मंगलवार, 9 अप्रैल 2019

विक्षिप्त महिला की गला रेतकर हत्या

50 वर्षीय महिला की गला रेतकर कर हत्या, मामले के छानबीन में जुटी पुलिस

कांके में बंद बिजली बोर्ड के पुराना पावर हाउस में मिली महिला की लाश

राँची: कांके थाना क्षेत्र के बंद पड़े बिजली बोर्ड के पुराना पावर हाउस के अंदर 50 वर्षीय महिला की गला रेतकर हत्या कर दी गई। महिला की पहचान सुकुरहुट्टू की रहने वाली जीतन के रूप में  की गई है। महिला का शव देखने से आशंका जताई जा रही कि हत्या करने से पहले उसके साथ गलत किया गया। उसके बाद उसकी गला रेत कर हत्या कर दी गई। हालांकि इसकी अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की छानबीन में जुट गई है।

 इधर उधर घूमते रहती थी महिला:-

मिली जानकारी के अनुसार सुकुरहुट्टू की रहने वाली मृतिका जीतन नाम की महिला अक्सर इधर उधर घूमते रहती थी बताया जा रहा है कि उसकी दिमागी हालत थोड़ा ठीक नहीं था। बुधवार को दोपहर स्थानीय लोगों ने बंद पड़े बिजली बोर्ड के पुराना पावर हाउस में महिला का शव देखा महिला का गला धारदार हथियार से काटा हुआ था। जिसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर छानबीन में जुट गई है।

 दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका:-

कांके थाना क्षेत्र के बंद पड़े बिजली बोर्ड के पुराना पावर हाउस के अंदर सुकुरहुट्टू की रहने वाली 50 वर्षीय महिला जीतन का शव को देखने के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है कि उसके साथ पहले आरोपियों ने दुष्कर्म की घटना का अंजाम दिया फिर धारदार हथियार से गला रेत कर उसकी हत्या कर दी गई। दुष्कर्म के मामले में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस सभी मुख्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर मामले की छानबीन में जुट गई है।

नहाय खाय के साथ चैती छठ पूजा शुरू

नहाय खाय के साथ चार दिवसीय लोकास्था का महापर्व चैती छठ पूजा शुरू


गिरिडीह: लोकआस्था का महापर्व चैती छठ पूजा का चार दिवसीय आयोजन आज नहाय खाय के साथ शुरू हुआ।
इस मौके पर मंगलवार को सुबह छठव्रतियों द्वारा पुरे विधिविधान के साथ पुरे घरों की साफ़ सफाई कर भोजन बनाया और भगवान सूर्य और माताछठी की उपासना कर उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया। इस मौके कई छठव्रतियों के घर कद्दू की सब्जी और अरवा चावल का भात के अलावे चने की दाल बनाया गया। तो कई छठव्रतियों के घरों में विभिन्न प्रकार के भोजन पकाये गये। जिसमे पूड़ी सब्जी आदि भी शामिल थे।

यह प्रसाद छठव्रती के ग्रहण करने के उपरान्त घर के सभी सदस्यों के अलावे आस-पड़ोस के लोगों ने भी उक्त भोजन को प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया।

पर्व के दूसरे दिन यानि बुधवार को खरना का आयोजन होगा। जिसमे छठव्रती दिन भर का उपवास रख कर संध्या पहर मिष्टान भोजन जिसमे दूध और चीनी मिश्रित खीर और गुड़ का खीर आदि बनाकर पहले माँ छठी को भोग लगाएंगी और फिर स्वयं प्रसाद ग्रहण करेंगी। फिर यह प्रसाद सभी हित कुटुम्बों और आत्मीयजनों के बीच वितरित किया जायेगा।

वंही पर्व के तीसरे दिन यानि गुरुवार को अस्ताचल गामी सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा। जिसमे छठव्रती दिन और रात का अखण्ड और निर्जला उपवास करेंगी और शाम के वक्त डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा। जबकि पर्व के चौथे और अंतिम दिन अहले सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य अर्पित कर छठव्रती इस पर्व का पारण करेंगी।

