गिरिडीह मेयर को बर्खास्त करने की कार्रवाई शुरू
सरकार ने किया शो काउज मांगी 7 दिनों केअंदर जवाब
गिरिडीह : फर्जी जाति प्रमाण पत्र इस्तेमाल कर चुनाव जीतने के आरोप में गिरिडीह के मेयर सुनील कुमार पासवान को बरखास्त करने की तैयारी की जा रही है। नगर विकास विभाग ने सुनील कुमार पासवान को शो-कॉज जारी किया है। उन्हें सात दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है साथ ही कहा गया है कि अगर वे अपना पक्ष नहीं रखते हैं तो सरकार एकतरफा कार्रवाई करेगी।
बता दें कि राज्य सरकार ने पहली बार नगर निकाय के निर्वाचित प्रतिनिधि को अयोग्य घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की है।
गौरतलब है कि अप्रैल 2018 में हुए नगर निगम चुनाव में सुनील कुमार पासवान ने अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर आरक्षण का लाभ लिया था। झामुमो कार्यकर्ता ने उनके जाति प्रमाण पत्र को संदिग्ध बताते हुए जांच की मांग की थी। जांच के बाद जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। राज्य के आदिवासी कल्याण आयुक्त के निर्देश पर गिरिडीह के सीओ ने उनके जाति प्रमाणपत्र को रद्द कर मुफस्सिल थाना में मामला दर्ज कराया था। इस मामले में अदालत ने सुनील कुमार पासवान को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था। उसके बाद से ही वह फरार बताये जाते हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने गिरिडीह के मेयर सुनील कुमार पासवान को पद से हटाने की अनुशंसा की थी। आयोग ने कहा था कि पासवान बिहार के रहनेवाले हैं। इसलिए उन्हें झारखंड में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता है। उनका निर्वाचन रद्द कर देना चाहिए। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि गिरिडीह के मेयर का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। आरक्षण का लाभ केवल राज्य के रहनेवाले अनुसूचित जाति के सदस्य को ही प्राप्त हो सकता है।
दूसरी ओर मेयर सुनील कुमार पासवान ने इस बाबत अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि मेरा जाति प्रमाण पत्र सही है। गलत तरीके से जांच कर हमारे जाति प्रमाण पत्र को रद्द किया गया है। कहा कि यह मामला अदालत में लंबित है। इस स्थिति में किसी प्रकार की कार्रवाई अदालत के तरफ से ही की जानी चाहिए, लेकिन दुर्भावना से ग्रसित होकर सरकार हम पर कार्रवाई कर रही है। सरकार की तरफ से शो काउज किया गया है। निश्चित रूप से 1 सप्ताह के अंदर हम जवाब दे देंगे।