बालमुकुंद फैक्ट्री के प्रबंधन ने दिया त्रिपक्षीय समझौता के बाद मृतक परिवार को मुआवजा
वार्ता में उपस्थित विधायक व अन्य
गिरिडीह : गिरिडीह के औधोगिक क्षेत्र चतरो में संचालित बालमुकुंद स्पंज एंड आयरन प्राइवेट लिमिटेड नामक लौह फैक्ट्री में शनिवार को एक मजदूर की फैक्ट्री परिसर में ही वाहन से दब कर मौत हो गयी। सूचना पर मुफ्फसिल थाना के मोहनपुर पिकेट की पुलिस फैक्ट्री पहुंची और मृतक के शव को अपनी अभिरक्षा में ले पोस्टमार्टम हेतु गिरिडीह सदर अस्पताल भेज दी। घटना शनिवार देर शाम की है।
मृतक मजदूर तापस कुमार मुखर्जी धनबाद जिले के सिंदरी के रंगामटिया निवासी अभय प्रसाद का पुत्र बताया जाता है। घटना के बाद रविवार को सूचना पर परिजन गिरिडीह पहुंचे। उसके बाद विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, माले नेता राजेश सिन्हा और भाजपा नेता दिनेश यादव ने फैक्ट्री प्रबन्धन और मृतक के परिजनों के बीच समझौता वार्ता करा मृतक परिवार को बतौर मुआवजा 7 लाख 97 हजार 600 रुपये की राशि दिलवाया।
समझौता के दौरान नेताओं ने प्रबन्धक द्वारा मृतक के पिता को सम्पूर्ण राशि का 25 प्रतिशत अर्थात 1लाख 99 हजार 400 एवं शेष राशि 5 लाख 98 हजार 200 मृतक की विधवा रिया मुखर्जी को चेक द्वारा प्रदान कराया।
इसके अलावे मृतक के दाह संस्कार हेतु प्रबन्धन 1 लाख नगद राशि मृतक की पत्नी रिया मुखर्जी को सुपुर्द किया। इसके साथ ही प्रबन्धन ने मृतक की पत्नी के लिये पीएफ और विधवा पेंशन योजना भी लागू कराने का आश्वासन दिया। उसके बाद परिजन मृतक का शव लेकर धनबाद चले गए।
विदित हो कि गिरिडीह में संचालित लौह फैक्ट्रियों में आये दिन इस प्रकार की घटनाएं घटित होती है। इतिहास साक्षी है कि कई मामले में तो फैक्ट्री संचालक ऐसी घटनाओं से खुद का पल्ला झाड़ लेती है। यंहा तक के फैक्ट्री परिसर में मजदूर की मौत होने के बाद उसके शव को सड़क किनारे फेकवाने से भी गुरेज नही करते। ताकि मृतक के परिजन को मुआवजा देने से बच सकें। लेकिन जब से गिरिडीह के नेताओं ने इस मामले में हस्तक्षेप करना शुरू किया है। मृतक मजदूर के परिवार को मुआवजा मिलने लगा है।
गौरतलब है कि जब से इन लौह फैक्ट्रियों में ठेकेदारों के माध्यम से मजदूर दिया जाने लगा है। फैक्ट्री मालिक और मजदूर के बीच सीधा सम्बन्ध खत्म हो गया है। मजदूर ठेकेदारों के अधीन काम करने को बाध्य हैं।
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