क्वारंटाइन सेंटर में 19 वर्षीय युवक को एक बच्चे की मां दिल दे बैठी
बोकारो : क्वारंटाइन सेंटर में एक 19 वर्षीय युवक को एक बच्चे की मां दिल दे बैठी। इस बात को लेकर पति पत्नी में विवाद हो गया और अंत मे मामला थाना पहुंच गया। पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने में जुटी है। लेकिन पुलिस के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो गयी है। युवक तो उस एक बच्चे की मां से शादी करने को राजी है लेकिन उसका परिवार नही मान रहा। वंही युवती का उसके पति के साथ न तो तलाक हुआ है और न फरकती। इसलिये यह गुत्थी सुलझने के बजाय और उलझ गई है।
यह दिलचस्प मामला बोकारो जिले के फुसरो स्थित बेरमो थाना के सामने स्थित बेरमो प्रखंड सह अंचल कार्यालय के नए भवन में बने क्वारंटाइन सेंटर से शुरू हुआ है। जंहा एक बच्चे की मां अपना दिल एक 19 वर्षीय युवक को दे बैठी। कोरेण्टाइन पूरा होने के बाद दोनों अपने अपने घर चले गए। लेकिन घर जाने के बाद महिला का अपने पति से विवाद हो गया। अब ऐसे में महिला न इधर की रही और न उधर की। महिला बेरमो महिला थाना पहुंची और युवक से शादी करने की मांग रखी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुजरात से उक्त महिला अपने पति संग अपने घर बेरमो (फुसरो) स्थित गांधीनगर ओपी क्षेत्र के जरीडीह बाजार पहुंची। फुसरो में बीते 19 जून को उक्त पति पत्नी को क्वारंटाइन कर लिए गया। वहीं बेरमो थाना क्षेत्र के फुसरो शांतिनगर निवासी एक युवक मुंबई से लौटा था, जिसे बीते 18 जून को उसी क्वारंटाइन सेंटर में क्वारंटाइन कर लिया गया था।
क्वारंटाइन सेंटर में साथ साथ समय गुजारने का परिणाम यह हुआ कि उक्त महिला और उस युवक के बीच प्यार हो गया। दोनों ने आपस मे नंबर आदान-प्रदान किया। फिर दोनों के बीच मोबाइल से बातचीत भी शुरू हो गयी। बाद में दोनों के बीच की दूरी मीट गयी और दोनों दिन दुनिया से बेखबर ही काफी निकट पहुंच गये।
क्वारंटाइन सेंटर से विदाई के बाद युवक अपने घर व महिला अपने पति संग अपने घर चली गई। लेकिन युवक से प्यार को लेकर महिला व उसके पति के बीच उठी विवाद की चिंगारी घर जाकर और अधिक धधक गयी। पति पत्नी के बीच विवाद विकराल रूप धारण कर लिया। अंततः महिला बेरमो थाना जा पहुंची व उस युवक से शादी की बात रखी। युवक भी महिला से शादी को राजी है लेकिन उसके घर वाले राजी नहीं हैं। बेरमो महिला थाना पुलिस मामले को सुलझाने में जुटी है। कोरोना काल में घटित हुई यह अजबी गरीब घटना पुलिस के सिरदर्द बन गयी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें