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गुरुवार, 12 मार्च 2020
महिला कॉलेज की व्याख्याता गीता कुमार का हुआ निधन

बुधवार, 11 मार्च 2020
जमुआ प्रंखड मे सौहार्दपूर्ण वातावरण में धुमधाम से मनाई गयी होली

दादी के साथ पोते ने किया दुष्कर्म, दुष्कर्मी गिरफ्तार, गया जेल

धनवार थाना क्षेत्र में हुई सड़क दुर्घटना में दो युवक की मौत, दो घायल

बेंगाबाद के पुर्री तथा जुरपनियाँ में भाकपा माले ने बैठक कर सुनी ग्रामीणों की समस्याएं

विधायक के नेतृत्व में डीवीसी कार्यालय पर झामुमो ने दिया धरना
विधायक के नेतृत्व में डीवीसी कार्यालय पर झामुमो ने दिया धरना
डीवीसी द्वारा 18 घण्टे बिजली कटौती की फरमान हुआ है जारी
गिरिडीह : गिरिडीह समेत सूबे के सात जिलों में होली के त्यौहार के दिन 10 मार्च से डीवीसी द्वारा 18 घण्टे की बिजली कटौती शुरू की गयी। जिस कारण होली का त्यौहार अंधेरे में ही मनाया गया। जिससे क्षुब्ध हो विधायक सुदिव्य कुमार के नेतृत्व में बुधवार को डीवीसी कार्यालय के मुख्य गेट पर धरना दिया।
इस दौरान विधायक ने डीवीसी कर्मियों को हिदायत दिया कि यदि आम उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिलेगी तो डीवीसी के प्राइवेट कन्जयूमर की भी बिजली बंद रहेगी। उन्होंने कहा कि डीवीसी झारखण्ड का कोयला और पानी उपयोग करती है और यंही के लोगो को बिजली देना उचित नहीं समझती तो डीवीसी झारखंड से अपना बोरिया बिस्तर समेट ले।
डीवीसी के स्थानीय पदाधिकारियों ने इसे ऊपर का आदेश बताया तो उन्होंने डीवीसी के सीएमडी से दूरभाष पर बात कर उन्हें भी काफी खरी खोटी सुनाया।
विधायक ने कहा कि यदि डीवीसी अपने बकाये राशि की भुगतान हेतु लोडशेडिंग कर रही है तो 24 घण्टे में 3 घण्टे करे। जिसमे उनका भी सहयोग डीवीसी को मिलेगा अन्यथा डीवीसी ऑफिस में ताला बन्दी होगी और सारे कर्मी को बंधक बना लिया जाएगा।
धरना और टेलीफोनिक वार्ता के बाद डीवीसी ने बिजली बहाल किया। धरना कार्यक्रम में झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह, पूर्व विधायक ज्योतिंद्र प्रसाद, इरशाद अहमद वारिश समेत काफी लोग मौजूद थे।

बनियाडीह सीसीएल हॉस्पिटल में लगेगा 14 मार्च को हड्डी व हृदय रोग जॉच शिविर
सीसीएल हॉस्पिटल में लगेगा 14 मार्च को हड्डी व हृदय रोग जॉच शिविर
गिरिडीह : राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के तत्वावधान में आगामी 14 मार्च को दुर्गापुर मिशन अस्पताल तथा राकोमस के सहयोग से बनियाडीह सीसीएल अस्पताल में हृदय रोग एवं हड्डी रोग सम्बन्धी का एक कैंप का आयोजन किया जायेगा। यह निर्णय बुधवार को रोकोमस के क्षेत्रिय सचिव एन.पी.सिंह बुल्लू के निवास पर हुई।
उक्त चिकित्सा शिविर में दुर्गापुर के दो हृदय रोग के विशेषज्ञ तथा स्थानीय हड्डी रोग के डॉक्टर भाग लेंगे। बैठक में उक्त रोग जांच कैम्प की प्रचार प्रसार जोर शोर करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में मुख्य रूप से प्रदीप दराद, बलराम यादव, संतोष कुमार, शंभू सिंह, शिव शंकर सिंह, अर्जुन मंडल, बाजो दास, मोहम्मद हाशिम ,इकबाल आदि उपस्थित थे।

