इंतजार करते करते
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इंतज़ार करते करते
आँखें पथरा गयी
वक़्त भी देखते देखते
चार साल बिसरा गयी।
आया फेंकू,फेंका पासा
लोग गये चौन्धिया
चाय की चुस्की पिला
लोगों को दिया बर्गलाय।
हर रंग का तो आ गया धन
पर नही आया काला धन।
चार बरस हवा में उड़ उड़
दिखलाता रहा बस अपना फन।
दोस्तों!
रंग बिरंगे धन को देख संतोष करो
क्या रखा है काले में
आने वाला है 2019 सब्र करो,
सूद समेत देकर बन्द करेंगे
अबकी फेंकू को ताले में।
राजेश
गिरिडीह,झारखण्ड।
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इंतज़ार करते करते
आँखें पथरा गयी
वक़्त भी देखते देखते
चार साल बिसरा गयी।
आया फेंकू,फेंका पासा
लोग गये चौन्धिया
चाय की चुस्की पिला
लोगों को दिया बर्गलाय।
हर रंग का तो आ गया धन
पर नही आया काला धन।
चार बरस हवा में उड़ उड़
दिखलाता रहा बस अपना फन।
दोस्तों!
रंग बिरंगे धन को देख संतोष करो
क्या रखा है काले में
आने वाला है 2019 सब्र करो,
सूद समेत देकर बन्द करेंगे
अबकी फेंकू को ताले में।
राजेश
गिरिडीह,झारखण्ड।
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