रविवार, 29 मार्च 2020

मानव सेवा परिवार ने किया रक्तदान शिविर आयोजित

मानव सेवा परिवार ने किया रक्तदान शिविर आयोजित

             फोटो :  रक्तदान करते रक्तदाता
           

गिरिडीह : गिरिडीह ब्लडबैंक में इन दिनों खून की काफी कमी हो गयी है। नतीजतन कई मरीज जिन्हें खून की निहायत ही जरूरत है उन्हें भी खून उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

इस विकट स्थिति को देखते हुये भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव राकेश मोदी के विशेष आग्रह पर रविवार को मानव सेवा परिवार ने गिरिडीह के ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर आयोजित किया। जिसमें 5 यूनिट रक्त संग्रह किया गया।

 कोरोना को लेकर किये गये लॉक डाउन का असर रक्तदान शिविर में भी दिखा। शहर के हर चौक चौराहे पर मुस्तेद पुलिस बलों के कारण कई रक्तदाता चाह कर भी शिविर में शामिल नही हो सके। 

शिविर में जिन रक्त दाताओ ने रक्तदान किया उनमे, श्याम अग्रवाल, सुभम केडिया, रणदीप पांडेय, हर्ष जालान एवं सावन शर्मा शामिल हैं। जिनके प्रति रेडक्रास सोसाइटी के पदाधिकारियों व सदस्यों ने आभार व्यक्त किया है।

मधुबन थाना में जरूरतमंदों के लिए की गई भोजन की व्यवस्था

मधुबन थाना में जरूरतमंदों के लिए की गई भोजन की व्यवस्था 
पीरटांड़/गिरिडीह :  जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मधुबन थाना में सामुदायिक भोजनालय कार्यक्रम के तहत गरीब,  असहाय , एवं जरूरतमंद लोगों के लिए की गयी निशुल्क भोजन की व्यवस्था।

 वैश्विक महामारी करुणा वायरस को देखते हुए  केंद्र सरकार ने 21 दिनों के लोक डाउन की घोषणा की है। जिस कारण गरीब असहाय एवं मध्यम वर्ग के लोग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सभी का रोजी रोजगार बंद है। कोई घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जिस कारण भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
 इसको देखते हुए सामुदायिक भोजनालय कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। जिसके अंतर्गत मधुबन थाना में गरीब असहाय एवं जरूरतमंद लोगों को भरपेट भोजन कराया जा रहा है। जिससे लोग भोजन कर पुलिस प्रशासन को धन्यवाद दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मधुबन के कई संस्थाओं द्वारा घर-घर जाकर अनाज का वितरण भी किया जा रहा है ।

प्रमुख ने 1 महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया दान

प्रमुख ने 1 महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया दान 
पीरटांड़/गिरिडीह :   पीरटांड़ प्रखंड के प्रमुख सिकंदर हैब्रहम ने अपने 1 महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया है। 

 प्रमुख द्वारा लिखे वीडियो समीर अल्फ्रेड मुर्मू के पत्र में कहा गया है कि वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए मैं अपने 1 महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देता हूं। कहा है कि महामारी कोरोना के इस लड़ाई में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए मैं यह कदम उठाया हूं। कहा है कि "हम जीतेंगे तो राज्य जीतेगा, राज्य जीतेगा तो देश जीतेगा" इस भाव के तहत सभी लोगों को आगे आना चाहिए ।

वार्ड पार्षद सुमित ने बांटे जरूरत मंदों को खाद्य सामग्री

वार्ड पार्षद सुमित ने बांटे जरूरत मंदों को खाद्य सामग्री

           फोटो :  सामग्री वितरित करते वार्ड पार्षद
            

गिरिडीह : वैश्विक महामारी कोरोना Covid-19 के कारण पूरा देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में कई गरीब परिवारों के सामने आर्थिक तंगी एक चुनौती बन कर खड़ा है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार भी अपनी ओर से भरपूर प्रयास कर रही है कि किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की असुविधा ना हो। 


ऐसे माकूल मौके पर जंहा गिरिडीह में संचालित विभिन्न सामाजिक संगठनों ने गरीबों असहायों के सहायतार्थ मुहिम शुरू कर दिया है। वंही कई सामाजिक कार्यकर्ता भी बढ़ चढ़ कर आगे आ रहे हैं। 


