शुक्रवार, 1 मार्च 2019

अभिनन्दन की रिहाई मामले में एक पाकिस्तानी ने पाक सरकार के फैसले को कोर्ट में दी चुनौती

अभिनंदन की रिहाई में नया मोड़, पाक सरकार के फैसले को कोर्ट में दी चुनौती

        भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर की रिहाई मामले में नया मोड़ आ गया है। पाकिस्तान के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने अभिनंदन की रिहाई के पाकिस्तान सरकार के फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

अर्जी में आरोप लगाया गया है कि अभिनंदन पाकिस्तान में हमला करने आए थे इसलिए उनकी रिहाई पर रोक लगनी चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता की इस अर्जी पर दोपहर बाद सुनवाई हो सकती है। इमरान खान ने गुरुवार को पाकिस्तानी संसद में अभिनंदन की रिहाई की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारतीय पायलट को शुक्रवार को छोड़ा जाएगा।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय इस अर्जी पर सुनवाई करने के लिए तैयार होता है कि नहीं, यह बड़ा प्रश्न है। प्रथम दृष्ट्या इस अर्जी में जो दलील दी गई है, उसमें कोई वजन नजर नहीं आता क्योंकि रिहाई का फैसला वहां की सरकार ने किया है और भारतीय पायलट की रिहाई जेनेवा कंन्वेंशन के अनुरूप हो रही है।



रविवार, 24 फ़रवरी 2019

25 फरवरी से कोडरमा- गिरिडीह रेलखण्ड पर दौड़ेगी ट्रेन, होगी गिरिडीह वासियों की वर्षों की सपना पूर्ण

गिरिडीह वासियों की वर्षों का सपना होगा पूर्ण

25 फ़रवरी से गिरिडीह- कोडरमा रेलखण्ड पर दौड़ेगी एकजोड़ी ट्रेन

मिलेगी गिरिडीह से मधुपुर के लिए एक नयी ट्रेन की सौगात

25 फ़रवरी से एक ट्रेन मधुपुर तक और दूसरी ट्रेन इस रेलखण्ड पर महेशमुण्डा तक दौड़ेगी।

कोडरमा-मधुपुर ट्रेन कोडरमा से दोपहर 2:30 बजे खुलेगी और शाम 5:18 बजे न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन पहुंचेगी।

और, 5:19 बजे न्यू गिरिडीह से खुलकर 6:35 बजे मधुपुर जंक्शन पहुंचेगी।

वंही यह ट्रेन शाम 7:00 बजे मधुपुर जंक्शन से खुलकर 8:07 बजे न्यू गिरिडीह स्टेशन पहुंचेगी और 8:08 बजे न्यू गिरिडीह से खुलकर रात्रि 11:25 बजे कोडरमा पहुंचेगी।

वंही कोडरमा-महेशमुंडा पैसेंजर ट्रेन कोडरमा से सुबह 5:45 बजे खुलेगी और 8:24 बजे न्यू गिरिडीह पहुंचेगी।
8:25 बजे न्यू गिरिडीह से खुलकर 8:45 बजे महेशमुण्डा जंक्सन पहुंचेगी।

जबकि 9:15 बजे महेशमुण्डा से खुलकर यह ट्रेन 9:25 बजे न्यू गिरिडीह और दोपहर 12:25 बजे कोडरमा पहुंचेगी।

शुक्रवार, 11 जनवरी 2019

पुण्यतिथि पर कायस्थ शिरोमणि शास्त्री जी को शत शत नमन

देश के दूसरे प्रधानमंत्री भारत रत्न कायस्थकुल भूषण लाल बहादुर शास्त्री की पूण्यतिथि आज
पुण्यतिथि पर उन्हें भावपूर्ण श्रधांजलि व शत शत नमन

