गुरुवार, 23 जुलाई 2020

तीन शातिर चोर चोरी के सामानों के साथ गिरफ्तार

तीन शातिर चोर चोरी के सामानों के साथ गिरफ्तार
गिरिडीह : पुलिस ने चोर गिरोह के तीन शातिर चोरों को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है। वंही पुलिस ने हीरोडीह, जमुआ एवं धनवार में चोरी किये गए सामानों को भी बरामद करने में सफल रही है। उक्त जानकारी गुरुवार को एसपी अमित रेनू ने प्रेसवार्ता कर दी।


गिरफ्तार चोर गिरोह के सक्रिय सदस्यों में सुरेश पासी, छुटकू पासी, बड़कू पासी शामिल है। जो सभी हिरोडीह थाना क्षेत्र के ही टिकोडीह का रहने वाला बताया जाता है।  एसपी श्री रेनू ने बताया कि गिरोह में 7 लोगों के शामिल रहने की बात सामने आई है। सभी हीरोडीह थाना क्षेत्र के ही निवासी है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से चांदी का एक कटोरा, एक चम्मच, एक सिक्का, पुराना पायल दो जोड़ा,नया पायल एक जोड़ा, लॉकेट, पितल का 2 हंडा, 2 छिपा, 3 छोटा बड़ा पैला, 1 बाल्टी, 1 कढ़ाई, काशा का एक कटोरा सहित 42 सौ रुपया नगद व एक हौंडा साइन बाइक बरामद की गई है।

उन्होंने बताया कि छापेमारी टीम का नेतृत्व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नवीन कुमार सिंह ने किया। जबकि टीम में जमुआ पुलिस निरीक्षक विनय कुमार राम हिरोडीह थाना प्रभारी राधेश्याम पांडेय, परि पुलिस अवर निरीक्षक हसनैन अंसारी, गौरव भगत, धनवार थाना के मुकेश दयाल सिंह, राहुल कुमार चौबे, अवर निरीक्षक ओमप्रकाश सिंह एवं हिरोडीह थाना क्षेत्र के सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।

गावां के नगवां में फिर मिला चार कोरोना संक्रमित, भेजा गया आइसोलेशन सेंटर

गावां के नगवां में फिर मिला चार कोरोना संक्रमित, भेजा गया आइसोलेशन सेंटर 


गिरिडीह : बुधवार 23 जुलाई की रात में आई कोरोना जांच रिपोर्ट में गावां के नगवां में चार नए संक्रमितों की पहचान हुई है। इन चारो संक्रमितों को गुरुवार की दोपहर स्वास्थ्य विभाग स्पेशल कोविड एम्बुलेंस से गिरिडीह के बदडीहा स्थित आइसोलेशन सेंटर भेज दिया गया है।

गावां में इसके साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 19 हो गई है। इसमें से 7 मरीज ठीक हो कर वापस चुके हैं। वहीं संक्रमित एक महिला अधिकारी अपने घर में ही आइसोलेट है। बाकी के 11 लोग अभी गिरिडीह के आइसोलेशन सेंटर में हैं।
बुधवार को मिले संक्रमितों में एक चाय दुकानदार है, जिससे क्षेत्र में काफी तेजी से कोरोना के फैलने की आशंका प्रबल हो रही है। बता दें कि माल्डा के एक बाइक शोरूम में 11 जुलाई को कोरोना जांच के लिए113 लोगों का सैम्पल लिया गया था। उसी की रिपोर्ट 17 जुलाई से आनी शुरू हुई है, जो अब तक आ रही है। इसमें अब तक 13 लोग संक्रमित मिल चुके हैं।

पंचायती राज पदाधिकारी ने मुखियाओं व पंचायत सचिवो के साथ किया समीक्षा बैठक

पंचायती राज पदाधिकारी ने मुखियाओं व पंचायत सचिवो के साथ किया समीक्षा बैठक
बगोदर/गिरिडीह:-बगोदर प्रखंड सभागार में गुरूवार को जिला के पंचायतीराज पदाधिकारी शिवशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में प्रखंड के सभी पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई। 

