गिरिडीह (Giridih)। शनिवार शाम में चांद के दीदार होते ही रमजान की शुरुआत हो गई। चांद दिखने के बाद मुस्लिम धर्मावलंबियों में खुशी की लहर दौड़ गयी। लोगों ने दुआएं पढ़ी और एक दूसरे को मुबारकबाद देना शुरु किया।
बता दें कि इस्लाम धर्म में रमजान का महीना काफी खास होता है। इस महीना को काफी पाक महीना माना जाता है। मुस्लिम धर्मग्रंथों में इस माह को बरकतों और रहमतों वाला बताया गया है। इस महीने में पुण्य (सवाब)का फल आम दिनों से कई फीसदी ज्यादा मिलता है। इसी कारण रजमान महीने में मुसलमान ज्यादा से ज्यादा पुण्य का काम करते हैं।यह महीना गरीबों की मदद करना, पीड़ितों पर रहम करना और गुनाहों से बचने का संदेश देता है। इस महीने का इंतजार हर मुसलमान को रहता है। इस महीने के हर एक दिन को आम दिनों के मुकाबले हजार गुना बेहतर माना गया है।
शनिवार की शाम में चांद दिख गयी है। रविवार सुबह पहली सहरी होगी और सहरी के साथ ही पहले रोजे के साथ रमजान की शुरुआत होगी। बरवाडीह निवासी मौलाना मुख्तार ने बताया कि रोजा रखने का मतलब केवल सुबह से शाम तक भूखे-प्यासे रहना नहीं है। रोजा का सीधा अर्थ शरीर, मन और मतिष्क को स्वच्छ रखना और अल्लाह की बंदगी में रम जाना है। रोजा रोजेदार को पाकीजगी और अच्छाई का रास्ता दिखाती है।