इस पर्व के मौके पर अर्ध्य अर्पण हेतु छठ घाटों , नदियों, तालाबों की साफ़ सफाई का काम नगर निगम प्रशासन की ओर से युद्ध स्तर पर किया जा रहा है ताकि छठव्रतियों की किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो। इस त्यौहार का मुख्य आकर्षण का केंद्र गिरिडीह का अरगाघाट छठ घाट होगा। जंहा काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर अस्ताचलगामी और उदयमान सूर्य को अर्ध्य अर्पित करेंगे।

पलामू : कुल 23 प्रत्याशियों ने किया नामांकन

पलामू लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए अंतिम दिन 14 प्रत्याशियों ने किया नामांकन



     लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर 13 पलामू (अ0जा0) लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन 9 अप्रैल 2019 को 14 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया।

  अंतिम दिन नामांकन पत्र दाखिल करने वालों में अंजना भुईयां (बसपा), जोरावर राम (निर्दलीय), अमरिंद्र पासवान (भारतीय लोक सेवा दल), मदन राम (निर्दलीय), योगेन्द्र प्रसाद (पीपीआई), बबन भुईंया (जयप्रकाश जनता दल), बालकृष्ण पासवान (अंबेदकर नेशनल कॉग्रेस), श्रवण कुमार रवि (निर्दलीय), विजय कुमार (निर्दलीय), प्रयाग राम (पीएसएस), रामजी पासवान (निर्दलीय), हीराराम तुफानी (निर्दलीय), चंद्रमा कुमारी (निर्दलीय), उदय कुमार पासवान (जनसंघर्ष विराट पार्टी) शामिल हैं।


गौरतलब है कि बीते 2 अप्रैल को अधिसूचना जारी होने के बाद से पलामू लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए नामांकन पत्र दाखिल किये जाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। और आज अंतिम दिन तक जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त डॉ0 शांतनु कुमार अग्रहरि के समक्ष कुल 23 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया।

इसके पूर्व 5 अप्रैल को दो और 6 अप्रैल को सात प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किये थे। जिनमे विजय राम (निर्दलीय) और सत्येंद्र कुमार पासवान (भारतीय समानता समाज पार्टी) ने 5 अप्रैल को नामांकन पत्र दाखिल किया था। जबकि दिनेश राम (निर्दलीय), घुरन राम (राजद), सुषमा मेहता (भाकपा), विष्णु दयाल राम (भाजपा), श्याम नारायण भुईंया (निर्दलीय), बृजमोहन पासवान (निर्दलीय) और उमेश कुमार पासवान (वोटर पार्टी इंटरनेशनल) ने
6 अप्रैल को नामांकन किया था।

विदित हो कि कल 10 अप्रैल को स्क्रूटनी ( नामांकन पत्रों की जांच) 12 अप्रैल को प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकेंगे। 29 अप्रैल को मतदान होना है और मतगणना 23 मई को होगी। 

सुरेश वाडेकर की आवाज में नितिन चन्द्रा की म्यूजिक वीडियो रिलीज

 सुरेश वाडेकर की आवाज से सजी नितिन चंद्रा की नई भोजपुरी म्यूज़िक वीडियो रिलीज


नितिन चंद्रा का नया भोजपुरी म्यूज़िक वीडियो यूट्यू पर रिलीज़ हो चूका है। जिसमें गाने का बोल है  'सन सन बहे बयार बसंती'।              अमरेंद्र राय के लिखे गीत को सुरेश वाडेकर ने स्वर दिया है और उसे मधुर संगीत से सजाया है आशुतोष सिंह ने।            म्यूज़िक वीडियो के निर्माता नीतू एन. चंद्रा, राहुल एस. यादव और नितिन नीरा चंद्रा तथा निर्देशक नितिन नीरा चंद्रा है।             इस म्यूज़िक वीडियो के कलाकार प्रतीक्षा रायऔर दीपक सिंह हैं। जिसे चम्पारण टॉकीज़ के  यूट्यूब चॅनेल 'बेजोड़' से रिलीज़ किया गया है। 


