संस्कृत व मदरसा विद्यालयों के साथ सरकार कर रही है सौतेला व्यवहार : महासंघ
धनवार/ गिरिडीह : संस्कृत व मदरसा विद्यालयों के साथ सरकार की दोहरी नीति से नाराज संस्कृत विद्यालय के शिक्षकों ने वित्तीय वर्ष का मिलने वाली राशि नही लेने का निर्णय धनवार प्रखंड क्षेत्र के डोरंडा स्थित गुप्ता संस्कृत प्राथमिक सह उच्च विद्यालय झगरुडीह में रविवार को झारखंड प्रदेश संस्कृत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ की एक बैठक के दौरान लिया गया।
जिसकी अध्यक्षता शिक्षक बलदेव पांडेय ने की। बैठक में 25 संस्कृत विद्यालय के शिक्षकों ने भाग लिया।
बैठक में सर्वसमत्ती से वित्तीय वर्ष 2020, 2021 के अनुदान राशि नहीं लेने का निर्णय लिया गया। कारण स्पष्ट करते हुए शिक्षकों ने कहा कि सरकार द्वारा मदरसा एवं संस्कृत विद्यालयों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। जबकि 2015-16 में ही स्पष्ट किया गया था। जिसमें सरकार का आदेश है कि इन संस्थानों को भी दोगुना अनुदान दिया जाएगा।
लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो पाया है। मदरसा एवं संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को सरकारी सुविधा तथा पोशाक, पुस्तक से भी वंचित रखा गया है। बहुत कम राशि इन संस्थानों के कर्मियों को मिलता है जो राशि मिलती भी है वह राशि जांच के नाम पर विभाग में बंदरबांट हो जाता है। जिससे त्रस्त होकर मदरसा एवं संस्कृत विद्यालयों में कार्यरत कर्मियों ने अनुदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
बैठक में प्रदेश महामंत्री हरिहर प्रसाद कुशवाहा, बलदेव पांडेय, अर्जुन कुमार पांडेय, भागीरथ प्रसाद राम, कुमार सौरभ, दिगंबर दास, त्रिभुवन वर्मा, वीरेंद्र कुमार, बाबू लाल महतो, इंद्रदेव प्रसाद वर्मा सहित कई शिक्षक उपस्थित थे।
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