देवघर (Deoghar)। दोस्ती का रिश्ता हर रिश्तों से भी बढ़कर होता है। जिसने इसका सही मायने समझ लिया वह इस रिश्ते की कद्र करने में कोई चूक नहीं रहने देता। सुख दुःख हर पल एक दोस्त दूसरे दोस्त की पीठ पर खड़ा रहता है। दोस्त की तकलीफ को वह अपनी तकलीफ समझता है और दोस्त की हर समस्या का समाधान करने हेतु ढाल बन कर खड़ा रहता है। इसी प्रकार की एक दोस्ती की मिशाल देवघर के सारठ में देखने को मिली।
सारठ थाना क्षेत्र के मोदीबांध गांव निवासी केदार झा और नीलकंठ झा उर्फ लीलू झा की दोस्ती आठ दशक से गांव में अनोखी मिसाल थी। दोनों दोस्तों ने एक साथ हाईस्कूल की पढ़ाई की। हर रोज शाम को सारठ चौक पर साथ-साथ अखबार पढ़ते थे। हर सुख-दुःख में एक दूसरे के साथ अनवरत जुड़े रहे और नियति देखिये एक के निधन की खबर सुन तीन घंटे के बाद दूसरे दोस्त ने भी दम तोड़ दिया और सारठ अजय नदी घाट पर दोनों का आमने-सामने अंतिम संस्कार भी हुआ। पुरे क्षेत्र में दोनों के अटूट दोस्ती की चर्चा हो रही है।
दो दोस्तों की एक साथ मौत होने से सारठ थाना क्षेत्र के मोदीबांध गांव में मातम पसर गया। एक दोस्त केदार झा (82 वर्ष) की राँची में इलाज के दौरान मौत की खबर जैसे ही परिजनों ने नीलकंठ झा उर्फ लीलू झा (80 वर्ष) को दी, वे एक पल के लिए सोचने की मुद्रा में दिखे और बेहोश होकर गिर पड़े, आनन-फानन में परिजन उन्हें सारठ सीएचसी ले गये, जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उधर, केदार झा की अर्थी उठाने की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान उनके दोस्त नीलकंठ झा के निधन की खबर आते ही सभी अचंभित हो गये। दूसरी ही पल दूसरे अर्थी की तैयारी की गयी और ग्रामीणों ने दोनों के अर्थी को कंधा देकर अजय नदी स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
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