बैठक में  14 वें तथा 15 वें वित्त की उपलब्ध राशि से योजनाओं के क्रियान्वयन एवं राशि का व्यय करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। वंही दो दिनों के अंदर मनरेगा योजना से क्रियान्वित होने वाली योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर चापाकल में सोख्ता, रेन वाटर वर्मी कम्पोस्ट,एवं अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन सरकार के निर्देश पर यथाशीघ्र प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया। 
बैठक बीडीओ रवीन्द्र कुमार  जेई पंचायत सचिव मुखिया टेकलाल चौधरी महेश महतो लालजीत मरांडी लक्षमण महतो आदि शामिल थे । 

बगोदर के भागीरथ महतो की मुम्बई में हृदय गति रूकने से मौत

बगोदर के भागीरथ महतो की मुम्बई में हृदय गति रूकने से मौत
गिरिडीह : जिले के बगोदर प्रखंड के पोखरिया गांव निवासी स्वर्गीय मेघन महतो के 45 वर्षीय पुत्र भागीरथ महतो की गुरूवार सुबह हृदय गति रूकने से मुंबई में मौत हो गयी। 

भागीरथ काफी सालो से वह मुम्बई में रह कर जीविकोपार्जन कर रहा था। मुम्बई में वह अपने बीबी बच्चे के साथ ही रह रहा था।  गुरूवार की सुबह  अचानक हृदय गति रूकने से उसकी मौत हो गयी।

भागीरथ की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। भागीरथ अपने पीछे पत्नी चमेली देवी और 15 वर्षीय पुत्री प्रियंका कुमारी को छोड गए। परिवार के एक मात्र कमाऊं सदस्य होने से उसकी मौत से परिवार पर ग़मों का पहाड़ टूट गया है।

गौरतलब है कि प्रदेश में रोजी रोटी कमाने गये किसी भी झारखण्डवासी के मौत की यह पहली घटना नहीं है। इसके पूर्व भी कई लोगों की मौत प्रदेश में हो चुकी हैं। बगोदर के समाजसेवी सिकन्दर अली ने झारखंड सरकार से अनुरोध किया है कि वह इस पर संज्ञान लेते हुये महाराष्ट्र सरकार पर दवाब बनाये ताकि जिस कम्पनी कंपनी में भागीरथ कार्यरत था वह कम्पनी इस विकट संकट की घड़ी में परिवार को उचित आर्थिक मदद प्रदान करे।

बुधवार, 22 जुलाई 2020

सर्पदंश का करावें उपचार, झाड़फूंक और ओझागुणी के चक्कर मे न पड़ें

सर्पदंश का करावें उपचार,  झाड़फूंक और ओझागुणी के चक्कर मे न पड़ें



[राजेश कुमार]

दुनिया में प्रतिवर्ष एक लाख लोगों की मौत सर्पदंश के कारण होती है। इसमें करीब आधे लोग भारत के होते हैं। सर्पदंश से मृत्यु का मुख्य कारण समय से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराया जाना है। इसके कई कारण हो सकते हैं। सर्पदंश में प्राथमिक उपचार की जानकारी का अभाव, ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल की दूरी व अंधविश्वास के कारण झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ना आदि।

दुनिया में कोई तीन हजार प्रजाति के सांप पाए जाते हैं। भारत में करीब 300 प्रकार के सांप पाए जाते हैं। इनमें केवल 15 प्रजाति के साँप ही जहरीले होते हैं। नाग (कोबरा), करैत, रसेल्स वाइपर और सॉ स्केल्ड वाइपर के काटने के सर्वाधिक मामले सामने आते हैं। आमतौर पर भोजन की तलाश में ये साँप खेतों व रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं। बरसात के दिनों में गहरे क्षेत्रों में पानी भर जाने के कारण भी सांप आवासीय क्षेत्रों में आ जाते हैं। यही कारण है कि भारत में बरसात के दिनों जून से सितंबर तक सर्वाधिक सर्पदंश के लोग शिकार होते हैं। [रिपोर्ट :राजेश कुमार की]

