सोमवार, 4 मार्च 2019

पारसनाथ- गिरिडीह नई रेल परियोजना का हुआ शिलान्यास

पारसनाथ -गिरिडीह नई रेल परियोजना का हुआ शिलान्यास

        राजेश,पत्रकार,गिरिडीह। 4 मार्च2019


          गिरिडीहवासियों और जैन धर्मावलम्बियों की लम्बे समय से जारी पारसनाथ -गिरिडीह भाया मधुबन रेल परियोजना की मांग पर सोमवार को अमली जामा पहना कर भारतीय रेल प्रशासन ने उस चीर कालीन मांग पर विराम लगा दिया।

धनबाद रेल मण्डल के पारसाथ रेलवे स्टेशन पर सोमवार को इस नई रेल परियोजना पारसनाथ- गिरिडीह भाया मधुबन का गिरिडीह के सांसद रविंद्र कुमार पाण्डेय ने शिलान्यास करते हुए इस परियोजना का भूमि पुजन किया। इस मौके पर डुमरी विधायक जगन्नाथ महतो एवं गिरिडीह विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी मुख्य रूप से उपस्थित थे।

चार वर्षों मे पूर्ण होगी यह परियोजना

यह नई रेल परियोजना कुल 972 करोड़ की लागत से पूर्ण होगी। लागत का 50 प्रतिशत राज्य सरकार और 50 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करेगी। इस परियोजना के पूर्ण करने होने हेतु चार वर्षों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

प्रस्तावित हाल्ट एवं स्टेशन :

        पारसनाथ-गिरिडीह नई रेल परियोजना के रास्ते में दो क्रासिंग स्टेशन व दो हाल्ट प्रस्तावित है। जिसमें पहला हाल्ट पारसनाथ से 6:3 किमी पर चैनपुर (CHAINPUR HALT) होगा। जबकि पहला क्रासिंग स्टेशन से 13:7 किमी पर मधुबन (MADHUBAN) होगा और दूसरा क्रासिंग स्टेशन 23:8 किमी पर कुम्हारटोला (KUMHAR TOLA) होगा।  वंही इस पथ का दूसरा हाल्ट 30:5 किमी पर लखियातार हाल्ट (LAKHIATAR HALT) होगा।
 यह रेल पथ पारसनाथ से 37:7 किमी पर स्थित कोडरमा-गिरिडीह रेल पथ के सलैया (SALAIYA) स्टेशन पर जुड़ कर न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन पहुंचेगी।

49 किमी की प्रस्तावित है यह रेल पथ :-

      पारसनाथ-गिरिडीह रेल पथ 49 किमी की प्रस्तावित है। जो पारसनाथ से महेशमुण्डा को दर्शाता है। जिसमे समझा जाता है कि जमीनी कार्य मात्र 37:700 किमी तक की करने की आवश्यकता होगी। क्योंकि सलैया स्टेशन के बाद पारसनाथ से 43:7 किमी पर न्यू गिरिडीह स्टेशन और 49 वें किमी पर महेशमुण्डा स्टेशन तक रेल लाइन चालु है। जिसमे फिलवक्त कोडरमा से महेशमुण्डा और कोडरमा से मधुपुर रेल सेवा चालु है।

शिलान्यास कार्यक्रम में थे शामिल

पारसनाथ-गिरिडीह नई रेल परियोजना के शिलान्यास सह भूमि पुजन कार्यक्रम में धनबाद रेल मण्डल के डीआरएम अनिल कुमार मिश्रा, चीफ डिभीजनल मैनेजर कामर्शियल आशीष कुमार, चीफ डिभीजनल इंजीनियर कार्डिनेटर बी के सिंह, चीफ डिभीजनल सिक्युरिटी कमिश्नर बिनोद कुमार, डिप्टी चीफ इंजीनियर कन्स्ट्रक्शन एस के झा एवं अजीत कुमार के अलावे काफी संख्या में डुमरी के ग्रामीण व भाजपा तथा झामुमो के कार्यकर्ता उपस्थित थे।   वंही इस ऐतिहासिक जनसरोकार से जुड़ीं शिलान्यास सह भूमि पुजन कार्यक्रम में गिरिडीह जिला चेम्बर आफ कॉमर्स के पदाधिकारीगण मुख्य रुप से उपस्थित होकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महती भूमिका का निर्वहन किया। चेम्बर के पदाधिकारियों में  निर्मल झुनझुनवाला, अमरजीत सिंह सलूजा, प्रदीप डोकानियां, राजेन्द्र बगेडिया आदि शामिल थे।

बड़ा सवाल : क्या वाक़ई आतंकी मसूद अजहर मारा गया या दुहरायी जा रही सद्दाम की कहानी

कहीं सद्दाम हुसैन की कहानी तो नहीं दोहराई जा रही ! क्या वाक़ई आतंकी मसूद अजहर मारा गया