शास्त्री जी ने अपने कार्यकाल के दौरान देश को कई संकटों से उबारा. साफ-सुथरी छवि के कारण उनका बहुत सम्मान किया जाता था.
1964 में जब वह* *प्रधानमंत्री बने तब देश में खाने कई चीजें आयात करनी पड़ती थी.1965 में पाकिस्तान से जंग के दौरान देश में भयंकर सूखा पड़ा. तब उन्होंने देशवासियों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की. उन्होंने कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए जय जवान जय किसान' का नारा दिया.
नेहरू के देहावसान हो जाने के बाद साफ सुथरी छवि के कारण शास्त्रीजी को 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया।उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधान मन्त्री का पद भार ग्रहण किया।उनके शासनकाल में 1965 का भारत पाक युद्ध शुरू हो गया। इससे तीन वर्ष पूर्व चीन का युद्ध भारत हार चुका था। शास्त्रीजी ने अप्रत्याशित रूप से हुए इस युद्ध में नेहरू के मुकाबले राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व प्रदान किया और पाकिस्तानको करारी शिकस्त दी।
इसकी कल्पना पाकिस्तान ने कभी सपने में भी नहीं की थी। ताशकन्द में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब ख़ान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में ही रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी।
जिस रात शास्त्री की मौत हुई, उस रात खाना उनके निजी सहायक रामनाथ ने नहीं, बल्कि सोवियत रूस में भारतीय राजदूत टीएन कौल के कुक जान मोहम्मद ने पकाया था. खाना खाकर शास्त्री सोने चले गए थे. उनकी मौत के बाद शरीर के नीला पड़ने पर लोगों ने आशंका जताई थी कि शायद उनके खाने में जहर मिला दिया गया था. उनकी मौत 10-11 जनवरी की आधी रात को हुई थी.

उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

देश के उस वीर सपुत को शत शत नमन व भावपूर्ण श्रद्धांजलि

मंगलवार, 8 जनवरी 2019

देश के 202 रेलवे स्टेशनों पर होगी हाई सिक्युरिटी, यात्रियों को गहन जांच प्रक्रिया से होगा गुजरना

202 स्टेशनों पर ट्रेन पकड़ने 20 मिनट पहले पहुंचना होगा जरूरी, आंतरिक सुरक्षा होगी चुस्त-दुरुस्त


देश के 202 रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को ट्रेन पकड़ने के लिए 20 मिनट पहले पहुंचना होगा. क्योंकि अब एयरपोर्ट के तर्ज पर ही रेलवे स्टेशनों पर भी जांच की प्रक्रिया जाएगी. बता दें कि रेलवे ने 26/11 मुंबई हमले के बाद एक रेलवे समिति बनाई थी, जो ये बता सके कि स्टेशनों की आंतरिक सुरक्षा कैसे हो? उसी रिपोर्ट के आधार पर रेलवे ने 202 स्टेशन का चयन किया है, जहां हाई लेवल सिक्योरिटी इक्विपमेंट लगेंगे और गलत तरीके से खोले गए एंट्री-एग्जिट प्वाइंट बंद किए जाएंगे.

उन रेलवे स्टेशनों की लिस्ट इस प्रकार है:


सेंट्रल रेलवेः भुसावल, नासिक रोड, मनमाड़, जलगांव, अकोला, मुर्तजापुर, बाड़नेरा, नागपुर, पुणे, मिराज, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, दादर, कुर्ला, लोकमान्य तिलक टर्मिनल, ठाणे, कल्याण

ईस्टर्न रेलवेः मालदा, वर्धमान, आसनसोल, दुर्गापुर, सियालदाह, कोलकाता, दमदम, हावड़ा

कोलकाता मेट्रोः दमदम जंक्शन, गिरीश पार्क, महात्मा गांधी रोड, सेंट्रल, चांदनी चौक, पार्क स्ट्रीट, मेडन, रबीन्द्र सदन, नेताजी भवन, जतिनदास पार्क, कालीघाट, रबीन्द्र सरोबर

ईस्टर्न सेंट्रेल रेलवेः धनबाद, मुगलसराय, पटना जंक्शन, राजेन्द्र नगर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, रक्सॉल

ईस्ट कॉल्ट रेलवेः पुरी, कटक, भुवनेश्वर, विशाखापटनम

नॉर्दन रेलवेः नई दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, फैजाबाद, अयोध्या, श्रीनगर, बड़गाम, अनंतनाग, जम्मू-तवी, ऊधमपुर, अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, अंबाला, सहारनपुर, कालका, भटिंडा, चंडीगढ़, पटियाला, बरेली, मुरादाबाद, हरिद्वार, पंजगांव, अवंतीपुर, काकापुर, दिल्ली कैंट, निजामुद्दीन, आनंदविहार, गाजियाबाद