नितिन चंद्रा अपने प्रारम्भिक समय से ही भोजपुरी, मैथिलि, मगही इत्यादि भाषाओँ में कुछ बेहतर 
करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। और इसका परिणाम भी अच्छा मिल रहा है। 
            वैसे तो ये आज किसी पहचान के मोहताज  नहीं हैं। लेकिन फिर भी आपको  बता दूँ की नितिन चंद्रा बिहार के एकमात्र निर्देशक हैं जिनकी भोजपुरी  फ़िल्म 'देसवा' का चयन इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया - गोवा में हुआ था।  ये एकमात्र निर्देशक हैं जिनके द्वारा बनायीं गयी मैथिलि फ़िल्म 'मिथिला मखान' को तत्कालीन  राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित  किया था।


भोजपुरी में जहाँ एक ओर अश्लीलता की भरमार है वंही दूसरी ओर नितिन चंद्रा द्वारा साफ़-सुथरा वीडियो तथा फिल्मे बनाकर उलटी दिशा में गंगा  बहाने की कोशिश करना प्रशंसनीय है।           ये बिहार की भाषाओं में अच्छी गुणवत्ता की म्यूज़िक वीडियो, शॉर्ट फ़िल्म तथा फीचर फ़िल्म बनाने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहते हैं।               उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए इन्होने भोजपुरी में एक नया म्यूज़िक वीडियो बनाया है।आप सब इस गाने को ज़रूर सुनिए क्योंकि इस प्रकार का गीत-संगीत सुनना एक अलग अनुभव है और भोजपुरी में ऐसे गाने विरले ही मिलते हैं|    

सोमवार, 8 अप्रैल 2019

झारखण्ड : तीन आदिवासी पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दाव पर

लोकसभा चुनाव : तीन आदिवासी पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दाव पर


झारखंड में चार चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव होना है। आसन्न लोकसभा चुनाव में प्रदेश के तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी किस्‍मत आजमा रहे हैं। खूंटी, कोडरमा और दुमका लोकसभा सीटों के लिए चुनाव में इस बार क्रमश: अर्जुन मुंडा (भाजपा), बाबूलाल मरांडी  (झाविमो) और शिबू सोरेन  (झामुमो) चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। 
खास बात यह है कि तीनों पूर्व मुख्यमंत्री आदिवासी समुदाय से हैं। अर्जुन मुंडा और शिबू सोरेन जहां आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों खूंटी और दुमका से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं बाबूलाल मरांडी सामान्य श्रेणी की सीट कोडरमा से चुनाव लड़ रहे हैं।

झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक ने कोडरमा लोकसभा सीट से सूबे के प्रथम मुख्यमंत्री सह झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी को मैदान में उतारा है। नवंबर 2000 में राज्य बनने के बाद वह झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने थे। तब उन्होंने राज्य में भाजपा सरकार का नेतृत्व किया था।

हालांकि, बाबूलाल मरांडी ने 2006 में भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी और झारखंड विकास मोर्चा के नाम से अपनी अलग पार्टी बना ली। वर्तमान चुनावी माहौल में झाविमो यूपीए महागठबंधन में शामिल है। इस गठबंधन में कांग्रेस और झामुमो के अलावा राजद भी शामिल है। हालांकि, टिकट बंटवारे से नाखुश राजद ने न केवल पलामू सीट के अलावा चतरा से भी उम्‍मीदवार खड़ा कर दिया है। बल्कि चुनाव में अकेले दम पर सभी 14 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।