विश्व के चोटी के आतंककारियों में शामिल जैश ए मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर की दो दिन पहले बीमारी और अब उसकी मौत की खबर आई है, लेकिन भारत के बालाकोट हमले से पहले उसके बीमार होने के कोई संकेत नहीं थे। अगर भारतीय खुफिया एजेंसियों के लगातार दिए जा रहे इनपुट पर भरोसा किया जाए तो पुलवामा हमले तक मसूद अजहर पूरी तरह स्वस्थ था। 

बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान का जवाबी हमला हुआ। जिसके विफल हो जाने के बाद अचानक पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कसूरी का बयान आता है कि मसूद अजहर बीमार है और घर से बाहर भी नहीं आ सकता। अभी इस खबर का विश्लेषण किया ही जा रहा था कि अचानक अजहर की मौत की खबर आती है। हालांकि अभी उसकी मौत की पुष्टि नहीं हुई है।

करीब डेढ़ दशक से अधिक समय पूर्व 13 दिसम्बर 2003 को अमेरिका की चौथी इंफैंट्री की पहली बिग्रेड की काम्बेट टीम ने इराकी शहर तिरकित के नजदीक अद्वार नामक स्थान पर छुपे इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन को पकड़ लिया था। जबकि अमेरिकी नेतृत्व में नाटो फौजों के इराक पर हमले के दौरान ​मौत के घाट उतार दिए जाने की खबर ठीक ऐसे ही आई थी जैसे अभी मसूद अजहर की बीमारी और उसकी मौत की आई है।

अमेरिकी खुफिया एजेंसी को इस खबर पर यकीन नहीं हुआ था और उसने सद्दाम को ढूंढने की मुहिम जारी रखी और आखिरकार चार साल से अधिक अवधि बीत जाने के बाद सीआईए ने उसे ढूंढ निकाला। बाद में उसे फांसी दे दी गई। 



रविवार, 3 मार्च 2019

महाशिवरात्रि कल , आइये जाने पुजन विधि-विधान और शिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि कल, जाने शिवरात्रि का महत्व,शुभ मुहूर्त और पूजन विधान


फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली महाशिवरात्रि 4 मार्च 2019, सोमवार को सायं 16:28 बजे से आरंभ होगी, जबकि धनिष्ठा नक्षत्र के अनुसार महाशिवरात्रि का व्रत 5 मार्च 2019, मगलवार को रखा जाएगा।

महाशिवरात्रि पूजाविधि अनुसार करने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने मात्र से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्त को मनचाहा वरदान दे देते हैं।

           शिवरात्रि पूजा विधि के अनुसार शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने से मन की शांति प्राप्त होती है। अगर आप भी महाशिवरात्रि का व्रत रख रहे हैं तो बता दें कि शिवरात्रि व्रत का नियम भी होता है, अगर आपने शिव पूजा में महाशिवरात्रि व्रत के नियम का पालन किया तो शिवलोक की प्राप्ति अवश्य होगी।

 आइये जानते हैं महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त एवं शिवरात्रि पूजा विधि...

महाशिवरात्रि 2019 शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि 2019 तिथि : 4 मार्च 2019

चतुर्दशी तिथि आरंभ :     16:28 (4 मार्च) सोमवार 
चतुर्दशी तिथि समाप्त :   19:07 (5 मार्च) मंगलवार 
निशिथ काल पूजा :        24:07 से 24:57 
पारण का समय :            06:46 से 15:26 (5 मार्च)

महाशिवरात्रि व्रत एक परिचय :-

शिवरात्रि का व्रत, पूजन, जागरण और उपवास करनेवाले मनुष्य का पुनर्जन्म नहीं होता है। (स्कंद पुराण)

शिवरात्रि के समान पाप और भय मिटानेवाला दूसरा व्रत नहीं है। इसको करनेमात्र से सब पापों का क्षय हो जाता है। (शिव पुराण)
             

शिवरात्रि के दिन करने योग्य विशेष बातें:-

1. शिवरात्रि के दिन की शुरुआत ये श्लोक बोल के शुरू करें :-

देव देव महादेव नीलकंठ नमोस्तुते l 
कर्तुम इच्छा म्याहम प्रोक्तं, शिवरात्रि व्रतं तव ll

2. काल सर्प के लिए महाशिवरात्रि के दिन घर के मुख्य दरवाजे पर पिसी हल्दी से स्वस्तिक बना देना....शिवलिंग पर दूध और बिल्व पत्र चढ़ाकर जप करना और रात को ईशान कोण में मुख कर के जप करना l

3. शिवरात्रि के दिन ईशान कोण में मुख करके जप करने की महिमा विशेष है, क्योंकि ईशान के स्वामी शिव जी हैं l रात को जप करें, ईशान को दिया जलाकर पूर्व के तरफ रखें , लेकिन हमारा मुख ईशान में हो तो विशेष लाभ होगा l जप करते समय झोखा आये तो खड़े होकर जप करना l

4. कल महाशिवरात्रि को कोई मंदिर में जाकर शिवजी पर दूध चढाते हैं तो ये ५ मंत्र बोलें :-

🌷 ॐ हरये नमः 
🌷 ॐ महेश्वराए नमः 
🌷 ॐ शूलपानायाय नमः 
🌷 ॐ पिनाकपनाये नमः 
🌷 ॐ पशुपतये नमः