नॉर्थ सेंट्रल रेलवेः आगरा, मथुरा, झांसी, कानपुर, प्रयागराज

नॉर्थ ईस्टर्न रेलवेः लखनऊ, गोरखपुर, छपरा

नॉर्थ फ्रंटियर रेलवेः गुवाहटी, दीमापुर, न्यू जलपाईगुड़ी, लम्डिंग, मेबॉन्ग, कटिहार, किशनगंज, सिलीगुड़ी, कोकराझार, डिब्रूगढ़, जोरहट टाउन

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवेः जयपुर, अजमेर, बीकानेर, जोधपुर

सदर्न रेलवेः त्रिवेंद्रम, एर्नाकुलम, कोयंबटूर, मदुरै, कालीकट, तिरुचरापल्ली, मैंगलोर, चेन्नई सेंट्रल, चेन्नई, बीच, मांबालम, टंबारम, बेसिन ब्रिज, त्रिवल्लूर

साउथ सेंट्रल रेलवेः सिकंद्राबाद, हैदराबाद, तिरुपति

साउथ ईस्टर्न रेलवेः खड़गपुर, रांची, टाटानगर, राउरकेला, बोकारो, पुरुलिया, अदरा, मुरी, मिदनापुर

साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवेः बिलासपुर, रायपुर, गोन्डिया

साउथ वेस्टर्न रेलवेः बैंगलुरु, यशवंतपुर, मैसूर

वेस्ट सेंट्रल रेलवेः भोपाल और इटारसी

वेस्टर्न रेलवेः सूरत, वडोदरा, गोधरा, अहमदाबाद, उज्जैन, चर्चगेट, मरीन ड्राइव, चर्नी रोड, ग्रांट रोड, मुंबई सेंट्रल, महालक्ष्मी, लोअर परेल, प्रभादेवी, दादर, माटुंगा रोड, माहिम, बांद्रा, बाद्रा टर्मिनल, खार रोड, सांताक्रूज, विले पार्ले, अंधेरी, जोगेश्वरी, गोरेगांव, मालाड, कांदिबली, दहिसर, मीरा रोड, भायंदर, नयागांव, वसई रोड, नाला सोपारा, विरार, पालघर, बोइसर.


सोमवार, 7 जनवरी 2019

महज़ जुमलेबाजी बनकर ना रह जाये सवर्ण आरक्षण बिल

सवर्ण आरक्षण बिल को पारित करने के लिए मोदी सरकार के पास है सिर्फ एक दिन

महज़ जुमलेबाजी बनकर ना रह जाये सवर्ण आरक्षण बिल। क्योंकि मोदी सरकार के पास सवर्णों को आरक्षण देने का विधेयक पारित करने के लिए सिर्फ एक दिन का समय है। कल यानी आठ जनवरी को संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है। सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के कैबिनेट में लिए गए फैसले को कानूनी जामा पहनाने के लिए कल का ही वक्त सरकार के पास है। ऐसे में संसद खुलते ही सरकार को लोकसभा में आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के लिए संशोधन विधेयक पेश करना होगा।

लोकसभा में बहुमत है तो सरकार कुछ ही समय में विधेयक पास करा ले जाएगी। फिर क्या यह विधेयक राज्यसभा में भी उसी दिन पास हो पाएगा? वह भी तब, जबकि सरकार के पास उच्च सदन में बहुमत नहीं है। इस प्रस्ताव को संविधान सभा को भेजने की विपक्ष मांग उठा सकता है। जिससे देरी लग सकती है। हालांकि सियासी जानकार बताते हैं कि कांग्रेस सहित कई दल चुनावी सीजन में इसका सपोर्ट भी कर सकते हैं, क्योंकि अगड़ी जातियों को वे भी नाराज नहीं कर सकते।

फिर भी संसद के एक ही कार्यदिवस में इतने बड़े प्रस्ताव के पास होने की उम्मीद कम है। इसके लिए या तो कल चर्चा के दौरान संसद को देर शाम तक गतिशील किया जा सकता है या फिर 11 दिसंबर से आठ जनवरी के शीतकालीन सत्र को दो से तीन दिन बढ़ाने का फैसला हो सकता है। इसके अलावा सरकार के पास कोई चारा नहीं है।


लोकसभा चुनाव के ठीक पहले सरकार को याद आये सवर्ण

सरकार ने लिया बड़ा फैसला, आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक खेला है! मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि वह सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देगी। सोमवार को मोदी कैबिनेट की हुई बैठक में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगाई गई। कैबिनेट ने फैसला लिया है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर सकती है। सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है।

