गिरिडीह। श्री कबीर ज्ञान मंदिर में सद्गुरु विवेक साहब का दो दिवसीय निर्वाण महोत्सव गुरुवार से शुरू हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम के पहले दिन संत कबीर के साखीग्रंथ का पाठ किया गया। बाद में सद्गुरु विवेक साहब के समाधि पर चादर अर्पण किया गया। इस अवसर पर काफी संख्या में कबीर के अनुयायी भक्त व श्रद्धालु कबीर ज्ञान मन्दिर पहुंच अखंड पाठ में भाग लिया।
वहीं इस अवसर पर नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा भाव नृत्य की प्रस्तुति की गई। इस दौरान "जागो हिंदू जागो" नामक नाटक का मंचन किया गया। नाटक के माध्यम से हिंदू संस्कृति पर मुगल आक्रांताओं का प्रहार, भारत भूमी पर पड़े उनके कलुषित कदम और उनके द्वारा की गई दरिंदगी को दर्शाया गया। जिसमें हिंदुओं की आपसी फूट के कारण हुई पराजय, लोगों के स्वार्थ के कारण राष्ट्र को हुए अहित और महान विभूतियां के त्याग का दिग्दर्शन कराया गया। बताया गया कि कैसे इतिहास को तोड़ मरोड़ कर आज के बच्चों को दिखाया पढ़ाया जाता है। नाटक के माध्यम से जिस अकबर को अकबर महान की पदवी दी गई है। उनके द्वारा हिंदू समाज पर किये गये अत्याचार और उसकी बर्बरता को दिखाया गया। वहीं दूसरी ओर महाराणा प्रताप के भीषण त्याग को भी प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर कबीर ज्ञान मंदिर को काफी आकर्षक और भव्य ढंग से सजाया गया है। 21 वर्ष पूर्व आज ही के दिन मन्दिर परिसर में गुरु गोविंद धाम मंदिर की स्थापना हुई थी। गुरु गोविंद धाम मंदिर में भगवान नारायण और सदगुरु कबीर का मनोहारी विग्रह अवस्थित है। इस मंदिर की स्थापना कर जीवन में समृद्धि और अध्यात्म दोनों को बराबर का स्थान देने का संदेश सदगुरू मां ज्ञान ने दिया है।
कार्यक्रम के पहले दिन सद्गुरु मां ज्ञान द्वारा दिव्या भजन प्रस्तुत किये गये। वहीं महाआरती और भंडारे के साथ पहले दिन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।