बुधवार, 12 फ़रवरी 2025

सऊदी अरब से दो महीने बाद प्रवासी मजदूर का शव पहुंचा गांव, शव पहुंचते ही मचा कोहराम

गिरिडीह (Giridih)। सऊदी अरब से दो महीने बाद हीरामन महतो का शव बुधवार की शाम उसके पैतृक गांव खेतको पहुंचा। शव के गांव पहुंचते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। परिजनों के चीत्कार से गांव का माहौल पूरी तरह से गमगीन हो गया। बता दें कि गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखण्ड के खेतको गांव निवासी सुखदेव महतो का पुत्र हीरामन महतो सऊदी अरब में नौकरी करता था। जहां काम के दौरान ही बीते आठ दिसंबर 2024 को उसकी मौत हो गई थी। 

उसकी मौत की खबर परिवार जनों को मिलने के बाद उनके ऊपर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिजन मृतक का शव वापस लाने को लेकर लगातार मिडिया के माध्यम से सरकार से गुहार लगा रहे थे। अंततः केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद उसकी लाश हवाई मार्ग से मंगलवार की रात सऊदी अरब से कोलकाता पहुंचा। वहीं कोलकत्ता से एम्बुलेंस द्वारा बुधवार की शाम उसका शव उसके पैतृक गांव खेतको पहुंचा।


 शव के गांव पहुंचते ही परिवार के लोगों का रो रो का बुरा हाल हो गया। वही गांव में भी मातमी सन्नाटा पसर गया। मृतक हीरामन महतो अपने पीछे पत्नी सोमरी देवी, दो पुत्री सुनीता कुमारी और सरिता कुमारी तथा दो पुत्र रामेश्वर कुमार व विजय कुमार समेत भरा पूरा परिवार को छोड़ गया है।


समाजसेवी सिकन्दर अली ने कहा कि गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिले के काफी लोग प्रवासी मजदूर के रूप में देश के अन्य राज्यों व विदेश में काम करते है। काम के दौरान मजदूर के साथ घटना घटने के बाद मुआवजा एक बड़ी समस्या होती है। महीनों तक मजदूरों का शव विदेश में पड़ा रहता है। मजदूरों का शव आने का परिजन हर दिन इंतजार कर परेशान रहते हैं। उन्होंने सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग किया हैं।

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