इसी कड़ी में गिरिडीह नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 16 के वार्ड पार्षद सुमित कुमार ने यह तय किया कि चाहे परिस्थितियां जैसी भी हों लेकिन मेरे वार्ड का कोई भी परिवार भूखा नहीं सोएगा। इसी के तहत वार्ड पार्षद सुमित कुमार ने रविवार को अपने सहयोगियों के साथ न केवल अपने वार्ड बल्कि आस पास के क्षेत्रों के जरूरतमंदों के बीच चावल, दाल, आलू सहित अन्य खाद्य वस्तुओं का अलग-अलग पैकेट बना कर वितरित किया। वार्ड पार्षद सुमित की तरह अगर सभी वार्ड पार्षद और मुखिया काम करने लगे तो सम्पूर्ण गिरिडीह जिले में लॉक डाउन के दौरान कोई भी भूखा नही रहेगा।

पंचायत भवन व स्कूल में बनाया जा रहा क्वारंटाइन केंद्र

पंचायत भवन व स्कूल में बनाया जा रहा क्वारंटाइन केंद्र 
गिरिडीह: जिले के सभी पंचायत भवनों व स्कूलों में क्वारंटाइन केंद्र बनाया जा रहा है। जिसमे बाहर से आये लोगो को रखा जाएगा।  उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने इस बाबत एक आदेश जारी किया है। जिसके आलोक में जिले के सभी पंचायत भवनों एवं चुनाव के दौरान चिह्नित कलस्टरों (स्कूलों में) यह व्यवस्था की जा रही है। 
जिला प्रशासन द्वारा कौरेंटाइन केंद्र को युद्ध स्तर पर तैयार किया जा रहा है।  जिसमें पर्याप्त संख्या में बेड, अच्छी स्थिति में शौचालय, पानी, बिजली, साफ-सफाई की व्यवस्था के साथ वँहा भर्ती मरीजों के खाने आदि की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।

उपायुक्त की समाहरणालय सभाकक्ष में आलाधिकारियों संग बैठक

उपायुक्त की आला अधिकारियों संग बैठक

                फोटो : बैठक करते उपायुक्त
           

गिरिडीह : महानगरों में फंसे गिरिडीह जिले के मजदूरों या अन्य लोगों की मुसीबतें दूर करने के लिए गिरिडीह ज़िला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। उपायुक्त की अध्यक्षता में रविवार को हुई  समाहरणालय के सभा कक्ष में तमाम विभागों के आलाधिकारियों के साथ बैठक में कई बिंदुंओ पर चर्चा हुई। साथ ही सभी विभागों के अधिकारियों को कई उचित दिशा निर्देश भी दिए गए।

उपायुक्त राहुल सिन्हा ने बताया कि ऐसे लोगों के लिए एक हेल्प डेस्क बनाया गया है। इस डेस्क के नम्बर पर कॉल करने वालों की पूरी जानकारी इकट्ठा करने के बाद उस शहर के संबंधित अधिकारी से बात कर तमाम समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा।
कहा कि महानगरों में फंसे गिरिडीह के लोगों की सुध लेने के लिए गिरिडीह ज़िला प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था कर ली है। बैठक में सभी वरीय पदाधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

पति ने धारदार हथियार से वार कर पत्नी और सास को किया घायल, फरार

पति ने धारदार हथियार से वार कर पत्नी और सास को किया घायल, फरार
तिसरी/ गिरिडीह : तिसरी थाना अंतर्गत खिजुरी पंचायत के आरपत्थर आदिवासी गांव में एक पति ने घरेलू विवाद में धारदार हथियार से वार कर जंहा अपनी पत्नी को घायल कर दिया। वंही बीच बचाव करने पहुंची पत्नी की माँ (सास) को भी जख्मी कर फरार हो गया। घटना रविवार शाम की बतायी जाती है।

घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि चारो मुर्मू की पत्नी 30 वर्षीय सुनीता हेम्ब्रोम अपने पति से बिना पूछे एक दिन पूर्व मुर्गा बेच दी थी। जिसे लेकर पति और पत्नी के बीच जमकर विवाद हुई थी।  चारो मुर्मू ने इस बात को लेकर पत्नी सुनीता को घर से निकाल दिया। घटना के बाद सुनीता गांव के एक महतो के घर रह कर देवरी प्रखंड के टेलो गांव स्थित अपने मायके वालों को इसकी जानकारी दी।  रविवार को उक्त मामले का फैसला होना था। जिसके लिये सुनीता की माँ सुमी हांसदा के साथ अन्य ग्रामीण एकजुट हो ही रहे थे तभी नशे में धुत चारो ने ताड़ी चुवाने वाली हथियार से सुनीता के गर्दन पर वार कर दिया। जिससे वह बुरी तरह घायल हो गिर गयी। बेटी को बचाने पहुंची माँ सुमी पर भी दामाद चारो ने हमला किया जिससे उसका बाँया हाथ घायल हो गया।

