तीन साल से अधिक समय तक एक ही स्थान पर नहीं रहे कोई क्लर्क
शिक्षा विभाग ने जिलों को दिया निर्देश
आदेश नहीं मानने वाले क्लर्कों को दी जाये अनिवार्य सेवानिवृत्ति
यह भी कहा गया है कि जो क्लर्क व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए तबादले के बाद नवपदस्थापन जगह पर योगदान देने से इन्कार करते हैं तो उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने पर विचार किया जाएगा।
डीईओ और डीएसई को दिया गया निर्देश
विभाग के संयुक्त सचिव आदित्य कुमार आनंद ने इस आशय का आदेश जारी करते हुए सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशकों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों को इसे अविलंब लागू करने को कहा है। उन्होंने पांचों प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी लिपिक एक कार्यालय में तीन वर्ष से अधिक समय तक पदस्थापित न रहे।
तबादले में कैबिनेट विभाग द्वारा 8 दिसंबर 2017 को जारी आदेश लागू होगा। अर्थात ऐसा तबादला अगले जून माह में ही होगा। तबतक ऐसे लिपिकों की पहचान के अलावा अन्य प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
एक ही स्थान पर जमे रहने से क्लर्क करते हैं मनमानी
संयुक्त सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्कूलों में कार्यरत लिपिकों को भी इसी के अनुरूप तबादला करने को कहा है। यह भी कहा गया है कि इसकी मॉनीटरिंग विशेष सचिव सह माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में प्रमंडलीय नोडल पदाधिकारियों के साथ की जाएगी। विभाग का मानना है कि एक जगह बहुत दिन तक यदि कोई क्लर्क रहता है तो वह मनमानी करने लगता है। वह अपनी सुविधा के अनुसार चीजें थोपने लगता है।
होगी बाबू वाली संस्कृति का खात्मा
इस आदेश के बाद ऐसे क्लर्क पर नकेल कसेगी। विभाग के कामकाज में भी सुधार होगा। बाबू वाली संस्कृति भी खत्म होगी।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के समक्ष संताल प्रमंडल में लिपिकों के स्थानांतरण में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है। वहां लिपिकों के तबादला करने के बाद फिर से पुराने पदस्थापित स्थल पर उनका नियम विरुद्ध प्रतिनियोजन कर दिया गया है। यह मामला सामने आने के बाद ही विभाग ने उक्त आदेश जारी किया।
शिक्षा विभाग ने जिलों को दिया निर्देश
आदेश नहीं मानने वाले क्लर्कों को दी जाये अनिवार्य सेवानिवृत्ति
न्यूज़ अपडेट,रांची : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रमंडल, जिला और अन्य कार्यालयों के अलावा स्कूलों में कार्यरत कोई भी क्लर्क तीन साल से अधिक समय तक एक ही जगह पदस्थापित नहीं रहेगा। विभाग ने ऐसे सभी लिपिकों की पहचान कर उनका तबादला करने का आदेश दिया है।
यह भी कहा गया है कि जो क्लर्क व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए तबादले के बाद नवपदस्थापन जगह पर योगदान देने से इन्कार करते हैं तो उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने पर विचार किया जाएगा।
डीईओ और डीएसई को दिया गया निर्देश
विभाग के संयुक्त सचिव आदित्य कुमार आनंद ने इस आशय का आदेश जारी करते हुए सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशकों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों को इसे अविलंब लागू करने को कहा है। उन्होंने पांचों प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी लिपिक एक कार्यालय में तीन वर्ष से अधिक समय तक पदस्थापित न रहे।
तबादले में कैबिनेट विभाग द्वारा 8 दिसंबर 2017 को जारी आदेश लागू होगा। अर्थात ऐसा तबादला अगले जून माह में ही होगा। तबतक ऐसे लिपिकों की पहचान के अलावा अन्य प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
एक ही स्थान पर जमे रहने से क्लर्क करते हैं मनमानी
संयुक्त सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्कूलों में कार्यरत लिपिकों को भी इसी के अनुरूप तबादला करने को कहा है। यह भी कहा गया है कि इसकी मॉनीटरिंग विशेष सचिव सह माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में प्रमंडलीय नोडल पदाधिकारियों के साथ की जाएगी। विभाग का मानना है कि एक जगह बहुत दिन तक यदि कोई क्लर्क रहता है तो वह मनमानी करने लगता है। वह अपनी सुविधा के अनुसार चीजें थोपने लगता है।
होगी बाबू वाली संस्कृति का खात्मा
इस आदेश के बाद ऐसे क्लर्क पर नकेल कसेगी। विभाग के कामकाज में भी सुधार होगा। बाबू वाली संस्कृति भी खत्म होगी।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के समक्ष संताल प्रमंडल में लिपिकों के स्थानांतरण में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है। वहां लिपिकों के तबादला करने के बाद फिर से पुराने पदस्थापित स्थल पर उनका नियम विरुद्ध प्रतिनियोजन कर दिया गया है। यह मामला सामने आने के बाद ही विभाग ने उक्त आदेश जारी किया।