महाशिवरात्रि - भाग्य की रेखा बदलने हेतु ( युवा विशेष)

जिनकी उम्र 15 से 45 साल के अन्दर है..उनको अगर कोई बीमारी नहीं है...शुगर नहीं है... हो सके तो हिम्मत दिखाकर ... सुबह के सूर्योदय से लेकर अगले दिन के सूर्योदय तक पानी भी न पिए... भाग्य की रेखा न बदले तो मुझे कहना ...महा शिवरात्रि के सूर्योदय से अगले दिन के सूर्योदय तक निर्जला उपवास | जो ज्यादा दुबले -पतले हो वे ये न करें | जो बराबर ठीकठाक हो वे जरुर करें ... बहुत फायदा होगा..युवान भाई-बहनों को तो मैं आग्रहपूर्वक कहूंगा कि महाशिवरात्रि के दिन निर्जला उपवास जरुर करें और रात को फिर सो मत जाओ ..रात को २-३-४ बजे तक जगकर जप करें | युवा भाई-बहनें खास हिम्‍मत करें और जप करो तो पूर्व और उत्तर के बीच ..ईशान कोण पड़ता है..उधर मुंह कर के जप करना |

और एक माला महामृत्युंजय मंत्र की अपने गुरुदेव को दक्षिणा दो और प्राथना करें " हे भोला नाथ ! हमारे बापूजी हमें प्रीति देते है..ज्ञान देते है ..शक्ति देते है ..दीक्षा देते है ...ऐसे हमारे गुरुदेव का स्वास्थ्‍य बढ़िया रहे और हमारे गुरुदेव की आयु खूब -खूब लंबी हो " रात को १२ बजे ..१२:३० बजे ..१ बजे जब भी करना चाहो तब करना जरूर | ये पवित्र तिथि के दिन अपना भजन ..भक्ति बढ़ाने के दिन है | इसका जरुर फायदा उठाये |

महाशिवरात्रि व्रत पूजन विधि :-

1. महाशिवरात्रि के दिन गंगा स्नान कर भगवान शिव की आराधना करने वाले भक्तों महाशिवरात्रि व्रत पूजन विधि के अनुसार करने से इच्छित फल, धन, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

2. महाशिवरात्रि व्रत का सबसे प्रमुख भाग उपवास होता है। सबसे पहले पानी में गंगाजल डाल कर स्नान करें।

3. स्नान आदि ने निवृत्त होने के बाद हाथ में अक्षत और गंगाजल लेकर महाशिवरात्रि व्रत का संकल्प लें।
संकल्प लेने के बाद सफेद वस्त्र धारण करें और किसी भी शिव मंदिर में जाकर शिवजी का पंचामृत से अभिषेक कराएं।

4. शंकर जी का अभिषके करने के लिए पंचामृत में दूध, दही, शहद, गंगाजल और काले तिल का उपयोग करें।

5. पंचामृत से अभिषेक के बाद शिवलिंग का विधि पूर्वक पूजन करें शिवलिंग बेल-पत्र, गाजर, बेर, धतूरा, भांग, सेंगरी और जनेव जरूर चढ़ाएं।

6. भगवान शिव जी का अभिषेक करने के पश्च्यात शिवपरिवार को केसर का तिलक करें और सफेद फूल की माला अर्पित करें।

7. महाशिवरात्रि पर भगवान का तिलक करने के बाद उन्हें स्वच्छ वस्त्र अर्पित करें और धूप-दीप शिवजी की पूजा करें।

8. शिव चालीसा का पाठ करने के बाद शिव जी की आरती करना ना भूलें।

9. आरती करने के बाद उत्तर दिशा की तरफ मुख करके ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें। रात्रि में शिव जी का जागरण करना अनिवार्य है।

10. शिव आराधना में लीन रहते हुए अगली सुबह शिवजी को फल का भोग लगा कर स्वयं भी फल का सेवन कर व्रत खोलें।

🌷 महाशिवरात्रिः कल्याणमयी रात्रि🌷

"स्कन्द पुराण" के ब्रह्मोत्तर खंड में आता है कि 'शिवरात्रि का उपवास अत्यंत दुर्लभ है। उसमें भी जागरण करना तो मनुष्यों के लिए और दुर्लभ है। लोक में ब्रह्मा आदि देवता और वसिष्ठ आदि मुनि इस चतुर्दशी की भूरि भूरि प्रशंसा करते हैं। इस दिन यदि किसी ने उपवास किया तो उसे सौ यज्ञों से अधिक पुण्य होता है।'

'शिव' से तात्पर्य है 'कल्याण' अर्थात् यह रात्रि बड़ी कल्याणकारी रात्रि है। इस रात्रि में जागरण करते हुए ॐ.... नमः.... शिवाय... इस प्रकार, प्लुत जप करें, मशीन की नाईं जप पूजा न करें, जप में जल्दबाजी न हो। बीच-बीच में आत्मविश्रान्ति मिलती जाय। इसका बड़ा हितकारी प्रभाव अदभुत लाभ होता है।