बकौल बाबूलाल मरांडी लोग केंद्र की नरेंद्र मोदी और राज्‍य की रघुवर दास सरकार दोनों से तंग आ चुके हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में महागठबंधन झारखंड में बड़ी जीत दर्ज करेगा। मरांडी पहली बार भाजपा के टिकट पर 2004 में लोकसभा के लिए चुने गए थे। हालांकि, वह 2014 का लोकसभा चुनाव हार गए।

वंही झारखण्ड आंदोलन के प्रणेता सह झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन इस बार के लोकसभा चुनाव में पुनः दुमका लोकसभा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। दिशम गुरु के नाम से प्रख्यात शिबू सोरेन अब तक तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने है और सात बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन की प्रतिष्‍ठा भी दांव पर होगी। झामुमो ने उन्हें लगातार आठवीं बार दुमका सीट से अपना उम्‍मीदवार बनाया है। 
शिबू सोरेन के अनुसार क्षेत्र की जनता केंद्र व राज्य की सरकारों के तुगलकी फरमानों से आजीज आ चुकी है। जनता आसन्न चुनाव में बदलाव का पक्षधर है। 

जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा को पूर्व लोकसभा उपाध्‍यक्ष और खूंटी सीट से निवर्तमान सांसद कडि़या मुंडा के स्थान पर उतारा है। जहां उन्‍होंने कडि़या मुंडा से आशीर्वाद लेकर चुनावी अभियान का आगाज किया है।  पूर्व मुख्‍यमंत्री अर्जुन मुंडा पहली बार 2009 में जमशेदपुर सीट से लोकसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने 2010 में झारखंड का मुख्यमंत्री बनने के बाद सांसद के रूप में यह सीट छोड़ दी थी।

अर्जुन मुंडा ने कहा कि  एक समर्पित पार्टी कार्यकर्ता के रूप में मैंने पार्टी के फैसले को स्वीकार किया है। मुझे विश्वास है कि लोग यह सुनिश्चित करने के लिए मतदान करेंगे कि नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें।





शनिवार, 6 अप्रैल 2019

राजद छोड़ जाजद में शामिल हुये लालु पुत्र तेजप्रताप

लालटेन छोड़ डीजल पम्प थामा तेजप्रताप ने , किया राजद को अलविदा


पटना : लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने "लालटेन" त्याग कर "डीजल पम्प" को अपना लिया है। वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को त्याग कर जयप्रकाश जनता दल (जाजद) की सदस्यता ग्रहण कर लिया है।

 लालू परिवार में लंबे अरसे से चल रहे अंतर्कलह के बाद तेजप्रताप यादव ने आखिरकार राष्ट्रीय जनता दल को अलविदा कह दिया है। तेजप्रताप यादव ने 'लालटेन' छोड़कर अब 'डीजल पम्प' को थाम लिया है। 

कांग्रेस में शामिल हुये भाजपा के कद्दावर नेता बिहारी बाबु

कांग्रेस में शामिल हुए बिहारी बाबु शत्रुघ्न सिन्हा, कहा- 'भारी मन से भाजपा छोड़ रहा हूं'

भाजपा के कद्दावर और बिहार के पटना साहिब से सांसद बिहारी बाबु उर्फ शत्रुघ्न सिन्हा आज चैत प्रतिपदा व नव संवतसर के मौके पर कांग्रेस में शामिल हो कर एक नयी राजनीतिक पारी की शुरुवात किया हैं। कांग्रेस में शामिल होने के मौके पर उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी क्यों छोड़ रहा हूं ये सबको पता है। "मैं भारी मन से बीजेपी छोड़ रहा हूं"। 

गौरतलब है कि शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस में आने का एलान पहले ही कर दिया था। उन्होंने पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी।

शत्रुघ्न सिन्हा ने आज कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की मौजूदगी में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ली। इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हम शत्रुघ्न सिन्हा का पार्टी में स्वागत करते हैं।