सरकार के इस बड़े फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि गरीब सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिए. पीएम मोदी की नीति है कि सबका साथ सबका विकास। सरकार ने सवर्णों को उनका हक दिया है। पीएम मोदी देश की जनता के लिए काम कर रहे हैं।

मालूम हो कि करीब दो महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। हाल ही में संपन्न हुए मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार हुई थी। इस हार के पीछे सवर्णों की नाराजगी को अहम वजह बताया जा रहा है।

रविवार, 16 दिसंबर 2018

पूंजीपतियों की पक्षधर है मोदी सरकार

मोदी सरकार गरीबों की नहीं पूंजीतियों की है पक्षधर  

 गरीब कर रहे हैं त्राहि-त्राहि 


यह मोदी सरकार पूंजीपतियों का पालक और पोषक है।इसके कई उदाहरण है।मेरी यह बात अंधभक्तों को नागवार गुजरेगी।कोई बात नहीं
अंधभक्तों जरा मेरे इस तथ्य पर गौर जरूर करेंगे। उसके बाद ही अपनी प्रतिक्रिया देंगे।

यह सरकार पूंजीपतियों का पोषक है ? कैसे।
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पूर्व की सभी सरकारों ने गरीब के हित को ध्यान में रखा। कभी भी उसे फजीहत में नही डाला। यँहा तक की अटल_बिहारी_बाजपेयी_की_सरकार_ने_भी।
                 लेकिन मोदी सरकार ने कभी भी गरीबों का ध्यान नहीं रखा। यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही रूप से पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही है। बीते साढ़े चार वर्षों में गरीबों पर पहाड़ तोड़ कर रख दिया है।

              सुदूर ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्र में जितनी भी मोबाइल कम्पनियां कार्यरत है उसका नेटवर्क भगवान भरोसे चल रहा है। उन सभी मोबाइल कम्पनियो के मालिक पूंजीपति है।
BSNL (सरकारी) की स्थिति भी ठीक नहीं है।
नतीजतन उपभोक्ता एक या दो कम्पनियो का ग्राहक बन गया है। ताकि एक कम्पनी के नेटवर्क की खराबी के बाद भी उनका सम्पर्क देश दुनियां से बना रहे।
     पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में इसके लिए उपभोक्ताओं को इसके लिए कोई अत्यधिक बोझ उठाना नही पड़ता था।

लेकिन मोदी_राज में स्थिति काफी विपरीत हो गयी है।

1. मोबाइल कम्पनियों ने 30 दिनों के बदले 28 दिन का महीना बना दिया।
2. अब हर अलग-अलग नेटवर्क कम्पनियों के नम्बर की वेलिडिटी मात्र 28 दिनों की हो गयी है। जबकि पूर्व में ऐसा नहीं था।
3. हर नेटवर्क के नम्बर की जीवित रखने के लिए अब कम से कम 35/-₹ या उससे अधिक की राशि प्रति नम्बर हर 28 दिनों के लिए देना अनिवार्य हो गया है।
                             यदि आप यह राशि नहीं देते है। तो आपके नम्बर पर न तो कोई आउटगोइंग की और न ही इनकमिंग की सुविधा रहेगी। जबकि पहले ऐसा नहीं था।

#अंधभक्तों_जरा_गौर_करेंगे!!!!!!
           अभी भी काफी संख्या में ऐसे मोबाइल धारक है। जो सिर्फ अपने काम से मतलब रखने के लिए मोबाइल का उपयोग करते है।
          कई ऐसे उपभोक्ता है जो सिर्फ मिस कॉल करके ही अपना काम चला लेते थे।
           कई उपभोक्ता अब भी ऐसे है जो महीने में एक या दो बार ही मोबाइल का उपयोग करते हैं। बाकी समय वह अपने निजी कामों में व्यस्त रहते हैं। लेकिन देश-दुनियां-परिवार-समाज के सम्पर्क में बने रहने के लिए मोबाइल का प्रयोग करते है।

जिनपर #मोदी_सरकार ने अतिभार लगा दिया है।

यह तो महज एक बानगी मात्र है। और भी मुद्दे हैं।
 जिस कारण मोदी_राज_में_आम_गरीब_त्राहि_त्राहि_कर रहे हैं।
जिसके दर्द को समझने की जरूरत है।