शिवपूजा में वस्तुओं का कोई महत्त्व नहीं है, भावना का महत्त्व है। भावे ही विद्यते देव.... चाहे जंगल या मरूभूमि में क्यों न हो, वहाँ रेती या मिट्टी के शिवजी बना लिये, उस पर पानी के छींटे मार दिये, जंगली फूल तोड़कर धर दिये और मुँह से ही नाद बजा दिया तो शिवजी प्रसन्न हो जाते हैं।

आराधना का एक तरीका यह है कि उपवास रखकर पुष्प, पंचामृत, बिल्वपत्रादि से चार प्रहर पूजा की जाय।

दूसरा तरीका यह है कि मानसिक पूजा की जाय। हम मन-ही-मन भावना करें-

ज्योतिर्मात्रस्वरूपाय निर्मलज्ञानचक्षुषे।  
नमः शिवाय शान्ताय ब्रह्मणे लिंगमूर्तये।।

'ज्योतिमात्र (ज्ञानज्योति अर्थात् सच्चिदानंद, साक्षी) जिनका स्वरूप है, निर्मल ज्ञान ही जिनका नेत्र है, जो लिंगस्वरूप ब्रह्म है, उन परम शांत कल्याणमय भगवान शिव को नमस्कार है।'

महाशिवरात्रि की रात्रि में ॐ बं, बं.... बीजमंत्र के सवा लाख जप से गठिया जैसे वायु विकारों से छुटकारा मिलता है।

शिवरात्रि की रात 'ॐ नमः शिवाय' का जाप

शिवजी का पत्रम-पुष्पम् से पूजन करके मन से मन का संतोष करें, फिर ॐ नमः शिवाय.... ॐ नमः शिवाय.... शांति से जप करते गये। इस जप का बड़ा भारी महत्त्व है। अमुक मंत्र की अमुक प्रकार की रात्रि को शांत अवस्था में, जब वायुवेग न हो आप सौ माला जप करते हैं तो आपको कुछ-न-कुछ दिव्य अनुभव होंगे। अगर वायु-संबंधी बीमारी हैं तो 'बं बं बं बं बं' सवा लाख जप करते हो तो अस्सी प्रकार की वायु-संबंधी बीमारियाँ गायब !

ॐ नमः शिवाय मंत्र तो सब बोलते हैं लेकिन इसका छंद कौन सा है, इसके ऋषि कौन हैं, इसके देवता कौन हैं, इसका बीज क्या है, इसकी शक्ति क्या है, इसका कीलक क्या है – यह मैं बता देता हूँ। अथ ॐ नमः शिवाय मंत्र। वामदेव ऋषिः। पंक्तिः छंदः। शिवो देवता। ॐ बीजम्। नमः शक्तिः। शिवाय कीलकम्। अर्थात् ॐ नमः शिवाय का कीलक है 'शिवाय', 'नमः' है शक्ति, ॐ है बीज... हम इस उद्देश्य से (मन ही मन अपना उद्देश्य बोलें) शिवजी का मंत्र जप रहे हैं – ऐसा संकल्प करके जप किया जाय तो उसी संकल्प की पूर्ति में मंत्र की शक्ति काम देगी।

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पारसनाथ -गिरिडीह भाया मधुबन रेलपथ का शिलान्यास कल

पारसनाथ- गिरिडीह रेल लाइन का शिलान्यास कल

       भारतीय रेल प्रशासन ने गिरिडीह वासियों और जैन तीर्थ यात्रियों की वर्षों से चली आ रहीं मांग को पूरा करने की दिशा में पहल शुरू कर दी है। 
       इसी कड़ी में 4 मार्च 2019 को पारसनाथ रेलवे स्टेशन पर पारसनाथ-गिरिडीह भाया मधुबन रेल लाइन निर्माण हेतु शिलान्यास कार्यक्रम आहूत किया है। 
       जिसमे गिरिडीह के सांसद रविंद्र कुमार पाण्डेय, गिरिडीह विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी और डुमरी विधायक जगन्नाथ महतो मुख्य रुप से उपस्थित रहेंगे। उक्त जानकारी पूर्व-मध्य रेल के मण्डल रेल प्रबंधक अनिल कुमार मिश्र ने दी है।

 पारसनाथ -गिरिडीह रेल पथ एक नज़र में:-

        पारसनाथ-गिरिडीह भाया मधुबन रेल पथ में दो हाल्ट, दो स्टेशन और एक जंक्शन प्रस्तावित है। यह रेल पथ गिरिडीह-कोडरमा रेल पथ जिसमें बीते 25 फरवरी से परिचालन शुरू हुई है ,पर स्थित सलैया स्टेशन में जुड़ कर न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन तक पहुंचेगी।

प्रस्तावित हाल्ट एवं स्टेशन :

