार किया और घटना स्थल से निकल लिए।

कल से शुरू होगा नवरात्र, दो गुरुवार का है शुभ संयोग

कलश स्थापना के साथ कल से शुरू होगा नवरात्र

इस बार नवरात्र में दो गुरुवार का है शुभ संयोग




   मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पावन पर्व दुर्गा पूजा 10 अक्टूबर को कलश स्थापना के साथ शुरू होगी और इसके साथ ही नवरात्रि का त्योहार भी शुरू हो जाएगा। नवरात्र के नौ दिनों में मां के अलग-अलग रुपों की पूजा को शक्ति की पूजा के रुप में भी देखा जाता है। नवरात्र पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है।

दो गुरुवार का अत्यंत शुभ संयोग

इस बार की नवरात्रि में दो गुरुवार पड़ रहे हैं। जिसे अत्यंत शुभ माना जा रहा है। क्योंकि गुरुवार को दुर्गा पूजा का हजार-लाख गुना नहीं बल्कि करोड़ गुना फल मिलता है।

चित्रा नक्षत्र में नौका पर होगा माँ का आगमन


नवरात्रि का शुभारंभ चित्रा नक्षत्र में हो रहा है। वहीं नवमी श्रवण नक्षत्र में है। इस दिन ध्वज योग भी है। इस बार मां दुर्गा नौका पर आ रहीं हैं। जबकि माँ हाथी पर सवार होकर विदा होगी। लाभ, शुभ, अमृत (राहु काल छोड़कर) स्थिर लग्न में घट स्थापना कर सकते है।


शुभ योगों का बन रहा संयोग

इस दौरान ग्रहों की स्थिति भी बेहद शुभ है। शुक्र अपने घर में विराजमान है, जोकि बेहद शुभ स्थिति है। इस बार राजयोग, द्विपुष्कर, अमृत, स्वार्थ और सिद्धियोग का संयोग भी बन रहा है। इस संयोग में किसी भी नए कार्य की शुरुआत फलदाई रहेगी।

 कलश स्थापना का मूहूर्त



 नवरात्र में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। आचार्य सतीश मिश्र के अुनसार सुबह 06:18 बजे से 10:11 बजे तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है।अगर किसी कारणवश विशेष मुहूर्त में कलश स्थापना नहीं कर पाएं तो पूरे दिन किसी भी समय कलश स्थापना किया जा सकता है। क्योंकि नवरात्र के शुरू होने पर शुभ समय भी शुरू हो जाता है। नौ दिनों तक माता के भक्त उनकी पूजा-अर्चना करेंगे। इसलिए माँ अपने भक्तों का कभी बुरा नहीं मानतीं।

वर्ष में होती है दो नवरात्रि

गौरतलब है कि एक वर्ष में दो नवरात्रि होते हैं। प्रथम नवरात्रि चैत्र मास में शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ होती हैं और रामनवमी तक चलती है। जबकि शारदीय नवरात्र आश्विन माह की शुक्ल प्रतिपदा से लेकर विजयदशमी के दिन तक चलती है। दोनों ही नवरात्रि के पूजन विधान में कोई अंतर नहीं होता है। इस बार आश्विन (शारदीय) महानवरात्र 10 से 19 अक्तूबर तक रहेगा. 18 अक्टूबर को अंतिम नवरात्रि होगी।






जानिये दिव्य गुणों वाली नौ औषधियों को जिन्हें कहा जाता है नवदुर्गा

मां दुर्गा के नौ रूप बनाम दिव्य गुणों वाली नौ औषधियों जिन्हें नवदुर्गा कहा गया है




*प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी..*

1. प्रथम शैलपुत्री यानि हरड़ -

नवदुर्गा का प्रथम रूप शैलपुत्री माना गया है। कई प्रकारकी समस्याओं में काम आने वाली औषधि हरड़, हिमावती है जो देवी शैलपुत्री का ही एक रूप हैं। यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है, जो सात प्रकार की होती है। इसमें 