बुधवार, 5 दिसंबर 2018

ट्रेन के हर डिब्बे पर लिखे नम्बर में छिपा है एक रहस्य


ट्रेन के हर डिब्बों पर लिखे  5 अंकों के नंबरों का मतलब क्या होता है .. आइये जाने

       हमारे देश में ट्रेनें यातायात का मुख्य साधन है। भारत में हर रोज लाखों लोग ट्रेन में सफर करने है यहां गरीब से लेकर अमिर तक बच्चों से लेकर बुड्ढों तक इस में हर वर्ग के लोग रेल के सफर का आनंद लेते हैं दरअसल रेल की यात्रा अपने आप में बहुत रोमांचक होती है।

आपने भी कभी ना कभी रेल में यात्रा की ही होगी लेकिन क्या आपने ट्रेन पर लिखी कुछ जानकारियां को नोटिस किया है, आपको बता दें कि सभी ट्रेनों पर कई सारी महत्वपूर्ण जानकारियां लिखी होती हैं जो बहुत काम की होती हैं लेकिन इन पर लोग बहुत कम ध्यान देते हैं और इन से अभी तक बहुत लोग अंजान है। ट्रेन के सफर के दौरान आपने देखा होगा कि हर रेल पर 5 नंबर लिखे होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इन नंबरों के लिखने के पीछे क्या कारण है, दरअसल ये नंबर एक बहुत ही खास वजह से लिखे जाते हैं जिनसे हम उस ट्रेन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आज हम आपको ट्रेन पर लिखें जाने वाले इन्हीं नंबरों के बारे में बताने जा रहे हैं तो आईये जानते हैं।

जो ट्रेन 0 नंबर से शुरू होती है वह ट्रेन स्पेशल होती है। दरअसल यह ट्रेन किसी खास मौके या किसी बड़े त्यौहार जैसे होली या दिवाली के समय चलाई जाती है। इसके अलावा किसी पूजा स्थल पर श्रद्धालुओं को लाने ले जाने के लिए ये ट्रेन चलती हैं। जो ट्रेन 1 नंबर से शुरू होती है वह लम्बे रूट के लिए चलाई जाती है, जो की एक्सप्रेस ट्रेन होती है और इसको छोटे स्टेशनों पर नहीं रोका जाता यह सिर्फ बड़े शहरों में रूकती है।

जो ट्रेन 2 नंबर से शुरू होती है वह भी लंबी दूरी की ट्रेन को दर्शाता है। इसलिए 1 और 2 नंबर से शुरू होने वाली दोनों ही ट्रेन लंबे रूट के लिए जानी जाती है जो ट्रेन 3 नंबर से शुरू होती है वह कोलकाता सब अर्बन ट्रेन के बारे में जानकारी देती है। 4 नबंर से शुरू होने वाली ट्रेनें चेन्नई, नई दिल्ली, सिकंदराबाद सहित जो अन्य मेट्रो सिटीज है उनको दर्शाती है।

नंबर 5 से शुरू होने वाली ट्रेन कन्वेंशनल कोच वाली पैसेंजर ट्रेन होती है। नंबर 6 वाली ट्रेनें मेमू ट्रेन होती है। नंबर 7 से शुरू होने वाली ट्रेन डूएमयू और रेलकार सर्विस के लिए होती है। नंबर 8 से शुरू होने वाली ट्रेनें हमें मौजूदा समय में आरक्षित स्थिति के बारे में जानकारी देती है। नंबर 9 से शुरू होने वाली ट्रेनें मुंबई क्षेत्र की सब-अर्बन ट्रेनों के बारे में बताती है।

तो आपको अब पता लग गया होगा की ट्रेनों पर ये नंबर क्यों लिखे होते हैं अगली बार आप जब कभी अपने परिवार या मित्रों के साथ ट्रेन में सफर करने के लिए जाएं तो आप इन नंबरों को देखकर आसानी से पता लगा सकेंगे की कौन सी ट्रेन किस से संबंधित हैं और अपने दोस्तों को भी इस बारे में बताकर उनके सामने स्मार्ट बन सकते हो। आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके जरूर बताएं और शेयर भी जरूर करें ताकी और लोगों को भी इस बारे में पता लग सके।

मंगलवार, 27 नवंबर 2018

रसोई गैस की सब्सिडी राशि भुगतान मामले में होगा बदलाव

     रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को देखते हुए गैस सब्सिडी की राशि मामले में सरकार ने लिया अहम फैसला