लक्षण:- साँप के काटने के स्थान पर खरोच के निशान, खून निकलना, काटे जगह पर दर्द, सूजन व लालीपन, धड़कने तेज होना, पसीना आना, मितली आदि लक्षण है।

बचाव:- सावधानी बचाव के सर्वोत्तम उपाय हैं। घर के आसपास की सफाई रखें। जंगल-झाड़ी व जलजमाव नहीं होने दें। चूहों को नियंत्रित रखें। अंधेरे में टॉर्च का प्रयोग करें। बिल-छेद में हाथ ना डालें। जूता पहनने से पहले अच्छी तरह देख लें।

उपचार:- सर्पदंश में एकमात्र उपचार विषरोधक दवा (Anti Anak Venom ASV) का प्रयोग है। यह दवा सरकारी अस्पतालों में प्रायः निःशुल्क उपलब्ध हैं। आवश्यकता यह है किे मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जाए जिससे उसे समय रहते इलाज मिल सके।

सर्पदंश की अवस्था में मरीज को घबराना नहीं चाहिए। काटे गए स्थान को स्थिर रखें। घबराने से व अंग को हिलाने-डुलाने से रक्त संचार बढ़ जाता है। जिस कारण विष फैलने की संभावना बढ़ जाती है।

सर्पदंश के संस्थान से ऊपर रस्सी से बांध दें जिससे विष का प्रसार हृदय की ओर न हो। रस्सी को टाइट न बांधे। इससे अंगों को समुचित रक्त नहीं मिलने के कारण उत्तक के क्षतिग्रस्त होने की संभावना रहती हैं। दंश के स्थान पर ब्लेड से चिड़ा भी लगाया जा सकता है। परंतु कई बार गहरा चिरा लगने से अत्यधिक रक्तस्राव के कारण भी बात बिगड़ जाती हैं।अतः आवश्यकता है कि मरीज को समय बर्बाद किए बगैर अस्पताल पहुंचाएं। कई बार झाड़-फूंक के चक्कर में पड़कर भी समय बर्बाद कर दिया जाता है।[रिपोर्ट : राजेश कुमार की]

दिहाड़ी मजदूरों के समक्ष सुरसा की भांति मुंह फैलाये खड़ी है बेरोजगारी

दिहाड़ी मजदूरों के समक्ष सुरसा की भांति मुंह फैलाये खड़ी है बेरोजगारी

                             फाइल फोटो

गिरिडीह : एक तो कोरोना बीमारी का भय उपर से बेरोजगारी की चिंता इनदिनों कईयों के लिए एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई की स्थिति हो गई है। लोग बेहाल हैं और सबकी नज़रे अब सरकार के रहमों करम पर टिकी हुई है। महामारी से बचाव को लेकर लगे लॉकडाउन ने अच्छों अच्छों की कमर तोड़ कर रख दी है। इसमें सबसे ज्यादा बुरा हाल है दिहाड़ी मजदूरों का। जो रोज़ाना सुबह काम की तलाश में चौक चौराहों पर खड़ा होते हैं वहीं काम नहीं मिलने पर मायूस होकर घर लौट जाते हैं। उन दिहाड़ी मजदूरों के समक्ष सुरसा की भांति मुंह बाए खड़ी है बेरोजगारी। जिसका दंश झेलने को वह विवश हैं।

गौरतलब है कोरोना से बचाव को लेकर कंस्ट्रक्शन का काम पूरी तरह से ठप पड़ गया है। ऐसे में राजमिस्त्री और दिहाड़ी मजदूरों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं अगर थोड़ा बहुत काम होता और मजदूरों को रोजगार मिलता तो एनजीटी के आदेश पर बालू उठाव पर रोक है इस कारण कंस्ट्रक्शन के काम पर ब्रेक सा लग गया है। ऐसे में मजदूर वर्ग के सामने परिवार का भरण पोषन करना चुनौती बनता जा रहा है।

