नगर निगम चुनाव की सुगबुगाहट हुई शुरू, मेयर पद के लिये कई दावेदारों ने ठोंकी ताल
नगर निगम के मेयर पद के सम्भावित प्रत्याशी
गिरिडीह : गिरिडीह नगर निगम चुनाव का बिगुल अभी बजा भी नही कि गिरिडीह में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। निगम के मेयर पद के चुनावी समर में कूद अपनी किस्मत आजमाने की जुगत में कई लोग हाथ-पांव मारते दिख रहे हैं। विभिन्न दलों के लोगों ने मेयर के पद के लिये अपनी अपनी दावेदारी की ताल ठोंक रहे है।
गौरतलब है कि गिरिडीह नगर निगम के मेयर रहे सुनील पासवान की जाति प्रमाणपत्र गलत होने के कारण उन्हें मेयर के पद से अपदस्थ किये जाने के बाद यंहा चुनाव की प्रक्रिया तेज हो गई है। महापौर का सीट पूर्व की भांति यदि अनुसूचित जाति के लिए ही आरक्षित रही तो इसे लेकर भाजपा की ओर से संभावित उम्मीदवारों में कुछ चेहरे मजबूती से अपनी दावेदारी को लेकर प्रयासरत है। जिसमें जिप उपाध्यक्ष कामेश्वर पासवान, महेश राम, दारा हजरा, भाजपा एससी मोर्चा के जिला महामंत्री प्रकाश दास के नाम सुर्खियों में है। वंही दूसरी ओर झामुमो और आजसू पार्टी ने भी अपनी प्रबल दावेदारी के लिये कमर कस लिया है।
झामुमो की ओर से जंहा गत चुनाव में मेयर पद के लिये चुनाव लड़ी प्रमिला मेहरा के अलावे भी कई नाम उभर कर सामने आ रहे है वंही आजसू पार्टी के प्रबल दावेदार के रूप में अर्जुन बैठा ने भी अपनी दावेदारी की ताल ठोंक दिया है। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने अब तक अपना पत्ता नही खोला है। जबकि गत चुनाव उप मेयर के पद पर कांग्रेस के प्रत्याशी ने अपना एक अलग कृतिमान स्थापित कर यह बताया था कि आज भी गिरिडीह निगम क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का जनाधार कायम है। हालांकि इस बार के चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल भी काफी सतर्क है। सम्भावित प्रत्याशियों के जाति प्रमाण पत्र की करीने से जांच पड़ताल कर रही है। ताकि गत चुनाव की गलती पुनः न दुहरायी जाय।
हालांकि झारखण्ड सरकार ने बीते मंगलवार को सम्पन्न हुई केबिनेट की बैठक में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि आसन्न चुनाव दलगत आधार पर नहीं होगा। ऐसे में आने वाले समय मे मुकाबला और भी दिलचस्प होने की उम्मीद है। क्योंकि चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमाने को सभी सम्भावित प्रत्याशी स्वतंत्र होंगे। किसी भी प्रत्याशी के ऊपर पार्टी का कोई शिकंजा नही होगा। ऐसे में पार्टी समर्थित उम्मीदवार के प्रति स्वतंत्र उम्मीदवार के लिये पार्टी का प्रोटोकॉल किस हद तक प्रभावित रहेगा यह तो वक्त ही बतायेगा।
दूसरी ओर चुनाव को लेकर प्रशासनिक स्तर पर भी चुनाव की सारी तैयारियां को अंतिम रूप देने में जिला प्रशासन जुट गई है। बस सबों को चुनाव सम्बन्धी रणभेरी बजने का इंतज़ार है।
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