* सब्सिडी राशि खाते में जमा करने की व्यवस्था में बदलाव करने का सरकार ने लिया फैसला 



नई दिल्ली: रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने सब्सिडी की राशि खाते में जमा करने की व्यवस्था में बदलाव करने का फैसला किया है। सरकार ने यह फैसला कई ग्राहकों को एकमुश्त राशि चुकाने में आ रही दिक्कतों को देखकर लिया है।

अब उपभोक्ताओं को सब्सिडी की कीमत में ही गैस सिलिंडर मिलेगा और सब्सिडी की राशि का भुगतान सरकार ग्राहकों को करने  के बजाय सीधे पेट्रोलिम कंपनियों को करेगी।

जानकारी के अनुसार पेट्रोलियम मंत्रालय गैस सिलिंडर की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सब्सिडी देने के लिए जल्द नया तरीका अपनाने की तैयारी में है। इसके लिए गैस सब्सिडी का नया सॉफ्टवेर बनाया जा रहा है। इसके तहत गैस उपभोक्ताओं को सिलिंडर की सिर्फ सब्सिडी कीमत ही देनी होगी।

 वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि डीबीटी के नए तरीके में गैस बुक होने के बाद उपभोक्ता के मोबाइल पर एसएमएस के जरिए एक कोड भेजा जाएगा।  गैस सिलिंडर आने पर उपभोक्ता को वह कोड दिखाना होगा।  इसके बाद सरकार सब्सिडी की राशि सीधे कंपनी को भुगतान करेगी।  ऐसे में उपभोक्ता को सिर्फ गैस सिलिंडर के सब्सिडी के दाम ही चुकाने होंगे।

मालूम हो कि सरकार पहले ही उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 14.2 किलो के सिलिंडर के बजाय सुविधानुसार पांच किलो के सिलिंडर बुक करने का विकल्प दिया है। इस बदलाव के कारण पहले जहां गैस उपभोक्ताओं को दिल्ली में 942.50 रूपए चुकाने होते थे। वहीं अब 507.42 रूपए चुकाने होंगे।

साथ ही डीबीटी के इस नए तरीके से गैस एजेंसियों और उपभोक्ता की मिलीभगत पर भी लगाम लगेगी। इसकी शुरुआत उज्ज्वला योजना के तहत की जाएगी।

शनिवार, 17 नवंबर 2018

राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर चंद पंक्तियाँ पत्रकार के नाम

"पत्रकार" कहलाता हूँ..!! 

खबर  रोज बनाता हूँ..,
कलम और कैमरा से लोगों का हाल बताता हूँ..,,
गमगीन हूँ, हालात से लड़ता हूँ..,
दोस्त कम और दुश्मन ज्यादा बनाता हूँ..,
दो लफ्ज़ लिखकर दुनिया बदलने की कोशिश करता हूँ..,,
फिर भी लोगों की नज़र में खटकता हूँ..,
शायद कुछ नही हूँ..,,
पर चार अक्षर का नाम हैं मेरा..,
"पत्रकार" कहलाता हूँ..!!

न कलम बिकती हैं न कलमकार बिकता है
खबरों के गुलदस्ते से अखबार बिकता है।।
क्यो सोंच की तंग गलियों से निकलते नही
सराफत के बाजार में हाल चाल बिकता है।।
दुनिया ने कभी पलट कर पूछा हो तो बताओ
बस कह कर रह जाते हो पत्रकार बिकता है।।
कितना जलकर देते हैं दुनिया भर की खबर
कलेजे वाला इंसान ही अखबार और टीवी चैनल में टिकता है.

राजेश कुमार
   "पत्रकार"
गिरिडीह।(झारखण्ड)

शुक्रवार, 16 नवंबर 2018

अक्षय फल देनेवाली है अक्षय नवमी

"अक्षय फल देनेवाली है अक्षय नवमी"

भारतीय सनातन पद्धति में पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए महिलाओं द्वारा आँवला नवमी की पूजा को महत्वपूर्ण माना गया है। कहा जाता है कि यह पूजा व्यक्ति के समस्त पापों को दूर कर पुण्य फलदायी होती है। जिसके चलते कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को महिलाएं आँवले के पेड़ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर अपनी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करती हैं।

