ऊंट किस करवट बैठेगा इस इंतजार में हैं गिरिडीह लोस के मतदाता
[ राजेश कुमार ]
भाजपा की परम्परागत सीट मिली आजसू को
यूपीए गठबंधन के तहत झामुमो को मिला है सीट
दूसरी ओर यूपीए महागठबंधन में गठबंधन के तहत यह सीट झामुमो को मिला है। लेकिन झामुमो ने अब तक उम्मीदवार की घोषणा नही किया है। झामुमो में भी इस सीट को लेकर दो-दो दावेदार हैं। एक दावेदार जयप्रकाश भाई पटेल ने जंहा इस सीट अपने पिता की कर्मस्थली और अपना पुस्तैनी सीट बता कर उम्मीदवारी का दावा ठोंका है तो वंही दूसरी ओर बीते लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे डुमरी विधायक जगन्नाथ महतो भी इस सीट के प्रबल दावेदार हैं। लेकिन अब तक किसी की भी उम्मीदवारी की घोषणा झामुमो ने नहीं किया है। जिससे संशय की स्थिति बनी हुई है।
हत्याकांड के आरोपी है डुमरी विधायक
निवर्तमान सांसद रविंद्र पाण्डेय ने साध रखा है चुप्पी
आशान्वित हैं आजसू
रविंद्र पाण्डेय भले ही खामोश हों। लेकिन उनकी खामोशी से आजसू पार्टी पूरी तरह आशान्वित है कि श्री पाण्डेय गठबंधन धर्म का पालन करेंगे और आजसू उम्मीदवार को स्पोर्ट करेंगे। आजसू सुप्रीमो और आजसू के उम्मीदवार दोनों जितने अधिक रविंद्र पाण्डेय के प्रति आशान्वित है, उनके आशा पर रविंद्र पाण्डेय कितने खरे उतरेंगे। यह तो वक्त ही बतायेगा।
16 अप्रैल से शुरू होगा नामांकन
[ राजेश कुमार ]
गिरिडीह : लोकसभा चुनाव में गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में ऊंट किस करवट बैठेगा इसकी टकटकी लगाये इंतज़ार कर रहे है यंहा के मतदाता। हालांकि ऊंट जिस भी करवट बैठे, मुकाबला काफी दिलचस्प होगा। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है।
भाजपा की परम्परागत सीट मिली आजसू को
चुनाव को लेकर अब तक सिर्फ एनडीए गठबंधन ने ही अपने प्रत्याशी की घोषणा किया है। गठबंधन के तहत भाजपा की परम्परागत रही इस सीट को भाजपा ने पांच बार सांसद रहे रविंद्र कुमार पाण्डेय की टिकट को काट कर आजसू की झोली में डाल दिया। आजसू ने सूबे के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चन्द्र प्रकाश चौधरी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। बता दें कि आजसू की झोली में इस सीट के जाते ही पहले आजसू पार्टी में ही उठापटक का दौर शुरू हो गया। इस सीट के लिए कई दावेदार हो गये। हालाँकि बाद में पार्टी सुप्रीमो ने स्थिति सम्भाल लिया और सीपी चौधरी को उम्मीदवार घोषित कर दिया। उम्मीदवार की घोषणा के बाद आजसू पार्टी क्षेत्र में धुंआधार चुनाव प्रचार चला रखा है।
यूपीए गठबंधन के तहत झामुमो को मिला है सीट
