गुमला (Gumla)। झारखंड के गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड अंतर्गत बरडीह पंचायत के 11 गांवों के ग्रामीणों ने रविवार को उरू गांव में बैठक कर एक फरमान जारी किया है. जारी फरमान में यह स्पष्ट किया गया है कि शाम छह बजे के बाद अब अनजान लोगों को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा. इसके लिए बरडीह पंचायत के बॉर्डर इलाके सिविल और सोकराहातु गांव में नो एंट्री का बोर्ड लगाया जाएगा. बता दें कि बरडीह पंचायत में रोघाडीह, घुसरी, बरडीह, तबेला, कुकरूंजा, कोल्दा, सोकराहातु, कोचागानी, केरागानी व कुईयो गांव के लोग बकरी और खस्सी चोरी से परेशान हैं. इन गांवों के साले कोरवा, बंधा कोरवा, रामदेव कोरवा, पुनई उरांव, घसिया कोरवा सहित दो दो दर्जन ग्रामीणों की बकरी और खस्सी की चोरी हुई है. इन गांवों के ग्रामीण बकरी चोरों के आतंक से परेशान हैं. एक महीने के अंदर 40 से 45 बकरी और खस्सी की चोरी हो चुकी है. चोरों के आतंक को रोकने और उन्हें पकड़ने के लिए ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है. बैठक कर ग्रामीणों ने बकरी चोरों को पकड़ने के लिए बॉर्डर इलाके में कड़ी नजर रखने का निर्णय लिया है.
टीम बना करेंगे ग्रामीण रतजगा
ग्रामीणों ने यह भी कहा है कि पुलिस को सूचना देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है. इसलिए अब गांव के लोग टीम बनाकर इन सभी 11 गांवों में रतजगा करेंगे. चोर पकड़े जाते हैं तो उसकी पिटाई (सेंदरा) की जाएगा. इसके बाद पुलिस को सौंपा जाएगा.
बकरी चोरों को पकड़कर पीटेंगे, तब सौंपेंगे पुलिस को
बैठक के दौरान रामदेव कोरवा ने बताया कि मेरी सात बकरी व खस्सी चोरी हुई है. बरडीह गांव के मधु उरांव ने कहा कि एक महीना से बकरी चोरी से परेशान हैं. उनके घर में भी चोर घुसा था, पर चोर भाग गया. पुलिस चोरों को पकड़े. नहीं तो मजबूरी में बड़ी कार्रवाई करनी होगी. बरडीह गांव के बालमोहन मुंडा ने कहा कि पहले हम ग्रामीण नक्सल घटना से भयभीत थे. अब बकरी चोर से परेशान हैं. अब चोर के पकड़ कर खुद कार्रवाई करेंगे. पुलिस मदद नहीं कर रही है. तबेला गांव के राज कुमार कहते हैं कि उनका इलाका कुरूमगढ़ थाना क्षेत्र में आता है. पशुपालन कर वह जीविका चलाते हैं, परंतु कुछ दिनों से बकरी चोरी की घटना बढ़ी है. अब चोरों को पकड़कर पीटेंगे. तब पुलिस को सौंपेंगे.
अनजान लोगों के लिये होगी नो एंट्री : मुखिया
बरडीह पंचायत के मुखिया ईश्वर खेस ने बताया कि बरडीह पंचायत के 11 गांवों में बकरी और खस्सी की चोरी बढ़ गयी है. इसलिए गांव के प्रवेश द्वार पर नो एंट्री का बोर्ड लगाएंगे. गांव में अनजान लोगों को घुसने नहीं दिया जाएगा. मुखिया ने कहा कि ये 11 गांव पूरी तरह नक्सल पीड़ित हैं, परंतु नक्सली घटनाएं कम हुईं तो चोरी की घटना बढ़ गयी है. इन 11 गांवों की आबादी करीब सात हजार है.
नक्सलवाद से मुक्त हो रहा गांव
गौरतलब है कि 15 लाख के इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव के मारे जाने और सबजोनल कमांडर रंथू उरांव के पकड़े जाने के बाद बरडीह पंचायत का इलाका नक्सल से मुक्त की राह पर है. नक्सल से निपटने के लिए ही कुरूमगढ़ गांव में थाना की स्थापना हुई है. इस क्षेत्र में तीन पुलिस पिकेट भी लगा है, परंतु अब इस क्षेत्र के लोग नक्सल से कम और चोरों से ज्यादा भयभीत हैं.
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