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मंगलवार, 30 जून 2020
भाकपा माले ने मनाया हूल दिवस, शहीदों को याद कर लिया संघर्ष का संकल्प

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डारेक्टर को सांसद प्रतिनिधि ने लिखा पत्र

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झामुमो कार्यकर्ताओं ने दी हुल दिवस पर सिद्धू- कान्हू और चांद-भैरव को श्रद्धांजलि
झामुमो कार्यकर्ताओं ने दी हुल दिवस पर सिद्धू- कान्हू और चांद-भैरव को श्रद्धांजलि
गिरिडीह : हुल दिवस के मौके पर मंगलवार गिरिडीह बस पड़ाव स्थित झामुमो जिला कार्यालय में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर झामुमो कार्यकर्ताओं ने संथाल आंदोलन के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया। जिलाध्यक्ष संजय सिंह की अध्यक्षता एवं जिला सचिव महालाल सोरेन के संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि गांडेय विधायक डॉ० सरफराज अहमद उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान वीर शहीद सिद्धू कान्हू के तस्वीर पर माल्यर्पण एवं पुष्प अर्पित कर गांडेय विधायक डॉ अहमद ने कहा कि संथाल आंदोलन के इन वीर शहीदों की शौर्य गाथा कभी भुलाया नही जा सकता। कहा कि सिध्हो-कान्हू, फूलो-झानू और चांद-भैरव ने भारत मे सर्वप्रथम आज़ादी की लड़ाई की शुरुआत की और यही लड़ाई भारत की आज़ादी की नींव बनी।
हुल दिवस के मौके पर आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा मे झामुमो की महिला नेत्री प्रमिला मेहरा के अलावे अजित कुमार पप्पू, इरशाद अहमद वारिस, शहनवाज अंसारी, दिलीप मंडल, महावीर मुर्मू, गौरव कुमार, अभय कुमार सिंह, दिलीप रजक, रणधीर वर्मा, विकी रजवार, पवन सिंह, राकेश रंजन, निरंजन महतो, मिथिलेश महतो, एम० एन० सिंह, भैरो वर्मा, रवि वर्मा समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे। जिन्होंने अमर शहीदों की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

सरिया स्टेडियम में भाकपा माले ने मनाया हुल दिवस
सरिया स्टेडियम में भाकपा माले ने मनाया हुल दिवस
गिरीडीह/ सरिया : सरिया स्टेडियम में भाकपा माले ने हुल दिवस पर हुल क्रान्ति को याद करते हुए कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान सर्वप्रथम दो मिनट का मौन धारण कर हुल क्रान्ति के वीर शहीदो को श्रधांजलि दी।
इस दौरान भाकपा माले के प्रखंड सचिव ने कहा कि हुल क्रान्ति जल-जंगल-जमीन को बचाने के लिए संताल हूल भारत से अंग्रेजों और जमींदारों के खिलाफ के लिए प्रथम जनक्रांति थी।
झारखण्ड के इतिहास में अब तक जितने भी संघर्ष हुए हैं, उनका एक प्रधान पहलू अदिवासियो मूल निवासियों के पहचान बचाना रहा है. जो जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए वीर शहीद शहीद सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो व अन्य बीस हजार से अधिक वीर शहीदो ने अपने प्राणों की आहुति दी। आज मोदी सरकार कोल खदानों की नीलामी का फैसला कर झारखंडियो के जमीन और खनिज संपदा को लूटकर पूंजीपतियों के हाथों में सौपने की तैयारी कर रही है।
आज हुल दिवस के मौके पर एकबार फिर अपने जल-जंगल-जमीन और अस्तित्व को बचाए रखने के लिए हुल क्रांति की तरह मोदी सरकार के खिलाफ मजबूत आंदोलन कर सरकार को सबक सिखाने की जरूरत है। मौके पर अभय कुमार साहू,जिम्मी चौरसिया, कुश कुशवाहा,अमन पांडेय,अरुण दास, आजाद मण्डल, सौरभ सामन्तो, शुभम मिश्रा, अशोक प्रसाद समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

घर से बेघर हुआ गणेश गुप्ता का परिवार, लिया पंचायत भवन में आश्रय
घर से बेघर हुआ गणेश गुप्ता का परिवार, लिया पंचायत भवन में आश्रय
ना घर हैं ना जमीन जीटी रोड चौड़ीकरण में तोड दिया गया मकान
[रिपोर्ट : अशोक कुमार की]
बगोदर/गिरिडीह : एक और सरकार कच्चे मकान में रह रहे गरीबों को आवास दे रही है वही दूसरी ओर कोलकाता से दिल्ली जीटी रोड चौड़ीकरण के दौरान बगोदर प्रखंड के औरा पंचायत निवासी एक परिवार को घर से बेघर कर दिया गया।
उस गरीब परिवार के पास अब ना घर है ना घर बनाने के लिए कोई जमीन। चार दिनों से पूरा परिवार दूसरे के टूटे हुए मकान पर खुले में रहने के लिए विवश था। अंत में पंचायत भवन में अस्थाई रुप से पूरा परिवार आश्रय ले लिया हैं।
जानकारी के मुताबिक औरा निवासी गणेश गुप्ता बगोदर के एक होटल में मजदूरी कर सात परिवार का भरण पोषण करता है। गणेश की पत्नी मीना देवी दिव्यांग हैं और पिछले कई वर्षों से बीमार भी।
पीड़ित गणेश की पुत्री राखी ने बताया कि उसके परिवार के पास अब रहने का कोई जगह नहीं है ना जमीन है ना पैसा है। एक छोटे से मकान में रह कर हम सात परिवार किसी तरह गुजरा कर रहे थे। बताया कि जब उनका मकान तोड़ा जा रहा था तब पूरा परिवार एनएचएआई के अधिकारियों के साथ स्थानीय पदाधिकारीयों से बहुत रिक्वेस्ट किया मकान नहीं तोडने का। लेकिन मकान तोड़ दिया गया अब सिर छुपाने की भी जगह नही है। पूरा परिवार बेघर हो गया हैं।
बताया कि पंचायत के मुखिया महेश महतो को जब यह पता चला कि हमारे परिवार के रहने के लिए कोई ठौर ठिकाना नहीं है। उन्होंने तत्कालीन तौर पर पंचायत भवन में रहने की व्यवस्था कर दिया हैं। बताया कि सड़क हेतु घर टूटा लेकिन अब तक मुआवजा की राशि भी नसीब नही हुआ हैं। पीड़ित परिवार के लोगों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगायी है।

पीरटांड़ के कई क्षेत्रों में मनाया गया हूल दिवस

सोमवार, 29 जून 2020
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