रविवार, 11 मई 2025

बहन की ससुराल गये 12 वर्षीय बच्चे की बराकर नदी में डूबने से मौत

गिरिडीह (Giridih)। जिले के डुमरी थाना क्षेत्र में रविवार को एक हृदयविदारक घटना घटित हुई। अपनी बहन के साथ उसके ससुराल आये एक 12 वर्षीय बच्चे की बराकर नदी में डूबने से मौत हो गयी। मृतक बच्चा बिरनी थाना क्षेत्र के निचितपुर गांव निवासी बीरेंद्र यादव के 12 वर्षीय पुत्र सुनील यादव था। 



जानकारी के अनुसार बिरनी निवासी बीरेंद्र यादव की पुत्री की शादी डुमरी थाना क्षेत्र के नुरंगों गांव में हुई थी। कल (शनिवार को) ही उसकी विदाई हुई थी। अपनी बहन के साथ सुनील भी अपनी बहन का ससुराल आया था। ससुराल के लोग नई बहू के आने की खुशी में  मशगूल थे। इसी बीच रविवार सुबह सुनील बिना किसी को कुछ भी बताये गांव के अन्य लड़कों के साथ बराकर नदी में नहाने चला गया। जहां नहाने के क्रम में वह गहरे पानी मे समा गया और डूब गया। 



वहां मौजूद अन्य लड़कों ने जब उसे डूबता देखा तो शोर मचाया। शोर सुन आसपास के लोग वहां पहुंचे और  काफी मशक्कत के बाद बेहोशी की हालत में सुनील को नदी से बाहर निकाला और सीधे गिरिडीह सदर अस्पताल ले कर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसकी मौत की खबर सुन परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों के चित्कार से पुरा अस्पताल परिसर गमगीन हो गया। कल तक जिस परिवार में शादी की खुशी और उमंग थी उसी परिवार में आज मातम पसर गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।


बिरनी में दो ऑटो के बीच भीषण टक्कर, हादसे में महिला-बच्चे समेत 14 घायल, दो गम्भीर

गिरिडीह (Giridih)।  जिले के बिरनी थाना क्षेत्र अंतर्गत दुमका-रांची मुख्य पथ पर जीतकुंडी के समीप दो ऑटो के बीच आमने-सामने की टक्कर हो गई है। टक्कर इतना जबरदस्त था कि हादसे में एक ऑटो के चालक सहित दोनों ऑटो पर सवार 14 लोग घायल हो गए हैं। जिनमे महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।


मिली जानकारी के अनुसार दोनों ऑटो विपरीत दिशा से आ रही थी।   जीतकुंडी के समीप ऑटो चालकों का संतुलन बिगड़ गया। जिससे दोनों वाहनों के बीच जोरदार टक्कर हो गई। घटना के बाद घटनास्थल पर घायलों की चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने आनन फानन में सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। वहीं घटना की सूचना बिरनी पुलिस को दी। सूचना मिलते ही बिरनी थाना के एसआई शंभू सिंह अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल में घायलों का हालचाल लिया साथ ही घटना की जानकारी ली। 


इस भीषण सड़क हादसे में पूर्णिमा देवी, प्रेरणा कुमारी, लादपरी देवी, सोनी देवी, मंजू देवी, करीना कुमारी, गायत्री देवी, खुशबू देवी, रवि कुमार, रूद्राक्ष कुमार, अंश कुमार, रंजीत कुमार, प्रेमचंद यादव, संजय डोम आदि घायल हुए हैं। जिनका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। वहीं इन घायलों में प्रेमचंद यादव और संजय डोम की गम्भीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सक ने दोनों का प्राथमिक उपचार कर उन्हें बेहतर इलाज हेतु गिरिडीह सदर अस्पताल रेफर कर दिया है। इधर,बिरनी पुलिस ने घटनास्थल से दोनों ऑटो को जब्त कर आगे की कार्रवाई में जुटी है।

सीजफायर का उल्लंघन कर पाकिस्तान द्वारा की गई गोलीबारी में बिहार के बीएसएफ सब-इंस्पेक्टर शहीद