हरीतिका (हरी) भय को हरने वाली है।पथया - जो हित करने वाली है।कायस्थ - जो शरीर को बनाए रखने वाली है।अमृता - अमृत के समानहेमवती - हिमालय पर होने वाली।चेतकी -चित्त को प्रसन्न करने वाली है।श्रेयसी (यशदाता)- शिवा कल्याण करने वाली।

*2. द्वितीय ब्रह्मचारिणी यानि ब्राह्मी :-*

ब्राह्मी, नवदुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी है। यह आयु और स्मरण शक्ति को बढ़ाने वाली, रूधिर विकारों का नाश करने वालीऔर स्वर को मधुर करने वाली है। इसलिए ब्राह्मी को सरस्वती भी कहा जाता है।यह मन एवं मस्तिष्क में शक्ति प्रदान करती है और गैस व मूत्र संबंधी रोगों की प्रमुख दवा है। यह मूत्र द्वारा रक्त विकारों को बाहर निकालने में समर्थ औषधि है। अत: इन रोगों से पीड़ित व्यक्ति को ब्रह्मचारिणी की आराधना करना चाहिए।

               *तृतीयं चंद्रघण्टेति* 
               *कुष्माण्डेती चतुर्थकम*

*3. तृतीय चंद्रघंटा यानि चन्दुसूर :-*

नवदुर्गा का तीसरा रूप है चंद्रघंटा, इसे चन्दुसूर या चमसूर कहा गया है। यह एक ऐसा पौधा है जो धनिये के समान है। इस पौधे की पत्तियों की सब्जी बनाई जाती है, जो लाभदायक होती है। यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है, इसलिए इसे चर्महन्ती भी कहते हैं। शक्ति को बढ़ाने वाली, हृदय रोग को ठीक करने वाली चंद्रिका औषधि है। अत: इस बीमारी से संबंधित रोगी को चंद्रघंटा की पूजा करना चाहिए।

*4. चतुर्थ कुष्माण्डा यानि पेठा :-*

नवदुर्गा का चौथा रूप कुष्माण्डा है। इस औषधि से पेठा मिठाई बनती है, इसलिए इस रूप को पेठा कहते हैं। इसे कुम्हड़ा भी कहते हैं जो पुष्टिकारक, वीर्यवर्धक व रक्त के विकार को ठीक कर पेट को साफ करने में सहायक है। मानसिकरूप से कमजोर व्यक्ति के लिए यह अमृत समान है। यह शरीर के समस्त दोषों को दूर कर हृदय रोग को ठीक करता है। कुम्हड़ा रक्त पित्त एवं गैस को दूर करता है। इन बीमारी से पीड़ितव्यक्ति को पेठा का उपयोग के साथ कुष्माण्डादेवी की आराधना करना चाहिए।

               *पंचम स्कन्दमातेति* 
               *षष्ठमं कात्यायनीति च*

*5. पंचम स्कंदमाता यानि अलसी :-*

नवदुर्गा का पांचवा रूप स्कंदमाता है जिन्हें पार्वती एवं उमा भी कहते हैं। यह औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान हैं। यह वात, पित्त, कफ, रोगों की नाशक औषधि है।

अलसी नीलपुष्पी पावर्तती स्यादुमा क्षुमा।अलसी मधुरा तिक्ता स्त्रिग्धापाके कदुर्गरु:।।
उष्णा दृष शुकवातन्धी कफ पित्त विनाशिनी।इस रोग से पीड़ित व्यक्ति ने स्कंदमाता की आराधना करना चाहिए।

*6. षष्ठम कात्यायनी यानि मोइया :-*


नवदुर्गा का छठा रूप कात्यायनी है। इसे आयुर्वेद में कई नामों से जाना जाता है जैसे अम्बा, अम्बालिका, अम्बिका। इसके अलावा इसे मोइया अर्थात माचिका भी कहते हैं। यह कफ, पित्त, अधिक विकार एवं कंठ के रोग का नाश करती है। इससे पीड़ित रोगी को इसका सेवन व कात्यायनी की आराधना करना चाहिए।

