रविवार, 6 दिसंबर 2015

क्षणिकाएँ

क्षणिकाएँ:-

इस दुनिया में
लाखों लोग रहते हैं
कोई हँसता है तो कोई रोता है
पर दुनिया में
सुखी वही होता है
जो शाम को
दो पैग लगा कर सोता है।

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