राजमिस्त्री और दिहाड़ी मजदूरों ने बताया कि “तीन महीना त लॉकडाउन जैसे तैसे बीत गलो बाबू अब सोचलिये कि काम करवे ता बीमारियों बढ़ते जा रहल है और कहीं काम भी न मिल रहल है। सरकार के हमीन खातिर कुछ करना चाही”

बहरहाल, वाकई समस्या गंभीर है हालांकि मनरेगा के जरिये मजदूरों के लिए रोजगार तो उपलब्ध करवाया जा रहा है मगर वो नाकाफ़ी साबित हो रहा है। ऐसे में इस दिशा में बड़े कदम उठाने की दरकार है। लॉकडाउन में काफी संख्या में प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं। जिनमें से कई मजदूर ऐसे हैं जिनके लिए मनरेगा योजना में काम नहीं है। सभी अलग अलग सेक्टर के हैं। जिससे सभी बेरोजगार हो गए हैं और अब सरकार से रोजगार की मांग कर रहे हैं।

चोरों के हमले से दो सीसीएल कर्मी घायल, एक गम्भीर, किया गया ढोरी सेंट्रल हॉस्पिटल रेफर

चोरों के हमले से दो सीसीएल कर्मी घायल, एक गम्भीर, किया गया ढोरी सेंट्रल हॉस्पिटल रेफर 
घायल सीसीएल कर्मियों से मिले यूनियन नेता, प्रबंधन से किया सुरक्षा की गारंटी की मांग


गिरिडीह : बीती रात कबरीबाद माइंस में चोरों के हमले में घायल दो मजदूर घायल हो गए थे। घायल मजदूरों में कबरीबाद माइंस में ड्यूटी में तैनात पम्प खलासी मो. मनोवर हुसैन तथा पम्प ऑपरेटर अब्दुल रशीद हैं। 

घायल दोनों मजदूरों को इलाज हेतु तत्काल सीसीएल बनियाडीह स्थित लँकास्टर सीसीएल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जंहा एक मजदूर की स्थिति नाजुक देख कर चिकित्सक उसे ढोरी स्थित सेंट्रल हॉस्पिटल रेफर कर दिया है जबकि दूसरे घायल यहां इलाजरत है।  कोयला श्रमिक यूनियनों के संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने बुधवार को अस्पताल पहुंच घायल मजदूरों से मुलाकात की और उनका हाल चाल जाना।

मुलाकात करने पहुंचे यूनियन नेताओं मे आरसीएमएस नेता एन. पी. सिंह बुल्लू, सीएमडब्लुयू के राजेश कुमार, एवं राजेश सिन्हा यूसीडब्ल्यूयु के देवशंकर मिश्र, जेसीएमयू तेजलाल मंडल, एस. अन्थोनी आदि शामिल थे।

मुलाकात के बाद श्रमिक नेताओं ने कहा कि आए दिन इस तरह की घटनाओं का शिकार निर्दोष सीसीएल कर्मी होते रहते है। प्रायः नाइट शिफ्ट में ड्यूटी करने वालों के साथ ही ऐसा हादसा होता है, इसलिए प्रबंधन रात्रि ड्यूटी में सुरक्षा की मुकम्मल गारंटी करे अन्यथा गिरिडीह के सभी कोयला श्रमिक यूनियन मिलकर मजदूरों के हक में लड़ाई लड़ने को बाध्य होंगे।

 यूनियन नेताओं ने बनियाडीह सीसीएल अस्पताल की व्यवस्था पर आपत्ति जताया। कहा कि इस अस्पताल में इलाजरत श्रमिक को पर्याप्त सुविधा तथा निरंतर सेवा की जरूरत है जो अभी नहीं मिल पा रही है। नेताओं ने प्रबंधन से इस पर भी ध्यान देने की बातें कही।