कांग्रेस में शामिल होने से पहले ही शत्रुघ्न सिन्हा ने साफ कर दिया था कि वह पटना साहिब से ही चुनाव लड़ेंगे। महागठबंधन में सीटों का जो बंटावारा हुआ है उसके तहत पटना साहिब की सीट कांग्रेस के खातें में गई है। ऐसे में ये तय माना जा रहा है कि इस सीट से कांग्रेस उन्हें ही टिकट देगी। बिहार में कांग्रेस नौ सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

गुरुवार, 4 अप्रैल 2019

चित्रगुप्त प्रकटोत्सव मनायेगा कायस्थ समाज 19 को

चैत पूर्णिमा को चित्रगुप्त प्रकट उत्सव के रूप में मनायेगा गिरिडीह का कायस्थ समाज


अगामी 19 अप्रैल को चैत माह के पूर्णिमा के दिन ही हनुमान जयंती भी है, गत वर्ष की भाँति इस वर्ष भी भगवान चित्रगुप्त का प्रकट उत्सव और हनुमान जयंती संयुक्त रूप से पुरे परम्परागत तरीके से मनायी जायेगी।

नरेंद्र मोदी व नीतीश कुमार दोनों हैं ठग : राबड़ी देवी

राबड़ी देवी ने शुरू की चुनाव प्रचार एनडीए पर जमकर हमला बोला


 कहा- नरेंद्र मोदी व नीतीश कुमार दोनों हैं ठग


बिहार विधान परिषद की नेता व पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी ने भी चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। उन्होंने गुरुवार को बिहार के नवादा लोकसभा क्षेत्र में राजद प्रत्‍याशी विभा देवी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित किया। राबड़ी देवी ने अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार समेत गिरिराज सिंह को निशाना बनाया।

राबड़ी देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार दोनों ठग हैं। इन लोगों ने जनता को ठगने का काम किया है। नौकरी के नाम पर युवाओं काे ठगा है।

नवादा के रोह स्थित इंटर विद्यालय के मैदान में राजद प्रत्याशी विभा देवी के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राबड़ी देवी ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर भी जमकर तंज कसा। उन्‍होंने कहा कि बात-बात में गिरिराज सिंह लोगों को पाकिस्‍तान भेजने की बात करते थे, लेकिन अब वे खुद नवादा से भाग कर बेगूसराय पहुंच गए। उन्‍हाेंने कहा कि लेकिन गिरिराज सिंह बेगूसराय में भी हारेंगे।



सुप्रीम कोर्ट ने किया पूर्वमंत्री योगेन्द्र साव की सशर्त मिली जमानत रद्द

शर्त उल्लंघन के आरोप में पूर्वमंत्री योगेन्द्र साव व उनकी पत्नी की जमानत रद्द


 झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की ज़मानत को सुप्रीम कोर्ट ने आज रद्द कर दिया। योगेंद्र साव और उनकी पत्नी कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को दिसंबर 2017 में मिली सशर्त जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने की वजह से उनकी जमानत रद्द कर दी।

 दंगा भड़काने और भीड़ को उकसाने के आरोपी साव को कोर्ट ने भोपाल में रहने का आदेश दिया था। उनके झारखंड में दाखिल होने से मनाही थी। कोर्ट ने पाया कि वो झारखंड आए थे। योगेंद्र साव और उनकी विधायक पत्नी के ऊपर हजारीबाग में चल रहे मुकदमों को सुप्रीम कोर्ट ने रांची ट्रांसफर करने का भी आदेश दिया।

 18 मुकदमे हजारीबाग से रांची कोर्ट स्थानांतरित :-

 सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी विधायक पत्नी निर्मला देवी के 18 मुकदमे हजारीबाग कोर्ट से रांची स्थानांतरित कर दिया। बता दे कि दिसंबर 2017 में जस्टिस एसए बोबड़े और जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने दोनों को सशर्त जमानत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि दोनों लोग झारखंड से बाहर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रहेंगे। साथ ही शर्त लगायी थी कि वह गवाहों से किसी सूरत में संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे। इन्हें अपना पासपोर्ट भी जमा कराने के निर्देश दिये गये थे।

