रविवार, 1 दिसंबर 2024

कोडरमा के तिलैया डैम को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मिली मंजूरी

केंद्र सरकार की सतत और समग्र सांस्कृतिक विकास योजना के तहत 34.87 करोड़ रुपये से होगा तिलैया डैम का कायाकल्प

कोडरमा। जिले के तिलैया डैम को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना को मंजूरी मिल गई है। केंद्र सरकार की सतत और समग्र सांस्कृतिक विकास योजना के तहत 23 राज्यों में 40 पर्यटन स्थलों के विकास के लिए मंजूरी दी गई है। जिसमें झारखण्ड के कोडरमा स्थित तिलैया डैम का नाम भी शामिल है। 


इस परियोजना पर कुल 34.87 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। केंद्रीय बाल विकास मंत्री सह कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने इस योजना को कोडरमा के विकास के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह परियोजना न केवल कोडरमा बल्कि पूरे झारखंड के पर्यटन को नई दिशा देगी। 

कहा कि तिलैया डैम में ईको-टूरिज्म का विकास होने से पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा होने की संभावना है। यह परियोजना न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगी बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी।


विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलने से होटल, रेस्टोरेंट और अन्य सुविधाओं का विकास होगा, जिससे क्षेत्र के लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा।


बता दें कि बडाकर नदी पर अवस्थीत तिलैया डैम दामोदर घाटी निगम के द्वारा निर्मित स्वतंत्र भारत का पहला डैम होने के साथ ही सुन्दर प्राकृतिक परिवेश के कारण पर्यटको के लिए आकर्षण का केंद्र है पर्यटन के दृस्टि से यह डैम 36 वर्ग किलोमीटर फैला हुआ है। 2 पहाड़ियों के मध्य स्थित यह डैम लोगो के लिए प्रेरणा का श्रोत भी है।

उल्लेखनीय है कि हर वर्ष दिसंबर और जनवरी के महीने मे झारखण्ड, बिहार और बंगाल समेत अन्य प्रदेशों से हज़ारो की संख्या मे पर्यटक यहां पहुंचते है, और इस रमणीक स्थल के दीदार का लुत्फ उठाते हैं। साथ ही नौका विहार कर और पिकनिक मना आनंदित होते हैं।



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