अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड मामले में लोकेश चौधरी का बॉर्डीगार्ड सुनील सिंह गिरफ्तार
गिरफ्तार हुए अभियुक्त सुनील सिंह के हथियार से चली थी दो गोली-
एसएसपी अनीश गुप्ता ने सुनील सिंह की गिरफ्तारी के बाद प्रेस से बातचीत में बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त सुनील कुमार के रिवाल्वर से दो गोली चली थी। गिरफ्तार अभियुक्त सुनील कुमार का रिवाल्वर और लाइसेंस पुलिस ने बरामद कर लिया है और उससे घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली जा रही है।
हालांकि हत्या किस वजह हुई , इस बारे में पुलिस अब भी कुछ बताने से इंकार कर रही है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों की गिरफ्तारी होने के बाद ही हत्या के पीछे का सही कारण सामने आ पाएगा।
हत्याकांड का मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी समेत तीन फरार:-
अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी के अलावे एमके सिंह और उनका बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी अभी भी फरार है। इन तीनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की विशेष टीम लगातार छापेमारी कर रही है। एसएसपी अनीश गुप्ता ने कहा कि जल्द ही तीनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
साजिश के तहत दिया गया हत्या को अंजाम:-
अग्रवाल ब्रदर्स की हत्या कांड को एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया है। दोनों भाई को अशोक नगर स्थित साधना न्यूज़ के बन्द पड़े कार्यालय में बुलाया गया फिर दोनों भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि फरार आरोपी एमके सिंह खुद को आईबी ऑफीसर बता कर अग्रवाल ब्रदर्स से रुपया ठगने की कोशिश कर रहे थे।
लेन-देन के विवाद में हुई थी हत्या:-
मामले के सम्बन्ध में सुविज्ञ सूत्र बताते है कि लोकेश चौधरी और अग्रवाल ब्रदर्स के बीच पैसों का लेन-देन हुआ था। कई दिनों से अग्रवाल ब्रदर्स लोकेश से अपना पैसा वापस मांग रहे थे। लोकेश हर बार पैसा लौटाने में बहानेबाजी करता था। पैसे को लेकर दोनों पक्षों में कई बार तू-तू मैं-मैं भी हुई है। बताया जा रहा है कि हेमंत और महेंद्र ने लोकेश से 6 मार्च की शाम को बात की। लोकेश ने उन दोनों को अशोक नगर स्थित चैनल कार्यालय में बुलाया। उसके बाद से ही दोनों भाई गायब चल रहे थे और 7 मार्च को दोनों भाइयों के शव साधना न्यूज के बंद कार्यालय से बरामद हुआ था।
राजधानी रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के अशोक नगर रोड नंबर 1 में बीते 6 मार्च को हुए चर्चित अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड में शामिल लोकेश चौधरी के बॉडीगार्ड सुनील सिंह को पुलिस ने बोकारो थर्मल थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है।
सुनील सिंह की गिरफ्तारी और उनके बयान के आधार पर पुलिस ने कांड में प्रयुक्त लाइसेंसी रिवाल्वर,19 चक्र गोली, घटनास्थल का सीसीटीवी का डीवीआर के अलावे हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल के मोबाइल का जला हुआ अवशेष बरामद किया है। वंही पुलिस ने सुनील सिंह के बोकारो स्थित आवास और धुर्वा डैम जाने वाले रास्ते से अभियुक्त सुनील सिंह का टी शर्ट और एम के सिंह के बॉर्डीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी के शर्ट का जला हुआ अवशेष जिसे घटना के वक़्त पहना था, वह भी बरामद किया है।
गिरफ्तार हुए अभियुक्त सुनील सिंह के हथियार से चली थी दो गोली-
एसएसपी अनीश गुप्ता ने सुनील सिंह की गिरफ्तारी के बाद प्रेस से बातचीत में बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त सुनील कुमार के रिवाल्वर से दो गोली चली थी। गिरफ्तार अभियुक्त सुनील कुमार का रिवाल्वर और लाइसेंस पुलिस ने बरामद कर लिया है और उससे घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली जा रही है।
हालांकि हत्या किस वजह हुई , इस बारे में पुलिस अब भी कुछ बताने से इंकार कर रही है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों की गिरफ्तारी होने के बाद ही हत्या के पीछे का सही कारण सामने आ पाएगा।
हत्याकांड का मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी समेत तीन फरार:-
अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी के अलावे एमके सिंह और उनका बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी अभी भी फरार है। इन तीनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की विशेष टीम लगातार छापेमारी कर रही है। एसएसपी अनीश गुप्ता ने कहा कि जल्द ही तीनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
साजिश के तहत दिया गया हत्या को अंजाम:-
अग्रवाल ब्रदर्स की हत्या कांड को एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया है। दोनों भाई को अशोक नगर स्थित साधना न्यूज़ के बन्द पड़े कार्यालय में बुलाया गया फिर दोनों भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि फरार आरोपी एमके सिंह खुद को आईबी ऑफीसर बता कर अग्रवाल ब्रदर्स से रुपया ठगने की कोशिश कर रहे थे।
लेन-देन के विवाद में हुई थी हत्या:-
मामले के सम्बन्ध में सुविज्ञ सूत्र बताते है कि लोकेश चौधरी और अग्रवाल ब्रदर्स के बीच पैसों का लेन-देन हुआ था। कई दिनों से अग्रवाल ब्रदर्स लोकेश से अपना पैसा वापस मांग रहे थे। लोकेश हर बार पैसा लौटाने में बहानेबाजी करता था। पैसे को लेकर दोनों पक्षों में कई बार तू-तू मैं-मैं भी हुई है। बताया जा रहा है कि हेमंत और महेंद्र ने लोकेश से 6 मार्च की शाम को बात की। लोकेश ने उन दोनों को अशोक नगर स्थित चैनल कार्यालय में बुलाया। उसके बाद से ही दोनों भाई गायब चल रहे थे और 7 मार्च को दोनों भाइयों के शव साधना न्यूज के बंद कार्यालय से बरामद हुआ था।
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