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बुधवार, 1 अप्रैल 2020
डीसी एसपी ने किया गांवा के मदरसा का निरीक्षण, ठहरे मिले आठ मौलाना

बेंगाबाद और तीसरी में समुदायिक भोजनालय का हुआ शुभारम्भ
बेंगाबाद और तीसरी में समुदायिक भोजनालय का हुआ शुभारम्भ
गिरिडीह : अभिव्यक्ति फाउंडेशन, जिला प्रशासन और रेस्पोंसिबल माइका इनिशिएटिव (आरएमआई) के सहयोग से तिसरी प्रखंड के केन्दुआ और बेंगाबाद प्रखंड में टोल गेट के पास सामुदायिक भोजनालय का संचालन कर रहा है।
जिसमे गरीब तबके के लोगो, असहाय व अप्रवासी के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था की जा रही है। सभी “सामुदायिक भोजनालय” में साफ सफाई, हाथ धोने और सामाजिक दुरी बनाए रखने जैसे सभी दिशा निर्देशों पर बिशेष ध्यान दिया जा रहा है और इसे बनाये रखने के लिये लोगो से आग्रह किया जा रहा है।
सामुदायिक भोजनालय बेंगाबाद का उद्घाटन सी. ओ बेंगाबाद और प्रमुख रामप्रसाद यादव के द्वारा किया गया। संस्था के सचिव कृष्णा कान्त का कहना है की ये कठिन परिस्थिति है, समाज के सभी तबके के लोगो को आगे आना चाहिए और जरूरतमंद लोगो की मदत करनी चाहिए। इस चुनौती पूर्ण समय में जहाँ संस्था के सभी कार्यक्रम रोक दिए गए है। उपायुक्त गिरिडीह की प्रेरणा से सामुदायिक भोजनालय का संचालन ग्राम स्तरीय स्वयं सेवको, और संस्था के ग्राम स्तरीय कार्यकर्ताओ के द्वारा मिलकर किया जा रहा है।
तिसरी मे संजीव राय, बिनोद गोप, अमित यादव , जूही, सानिया, सुशीला, संजीव मुर्मू, संजू देवी, अरविन्द, दीपक तथा बेंगाबाल मे राजेश कुमार यादव, स्वयं सेवको सुनीता देवी, ललिता देवी, मुखिया राजकुमार पासी उपमुखिया महेश्वर यादव और उपप्रमुख उपेन्द्र गुप्ता का संचालन मे काफी सहयोग रहा।

बासंतिक नवरात्र के महाअष्टमी पर माँ के दर्शन को मंदिरों में जुटे श्रधालु
बासंतिक नवरात्र के महाअष्टमी पर माँ के दर्शन को मंदिरों में जुटे श्रधालु
गिरिडीह : बासंतिक नवरात्र के महाअष्टमी के मौके पर बुधवार को गिरिडीह जिले के विभिन्न दुर्गा मण्डपों पर श्रद्धालुओं की भीड़ माँ के दर्शन को जुटी दिखी। हालांकि कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों में वह उत्साह नही दिखा जो अन्य वर्षों में दिखती थी।
न कोई मेला, न लोगों के बीच ठेलम ठेला। श्रद्धालु शांति पूर्वक माँ की पूजा अर्चना किये। सबसे बड़ी बात इस वर्ष यह रही कि भक्तों के लिये मन्दिर का द्वार बंद रहा। भक्त बाहर से ही माँ के दर्शन और पूजन अर्चन किये।
मन्दिर के भीतर सिर्फ पुजारियों का ही प्रवेश था। पहले श्रद्धालु महिलाएं जो अष्टमी का उपवास करती थीं वह स्वयं माँ की प्रतिमा का स्पर्श कर माँ का श्रंगार करती थीं और उन्हें भोग स्वरूप प्रसाद चढ़ाती थीं। लेकिन इस बार महाष्टमी का त्यौहार की और उपवास रखी महिलाएं भी मन्दिर के बाहर से ही पूजा अर्चना करती दिखीं।
गिरिडीह शहरी क्षेत्र के गांधी चौक स्थित छोटी काली मण्डा में महाअष्टमी के मौके पर श्रद्धालुओं की खासी उपस्थिति रही। लेकिन सभी भक्त गण मन्दिर के बाहर से ही पूजा अर्चना करते दिखे। कोरोना को लेकर सोशल डिस्टेंस रखने की जारी अपील का भी यहां मख़ौल उड़ता दिखा। लोग कम थे पर आपसी डिस्टेंस नहीं था।
इसके पूर्व कल सप्तमी के मौके पर माँ का पट देर शाम गये खुला। उस वक्त सिवाय पुजारियों के इने चुने लोग ही मन्दिर परिसर में थे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच माँ दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना की गई। इस मौके पर पुजारी सतीश मिश्रा ने बताया कि इस बार दुर्गा पूजन के साथ साथ कामाख्या मां काली की भी पूजा अर्चना की जा रही है। जिसमें मुख्य रूप से ज्वाला पूजन एवं संताप को संहार करने वाली संहार काली की उपासना, दस महाविद्या की उपासना की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह पूजन अर्द्धरात्रि में विशेष तौर पर की जाती है। यह पूजा गुप्त रूप से ब्राह्मणों द्वारा की जा रही है।

