कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिला/प्रखंड/पंचायत एवं ग्राम स्तर पर समन्वय समिति का हुआ गठन
गिरिडीह : सरकार के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा परिवार कल्याण विभाग, झारखंड, रांची के प्राप्त निर्देश के आलोक में उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने जिले में कोरोना वायरस केविड-19 के संक्रमण के फैलाव, इलाज एवं रोकथाम तथा प्रचार प्रसार एवं निगरानी हेतु जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर समन्वय समिति का गठन किया।
जिला स्तरीय समन्वय समिति के अध्यक्ष उपायुक्त होंगे। जबकि वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक
नगर आयुक्त, उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन/अस्पताल उपाधीक्षक, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जेएसलपीएस, एवं जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी समिति के सदस्य बनाये गये हैं।
यह समिति प्रखंड स्तरीय समिति से प्रत्येक दिन जानकारी प्राप्त करेगी एवं उनका तत्काल क्षमता अनुसार समाधान करेगी। समिति जिले में 24 घंटे की कंट्रोल रूम की स्थापना तथा संचालन करेगी। तथा पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस एवं ममता वाहनों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। वंही प्रखंड स्तरीय समिति से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार कोरोना से प्रभावित मरीजों को अस्पताल तक मंगवाने की व्यवस्था भी करेगी।
इडके अलावे यह जिला स्तरीय समिति आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता एवं बाजार में मूल्यों की लगातार निगरानी रखेगी। राज्य स्तरीय समिति को लगातार स्थिति से अवगत कराते हुए प्राप्त निर्देशों का अनुपालन करेगी तथा जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर की समितियों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर आवश्यक दिशा निर्देश जारी करेगी। इसके साथ ही पुलिस बल के सहयोग से संभावित मरीजों को कोरेंटाइन सुनिश्चित करना। शहरी निकाय के क्षेत्रों में पर्याप्त प्रचार-प्रसार एवं सुविधा उपलब्ध कराना। राज्य स्तरीय समिति के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करना भी इस समिति के कार्यों में शामिल रहेगा।
प्रखंड स्तरीय समन्वय समिति :
प्रखंड स्तरीय समन्वय समिति में प्रखंड विकास पदाधिकारी, अध्यक्ष एवं अंचलाधिकारी सदस्य तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, JSLPS प्रखंड समन्वयक पदाधिकारी, पणन पदाधिकारी/प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।
यह समिति पंचायत स्तरीय समिति से प्रत्येक दिन जानकारी एकत्रित कर उनका तत्काल क्षमता अनुसार समाधान करेगी। प्रखंड स्तरीय अस्पतालों का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करायेगी। पंचायत स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों में सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करायेगी। इस समिति के नियंत्रण में 5 एंबुलेंस/ममता वाहन एवं पांच मालवाहक वाहनों की उपलब्धता होगी। प्रत्येक प्रखंड में क्वान्टिन केंद्र की शुरुआत एवं संचालन तथा इन केंद्रों पर सामान्य चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करना इस समिति का कार्य होगा। अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण की जानकारी मिलती है तो तुरंत प्रखंड में बने क्वान्टिन केंद्र में उसे शिफ्ट करना तथा उसके सैंपल जांच के लिए रांची/नजदीकी जांच केंद्र भेंजवाना। और जिला स्तरीय समिति के निर्देशों का अनुपालन करना भी समिति के कार्य मे शामिल है।
पंचायत स्तरीय समन्वय समिति मुखिया की अध्यक्षता में कार्य करेगी। जिसमे पंचायत समिति सदस्य, ग्राम संगठन के अध्यक्ष एवं सचिव, पंचायत सचिव एवं जनसेवक तथा स्वास्थ्य उप केंद्र में पदस्थापित ए. एन. एम समिति के सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।
पंचायत स्तरीय समिति राज्य के बाहर से आए हुए लोगों को, जिनके घर पर अलग से कमरे की व्यवस्था नहीं है, के लिए पंचायत भवन में क्वान्टिन केंद्र की व्यवस्था करेगा। आसपास के टेंट वाले से भाड़े पर तोषक,तकिया, कंबल, खाने के बर्तन की व्यवस्था एवं खाने-पीने तथा अन्य जरूरी संसाधनों की व्यवस्था पंचायत स्तरीय समिति सुनिश्चित करेगा। पंचायत स्तरीय केंद्रों पर प्रत्येक दिन भर्ती रोगी व्यक्तियों के खाने की व्यवस्था करना ताकि इन केंद्रों पर रह रहे लोगों एवं पंचायत के निशक्त परिवारों को सहायता मिल सके। पंचायत में किसी भी निशक्त परिवार को खाद्यान्न की कमी न हो, इसे सुनिश्चित करना। सभी ग्रामीणों को साफ-सफाई तथा सामाजिक दूरी के संबंध में अवगत कराना तथा पंचायत क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की स्थिति का आकलन करना तथा तत्काल प्रखंड स्तरीय समिति को सूचित करना इस समिति का कार्य होगा।
ग्राम स्तरीय कार्य समिति के अंतर्गत वार्ड सदस्य को अध्यक्ष, आशा/सहिया, आंगनबाड़ी सेविका सहायिका तथा शिक्षक समिति के सदस्य को समिति का सदस्य बनाया गया।
यह समिति प्रत्येक गांव में बाहर/दूसरे राज्य या देश में काम या पढ़ाई करने वाले या इलाज कराने का युवक-युवतियों की जानकारी इकट्ठा करेगी और सूची तैयार कर पंचायत स्तरीय समन्वय समिति को उपलब्ध करायेगी। कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, केरल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब या किसी अन्य राज्य से वापस आ रहे लोगों को कम से कम 14 दिनों तक अपने घर में ही रहने की विनती करना और जानकारी प्रेषित करना है कि इस दौरान वे अपने घर के सदस्यों से भी पर्याप्त पूरी बनाकर रहेंगे।
ग्रामीणों के स्वास्थ्य की समीक्षा करना तथा आवश्यकताओं के संबंध में पंचायत/प्रखंड स्तरीय समिति को तत्काल अवगत कराना इस समिति का दायित्व होगा।