सीएसआर मद से किए जा रहे कार्यों में तेजी लाने और जल्द पूर्ण करने का उपायुक्त ने दिया निर्देश

सीएसआर मद से किए जा रहे कार्यों में तेजी लाने और जल्द पूर्ण करने का उपायुक्त ने दिया निर्देश
 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करा  लाभान्वित करना सुनिश्चित करें :- उपायुक्त


गिरिडीह :  उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में सीएसआर मद से किए जा रहे कार्यों तथा लॉकडाउन की वजह से रुके हुए कार्यों को पुनः शुरू करते हुए अविलंब पूर्ण करें।

 श्री सिन्हा बुधवार को समाहरणालय सभा कक्ष में आयोजित सीएसआर से सम्बंधित समीक्षात्मक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।  उन्होंने सभी उद्योगपतियों से स्थायी श्रमिकों के साथ प्रवासी श्रमिकों को भी रोजगार उपलब्ध कर लाभान्वित करने का निर्देश दिया
 उन्होंने कहा कि विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली की आपूर्ति, बल्ब, पंखा, विद्यालय के ग्राउंड में पेबर ब्लॉक, टाइल्स, रंग रोगन का कार्य, पेयजल एवं शौचालय की उपलब्धता, बाउंड्री वॉल तथा गेट आदि के साथ अन्य मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाय।

समीक्षा के दौरान जिला उद्योग केंद्र के प्रतिनिधि द्वारा आत्मनिर्भर भारत योजना अंतर्गत भारत पैकेज के तहत आरंभ की गई इमरजेंसी क्रेडिट लिंक गारंटी स्कीम की जानकारी दी। वंही सभी बैंकों के प्रतिनिधि, जिला अग्रणी प्रबंधक एवं चेंबर ऑफ कॉमर्स ने वर्तमान तक जिला गिरिडीह में इस योजना अंतर्गत लाभान्वित खाता धारकों की संख्या एवं इसके विरुद्ध भुगतान की गई राशि से संबंधित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जिसके अनुसार भारतीय स्टेट बैंक में कुल खाता धारकों की संख्या 395 तथा भुगतान राशि 10.52 करोड़ है। इसी तरह केनरा बैंक के खाता धारकों की संख्या 132 तथा भुगतान राशि 1.05 करोड़ है। बैंक ऑफ बड़ौदा में कुल खाता धारकों की संख्या 32 तथा भुगतान राशि 1.50 करोड़ है। यूनियन बैंक में कुल खाता धारकों की संख्या 70 तथा 1.00 करोड़ है। पंजाब नेशनल बैंक में कुल खाता धारकों की संख्या 182 तथा भुगतान की राशि 2.50 करोड़ है। झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक में कुल खाता धारकों की संख्या 11 तथा भुगतान की राशि 7.50 करोड़ है एवं बैंक ऑफ इंडिया में कुल खाता धारकों की संख्या 870 तथा भुगतान की राशि 7.00 करोड़ है। 
उपायुक्त ने जिला उद्योग केंद्र के प्रतिनिधि एवं जिला अग्रणी प्रबंधक को निदेश दिया गया कि इस योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक उद्यमी/लाभुकों को लाभान्वित करते हुए जल्द से जल्द सभी लाभुकों का भुगतान करना सुनिश्चित करेंगे।
 बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, संबंधित बैंकों के शाखा प्रबंधक, आकांक्षी जिला सलाहकार एवं उद्योगपतियों के अलावा अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।

निगम क्षेत्र में चला अतिक्रमण मुक्ति अभियान हटाये गये सड़क किनारे के अतिक्रमणकारी

निगम क्षेत्र में चला अतिक्रमण मुक्ति अभियान हटाये गये सड़क किनारे के अतिक्रमणकारी