नगर निगम की उदासीनता, गिरिडीह वासियों के लिये बनी दुखदायी, नसीब नही हो रही पानी
नगर निगम की उदासीनता, गिरिडीह वासियों के लिये बनी दुखदायी
गिरिडीह : गिरिडीह के नगर निगम की उदासीनता और मनमानी पूर्व रवैये ने निगम क्षेत्र के लोगों को काफी परेशान कर दिया है। बुधवार को महाष्टमी का त्यौहार होने के बाद भी निगम द्वारा निगम क्षेत्र में लगाये गये नलों से पानी का एक बूंद भी नहीं नसीब हुआ। जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
वैसे चैती छठ महापर्व के दौरान भी यही स्थिति थी। नल से पानी का सप्लाई नही होने से व्रतियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सर्वाधिक भयावह स्थिति वार्ड नम्बर 27 के बाभनटोली इलाके में हो रही है। इस इलाके में बीते लगभग एक सप्ताह से लोग पेयजल के लिये त्रस्त हैं। लेकिन निगम को इसकी तनिक चिंता नही। निगम को सिर्फ नल के कनेक्शन का सिर्फ मासिक किराया चाहिये।
विदित हो कि जब से गिरिडीह निगम क्षेत्र बना है यहां समस्याओं का अम्बार ही लगा है। सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है। नाली गन्दे हैं। कचड़ों का अंबार है। लेकिन किसी को परवाह नही। वार्ड पार्षद भी चैन की बंसी बजा रहे हैं। निगम प्रशासन तो कुम्भकर्णी निंद्रा में सोई है।
एक तरफ पूरा देश कोरोना जैसे महामारी से त्रस्त है। ऐसे समय मे निगम द्वारा निगम क्षेत्र के घरों में बिलीचिंग युक्त पानी अथवा सैनिटाइजर का छिड़काव करना चाहिये था। लेकिन यंहा की निगम प्रशासन को भला निगम क्षेत्र के लोगों से क्या लेना देना। उन्हें तो सिर्फ टैक्स वसूली की फिकर रहती है। "जनता जाये भांड में"।
अभी गर्मी शुरू भी नही हुई है और पानी की समस्या अपना मुंह बाए खड़ी हो गयी है। निगम प्रशासन यदि नही जागा तो शहरी क्षेत्र में यह समस्या विकराल रूप धारण कर लेगी। तब लोगों का सब्र भी टूट जायेगा और लोग पानी के लिये आंदोलन तक को बाध्य होंगे।

