शनिवार, 26 जुलाई 2025

तीन माह बाद भी नाइजर में अपहृत गिरिडीह के पांच श्रमिकों का नही मिला है कोई सुराग

गिरिडीह (Giridih)। पश्चिमी अफ्रीका के नाइजर में तकरीबन तीन महीने से अपहृत बगोदर के पांच प्रवासी श्रमिकों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। जिस कारण उनकी रिहाई नहीं हो सकी है।



बता दें कि नाइजर में कल्पतरु नामक ट्रांसमिशन कंपनी में तीन महीने पूर्व 25 अप्रैल 2025 को नाइजर में सशस्त्र अपराधियों का जत्था कैंप में हमला बोल दिया था। इस दौरान अपराधियों ने वहां सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी जिसमें 12 सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई थी। वहीं घटना के बाद अपराधियों ने झारखंड के पांच प्रवासी मजदूरों का अगवा कर लिया था। जिन पांच मजदूरों को अगवा किया गया था,उनमें झारखंड के गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के दोंदलो पंचायत के संजय महतो, चंद्रिका महतो, राजू महतो, फलजीत महतो एवं मुंडरो के उतम महतो शामिल है।


वहीं नाइजर में ही इस दौरान एक दूसरी घटना घटित हुई। बीते 15 जुलाई 2025 को घटित इस घटना में ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कंपनी में काम करनेवाले झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड के तिलैया पंचायत के कारीपानी निवासी गणेश करमाली और यूपी के कृष्णा गुप्ता समेत सात सुरक्षाकर्मी की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं जम्मू कश्मीर के रामबन जिले के रहने वाले रंजीत सिंह को अगवा कर लिया।


इस घटना ने गिरिडीह जिले के अपहृत मजदूरों के परिजनों की चिंता बढ़ा दी है। घटना के अब तीन मीहने हो चुके है और अबतक मजदूरों का कोई सुराग नहीं मिला है। इस गंभीर मामले को लेकर प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले सिकन्दर अली ने अपहृत मजदूरों की रिहाई और सकुशल वापसी की दिशा में पहल किए जाने की मांग की है। साथ ही साथ गणेश करमाली और कृष्णा गुप्ता का पार्थिव शरीर उचित मुआवजे के साथ भारत लाने की जल्द से जल्द पहल करने की मांग की है ताकि उनका अंतिम संस्कार किया जा सके।



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