छपरा (Bihar)। सीजफायर का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तान की ओर से जम्मू जिले के आरएस पुरा सेक्टर में शनिवार देर शाम से की गई गोलीबारी में बिहार के छपरा जिले के गड़खा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव निवासी बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए। वे सीमा सुरक्षा बल (BSF) में तैनात थे और ड्यूटी के दौरान अपने साथियों को बचाते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।


बीएसएफ की ओर से जारी सूचना के अनुसार, मो. इम्तियाज जम्मू से सटी सीमा के बीएसएफ आउटपोस्ट पर तैनात थे। शनिवार को पाकिस्तान ने सीजफायर की घोषणा के तीन घंटे बाद ही शाम में सीमा पार से अचानक गोलीबारी शुरू कर दी थी। इसी दौरान वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान उनकी शहादत हो गई।


बीएसएफ अधिकारियों ने उनके परिवार को इस दुःखद घटना की सूचना दे दी है। जैसे ही यह खबर गांव पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। शहीद के परिवार के सदस्य जम्मू के लिए रवाना हो गए हैं। रविवार की सुबह जम्मू में बीएसएफ के फ्रंटियर हेडक्वार्टर में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर परिजनों को सौंपा गया। रविवार शाम तक बीएसएफ के जवान उनके पार्थिव शरीर को लेकर उनके गांव पहुंच सकते हैं।



शहीद मो. इम्तियाज ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। बीएसएफ के डीजी और अन्य अधिकारियों ने उनकी शहादत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए परिवार के प्रति संवेदना जताई है। गांव में जहां शोक का माहौल है, वहीं उनके बलिदान पर गर्व भी महसूस किया जा रहा है। ग्रामीणों और स्थानीय प्रशासन ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी है। मो. इम्तियाज की शहादत से उनके परिवार के साथ-साथ पूरे गांव में गम और गर्व का मिला-जुला माहौल है। देश उनकी बहादुरी और बलिदान को हमेशा याद रखेगा।


 


राज्य में अफवाह फैलाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स होगा एक्टिव

रांची (Ranchi)। वर्तमान राष्ट्रीय परिस्थितियों एवं परिदृश्य के मद्देनजर राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. देशभर में सुरक्षा हालातों को देखते हुए झारखंड में एक-एक जनमानस की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जरूरी नागरिक सेवाओं के सुदृढ़ीकरण पर विशेष फोकस रखें.एक बेहतर कार्ययोजना बनाकर राज्यवासियों की सुरक्षा से संबंधित सभी प्रकार के एहतियाती कदम शीघ्र उठाएं जाए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राज्य में आमजनों के बीच कोई पैनिक स्थिति उत्पन्न न हो ,यह सुनिश्चित की जाए.


मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अफवाहों पर हर हाल में रोक लगाई जाए. वैसे असामाजिक तत्व जो झूठी और भ्रामक संदेश प्रेषित कर माहौल खराब करने का कार्य करते हैं ,उनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.राष्ट्र विरोधी गतिविधियों तथा सोशल साइट्स पर गलत संदेशों का आदान-प्रदान करने वालों की पहचान कर उनपर कानूनी कार्रवाई करें. उन्होंने राज्य में सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को एक्टिव करने तथा आवश्यकता के अनुरूप सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश अधिकारियों को दिया. 



सिविल डिफेंस के क्षेत्र में कार्य करने वाले संस्थानों से समन्वय स्थापित कर बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के लिए कार्ययोजना बनाएं. उन्होंने कहा कि सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को त्वरित राहत, बचाव कार्य, जनजागरूकता और सामुदायिक क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर विशेष प्रशिक्षण दी जाए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को  राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष के साथ-साथ जिला स्तर के कंट्रोल रूम को एक्टिव करने, राज्य के भीतर सभी छोटे-बड़े पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) के सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने एवं सभी अस्पताल के रूफटॉप पर मेडिकल साइन बोर्ड लगाने का निर्देश अधिकारियों को दिया.