गिरिडीह : नगर निगम द्वारा बुधवार को निगम क्षेत्र के  शहीद सीताराम पार्क से लेकर टाउन थाना तक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। इस दौरान   सड़क के दोनों किनारे को अतिक्रमण से मुक्त करवाया गया।

निगम के नोडल पदाधिकारी राजन कुमार ने बताया कि दुकानदारों को पूर्व में अतिक्रमण हटाने का निर्देश नोटिस देकर दिया गया था। दुकानदारों ने नोटिस के आलोक में 2 दिनों का समय मांगा था। लेकिन एक सप्ताह बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस बन रही। उन्होंने कहा कि निगम क्षेत्र में फुटपाथ पर अतिक्रमण के कारण लोगों को जंहा चलने फिरने में परेशानी होती है। वहीं ट्रैफिक की भी समस्या उत्पन्न होता है।

अभियान में नोडल पदाधिकारी के अलावे टाउन प्लानर मंजूर आलम, सहायक राजेश अग्रवाल, बलबीर कुमार, आकाश सिंह व पुलिस के जवान मौजूद थे।

मलेशिया में फंसे है बगोदर के तीन प्रवासी मजदूर, परिजनों ने लगायी सरकार से गुहार

मलेशिया में फंसे है बगोदर के तीन प्रवासी मजदूर, परिजनों ने लगायी सरकार से गुहार
गिरिडीह : बगोदर प्रखंड के पोखरिया पंचायत के तीन मजदूर मलेशिया में फंसे है। तीनों मजदूरों का मोबाइल बंद आ रहा हैं। जिस कारण तीनों से संपर्क नहीं हो पा रही हैं। परिजन अनिष्ट की आशंका से ग्रसित हैं। उम्मीद जतायी जा रहीं हैं कि तीनो के वीजा की अवधि खत्म होने के कारण मलेशिया के जेल में बंद हो सकते हैं।

गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के पोखरिया पंचायत निवासी मोती महतो के दो पुत्र चिंतामणी महतो(33) व निर्मल महतो(40) और कारूलाल महतो के पुत्र लालकिशुन महतो(32) पिछले वर्ष रोज़ी रोटी की तलाश में मलेशिया गये थे। जहाँ वह सभी कार वाशिंग का काम करते थे । परिवार वालों के अनुसार बीते 14 जुलाई  से तीनों का मोबाइल बंद हैं। जिससे उनसबो से परिवार वाले किसी तरह का सम्पर्क स्थापित नही कर पा रहे हैं।

विदित हो कि गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले के आसपास के प्रखंडों के प्रवासी मजदूरों को सबसे अधिक मलेशिया में प्रताड़ित होना पड़ता है। प्रवासी मजदूरों की ज्यादातर मौतें भी मलेशिया में हीं होने का आंकड़ा है। प्रवासी मजदूरों के हित मे कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब दलालों के चक्कर में पड़ कर गरीब तबक़े के लोग विदेशों में फंस जाते हैं और पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें दलाल द्वारा मजदूरों को ज्यादा रुपए कमाने का लालच देकर मलेशिया समेत अन्य कई देश भेज देते हैं और वे विदेश जाकर फंस जाते हैं। ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत हैं।