        पारसनाथ-गिरिडीह प्रस्तावित रेल पथ पर पहला हाल्ट 6:3 किमी पर चैनपुर (CHAINPUR HALT) होगा। जबकि पारसनाथ रेलवे स्टेशन से 13:7 किमी पर मधुबन (MADHUBAN) स्टेशन और 23:8 किमी पर कुम्हारटोला (KUMHAR TOLA) स्टेशन प्रस्तावित है।  वंही 30:5 किमी पर लखियातार  हाल्ट (LAKHIATAR HALT) होगा और 37:7 किमी पर यह प्रस्तावित रेल पथ कोडरमा-गिरिडीह रेल पथ के सलैया (SALAIYA) स्टेशन (तब जंक्शन) पर (बीते 25 फरवरी से शुरु हुई रेल पथ से )जुड़ कर न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन पहुंचेगी।


49 किमी की प्रस्तावित है यह रेल पथ :-

      पारसनाथ-गिरिडीह रेल पथ 49 किमी की प्रस्तावित है। जिसमे समझा जाता है कि जमीनी कार्य मात्र 37:700 किमी तक की करने की आवश्यकता होगी। क्योंकि सलैया 
स्टेशन  (तब जंक्शन) के बाद पारसनाथ से 43:7 किमी पर न्यु गिरिडीह  स्टेशन और 49 वें किमी पर महेशमुण्डा स्टेशन  (अब जंक्शन) तक रेल लाइन चालु है। जिसमे फिलवक्त कोडरमा से महेशमुण्डा और कोडरमा से मधुपुर रेल सेवा चालु है।

       

शुक्रवार, 1 मार्च 2019

पुलिस ने 10-10 किलो का दो केन बम किया बरामद

डुमरी के ढिबरा पहाड़ी से पुलिस ने किया दो केन बम बरामद


गिरिडीह : जिले के डुमरी थाना क्षेत्र अंतर्गत ढिबरा पहाड़ी में नक्सलियों द्वारा छिपा कर रखे गये दो केन बम को पुलिस ने बरामद करने में सफलता पायी है। 

जिले के पुलिस कप्तान सुरेंद्र कुमार झा को मिली गुप्त सूचना के आधार पर डुमरी एसडीपीओ और सीआरपीएफ 154 बटालियन एवं रांची से आई बीडीडीएस जगुआर की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन चला कर केन बम बरामद किया और उक्त दोनों केन बमों को डिफ्यूज कर दिया है। दोनों के न बम 10-10 किलो के बताए जा रहे हैं।

डुमरी के एसडीपीओ नीरज कुमार सिंह ने आशंका जाहिर किया कि लोकसभा चुनाव को लेकर नक्सलियों द्वारा किसी मतदान केंद्र में बम लगाने की कोशिश थी। जिसे पुलिस ने समय रहते नाकाम कर दिया है।

इधर घटना के बाद से पुलिस लगातार क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चला रही है। हालांकि इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की कोई सुचना नही है।

    पुलिस की इस संयुक्त ऑपरेशन में सीआरपीएफ 154 बटालियन के असिस्टेंट कमान्डेंट संजय चौहान, डुमरी एसडीपीओ नीरज कुमार सिंह, डुमरी इंस्पेक्टर दिनेश सिंह, बीडीडीएस रांची जगुआर प्रभारी नीरजकांत सहित जगुआर के सदस्य मौजूद थे।

अभिनन्दन की रिहाई मामले में एक पाकिस्तानी ने पाक सरकार के फैसले को कोर्ट में दी चुनौती

अभिनंदन की रिहाई में नया मोड़, पाक सरकार के फैसले को कोर्ट में दी चुनौती

        भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर की रिहाई मामले में नया मोड़ आ गया है। पाकिस्तान के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने अभिनंदन की रिहाई के पाकिस्तान सरकार के फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

अर्जी में आरोप लगाया गया है कि अभिनंदन पाकिस्तान में हमला करने आए थे इसलिए उनकी रिहाई पर रोक लगनी चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता की इस अर्जी पर दोपहर बाद सुनवाई हो सकती है। इमरान खान ने गुरुवार को पाकिस्तानी संसद में अभिनंदन की रिहाई की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारतीय पायलट को शुक्रवार को छोड़ा जाएगा।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय इस अर्जी पर सुनवाई करने के लिए तैयार होता है कि नहीं, यह बड़ा प्रश्न है। प्रथम दृष्ट्या इस अर्जी में जो दलील दी गई है, उसमें कोई वजन नजर नहीं आता क्योंकि रिहाई का फैसला वहां की सरकार ने किया है और भारतीय पायलट की रिहाई जेनेवा कंन्वेंशन के अनुरूप हो रही है।



रविवार, 24 फ़रवरी 2019

25 फरवरी से कोडरमा- गिरिडीह रेलखण्ड पर दौड़ेगी ट्रेन, होगी गिरिडीह वासियों की वर्षों की सपना पूर्ण

गिरिडीह वासियों की वर्षों का सपना होगा पूर्ण

25 फ़रवरी से गिरिडीह- कोडरमा रेलखण्ड पर दौड़ेगी एकजोड़ी ट्रेन

मिलेगी गिरिडीह से मधुपुर के लिए एक नयी ट्रेन की सौगात

25 फ़रवरी से एक ट्रेन मधुपुर तक और दूसरी ट्रेन इस रेलखण्ड पर महेशमुण्डा तक दौड़ेगी।