गिरिडीह में धूमधाम के साथ मनायी गयी होली का त्यौहार

एनपीआर के विरुद्ध बहुजन क्रांति मोर्चा ने किया प्रदर्शन

सोमवार, 9 मार्च 2020
सड़क दुर्घटना में मोटर साइकिल चालक गम्भीर, रेफर

मनरेगा जेई की मौत को परिजन बता रहे हत्या, दिया थाने में आवेदन, किया निष्पक्ष जांच की मांग

झारखण्ड में राज्यसभा के दो सीटों के लिये चुनाव 26 को, एक सीट झामुमो को मिलना तय दूसरे के लिये मची है घमासान
झारखण्ड के राज्यसभा के दो सीटों में एक झामुमो को मिलना तय
दूसरी राज्यसभा सीट के लिए शह-मात का खेल जारी
बीजेपी के अपने पुराने सहयोगी आजसू के समर्थन की दरकार
रांची : झारखंड की दो राज्यसभा सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव के बाद अब राज्यसभा चुनाव में एक बार फिर महागठबंधन और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है. झारखंड कोटे से राज्यसभा की दोनों सीटों को जीतने की जुगत में है तो बीजेपी अपने पुराने सहयोगी आजसू के सहारे एक सीट कब्जाना चाहती है.
राज्यसभा में झारखंड कोटे की दो सीटों में से झारखंड मुक्ति मोर्चा की एक सीट पक्की है. ऐसे में दूसरी सीट पर कांग्रेस या फिर महागठबंधन अपना कैंडिडेट उतारती है तो फिर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच रोचक मुकाबला हो जाएगा. महागठबंधन के पास दूसरी सीट और बीजेपी के पास अपनी एक सीट के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं. ऐसे में दोनों के बीच विधायकों के जोड़-तोड़ की कवायद तेज हो गई है.
महागठबंधन की ओर से जेएमएम ने शिबू सोरेन के रूप में अपना पहला उम्मीदवार घोषित कर दिया है, जिनका जीतना तय है. वहीं, दूसरा उम्मीदवार जो कि कांग्रेस से होगा, उसकी राह कुछ आसान नहीं है. कांग्रेस के पास जरूरत के हिसाब से विधायकों की संख्या नहीं है. हालांकि, कांग्रेस ने अब तक अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है. ऐसा ही संकट बीजेपी के सामने भी है, जो अपने पुराने सहयोगी के समर्थन की आस लगाए हुए है.
झारखंड विधानसभा में कुल 81 सदस्यों में से फिलहाल 80 सदस्य हैं. राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को प्रथम वरीयता के 27 वोट चाहिए. मौजूदा विधायकों के आंकड़ों के लिहाज से जेएमएम के पास 29 सीटें हैं तो कांग्रेस के 16 और जेवीएम छोड़कर आए 2 विधायकों को मिलकर यह संख्या 18 हो गई है. इसके अलावा आरजेडी के 1, एनसीपी के 1, माले के 1 और 2 विधायक निर्दलीय हैं. वहीं, बाबूलाल मरांडी के आने के बाद बीजेपी का आंकड़ा 26 पहुंच गया है और दो विधायक आजसू के हैं.
झारखंड में राज्यसभा चुनाव का इतिहास अक्सर चमत्कारी परिणाम देता रहा है. ऐसे में कांग्रेस अगर अपना प्रत्याशी उतारती है तो फिर मुकाबला काफी दिलचस्प हो जाएगा. झारखंड कोटे से राज्यसभा की दूसरी सीट के लिए कांग्रेस और बीजेपी को दूसरे दलों के विधायकों के सहयोग की जरूरत होगी. आजसू ने मौके की नजाकत को भांपते हुए तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. आजसू ने कहा है कि पार्टी की संसदीय समिति में राज्यसभा चुनाव में समर्थन देने का निर्णय लेगी.
हालांकि, बीजेपी को महज एक विधायक के समर्थन की दरकार है, लेकिन कांग्रेस के सामने 6 विधायकों का समर्थन जुटाने की चुनौती है. कांग्रेस के माले और निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में रखने में कामयाब रहती है तो बीजेपी को जीतने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है. राज्यसभा के लिए सबसे अहम भूमिका अब आजसू और निर्दलीय विधायकों पर है. देखना होगा कि इस शह-मात के खेल में कौन बाजी मारता है.