दूसरी ओर यूपीए महागठबंधन में गठबंधन के तहत यह सीट झामुमो को मिला है। लेकिन झामुमो ने अब तक उम्मीदवार की घोषणा नही किया है। झामुमो में भी इस सीट को लेकर दो-दो दावेदार हैं। एक दावेदार जयप्रकाश भाई पटेल ने जंहा इस सीट अपने पिता की कर्मस्थली और अपना पुस्तैनी सीट बता कर उम्मीदवारी का दावा ठोंका है तो वंही दूसरी ओर बीते लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे डुमरी विधायक जगन्नाथ महतो भी इस सीट के प्रबल दावेदार हैं। लेकिन अब तक किसी की भी उम्मीदवारी की घोषणा झामुमो ने नहीं किया है। जिससे संशय की स्थिति बनी हुई है।
हत्याकांड के आरोपी है डुमरी विधायक
झामुमो के डुमरी विधायक जगन्नाथ महतो एक थाना प्रभारी हत्याकांड के आरोपी है। इस मामले को लेकर उनके विरुद्ध अदालत में मुक़दमा चल रहा है।
14 मई 2016 को झारखंड बंद की पूर्व संध्या पर गोबरगढ़ा में विधायक जगरनाथ महतो सैकड़ों समर्थकों के साथ जुटकर नावाडीह बाजार में मशाल जुलूस निकालने की तैयार कर रहे थे। तब बीडीओ, थाना प्रभारी अन्य पुलिस बल लेकर पहुंचे और थाना प्रभारी ने जतली हुई मशाल को जब्त करना चाहा तो उनके साथ धक्का-मुक्की की जाने लगी। जलती मशल के बीच थाना प्रभारी घिरे हुए थे। थोड़ी देर बाद सांस लेने में तकलीफ होने लगी और दारोगा बेहोश होकर गिर गए। बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। जिसकी सुनवाई अगामी 3 अप्रैल 2019 को होनी है। झामुमो सम्भवतः उक्त मुकदमे की सुनवाई का इंतज़ार कर रही है। समझा जाता है कि उक्त मुकदमे की सुनवाई पर ही जगन्नाथ महतो के किस्मत का फैसला टीका है। सम्भावना व्यक्त किया जाता है कि 3 अप्रैल के बाद ही झामुमो गिरिडीह लोकसभा सीट को लेकर अपना पत्ता खोलेगा।
निवर्तमान सांसद रविंद्र पाण्डेय ने साध रखा है चुप्पी
गिरिडीह से पांच बार सांसद रहे रविंद्र पाण्डेय का भाजपा द्वारा टिकट काटे जाने के बाद श्री पाण्डेय ने चुप्पी साध रखा है। उन्होंने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दिया है। वह भाजपा के फैसले को सिरोधार्य करेंगे या चुनाव लड़ेंगे। यदि चुनाव लड़ेंगे तो निर्दलीय या किसी राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय पार्टी से। सांसद श्री पाण्डेय ने इस पर अपना पत्ता नही खोला है। हालांकि एक कहावत है -"गहरी खामोशी किसी बड़ी योजना को सफलता प्रदान करती है।" रविंद्र पाण्डेय की खामोशी भी कोई नया संकेत दे रहा है।
आशान्वित हैं आजसू
रविंद्र पाण्डेय भले ही खामोश हों। लेकिन उनकी खामोशी से आजसू पार्टी पूरी तरह आशान्वित है कि श्री पाण्डेय गठबंधन धर्म का पालन करेंगे और आजसू उम्मीदवार को स्पोर्ट करेंगे। आजसू सुप्रीमो और आजसू के उम्मीदवार दोनों जितने अधिक रविंद्र पाण्डेय के प्रति आशान्वित है, उनके आशा पर रविंद्र पाण्डेय कितने खरे उतरेंगे। यह तो वक्त ही बतायेगा।
16 अप्रैल से शुरू होगा नामांकन
लोकसभा चुनाव के छठा चरण में गिरिडीह लोकसभा का चुनाव होना है। जिसके लिये नामांकन की प्रक्रिया आगामी 16 अप्रैल की शुरू होगी और 23 अप्रैल तक जारी रहेगा। उसके बाद स्क्रूटनी, नाम वापसी और सिम्बल अलॉट होगा। जबकि मतदान अगामी 12 मई को होगी।
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