               *सप्तमं कालरात्री*
               *ति महागौरीति चाष्टम*

*7. सप्तम कालरात्रि यानि नागदौन :-*

दुर्गा का सप्तम रूप कालरात्रि है जिसे महायोगिनी, महायोगीश्वरी कहा गया है। यह नागदौन औषधि केरूप में जानी जाती है। सभी प्रकार के रोगों की नाशक सर्वत्र विजय दिलाने वाली मन एवं मस्तिष्क के समस्त विकारों को दूर करने वालीऔषधि है। इस पौधे को व्यक्ति अपने घर में लगाने पर घर के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यह सुख देने वाली एवं सभी विषों का नाश करने वाली औषधि है। इस कालरात्रि की आराधना प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को करना चाहिए।

*8. अष्टम महागौरी यानि तुलसी :-*


नवदुर्गा का अष्टम रूप महागौरी है, जिसे प्रत्येक व्यक्ति औषधि के रूप में जानता है क्योंकि इसका औषधि नाम तुलसी है जो प्रत्येक घर में लगाई जाती है। तुलसी सात प्रकार की होती है- सफेद तुलसी, काली तुलसी, मरुता, दवना, कुढेरक, अर्जक और षटपत्र। ये सभी प्रकार की तुलसी रक्त को साफ करती है एवं हृदय रोग का नाश करती है।

तुलसी सुरसा ग्राम्या सुलभा बहुमंजरी।अपेतराक्षसी महागौरी शूलघ्नी देवदुन्दुभि:तुलसी कटुका तिक्ता हुध उष्णाहाहपित्तकृत्।मरुदनिप्रदो हध तीक्षणाष्ण: पित्तलो लघु:।

इस देवी की आराधना हर सामान्य एवं रोगी व्यक्ति को करना चाहिए।


               *नवमं सिद्धिदात्री च* 
               *नवदुर्गा प्रकीर्तिता*

*9. नवम सिद्धिदात्री यानि शतावरी :-*

नवदुर्गा का नवम रूप सिद्धिदात्री है, जिसे नारायणी या शतावरी कहते हैं। शतावरी बुद्धि बल एवं वीर्य के लिए उत्तम औषधि है। यह रक्त विकार एवं वात पित्त शोध नाशक और हृदय को बल देने वाली महाऔषधि है। सिद्धिदात्री का जो मनुष्य नियमपूर्वक सेवन करता है। उसके सभी कष्ट स्वयं ही दूर हो जाते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को सिद्धिदात्री देवी की आराधना करना चाहिए। इस प्रकार प्रत्येक देवी आयुर्वेद की भाषा में मार्कण्डेय पुराण के अनुसार नौ औषधि के रूप में मनुष्य की प्रत्येक बीमारी को ठीक कर रक्त का संचालन उचित एवं साफ कर मनुष्य को स्वस्थ करती है।

नवग्रहों की शांति करती हैं यह नौ देवियां , एक रहस्यपूर्ण जानकारी

*नवग्रहों की शांति करती हैं यह नौ देवियां *


सर्वमंगल मांग्लये शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुति।।जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनि।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।

 माँ दुर्गा के नौ रूपों की अलग अलग महत्ता है।  इनके सभी रूप अलग-अलग नौ ग्रह को शांत करता है। इसलिये हर रुप की पूजा-अर्चना पुरे विधि विधान के साथ किया जाता है। ताकि उनका वह चरित्र प्रभावी हो और लोक का कल्याण हो सके।


प्रतिपदा के दिन *मंगल ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा में *स्कन्दमाता* के स्वरूप की पूजन करनी चाहिए।

द्वितीय दिन *राहु ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के *ब्रह्मचारिणी* स्वरूप का पूजन करना चाहिए। 


तृतीय दिन *बृहस्पति ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजन-उपासना करनी चाहिए।

चतुर्थी के दिन *शनि ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा में *कालरात्रि* स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।


पंचमी के दिन *बुध ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के *कात्यायनी* स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।

षष्ठी के दिन *केतु ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के कूूष्मांडा स्वरूप की पूजन करनी चाहिए।

सप्तमी के दिन *शुक्र ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के *सिद्धिदात्री* स्वरूप की पूजन करनी चाहिए।

अष्टमी के दिन *सूर्य ग्रह* की शांति हेतु *शैलपुत्री* स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।