कोडरमा-मधुपुर ट्रेन कोडरमा से दोपहर 2:30 बजे खुलेगी और शाम 5:18 बजे न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन पहुंचेगी।

और, 5:19 बजे न्यू गिरिडीह से खुलकर 6:35 बजे मधुपुर जंक्शन पहुंचेगी।

वंही यह ट्रेन शाम 7:00 बजे मधुपुर जंक्शन से खुलकर 8:07 बजे न्यू गिरिडीह स्टेशन पहुंचेगी और 8:08 बजे न्यू गिरिडीह से खुलकर रात्रि 11:25 बजे कोडरमा पहुंचेगी।

वंही कोडरमा-महेशमुंडा पैसेंजर ट्रेन कोडरमा से सुबह 5:45 बजे खुलेगी और 8:24 बजे न्यू गिरिडीह पहुंचेगी।
8:25 बजे न्यू गिरिडीह से खुलकर 8:45 बजे महेशमुण्डा जंक्सन पहुंचेगी।

जबकि 9:15 बजे महेशमुण्डा से खुलकर यह ट्रेन 9:25 बजे न्यू गिरिडीह और दोपहर 12:25 बजे कोडरमा पहुंचेगी।

शुक्रवार, 11 जनवरी 2019

पुण्यतिथि पर कायस्थ शिरोमणि शास्त्री जी को शत शत नमन

देश के दूसरे प्रधानमंत्री भारत रत्न कायस्थकुल भूषण लाल बहादुर शास्त्री की पूण्यतिथि आज
पुण्यतिथि पर उन्हें भावपूर्ण श्रधांजलि व शत शत नमन

शास्त्री जी ने अपने कार्यकाल के दौरान देश को कई संकटों से उबारा. साफ-सुथरी छवि के कारण उनका बहुत सम्मान किया जाता था.
1964 में जब वह* *प्रधानमंत्री बने तब देश में खाने कई चीजें आयात करनी पड़ती थी.1965 में पाकिस्तान से जंग के दौरान देश में भयंकर सूखा पड़ा. तब उन्होंने देशवासियों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की. उन्होंने कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए जय जवान जय किसान' का नारा दिया.
नेहरू के देहावसान हो जाने के बाद साफ सुथरी छवि के कारण शास्त्रीजी को 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया।उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधान मन्त्री का पद भार ग्रहण किया।उनके शासनकाल में 1965 का भारत पाक युद्ध शुरू हो गया। इससे तीन वर्ष पूर्व चीन का युद्ध भारत हार चुका था। शास्त्रीजी ने अप्रत्याशित रूप से हुए इस युद्ध में नेहरू के मुकाबले राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व प्रदान किया और पाकिस्तानको करारी शिकस्त दी।
इसकी कल्पना पाकिस्तान ने कभी सपने में भी नहीं की थी। ताशकन्द में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब ख़ान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में ही रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी।
जिस रात शास्त्री की मौत हुई, उस रात खाना उनके निजी सहायक रामनाथ ने नहीं, बल्कि सोवियत रूस में भारतीय राजदूत टीएन कौल के कुक जान मोहम्मद ने पकाया था. खाना खाकर शास्त्री सोने चले गए थे. उनकी मौत के बाद शरीर के नीला पड़ने पर लोगों ने आशंका जताई थी कि शायद उनके खाने में जहर मिला दिया गया था. उनकी मौत 10-11 जनवरी की आधी रात को हुई थी.

उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

देश के उस वीर सपुत को शत शत नमन व भावपूर्ण श्रद्धांजलि

मंगलवार, 8 जनवरी 2019

देश के 202 रेलवे स्टेशनों पर होगी हाई सिक्युरिटी, यात्रियों को गहन जांच प्रक्रिया से होगा गुजरना

202 स्टेशनों पर ट्रेन पकड़ने 20 मिनट पहले पहुंचना होगा जरूरी, आंतरिक सुरक्षा होगी चुस्त-दुरुस्त


देश के 202 रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को ट्रेन पकड़ने के लिए 20 मिनट पहले पहुंचना होगा. क्योंकि अब एयरपोर्ट के तर्ज पर ही रेलवे स्टेशनों पर भी जांच की प्रक्रिया जाएगी. बता दें कि रेलवे ने 26/11 मुंबई हमले के बाद एक रेलवे समिति बनाई थी, जो ये बता सके कि स्टेशनों की आंतरिक सुरक्षा कैसे हो? उसी रिपोर्ट के आधार पर रेलवे ने 202 स्टेशन का चयन किया है, जहां हाई लेवल सिक्योरिटी इक्विपमेंट लगेंगे और गलत तरीके से खोले गए एंट्री-एग्जिट प्वाइंट बंद किए जाएंगे.