सभी पंचायतों को मिला दस-दस हजार रुपये

पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी ने दिया आपदा राहत कोष मे एक लाख रुपये
पूर्व विधायक ने कोरोना आपदा राहत कोष मे दिया एक लाख रुपये
गिरिडीह : पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी ने कोरोना आपदा राहत कोष मे एक लाख दो हज़ार रुपये का सहयोग दिया। जिसमें जिला प्रशासन को जिले में आपदा संबंधित प्रबंधन हेतु 51 हजार का चेक गिरिडीह के उपायुक्त राहुल सिन्हा को सुपुर्द किया।वही 51 हज़ार का अनुदान पीएम केयर फंड मे ऑनलाइन ट्रांसफर किया।
श्री शाहाबादी ने कहा कि इसके अलावे वैसे लोग जिनका राशन कार्ड नहीं बन पाया है वैसे जरूरतमंद लोगों को विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए 1000 परिवारों को चिन्हित कर उनके लिए खाध सामाग्री की व्यवस्था कर उन तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि समस्या जरूर ही विकट है लेकिन इस कोरोना की समस्या से हमें डरना नहीं बल्कि लड़ना है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि आप अपने घरों में रहकर भी कोरोना के विरुद्ध इस लड़ाई में अपना सहयोग दे सकते हैं। इसलिए घर पर रहें, सुरक्षित रहें और लॉकडाउन का अनुपालन करें।

कोरोना को लेकर गांव-गांव में फैली जागरूकता

मंगलवार, 31 मार्च 2020
उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ ही चार दिवसीय चैती छठ पूजा सम्पन्न
उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ ही चार दिवसीय चैती छठ पूजा सम्पन्न
गिरिडीह : लोक आस्था का महापर्व चैती छठ पूजा मंगलवार को उगते सूर्य को अर्ध्य अर्पण के साथ ही सम्पन्न हुआ। इस पर्व ने जिले में लॉक डाउन पर आस्था भारी की मिशाल पेश की। त्यौहार को लेकर जिला प्रशासन ने लोगों को छठव्रतियों को अपने अपने घरों में ही अर्ध्य देने का अनाउंसमेंट करा दिया था। यह अपील की गयी थी कि नदी, तालाब पोखर में अर्ध्य देने कोई व्रती न पहुंचे। काफी व्रतधारियों ने इसका पालन भी किया।
वंही कुछ लोग गिरिडीह अरगाघाट स्थित उसरी नदी पहुंच दोनों ही समय भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया। जानकार बतातें है कि एक तरफ जिला प्रशासन लोगों से नदी तालाबों में जाने से मना किया वंही दूसरी ओर नगर निगम प्रशासन ने ही अरगाघाट छठ घाट की साफ सफाई करायी। हालांकि घाट पर अन्य वर्षों की तरह रौनक नही दिखी। इने गिने परिवार ही घाट पर अर्ध्य देने पहुँचे थे।
पूरा घाट वीरान था। आम समय की तरह न कोई शोर शराबा, न कोई मेला। सिर्फ चंद परिवार के लोग ही घाट पर नजर आये वह भी अर्ध्य अर्पण कर वापस घर लौट गए। इस दौरान कई छठ व्रतियों ने सड़क पर दण्ड देते हुये घाट तक पहुंची। और पूरे आस्था और विश्वास के साथ श्रद्धा पूर्वक पूजन अर्चन किया। आम समय की तरह घाट पर कोई पुलिस प्रशासन तैनात नही थे।
उधर जमुआ संवाददाता के अनुसार प्रखण्ड के ग्राम पंचायत पोबी सहित अन्य ग्रामो में भी मंगलवार को प्रातःकाल सूर्य भगवान को अर्ध्य अर्पण के साथ लोक आस्था, विश्वास , स्वच्छता का प्रतीक चैती छठ सम्पन्न हो गया। व्रतियों ने वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से घर परिवार समाज राष्ट्र की सुरक्षा की कामना छठी मईया से की।

पड़ोसी युवक पर नाबालिग छात्रा को जलाकर मार डालने का आरोप, युवक फरार

जरूरतमंदों के बीच किया गया खाद्य सामग्री का वितरण

असहाय वृद्ध महिला मसोमात अकली देवी का किया गया सेवा सत्कार

गैंगरेप के छह आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