कृषकों एवं श्रमिकों को कृषि एवं पशुपालन संबंधी दिया गया प्रशिक्षण

कृषकों एवं श्रमिकों को कृषि एवं पशुपालन संबंधी दिया गया प्रशिक्षण 

 
गिरिडीह :  विभिन्न राज्यों से लौटे श्रमिकों एवं मजदूरों को स्वरोजगार से जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने के लिये जिले में विभिन्न योजनाओं संचालित है।
इसी कड़ी में बुधवार को बेंगाबाद स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में जिले के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा के निर्देश पर बाहर से आए प्रवासी श्रमिकों एवं किसानों को कृषि के नए तकनीकों से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। ताकि श्रमिकों को उनकी कुशलता के अनुसार विभिन्न योजनाओं एवं विभिन्न विभागों में रोजगार उपलब्ध करा कर उन्हें आत्मनिर्भर व सशक्त बनाया जा सके।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान डॉ संजय कुमार (एनिमल हसबेंडरी) द्वारा मुर्गी पालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही किसानों को उन्नत कृषि हेतु कृषि से संबंधित यथा हार्वेस्टिंग, वर्मी कम्पोस्ट, प्लांटेशन, बकरी पालन, मत्स्य पालन से संबंधित भी प्रशिक्षण दिया गया। मौके पर किसानों को अपनी भूमि पर नए एवं उन्नत कृषि करना तथा विज्ञान के नए तरीकों से अवगत कराया गया। ताकि किसान अपनी कृषि की उत्पादन क्षमता को बढ़ा उससे लाभान्वित हो सके। 

बताया गया कि जिले में 560 किसानों, श्रमिकों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें जिले के 175 से अधिक किसानों,श्रमिकों को उन्नत कृषि एवं पशुपालन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले अधिकांश किसान कृषि एवं बागवानी, पशु पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन आदि पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में सरकार व जिला प्रशासन प्राथमिकता के आधार पर श्रमिकों एवं कृषकों को इस योजना से जोड़ उन्हें लाभान्वित कर रही है।

गरीब कल्याण रोजगार अभियान एवं मनरेगा के तहत धरातल पर उतारने लगी योजनाऐं

गरीब कल्याण रोजगार अभियान एवं मनरेगा के तहत धरातल पर उतारने लगी योजनाऐं
प्रवासी मजदूर रोजगार प्राप्त कर हो रहे लाभान्वित 



गिरिडीह : जिले के जमुआ प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान एवं मनरेगा के तहत आम बागवानी, सोक्ता पीट, चेक डैम, टीसीबी, मेढ़बंदी एवं अन्य जनोपयोगी योजनाएं उपायुक्त  राहुल कुमार सिन्हा के निर्देश पर बुधवार से शुरू किया गया है। 

ग्रामीण स्तर पर इन योजनाओं की शुरू हो जाने से जंहा ग्रामीण लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुआहै।  वंही जल एवं मृदा संरक्षण से गांव का पानी गांव में एवं खेत का पानी खेत में ही रोका जा रहा है। और जल संरक्षण के साथ-साथ रोजगार सृजन कर ग्रामीणों को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाया जा रहा है। वंही मनरेगा अंतर्गत संचालित योजनाओं को ग्रामीण स्तर पर शुरू कर  लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। 
बीडीओ जमुआ ने बुधवार को स्थल का निरीक्षण कर विभिन्न योजनाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जमुआ प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में बिरसा ग्राम हरित योजना एवं मनरेगा के तहत मेढ़बंदी एवं टीसीबी का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसका उद्देश्य प्रवासी मजदूरों को उनके ग्राम पंचायत में ही रोजगार उपलब्ध करा आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाना तथा प्रवासी श्रमिकों को लाभान्वित करना है। 

उन्होंने बताया कि कार्य स्थल पर कोरोना वायरस से सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी मजदूरों के द्वारा सामाजिक दूरी का पालन तथा मास्क का उपयोग किया जा रहा है।  प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा कार्यों के अंतर्गत जल संरक्षण कर इसके माध्यम से वृक्षारोपण तथा टीसीबी, चेक डैम का निर्माण कार्य भी शुरू किया गया है। बताया कि प्रवासी मजदूरों को भी मनरेगा के कार्य से जोड़ा जा रहा है। साथ ही क्वॉरेंटाइन अवधि पूरा करने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को उनके ग्राम पंचायत के आसपास ही रोजगार उपलब्ध करा गांव के विकास किया जा रहा है। लाभुकों के द्वारा मनरेगा के अंतर्गत टीसीबी एवं मेढ़बंदी का शत प्रतिशत लाभ भी उठाया जा रहा है।