आँवला नवमी को अक्षय नवमी के रूप में भी जाना जाता है। अक्षय नवमी को जप, दान, तर्पण, स्नानादि का अक्षय फल होता है | इस दिन आँवले के वृक्ष के पूजन का विशेष महत्व  है | पूजन में कर्पूर या घी के दीपक से आँवले के वृक्ष की आरती करनी चाहिए तथा निम्न मंत्र बोलते हुये इस वृक्ष की प्रदक्षिणा करने का भी विधान है ।

प्रदक्षिणा मंत्र :
यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च |तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणपदे पदे ||

इसके बाद आँवले के वृक्ष के नीचे पवित्र ब्राम्हणों व सच्चे साधक-भक्तों को भोजन कराके फिर स्वयं भी करना चाहिए | घर में आंवलें का वृक्ष न हो तो गमले में आँवले का पौधा लगा के अथवा किसी पवित्र, धार्मिक स्थान, आश्रम आदि में भी वृक्ष के नीचे पूजन कर सकते है | कई आश्रमों में आँवले के वृक्ष लगे हुये हैं | इस पुण्यस्थलों में जाकर भी आप भजन-पूजन का मंगलकारी लाभ ले सकते हैं |

इस दिन द्वापर युग का प्रारंभ हुआ था। कहा जाता है कि आंवला भगवान विष्णु का पसंदीदा फल है। आंवले के वृक्ष में समस्त देवी-देवताओं का निवास होता है। इसलिए इसकी पूजा करने का विशेष महत्व होता है।


आँवला नवमी की कथा:-

पुत्र रत्न प्राप्ति के लिए आँवला पूजा के महत्व के विषय में प्रचलित कथा के अनुसार एक युग में किसी वैश्य की पत्नी को पुत्र रत्न की प्राप्ति नहीं हो रही थी। अपनी पड़ोसन के कहे अनुसार उसने एक बच्चे की बलि भैरव देव को दे दी। इसका फल उसे उल्टा मिला। महिला कुष्ट की रोगी हो गई।

इसका वह पश्चाताप करने लगे और रोग मुक्त होने के लिए गंगा की शरण में गई। तब गंगा ने उसे कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आँवला के वृक्ष की पूजा कर आँवले के सेवन करने की सलाह दी थी।

जिस पर महिला ने गंगा के बताए अनुसार इस तिथि को आँवला की पूजा कर आँवला ग्रहण किया था, और वह रोगमुक्त हो गई थी। इस व्रत व पूजन के प्रभाव से कुछ दिनों बाद उसे दिव्य शरीर व पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, तभी से हिंदुओं में इस व्रत को करने का प्रचलन बढ़ा। तब से लेकर आज तक यह परंपरा चली आ रही है।

व्रत की पूजा का विधान:-


नवमी के दिन महिलाएं सुबह से ही स्नान ध्यान कर आँवला के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा में मुंह करके बैठती हैं।इसके बाद वृक्ष की जड़ों को दूध से सींच कर उसके तने पर कच्चे सूत का धागा लपेटा जाता है।तत्पश्चात रोली, चावल, धूप दीप से वृक्ष की पूजा की जाती है।महिलाएं आँवले के वृक्ष की १०८ परिक्रमाएं करके ही भोजन करती हैं।



गुरुवार, 15 नवंबर 2018

अपना कोई नहीं

एक कविता :
              "अपना कोई नहीं"


"अपना कोई नहीं"

जो लेख लिखे हमारे कर्मों ने
उस लेख के आगे कोई नहीं।

केवल कर्म ही अपना संगी है
मुसीबत में अपना कोई नहीं।

सीता के रखवाले राम थे
जब हरण हुआ तब कोई नहीं।

द्रौपदी के पाँच पाण्डव थे
जब चीर हरा तब कोई नहीं।

दशरथ के चार दुलारे थे
जब प्राण तजे तब कोई नहीं।

रावण भी शक्तिशाली थे
जब लंका जली तब कोई नहीं।

श्री कृष्ण सुदर्शनधारी थे
जब तीर लगा तब कोई नही।

लक्ष्मण भी भारी योद्धा थे
जब शक्ति लगी तब कोई नहीं।

शरशैय्या पर पड़े पितामह
पीड़ा का सांझी कोई नहीं।

अभिमन्यु राजदुलारे थे
पर चक्रव्यूह में कोई नहीं।

सच यही है दुनिया वालो
सँसार में अपना कोई नहीं।