नवमी के दिन *चन्द्र ग्रह* की शांति हेतु नवदुर्गा के *चन्द्रघंटा*  स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।


अपराधक्षमा स्त्रोत्र 




सोमवार, 8 अक्टूबर 2018

विधानसभा की पर्यावरण समिति ने किया लौह फैक्ट्रियों का निरिक्षण, कई अनियमितता हुई उजागर

विधानसभा की पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति ने किया गिरिडीह में फैक्ट्रियों का निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान हुई कई अनियमितता उजागर



   गिरिडीह: झारखंड विधानसभा का पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति सोमवार को सभापति मनोज यादव के नेतृत्व में गिरिडीह पहुंची और यँहा औधोगिक क्षेत्र में संचालित फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया। इस दौरान समिति ने कार्बन रिसोर्सेज, अतिवीर, बालमुकुंद, संतपुरिया समेत कई लौह, स्पंज समेत अन्य फैक्ट्रियों का निरिक्षण किया।


समिति ने फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों से भी बातचीत की। उन्हें कितनी मजदूरी मिल रही है इसकी जानकारी लिया और साथ ही साथ फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा मजदूरों को दिए जा रहे सुविधाओं की भी जानकारी हासिल किया।

         पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा फैक्ट्री  निरिक्षण के क्रम में फैक्ट्री संचालकों द्वारा बड़े पैमाने पर अनियमितता बरतने व फैक्ट्री एक्ट का उल्लंघन करने का मामला प्रकाश में आया। फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा मजदूरों को सुरक्षा की कोई व्यवस्था प्रदान नहीं दी गई थी। मजदूरों को मास्क व हेलमेट भी नहीं दिया गया था।  जैसे ही समिति ने फैक्ट्री के अंदर प्रवेश किया, वैसे ही मजदूरों को प्रबंधन द्वारा मास्क दे दिया गया। जिसे समिति ने देख लिया और मजदूरों से पूछताछ शुरू कर दी। 


इसके पूर्व विधानसभा की यह समिति गिरिडीह पहुंच नये परिसदन भवन में जिले के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। उसके बाद औद्योगिक इलाकों का जायजा लिया। इस समिति में मनोज यादव, जयप्रकाश भाई पटेल समेत कई अन्य सदस्य शामिल थे। फैक्ट्री निरीक्षण के बाद समिति के सदस्यों ने प्रेस से बातचीत में कहा कि समिति ने फैक्ट्रियों में काफी अनियमितता पायी है जिसकी जांचोंपरांत दोषियों के विरुद्ध निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।


    

रविवार, 7 अक्टूबर 2018

पारा शिक्षक की निर्मम हत्या , जांच में जुटी पुलिस



दारू में पारा शिक्षक की हत्या, जांच में जुटी पुलिस




झारखण्ड प्रदेश के हजारीबाग जिले दारू थाना क्षेत्र के बड़वार निवसी प्रदीप पासवान (48वर्ष) की खून से लथपथ लाश दिग्वार पंचयात के गडया जंगल से बरामद हुआ। हत्यारों ने प्रदीप के सिर पर टांगी से वार कर उसकी बड़ी ही बेहरहमी से हत्या कर दिया। 
हत्या की सूचना मिलते ही दारु थाना प्रभारी नथुनी यादव सदल बल घटना स्थल पर पहुच शव को अपनी अभिरक्षा में ले पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया।

     मृतक प्रदीप पासवान पिता चन्द्रदीप पासवान दिग्वार पंचायत के परतंगा मध्य विद्यालय में 2005 से पारा शिक्षक के पद पर कार्यरत था। परिवार का वह एकलौता कमाऊ सदस्य था। मृतक प्रदीप के तीन बच्चे है। जिनमे दो बेटा और एक बेटी शामिल है। उसकी हत्या से परिजनों के समक्ष दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। घटना के सम्बन्ध में मृतक के पुत्र गौतम कुमार पासवान ने बताया कि हर दिन की तरह उसके पिता अहले सुबह करीब साढ़े पांच बजे बकरी के लिए पत्ता लाने जंगल गये थे। उनके साथ विनोद साव पिता टीभा साव भी जंगल की ओर गया था। 