 सरकारी काम में बाधा पहुंचाना और सुरक्षा बलों पर हमला कराने का है आरोप :-

 पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी पर हजारीबाग जिला के बड़कागांव में एनटीपीसी के प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने एवं सुरक्षा बलों पर भीड़ से हमला कराने का आरोप है। बता दे कि बड़कागांव के ढेंगा गांव में एनटीपीसी के पकरी बरवाडीह कोल माइनिंग प्रोजेक्ट के विरोध में 14 अगस्त 2015 को पुलिस के साथ ग्रामीणों की झड़प हो गयी थी। इस मामले में योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

 सुप्रीम कोर्ट ने दी थी दिसंबर 2017 में सशर्त जमानत:-

मिली जानकारी के अनुसार श्री योगेन्द्र साव ने हाइकोर्ट में अपील की और उन्हें वहां से जमानत दे दी गयी। झारखंड सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सरकार ने कहा कि झारखंड हाइकोर्ट ने केस डायरी देखे बगैर ही योगेंद्र साव और उनकी पत्नी को जमानत दे दी। झारखंड सरकार की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने श्री साव और निर्मला देवी की जमानत रद्द कर दी। साथ ही झारखंड हाइकोर्ट को आदेश दिया कि वह फिर से मामले की सुनवाई करे। दोबारा सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने इनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
हाइकोर्ट के आदेश को योगेंद्र साव और उनकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। दिसंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें सशर्त जमानत दे दी। उस जमानत को आज को कोर्ट ने रद्द कर दिया।

अटकलों पर लगा पूर्णविराम: मैं नहीं लड़ूंगा चुनाव बोले सांसद रवींद्र पांडेय

सांसद रविंद्र पाण्डेय ने लगाया गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र की सभी अटकलों पर पूर्णविराम
मैं नहीं लड़ूंगा चुनाव बोले सांसद रवींद्र पांडेय
 
 गिरिडीह लोकसभा सीट गठबंधन के तहत आजसू के खाते में जाने के बाद से ही क्षेत्र में कई तरह की अटकलें लगायी जा रही थीं कि लेकिन उन सभी अटकलों पर रवींद्र पांडेय ने विराम लगाते हुए साफ़ कह दिया कि वह बीजेपी से बगावत नहीं करेंगे।

 रवींद्र पांडेय ने कहा है कि वह आसन्न चुनाव में चुनाव का हिस्सा नहीं बनेंगे बल्कि पार्टी के सच्चे सिपाही बने रह कर पार्टी के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे। उन्होंने पार्टी के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि केंद्र में पुनः बीजेपी की सरकार बननेवाली है। इसलिये वह चुनाव में एनडीएन की सहयोगी दल आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे चंद्रप्रकाश चौधरी को हर संभव मदद करेंगे।

रवींद्र पांडेय बुधवार को राजधानी रांची स्थित बीजेपी कार्यालय पहुंचे और झारखंड के लोकसभा चुनाव प्रभारी मंगल पांडेय से मुलाकात की। हालांकि मंगल पांडेय से उनकी क्या बात हुई इस बात की जानकारी उन्होंने नहीं दी। लेकिन साफ तौर पर यह कहा कि वो चुनाव में हर हाल में आजसू प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी के साथ बने रहेंगे और उन्हें हर सम्भव मदद करेंगे।

बहरहाल रवींद्र पांडेय के इस बयान के बाद अब साफ हो गया है कि गिरिडीह लोकसभा सीट पर यूपीए प्रत्याशी जगरनाथ महतो और एनडीए प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी के बीच आमने-सामने की टक्कर होगी।