 बैठक में ये निर्देश रहे महत्वपूर्ण

●  एम एच ए का निर्देश है कि सिविल डिफेंस रूल्स के अंतर्गत इमर्जेंसी प्रोविजंस का इस्तेमाल करें. खासकर कोई खरीदारी में टेंडर प्रक्रिया छोड़कर.

●  मॉक ड्रिल की संख्या बढ़ा दी जाए.

●  एसेंशियल सर्विस को मेंटेन करने के लिए तैयारी की जाए.

●  एसेंशियल कमोडिटीज पर खास ध्यान रखा जाए. होर्डिंग बिल्कुल नहीं हो.

●  अस्पताल को तैयार रखा जाए.

●   महत्वपूर्ण ठिकाने जैसे डैम, प्लांट, UCIL, बिजली घर, IOC, आदि के सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जाय.

●  एन जी ओ तथा अन्य सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स से संपर्क कर उन्हें तैयार कराया जाए.

●  जिला में फायर स्टेशन की तैयारी कर ली जाए.

●  मोबाइल फेल करने पर पी.ए. सिस्टम तैयार कर ली जाए.


बैठक में थे उपस्थित

बैठक में मुख्य सचिव अलका तिवारी, अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, सचिव पूजा सिंघल, सचिव राजेश शर्मा, सचिव विप्रा भाल, विशेष सचिव आईपीआरडी राजीव लोचन बक्शी, आईजी ऑपरेशन ए०वी० होमकर, आईजी स्पेशल ब्रांच प्रभात कुमार, एसपी एटीएस ऋषभ झा, एसपी अभियान अमित रेणु, कमांडेंट जैप -1 राकेश रंजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

पूर्व विधायक मुन्ना लाल के पिता सह प्रसिद्ध उद्योगपति गोबर्धन लाल का निधन, शोक में डूबा शहर

गिरिडीह (Giridih)। गिरिडीह के पूर्व विधायक मुन्ना लाल के पिता सह प्रसिद्ध उद्योगपति व समाजसेवी गोबर्धन लाल का आज सुबह दुर्गापुर में इलाज के दौरान निधन हो गया। वो पिछले कई वर्षों से बीमार थे। कुछ दिनों पूर्व उनकी तबियत अत्यधिक खराब होने के कारण परिजन उन्हें इलाज हेतु दुर्गापुर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां इलाज के दौरान आज सुबह लगभग 8 बजे ह्रदयाघात की चपेट में आकर 87 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने अपने पीछे तीन पुत्र व दो पुत्री का भरा पूरा छोड़ गए हैं।


गिरिडीह के प्रसिद्ध लौह फैक्ट्री लाल स्टील के मालिक  उद्योगपति सह समाजसेवी गोबर्धन लाल जीवन पर्यंत समाज की सेवा करते रहे। उन्होंने अपने जीवन मे काफी उतार चढ़ाव देखा, लेकिन कभी विचलित नहीं हुए। वे मुन्ना ऑयल मिल नामक तेल मिल से अपना व्यवसायिक सफर की शुरुवात किया। बाद में उन्होंने लाल स्टील और नैयाडीह हाई टेक नामक लौह फैक्ट्री की स्थापना कर गिरिडीह में एक कृतिमान स्थापित किया। परिवार और समाज के लिये हमेशा एक स्तम्भ बन कर खड़े रहे। उनके पुत्रों जय प्रकाश लाल, मुन्ना लाल व विजय लाल ने भी उनके पद चिन्ह को अपनाया और समाज की सेवा में जुटे हैं। वहीं उनके पोते भी चिकित्सा के क्षेत्र में उतर गिरिडीह वासियों की सेवा कर रहे हैं।


उनके निधन की खबर ज्योंहि गिरिडीह पहुंची पूरे गिरिडीह में शोक की लहर दौड़ गयी। गिरिडीह के औधोगिक घरानों के साथ साथ समाजिक संगठनों एवं उन्हें जानने वालों काफी शोकमग्न हैं। काफी संख्या में लोग उनके बरगंडा स्थित आवास पहुंच शोक संतप्त परिवार से मिल अपनी संवेदना व्यक्त किया।