उसने बताया कि हर दिन उसके पिता सात बजे के आस पास घर लौट आते थे लेकिन जब 10 बजे तक वह वापस नही लौटे तो परिजनों ने विनोद साव से इस बावत पूछताछ किया तो उन्होंने प्रदीप से सम्बंधित कोई भी जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर किया। यह भी कहा कि प्रदीप उनके साथ जंगल भी नही गया था।
 इसके बाद परिजन सशंकित हो गये और मुहल्ले के लोगों के साथ जंगल में प्रदीप को खोजने निकले।

 घर से लगभग एक किमी दूर गड़या जंगल में प्रदीप को खून से लथपथ मृत स्तिथि में देख लोग दंग रह गए। घटना जंगल में आग की तरह पुरे दारू क्षेत्र के फैल गयी और लोगों का हुजूम जंगल की ओर दौड़ पडा।

घटना के बावत थाना प्रभारी नथुनी यादव ने कहा कि यह एक हत्या का मामला है। अनुसन्धान के बाद ही पता चल पाएगा की हत्या किसने और किस कारण हुई। उन्होंने बताया कि पुलिस अनुसंधान में जुटी है।फोरेंसिक जांच टीम को बुलाया गया है।



     

हत्यारे की गिरफ्तारी की माँग पर एकजुट हुआ ब्रह्मर्षि समाज

जमुआ थाना के समक्ष धरना प्रदर्शन करेगा ब्रह्मर्षि समाज



जमुआ/गिरिडीह :  जमुआ प्रखंड अंतर्गत नारोबाद गांव के हुए एक आठ वर्षीय बालक की मौत के मामले को ब्रह्मर्षि (भूमिहार ब्राह्मण) समाज ने गंभीरता से लिया है। घटना के बाद हत्या आरोपियों की गिरफ्तारी नही होने और आरोपियों द्वारा मृतक के पिता को केस उठा लेने की लगातार मिल रही धमकी से आक्रोशित समाज के लोगों ने रविवार को नारोबाद में बैठक कर आगे की रणनीति तय की।

समाज के जिलाध्यक्ष गौरीशंकर सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में इस मामले को लेकर आंदोलन की रणनीति बनायी गयी। निर्णय लिया गया कि 15 दिनों के भीतर प्रशासन अगर रौशन हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी नही करेगा तो ब्रह्मर्षि समाज आगामी 23 अक्टूबर को जमुआ बाजार में प्रतिवाद मार्च कर थाना के समक्ष धरना प्रदर्शन करेगा।

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि रौशन की हत्या बीते 25 सितंबर को कर दी गयी। हत्या के बाद आरोपियों के परिजन ने मृतक के पिता सहित गांव के अन्य लोगों के खिलाफ लूटपाट की प्राथमिकी जमुआ थाना में दर्ज करायी जो समझ से परे है। कहा कि पुलिस को जांच पड़ताल कर ऐसे झूठे मुकदमे का मामला दर्ज करना चाहिए।
वक्ताओं ने इस मामले में स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर उंगली उठाते हुए वरीय पदाधिकारियों से जांच पड़ताल की मांग की।

बैठक में निर्णय हुआ कि थाना के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में अधिक से अधिक संख्या में समाज के लोग एकत्रित हों। इसके लिए जिले से सभी प्रखंडों में बैठक की जायेगी।

वक्ताओं ने एक स्वर में हत्या आरोपियों की गिरफ्तारी शीघ्र करने, मृतक के पिता के उपर  किये गए झूठे मुकदमे को वापस लेने और इस हत्याकांड की न्यायिक जांच कराने की मांग की। 
बैठक में समाज के सुरंजन सिंह, सुबोध सिंह, बबलू भारद्वाज, जयप्रकाश सिंह, सुधीर सिंह, अशोक सिंह, राहुल सिंह, जनार्दन राय, शिवकुमार राय, सदानंद राय, सुरेश सिंह, शक्ति सिंह , सहदेव सिंह, त्रिलोकी पंडित, टिकैत सिंह, सत्यदेव राय, शंकर सिंह, रोहित सिंह सहित गांव के कई शामिल थे।