गिरिडीह के रणधीर ने इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में विश्व पटल पर बोलोविया को किया संबोधित
ड्रोन व यूएवी का उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र बनाये कठोर क़ानून : रणधीर
गिरिडीह/ जमुआ : संयुक्त राष्ट्र संस्था एवं ऑस्ट्रेलिया एम्बेसी के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में पूरे विश्व से लगभग 500 डेलिगेट ने भाग लिया। गिरिडीह जिले के जमुआ प्रखंड निवासी डॉ रणधीर कुमार ने भी इस कॉन्फ्रेंस में बोलोविया देश की अंतराष्ट्रीय सुरक्षा को संबोधित किया एवं बोलोविया देश की और से संयुक्त के समक्ष अपनी सुरक्षा को विश्वपटल पर संबोधित किया।
अंतराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस कमिटी के द्वारा डॉ रणधीर कुमार को डिसआरमामेंट एवं इंटरनेशनल सेक्युरिटी कमिटी की अंतर्गत रणधीर को बोलोविया देश के प्रतिनिधि के रुप में विश्व स्तर पर अपनी बात रखी। इस कमिटी में पूरे विश्व के 96 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी देश के डेलीगेट या प्रतिनिधि को 1 मिनट 30 सेकंड हर सेशन में बात रखी। इसी कड़ी में डॉ रणधीर कुमार ने अपनी बात बोलोविया देश के प्रतिनिधि के रूप में विश्व पटल पर अंतराष्ट्रीय सुरक्षा में ड्रोन या मानव रहित विमान ( यूएवी) का कुछ देशों द्वारा हो रहे दुरुपयोग पर चिंता जताई और कहा अगर यूएवी जैसी हथियार पर रोक नहीं लगाई गई तो आने वाला समय पूरे विश्व मे एक त्रासदी इसके वजह से उत्पन्न होगी। कहा कि यूएवी जैसी उपकरणों का उपयोग सिर्फ सरकारी उपयोग में होनी चाहिए। इसका उपयोग सरकार के द्वारा गलत कार्यो में संलिप्त चीज़ों को ध्वस्त करने हेतु की जानी चाहिए।
रणधीर ने संयुक्त राष्ट्र से यूएवी की उपयोग पर कठोर क़ानून बनाने का आग्रह किया ताकि इसका दुरुपयोग ना हो और आने वाला भविष्य सुरक्षित हो।
बोलोविया के प्रतिनिधि के रुप में डॉ रणधीर कुमार के इस प्रस्ताव को रूस, डेनमार्क, भारत, ईरान, इराक, कुवैत, एस्टोनिया, उबेज़िकस्तान, ज़िम्बाब्वे, ऑस्ट्रेलिया, रेवाड़ा, पाकिस्तान समेत 67 देशो के प्रतिनिधियों ने मैजोरिटी वोटिंग कर किया और विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में इसे बैन करने की और नियमानुसार उपयोग करने पर सहमति दी।
डॉ रणधीर कुमार ने कहा कि डिसआरमामेंट एवं इंटरनेशनल सेक्युरिटी कमिटी के लगभग 96 देशों के प्रतिनिधियों में लगभग सभी के परमाणु हथियार, ड्रोन, यूएवी जैसी समस्याओं पर अपनी आवाज़ उठाया। उठाये गए मुद्दे पर संयुक्त पार्लियामेंट कमेटी के द्वारा 2 /3 मैजोरिटी से पास की गई।
डॉ रणधीर कुमार ने पूरी संयुक्त राष्ट्र कमिटी को धन्यवाद दिया और इस कॉन्फ्रेंस को अनुकरणीय बताया एवं कहा कि कोविड के कारण यह सेशन ऑनलाईन हुई पर परन्तु आने वाले समय मे विश्व के विभिन्न देशों में जा कर प्रतिनिधित्व करूँगा।
ज्ञात हो कि डॉ रणधीर कुमार ने झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में अपनी 5 वर्षीय इंटेग्रेटेड अंग्रेजी भाषा मे शिक्षा के साथ -साथ सेंटर फॉर इंटरनेशनल रिलेशन के माध्यम से 6 माह का सर्टिफिकेट कोर्स मीडिया एवं इंटरनेशनल रिलेशन की शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं। जिसमे डॉ रणधीर कुमार ने भारत और नेपाल के सामरिक संबंध में शोध कर चुके हैं !