जमशेदपुर (Jamshedpur)। झारखण्ड के जमशेदपुर सिदगोड़ा बजरंग चौक रिंग रोड निवासी गुड्डू शुक्ला उर्फ रमेश शुक्ला का 62 दिनों बाद पुलिस ने खरसावां थाना क्षेत्र के विषयगोड़ा-सीनी मार्ग पर सोना नदी के पास से नरकंकाल बरामद की है। पुलिस ने इस हत्या मामले में आदित्यपुर विद्युतनगर निवासी टेंपो चालक पिंटू कुमार को गिरफ्तार किया है। पिंटू की निशानदेही पर गुड्डू का नरकंकाल दो पत्थरों के बीच से बरामद किया गया। साथ ही हत्या में इस्तेमाल टेंपो और मृतक की बाइक को भी पुलिस ने बरामद कर ली है।
10 नवम्बर से लापता था गुड्डू शुक्ला
बीते 10 नवंबर 2024 को गुड्डू शुक्ला आदित्यपुर विद्युतनगर स्थित अपने निर्माणाधीन घर गया था। जिसके बाद वह वापस घर नहीं लौटा। पत्नी सुरभि कुमारी से उसकी आखिरी बार फोन पर बात हुई थी, लेकिन बाद में उसका मोबाइल बंद हो गया। परिवार ने सिदगोड़ा और आदित्यपुर थानों में उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
पैसों के विवाद में हत्या की आशंका
पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि गुड्डू शुक्ला पुलिस की मुखबिरी करता था और उसने हाल ही में आदित्यपुर और जुगसलाई में चोरी के मामलों में अपराधियों को पकड़वाने में मदद की थी। वहीं कोवाली में हुई एक चोरी के पैसे बंटवारे को लेकर अजय मल्लाह और गुड्डू के बीच विवाद हुआ था। गुड्डू पुलिस को मामले की जानकारी न दे दे, सम्भवतः इसी डर से अजय ने उसकी हत्या की साजिश रच डाली और उसकी हत्या कर दी गयी।
पूछताछ में पिंटू ने किया हत्या का खुलासा
पूछताछ में गिरफ्तार पिंटू कुमार ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया कि गुड्डू शुक्ला की हत्या बागबेड़ा के कुख्यात अपराधी अजय मल्लाह ने की थी। अजय ने गुड्डू को चार गोलियां मारी, जिससे उसकी मौत हो गई। हत्या के बाद शव को बोरे में बंद कर टेंपो से खरसावां के सोना नदी में फेंक दिया और उसके मोबाइल, पर्स और एटीएम कार्ड को गड्ढे में छुपा दिया गया।
मुख्य आरोपी अजय मल्लाह जेल में बंद
अजय मल्लाह, जो बागबेड़ा का कुख्यात अपराधी है, वर्तमान में घाघीडीह जेल में है। उसे कोवाली पुलिस ने चोरी के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अजय पर हत्या सहित कई गंभीर मामले दर्ज हैं। गुड्डू शुक्ला के गायब होने के बाद पुलिस ने अजय से पूछताछ की थी, लेकिन उसने कोई जानकारी नहीं दी थी।
पुलिस की कार्रवाई जारी
पुलिस ने हत्या के सभी पहलुओं की जांच शुरू कर दी है और घटना में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। इस घटना ने एक बार फिर अपराध और मुखबिरी के खतरों को उजागर कर दिया है।
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