बताया जाता है कि आरोपी चारो मुर्मू ताड़ी बेचने का काम करता है। घायल सुनीता को एक बेटा व एक बेटी है।  इस घटना से दोनों काफी मर्माहत है। रो रो कर बुरा हाल है। ग्रामिणों ने बताया कि पुलिस को घटना की सूचना दे दी गयी है।

शनिवार, 28 मार्च 2020

असहाय दिहाड़ी मजदूर परिवारों को शिक्षकों ने पहुंचायी खाद्य सामग्री

 असहाय दिहाड़ी मजदूर परिवारों  को शिक्षकों ने पहुंचाई खाद्य सामग्री
गिरिडीह : उच्च विद्यालय के शिक्षको ने पपरवाटांड़, करहरबारी और महेशलूंडी के करीब 10 परिवारों को शनिवार को पन्द्रह दिनों का राशन उपलब्ध कराया।यह सभी दिहाड़ी मजदूर परिवार हैं। जो दैनिक रोजी रोटी जुगाड़ कर अपना तथा अपने परिवार की जीविका चलाते है।

लॉक डाउन के कारण इनके घरों में अनाज की घोर कमी को देखते हुए शिक्षक साथियों के साथ मिलकर राष्ट्रीय आपदा के समय इन को राहत पहुंचाने का कार्य किया। शिक्षकों ने तुलसी हजाम, रामचंद्र साल, नथू मोहाली, हरदयाल पंडित, बिजुलवा देवी, प्रदीप हजाम सहित  3-4 दलित परिवारों को चावल, आलू दाल, सरसों तेल और मसाला सहित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराया।  सभी चयनित लोगों को घर-घर जाकर खाद्य सामग्री पहुंचाया। 
इस पुनीत कार्य मे मुख्य रूप से उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक देवेंद्र प्रसाद सिंह के अलावे अमरेश कुमार, महेंद्र प्रसाद वर्मा, नागेश्वर प्रसाद वर्मा, पापिया सरकार, मनोज रजक, हेमंत कुमार, मुन्ना कुशवाहा आदि शिक्षक शिक्षिकाओं का सराहनीय योगदान रहा।

 

पूर्व फौजी ने बर्तमान दौर को एक शीत युद्ध बताया, दिया पूर्ण कर्फ्यू लगाने का सुझाव

बर्तमान दौर एक शीत युद्ध के रूप में :  नवीनकांत सिंह
लॉक डाउन से नही पूर्ण कर्फ्यू से होगी समस्या समाधान

गिरिडीह :  भूतपूर्व सैनिक सह वर्तमान में भारत स्वाभिमान का एक सिपाही नवीन कान्त सिंह ने कहा कि दिनोदिन देश की जो भयावह स्थिति बन रही है इसका समाधान केवल लॉक डाउन नहीं है। क्योंकि कितना भी लोगों को समझा लिया जाए, कुछ लोग अभी भी ऐसे हैं जो मॉर्निंग वॉक से बाज नहीं आ रहे हैं।  जरूरी सामान की खरीदारी के नाम पर 5-10 रुपए का भी सामान खरीदने के लिए रोड पर आते रहते हैं।  ऐसे लोग जो पहले रोज ताजा सब्जी नहीं खाते होंगे लेकिन आज सुबह शाम एक पाव सब्जी लेने सड़क पर दिखते हैं। इतना ही नहीं दवा का पुराना चिट्ठा लेकर दारू का पाउच ला रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि इन सब चीजों का एक ही इलाज ही केवल और केवल कम से कम 15 दिनों की पूरी तरीके से कर्फ्यू। पूर्ण कर्फ्यू लगने से उठने वाली समस्या जो सबसे जरूरी है कुछ लोगों को भूखे रहने की नौबत आने लगेगी। उनके लिए लोकल स्तर पर मतलब वार्ड, पंचायत स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया जाए 2-3 हेल्प लाइन नम्बर जारी किये जायें। जिसपर ऐसे लोग सूचना दे जिनके पास खाने का कोई सामान नहीं हो या कोई जरूरी दवा की जरूरत हो।  कंट्रोल रूम की सूचना के बाद एक टीम उनके घर के सदस्यों के हिसाब से खाने की कोई न कोई खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए।  अगर उस घर में खाना पकाने के लिए किसी प्रकार का ईंधन उपलब्ध है तो उन्हें कच्चा राशन उपलब्ध कराया जाए और पकाने का ईंधन ना हो तो ब्रेड, सतु, चूड़ा, निमकी, sakarparaa, बिस्कुट, कोई ज्यादा दिन चलने वाला फल जो भी टीम के पास उपलब्ध हो उसे उपलब्ध करा दें।  साथ में उनके घर को भी चेक करें कि कहीं लाभुक झूठ तो नहीं बोल रहे हैं। अगर झूठ हो तो उनके ऊपर  एफआईआर दर्ज करें।  बेसक समस्या निदान के बाद ही सजा का प्रावधान हो। 