उन रेलवे स्टेशनों की लिस्ट इस प्रकार है:


सेंट्रल रेलवेः भुसावल, नासिक रोड, मनमाड़, जलगांव, अकोला, मुर्तजापुर, बाड़नेरा, नागपुर, पुणे, मिराज, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, दादर, कुर्ला, लोकमान्य तिलक टर्मिनल, ठाणे, कल्याण

ईस्टर्न रेलवेः मालदा, वर्धमान, आसनसोल, दुर्गापुर, सियालदाह, कोलकाता, दमदम, हावड़ा

कोलकाता मेट्रोः दमदम जंक्शन, गिरीश पार्क, महात्मा गांधी रोड, सेंट्रल, चांदनी चौक, पार्क स्ट्रीट, मेडन, रबीन्द्र सदन, नेताजी भवन, जतिनदास पार्क, कालीघाट, रबीन्द्र सरोबर

ईस्टर्न सेंट्रेल रेलवेः धनबाद, मुगलसराय, पटना जंक्शन, राजेन्द्र नगर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, रक्सॉल

ईस्ट कॉल्ट रेलवेः पुरी, कटक, भुवनेश्वर, विशाखापटनम

नॉर्दन रेलवेः नई दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, फैजाबाद, अयोध्या, श्रीनगर, बड़गाम, अनंतनाग, जम्मू-तवी, ऊधमपुर, अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, अंबाला, सहारनपुर, कालका, भटिंडा, चंडीगढ़, पटियाला, बरेली, मुरादाबाद, हरिद्वार, पंजगांव, अवंतीपुर, काकापुर, दिल्ली कैंट, निजामुद्दीन, आनंदविहार, गाजियाबाद

नॉर्थ सेंट्रल रेलवेः आगरा, मथुरा, झांसी, कानपुर, प्रयागराज

नॉर्थ ईस्टर्न रेलवेः लखनऊ, गोरखपुर, छपरा

नॉर्थ फ्रंटियर रेलवेः गुवाहटी, दीमापुर, न्यू जलपाईगुड़ी, लम्डिंग, मेबॉन्ग, कटिहार, किशनगंज, सिलीगुड़ी, कोकराझार, डिब्रूगढ़, जोरहट टाउन

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवेः जयपुर, अजमेर, बीकानेर, जोधपुर

सदर्न रेलवेः त्रिवेंद्रम, एर्नाकुलम, कोयंबटूर, मदुरै, कालीकट, तिरुचरापल्ली, मैंगलोर, चेन्नई सेंट्रल, चेन्नई, बीच, मांबालम, टंबारम, बेसिन ब्रिज, त्रिवल्लूर

साउथ सेंट्रल रेलवेः सिकंद्राबाद, हैदराबाद, तिरुपति

साउथ ईस्टर्न रेलवेः खड़गपुर, रांची, टाटानगर, राउरकेला, बोकारो, पुरुलिया, अदरा, मुरी, मिदनापुर

साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवेः बिलासपुर, रायपुर, गोन्डिया

साउथ वेस्टर्न रेलवेः बैंगलुरु, यशवंतपुर, मैसूर

वेस्ट सेंट्रल रेलवेः भोपाल और इटारसी

वेस्टर्न रेलवेः सूरत, वडोदरा, गोधरा, अहमदाबाद, उज्जैन, चर्चगेट, मरीन ड्राइव, चर्नी रोड, ग्रांट रोड, मुंबई सेंट्रल, महालक्ष्मी, लोअर परेल, प्रभादेवी, दादर, माटुंगा रोड, माहिम, बांद्रा, बाद्रा टर्मिनल, खार रोड, सांताक्रूज, विले पार्ले, अंधेरी, जोगेश्वरी, गोरेगांव, मालाड, कांदिबली, दहिसर, मीरा रोड, भायंदर, नयागांव, वसई रोड, नाला सोपारा, विरार, पालघर, बोइसर.


सोमवार, 7 जनवरी 2019

महज़ जुमलेबाजी बनकर ना रह जाये सवर्ण आरक्षण बिल

सवर्ण आरक्षण बिल को पारित करने के लिए मोदी सरकार के पास है सिर्फ एक दिन

महज़ जुमलेबाजी बनकर ना रह जाये सवर्ण आरक्षण बिल। क्योंकि मोदी सरकार के पास सवर्णों को आरक्षण देने का विधेयक पारित करने के लिए सिर्फ एक दिन का समय है। कल यानी आठ जनवरी को संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है। सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के कैबिनेट में लिए गए फैसले को कानूनी जामा पहनाने के लिए कल का ही वक्त सरकार के पास है। ऐसे में संसद खुलते ही सरकार को लोकसभा में आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के लिए संशोधन विधेयक पेश करना होगा।

लोकसभा में बहुमत है तो सरकार कुछ ही समय में विधेयक पास करा ले जाएगी। फिर क्या यह विधेयक राज्यसभा में भी उसी दिन पास हो पाएगा? वह भी तब, जबकि सरकार के पास उच्च सदन में बहुमत नहीं है। इस प्रस्ताव को संविधान सभा को भेजने की विपक्ष मांग उठा सकता है। जिससे देरी लग सकती है। हालांकि सियासी जानकार बताते हैं कि कांग्रेस सहित कई दल चुनावी सीजन में इसका सपोर्ट भी कर सकते हैं, क्योंकि अगड़ी जातियों को वे भी नाराज नहीं कर सकते।