गौरतलब है कि सांसद रवींद्र पांडेय का टिकट कटने के बाद से उनके समर्थक कई प्रकार की अटकलें लगा रहे थे। क्षेत्र में यह चर्चा आम हो गयी थी कि पाण्डेय झामुमो अथवा अन्य कोई दल या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन उन्होंने स्वयं ही सारे अटकलों पर पूर्णविराम लगा दिया। उन्होंने साफ़ कहा कि पिछली चुनाव में भाजपा झारखंड के 14 में 12 सीट जीता था इस चुनाव में सहयोगी दल आजसू के साथ मिलकर सभी 14 सीटों को जीतेगी।

बुधवार, 3 अप्रैल 2019

गिरिडीह लोकसभा सीट और दिलचस्प मुकाबला के आसार

दिलचस्प होगा गिरिडीह लोकसभा सीट पर प्रत्याशियों के बीच मुकाबला


             [राजेश कुमार]
गिरिडीह : झामुमो द्वारा जगरनाथ महतो को गिरिडीह लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिये जाने के बाद गिरिडीह सीट के लिए अब तक घोषित तीन उम्मीदवारों के बीच दिलचस्प मुकाबला होने के आसार दिख रहे हैं।


अगामी 12 मई को गिरिडीह लोकसभा के लिए मतदान होना है। जिसके लिये नामांकन की प्रक्रिया अगामी 16 अप्रैल से शुरू होगा। 24 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 26 अप्रैल तक नाम वापसी हो सकेगा। अब तक चुनाव के मद्दे नजर तीन राजनीतिक दलों ने इस सीट के लिये अपने उम्मीदवार घोषित किया है।

जिसमे एनडीए गठबंधन की ओर से भाजपा का गढ़ रहे गिरिडीह सीट से भाजपा सांसद का टीकट काट कर गठबंधन में शामिल आजसू पार्टी की झोली में यह सीट डाल दिया है और आजसू ने सूबे के मंत्री चन्द्रप्रकाश चौधरी को उम्मीदवार बनाया है।चंद्र प्रकाश चौधरी रामगढ़ से विधायक हैं। राज्य सरकार में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री के पद पर काबिज हैं। श्री चौधरी वर्ष 2009 में हजारीबाग से सांसद का चुनाव भी लड़ चुके हैं। लेकिन तब वह बुरी तरह से चुनाव हार गए थे। हालांकि श्री चौधरी गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से सक्रिय राजनीति कर रहे हैं।

वंही शिवसेना ने एक महिला प्रत्याशी सिम्मी महतो को अपना उम्मीदवार बनाया है। सिम्मी महतो एक गृहणी के साथ साथ सोशल एक्टिविस्ट हैं। इनके द्वारा एक एनजीओ के माध्यम से क्षेत्र में सामजिक कार्य काफी दिनों से संचालित की जा रही है। समाजिक कार्य से जुड़े होने के कारण इनका अपने क्षेत्र में अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है। जिसके बुते ही शिवसेना ने इन्हें चुनाव मैदान में उतार कर एक दाव खेला है।

जबकि यूपीए महागठबंधन के तहत गिरिडीह सीट झामुमो को मिलने के बाद झामुमो ने लगातार तीन बार डुमरी से विधायक रह चुके जगरनाथ महतो को अपना उम्मीदवार बनाया है। जगरनाथ महतो तीनो ही बार महतो प्रत्याशी को ही पछाड़ कर इस सीट पर काबिज हुए हैं। उन्होंने दो बार लालचन्द महतो सरीखे दिग्गज नेता को पछाड़ा है तो एक बार दामोदर महतो को शिकस्त देकर डुमरी से विधायकी हासिल किया है। वहीं जगरनाथ महतो एक बार 2014 में गिरिडीह लोकसभा सीट से भाजपा के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं और दूसरे स्थान पर रहे थे।

बहरहाल अब तक के घोषित प्रत्याशियों के अनुसार इस सीट पर त्रिकोणात्मक संघर्ष के साथ दिलचस्प मुकाबला के आसार साफ़ साफ़ दिखने लगे हैं। आगे मतदाताओं के मतों पर गिरिडीह का भाग्य निर्भर है।