श्री सिंह कहते हैं कि ऐसा होने से तत्काल ये फालतू के भीड़ वाला मामला सुलझ जाएगा। क्योंकि आज ऐसी भी समस्या आ रही है बाजार में आटा की किल्लत हो गई है।  लोग खामखा रोड पर आटा-आटा करते चल रहे हैं।  फैक्टरियों को अनुमति के बाद भी लेबर के अभाव में आटा तैयार नहीं कर पा रही है।  इन सब से निपटने के लिए भूतपूर्व सैनिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक ,एनसीसी, स्काउट गाइड , नेहरू युवा केन्द्र के युवा गन का सहयोग लिया जा सकता है।

 साथ में जो लोग घर से बेघर होकर दूर दराज से जो लोग पैदल ही यात्रा कर रहे हैं। जिस राज्य में हैं उन्हें वहीं की सरकार रोक ले। उनका मेडिकल टेस्ट कर अच्छे लोगों को ऐसे सेवा कार्य में लें और जिन्हें समस्या हो उनका सही इलाज की व्यवस्था करवाएं। आटा के लिए बड़ी फैक्टरी में लेबर की कमी हो तो छोटे छोटे चक्की वालों को गेहूं, मडुआ, ज्वार, बाजरा, जो भी हो उपलब्ध कराकर वापस उनसे आटा कलेक्ट कर लिया जाए।  इन सब कामों में महिला समूह का भी मदद ली जा सकती है। 

पन्द्रह दिन बिल्कुल उस फौजी के जैसा प्रत्येक व्यक्ति को जीना होगा जैसे युद्ध में एक फौजी जीता है।   समझा जाए तो बर्तमान दौर एक शीत युद्ध के रूप में ही है।

किसानों को धान अधिप्राप्ति की राशि भुगतान की दिशा में पहल करें अधिकारी : पैक्स जिलाध्यक्ष

किसानों को धान अधिप्राप्ति की राशि भुगतान की दिशा में पहल करें अधिकारी :  पैक्स जिलाध्यक्ष
जमुआ/गिरीडीह : पैक्स संघ गिरीडीह के जिलाध्यक्ष केदार प्रसाद यादव ने उपायुक्त सह जिला सहकारिता पदाधिकारी व झारखंड राज्य खाद्य निगम जिला प्रबंधक से धान अधिप्राप्ति 2019- 20 की राशि किसानों के खाता में हस्तांतरित करने की मांग किया है।

 उन्होंने कहा कि इसके लिए इक्कीस करोड़ की राशि विभाग को आवंटित किया है जिनमें मात्र एक करोड़ की राशि किसानों के खाता में भुगतान किया गया है। 

मील द्वारा साठ प्रतिशत चावल उपलब्ध करा दिया गया है। लॉक आउट के पूर्व साठ प्रतिशत किसानों को भुगतान सम्भव था परन्तु विभागीय लापरवाही और निष्क्रियता के कारण भुगतान नही हो पाया। जिससे जिलेभर के पैक्स में धान बेचने वाले किसान काफी उद्वेलित है। जिसका कोपभाजन का शिकार पैक्स प्रबंधकों को बनना पड़ रहा है। भुगतान की गुहार लगा कर किसान थक चुके हैं।

 वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लॉक आउट नही होता तो किसान के साथ प्रबंधक भुगतान हेतु अनशन करने को बाध्य होते। इस विषम परिस्थिति में आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है अगर भुगतान हो जाता तो लॉक डाउन में किसानों को काफी राहत मिलती । भुगतान की दिशा में यथेष्ट पहल करने की प्रबल आवश्यकता है।

जिला प्रशासन ने गरीब व असहायों के लिये शहरी क्षेत्र में खोला 11 दाल भात केंद्र

जिला प्रशासन ने गरीब व असहायों के लिये शहरी क्षेत्र में खोला 11 दाल भात केंद्र


सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कर दी जा रही भोजन


गिरिडीह : वैश्विक महामारी  कोरोना के मद्दे नजर घोषित लॉकडाउन के दौरान जिले के गरीब, असहाय व जरूरतमंद लोगों के समक्ष भोजन की समस्या उतपन्नं ना हो, इसे लेकर जिला प्रशासन कटिबद्ध है।

जिला प्रशासन ने शहरी क्षेत्र में शनिवार से ग्यारह दाल भात केंद्र का संचालन शुरू किया है। जंहा गरीब व असहाय लोगों को भोजन (खिचड़ी) उपलब्ध कराया जा रहा है। 


जिला प्रशासन द्वारा संचालित इस दाल भात केंद्र के माध्यम से जंहा लोगों को भोजन प्राप्त हो रही है वंही लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन का भी पाठ पढ़ाया जा रहा है।  दाल भात केंद्र में सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए चुने से घेरे बनाया गया। जिसमे खड़े होकर लोग अपनी बारी आने का इंतजार करते दिखे एवं खाना मिलने  के बाद 1 मीटर या उससे अधिक दूरी बनाकर खाना खाते देखे गये।

ज्ञात हो कि लॉकडाउन के उचित अनुपालन के लिए जिला प्रशासन के द्वारा आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व से अवगत करवाया जा रहा है। जिले वासियों से अपील की जा रही है कि सोशल डिस्टेंस का कड़ाई से अनुपालन करें। ताकि संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके। 

नहाय खाय के साथ लोकआस्था का महापर्व छठ शरू, खरना रविवार को

नहाय खाय के साथ लोकआस्था का महापर्व छठ शरू, खरना रविवार को

        फोटो :  प्रसाद ग्रहण करती छठव्रती    


गिरिडीह :  सूर्योपासना का चार दिवसीय महान पर्व चैती छठ पूजा शनिवार को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ। 


चार दिनों तक चलने वाले इस लोक आस्था का महान पर्व के पहले दिन छठव्रतियों ने भले सुबह से ही घरों की साफ सफाई की। स्नानादि से निवृत हो छठव्रती पूरे विधि विधान से अरवा चावल का भात, चने की दाल, कद्दू समेत अन्य कई प्रकार की सब्जी आदि बनाया और छठ मइया और भगवान सूर्य को भोग लगा उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। उसके बाद पूरे परिवार के लोगों के अलावे अडोस पड़ोस के लोग भी उस भोजन को प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया।

कोरोना महामारी को लेकर देशव्यापी जारी लॉक डाउन का खासा असर इस पर्व पर देखने को मिला। छठव्रतियों और उनके परिवार के लोगों को लॉक डाउन के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बाजार खुले नहीं थे। सब्जी मंडी भी बंद था। बाबजूद इसके सारी व्यवस्था पूर्ण कर आज पहले दिन के कार्य का निष्पादन किया गया।


रविवार को इस पर्व के दूसरे दिन खरना का आयोजन होगा । जिसमें छठव्रती दिन भर निर्जला उपवास रख सन्ध्या पहर पूरे विधान से अरवा चावल की खीर समेत अन्य प्रकार की भोग बनायेंगी। उसके बाद छठ मइया को भोग अर्पण कर प्रसाद ग्रहण करेंगी। छठव्रती के प्रसाद ग्रहण करने बाद परिवार के लोग व अन्य लोग प्रसाद प्राप्त करेंगे। सोमवार से मंगलवार तक व्रत के तीसरे और चौथे दिन छठव्रती चौबीस घण्टे का उपवास रखेंगी। तीसरे दिन सन्ध्या पहर डूबते सूर्य को अर्ध्य देंगी तथा चौथे दिन अहले सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य प्रदान कर व्रती अपने व्रत का पारण करेंगी। इसके साथ ही चार दिवसीय चैती छठ पूजा सम्पन्न होगा।