कोलकाता (West Bengal)। केंसर से जूझ रही प्रेमिका की मौत के बाद उसके प्रेमी ने उसकी मांग में सिंदूर भरकर उसे अपनी पत्नी बनाया। फिर उसकी अर्थी को उसके मायके से अपने घर लाया है। ठीक उसी तरह जैसे किसी नई नवेली दुल्हन को शादी के बाद विदाई कर उसका पति उसे उसके ससुराल लाता है। अपनी प्रेमिका को अर्थी को अपने घर लाकर प्रेमी ने पूरे पारम्परिक तरीके जैसे एक सुहागन की मौत के बाद विदाई होती है, ठीक उसी तरह अपने घर से विदा कर उसकी अर्थी को श्मशान घाट पहुंचाया, जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया। ...... यह कोई फ़िल्म की कहानी नहीं है। बल्कि वास्तविक घटना है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता के हावड़ा इलाके की है। इस घटना ने लोगों के दिलों को गहराई से छू लिया है।
23 वर्षीय मीली मंडल और सागर बारिक कई वर्षों से प्रेम संबंध में थे और जल्द ही शादी करने वाले थे। लेकिन दुर्भाग्यवश, मीली की बीमारी ने उनकी खुशियों को रोक दिया। कैंसर से जूझ रही मीली की हालत अचानक बिगड़ गई और उसने अंतिम सांस ली।
मीली की असमय मौत के बाद भी सागर का प्यार कम नहीं हुआ। उसने अपनी मृत प्रेमिका की अंतिम यात्रा से पहले उसकी मांग में सिंदूर भरकर उसे अपनी पत्नी बना लिया। इसके साथ ही उसने जीवन भर अविवाहित रहने का संकल्प लिया, ताकि उनकी प्रेम कहानी अमर रह सके। शादी के बाद मीली को उसके पिता के घर से सागर के घर ले जाया गया, ठीक वैसे ही जैसे एक नवविवाहिता को ले जाया जाता है, और फिर उसे अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
सागर ने बताया कि वह मीली की सभी इच्छाओं को पूरा करना चाहता था। मीली ने पहले उसे अपने कैंसर के बारे में बताया था और दोनों अस्पताल भी साथ गए थे। वह कालीघाट मंदिर में पूजा करना चाहती थी, लेकिन बीमारी के कारण ऐसा नहीं हो पाया। सागर ने उसकी अंतिम यात्रा पूर्व उससे शादी कर उसकी अंतिम इच्छा पूरी की।
मीली के भाई अनिमेष मंडल ने कहा कि उनकी बहन बहुत भाग्यशाली थी कि उसके जीवन में सागर जैसा समर्पित व्यक्ति था। कहा कि सागर और उसका परिवार मिली के कठिन समय में उनके साथ थे। कहा कि सागर और मिली का प्यार सच्चा था। उनकी प्रेम कहानी ने मृत्यु को भी परास्त कर एक सच्ची प्रेम की मिसाल पेश की है।
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