फिर भी संसद के एक ही कार्यदिवस में इतने बड़े प्रस्ताव के पास होने की उम्मीद कम है। इसके लिए या तो कल चर्चा के दौरान संसद को देर शाम तक गतिशील किया जा सकता है या फिर 11 दिसंबर से आठ जनवरी के शीतकालीन सत्र को दो से तीन दिन बढ़ाने का फैसला हो सकता है। इसके अलावा सरकार के पास कोई चारा नहीं है।


लोकसभा चुनाव के ठीक पहले सरकार को याद आये सवर्ण

सरकार ने लिया बड़ा फैसला, आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक खेला है! मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि वह सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देगी। सोमवार को मोदी कैबिनेट की हुई बैठक में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगाई गई। कैबिनेट ने फैसला लिया है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर सकती है। सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है।

सरकार के इस बड़े फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि गरीब सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिए. पीएम मोदी की नीति है कि सबका साथ सबका विकास। सरकार ने सवर्णों को उनका हक दिया है। पीएम मोदी देश की जनता के लिए काम कर रहे हैं।

मालूम हो कि करीब दो महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। हाल ही में संपन्न हुए मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार हुई थी। इस हार के पीछे सवर्णों की नाराजगी को अहम वजह बताया जा रहा है।

रविवार, 16 दिसंबर 2018

पूंजीपतियों की पक्षधर है मोदी सरकार

मोदी सरकार गरीबों की नहीं पूंजीतियों की है पक्षधर  

 गरीब कर रहे हैं त्राहि-त्राहि 


यह मोदी सरकार पूंजीपतियों का पालक और पोषक है।इसके कई उदाहरण है।मेरी यह बात अंधभक्तों को नागवार गुजरेगी।कोई बात नहीं
अंधभक्तों जरा मेरे इस तथ्य पर गौर जरूर करेंगे। उसके बाद ही अपनी प्रतिक्रिया देंगे।

यह सरकार पूंजीपतियों का पोषक है ? कैसे।
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पूर्व की सभी सरकारों ने गरीब के हित को ध्यान में रखा। कभी भी उसे फजीहत में नही डाला। यँहा तक की अटल_बिहारी_बाजपेयी_की_सरकार_ने_भी।
                 लेकिन मोदी सरकार ने कभी भी गरीबों का ध्यान नहीं रखा। यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही रूप से पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही है। बीते साढ़े चार वर्षों में गरीबों पर पहाड़ तोड़ कर रख दिया है।

              सुदूर ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्र में जितनी भी मोबाइल कम्पनियां कार्यरत है उसका नेटवर्क भगवान भरोसे चल रहा है। उन सभी मोबाइल कम्पनियो के मालिक पूंजीपति है।
BSNL (सरकारी) की स्थिति भी ठीक नहीं है।
नतीजतन उपभोक्ता एक या दो कम्पनियो का ग्राहक बन गया है। ताकि एक कम्पनी के नेटवर्क की खराबी के बाद भी उनका सम्पर्क देश दुनियां से बना रहे।
     पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में इसके लिए उपभोक्ताओं को इसके लिए कोई अत्यधिक बोझ उठाना नही पड़ता था।

लेकिन मोदी_राज में स्थिति काफी विपरीत हो गयी है।

1. मोबाइल कम्पनियों ने 30 दिनों के बदले 28 दिन का महीना बना दिया।
2. अब हर अलग-अलग नेटवर्क कम्पनियों के नम्बर की वेलिडिटी मात्र 28 दिनों की हो गयी है। जबकि पूर्व में ऐसा नहीं था।
3. हर नेटवर्क के नम्बर की जीवित रखने के लिए अब कम से कम 35/-₹ या उससे अधिक की राशि प्रति नम्बर हर 28 दिनों के लिए देना अनिवार्य हो गया है।
                             यदि आप यह राशि नहीं देते है। तो आपके नम्बर पर न तो कोई आउटगोइंग की और न ही इनकमिंग की सुविधा रहेगी। जबकि पहले ऐसा नहीं था।

#अंधभक्तों_जरा_गौर_करेंगे!!!!!!
           अभी भी काफी संख्या में ऐसे मोबाइल धारक है। जो सिर्फ अपने काम से मतलब रखने के लिए मोबाइल का उपयोग करते है।
          कई ऐसे उपभोक्ता है जो सिर्फ मिस कॉल करके ही अपना काम चला लेते थे।
           कई उपभोक्ता अब भी ऐसे है जो महीने में एक या दो बार ही मोबाइल का उपयोग करते हैं। बाकी समय वह अपने निजी कामों में व्यस्त रहते हैं। लेकिन देश-दुनियां-परिवार-समाज के सम्पर्क में बने रहने के लिए मोबाइल का प्रयोग करते है।

जिनपर #मोदी_सरकार ने अतिभार लगा दिया है।

यह तो महज एक बानगी मात्र है। और भी मुद्दे हैं।
 जिस कारण मोदी_राज_में_आम_गरीब_त्राहि_त्राहि_कर रहे हैं।
जिसके दर्द को समझने की जरूरत है।