रविवार, 23 अगस्त 2020

गजराजों ने एक युवक को कुचला गम्भीर, मकई व धान के फसल को भी किया नष्ट

गजराजों ने एक युवक को कुचला गम्भीर, मकई व धान के फसल को भी किया नष्ट
गिरिडीह : जिले के बगोदर थाना क्षेत्र में हाथियों का उत्पात तीसरे दिन भी जारी रहा। हाथियों ने अब तक एक एकड़ से अधिक में लगे फसल को बर्बाद कर दिया है। इस दौरान गजराज के साथ फोटो खिंचवाने और वीडियो बनाने की होड़ लगी रही। जिससे गजराज को गुस्सा आ गया और गुस्साये गजराज ने एक युवक को कुचल दिया, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गया।

बताया गया कि औंरा इलाके से जंगली हाथियों को वन विभाग ने जब ग्रामीणों के सहयोग से शनिवार रात्रि में खदेड़ा तब हाथियों का झुंड अलगडीहा पंचायत की ओर चला गया, जहां हाथियों ने धान और मकई की फसलों को बर्बाद कर दिया। हाथियों का झुंड नदी के किनारे जमावड़ा लगाए हुये है, जिससे ग्रामीणों के बीच डर का माहौल है। ग्रामीण वन विभाग से लगातार हाथियों को भगाने की मांग कर रहे हैं.

अलगडीहा के पंचायत समिति सदस्य गंगाधाम मंडल ने बताया कि हाथियों के झुंड में 20 से 25 की संख्या में छोटे- बड़े हाथी शामिल हैं। शनिवार की रात्रि में हाथियों ने तिरला पंचायत के डोरियो में फसलों को रौंद डाला उसके बाद अलगडीहा गांव में तबाही शुरू की। 

 सूचना मिलने के बाद बगोदर के पूर्व विधायक नागेंद्र महतो गांव पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली। उन्होंने मोबाइल के माध्यम से हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल के डीएफओ सहित वन विभाग के अन्य अधिकारियों से हाथियों को भगाने की मांग की।

गौरतलब है कि गजराजों का झुंड अलगडीहा गांव से थोड़ी दूरी पर डेरा जमाए हुए हैं, जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है।  इस दौरान गजराजों का फोटो लेने के और वीडियो बनाने की भी होड़ लगी है। वीडियो बनाने के दौरान एक गजराज को गुस्सा आ गया और वह वीडियो बना रहे लोगों पर हमला बोल दिया और सिकंदर अंसारी नामक युवक को कूचल दिया, जिससे वो वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

बताया जाता है कि बगोदर इलाके में गजराजों ने बीते तीन दिनों से लगातार तांडव मचा रखा है। अब तक हाथियों ने काफी फसलों को नुकसान पहुंचाया है। ग्रामीण बताते हैं कि अब तक गांव के बाहर ही हाथियों का तांडव जारी है।

अगर गांव में घूसकर हाथियों ने तांडव मचाया, तब कोई अनहोनी हो सकती है। इसके पूर्व हाथियों ने शुक्रवार को पत्थलडीहा के मोहन महतो की चारदीवारी को भी तोड़ दिया. वंही कई एकड़ लगे मकई, धान के अलावा कई फसलों को बर्बाद कर दिया।

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