एक साथ तीन जांच एजेंसियों की टीम पहुंची गिरीडीह
*किया प्रधान डाकघर में हुई 16 करोड़ के घोटाले की जांच
गिरीडीह : एक साथ तीन जांच एजेंसियों की टीम बुधवार को गिरिडीह के प्रधान डाकघर पहुंचीं और डाकघर में हुये 16 करोड़ की घोटाले की जांच पड़ताल शुरू की।
बुधवार को घोटाले का खुलासा और केस दर्ज होने के तीन माह बाद घोटाले की जांच करने अलग-अलग एजेंसियो के कुल आठ अधिकारी प्रधान डाकघर पहुंचे थे। अधिकारियों ने घुसते ही प्रधान डाकघर के सारे दरवाजे बंद करा दिये।
गौरतलब है कि इस घोटाले का खुलासा तीन माह पूर्व हुआ था। उस वक्त घोटाले की राशि 12 करोड़ होने की बात सामने आयी थी। लेकिन मामले की गहन जांच पड़ताल के बाद अब घोटाले की राशि बढ़कर 16 करोड़ हो गयी है। मामले का खुलासा होने के बाद त्वरित कार्रवाई के तहत कई पदाधिकारी व कर्मी को सस्पेंड किया गया और उनके विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज कराया गया है।
घोटाले में संलिप्त अब तक जिन पदाधिकारियों को संस्पैड किया गया है और जिनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उसमें मो. अल्ताफ, वासुदेव दास के अलावे ग्रामीण डाक सेवक अरविंद पांडे, और प्रधान डाकघर के डाकपाल सोमनाथ मित्रा के नाम शामिल हैं। वह सभी अभी फरार बताएं जा रहे है।
चीफ पोस्ट मास्टर जेनरल अनिल कुमार ने कहा कि प्रधान डाकघर में जिस प्रकार 16 करोड़ का घोटाला हुआ है। वह हैरान करने वाला है। जिस प्रकार घोटाला हुआ है वह आसानी से नहीं किया जा सकता। क्योंकि दर्जन भर से अधिक फर्जी बचत खाता तैयार कर 16 करोड़ के राशि को इन फर्जी खातों में ट्रांसर्फर की गयी।
अधिकारी की मानें तो घोटाले की पटकथा तीन सालों में तैयार हुई। इसमें छोटे स्तर के कर्मी के साथ हाल में सेवानिवृत हुए डाक अधीक्षक आरबी सिंह की संलिप्तता से इनकार नही किया जा सकता। इसलिये अब सेवानिवृत डाक अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
जांच टीम में थे शामिल
अलग-अलग जांच एजेंसी के अधिकारियों ने प्रधान डाकघर पहुंचे जिसमें दूरसंचार मंत्रालय नई दिल्ली के निगरानी के दो निदेशक बीपी सिंह, रामकृष्णन, दिल्ली निगरानी के एडीजी रवि पालवा के अलावे धनबाद सीबीआई के एसपी नागेशवर चौधरी, झारखंड-बिहार के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार और डाक विभाग के झारखंड परिमंडल के निदेशक सत्यकाम शामिल हैं।
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