शनिवार, 11 जनवरी 2025

पीड़ित मानवता के उद्धारक संत थे लंगटा बाबा, समाधि पर्व पर बाबा की पालकी यात्रा आज

पीड़ित मानवता के उद्धारक संत थे लंगटा बाबा


[लंगटा बाबा के समाधि पर्व पर उनके पालकी यात्रा पर विशेष]


राजेश कुमार
जगतगुरु वामदेव, लंगेश्वरी बाबा उर्फ लंगटा बाबा। बाबा के भक्तों में अमीर, गरीब, ऊंच नीच, हिन्दु मुसलमान, सिख सभी शामिल थे। बाबा अपने सभी भक्तों एक समान मानते थे। जहां अमीर की खीर पुड़ी सामने के कुएं में यह कहकर डलवा देते थे कि ठंबी करो महाराज, वहीं गरीब की सत्तु को भी बड़े चाव से ग्रहण कर लेते थे। यही वजह है कि बाबा के समाधि पर सभी धर्म और वर्ग के भक्त मत्था टेकते हैं, चादरपोशी करते हैं और मन्नतें मांगते हैं। कहते हैं कि पीड़ितों और फरियादियों के लिए बाबा हमेशा एक उच्च कोटि के संत और साधक की भूमिका अदा करते थे। बाबा के सानिध्य में जाते ही भक्तों की सभी समस्याएं दूर हो जाती थी।

बाबा का खरगडीहा आगमनः

1870 में देवघर जाने के क्रम में नागा साधुओं का एक दल विश्राम के लिए खरगडीहा थाना परिसर में रुक था। शेष साधु दुसरे दिन अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए पर एक साधु नग्न धड़ंग अवस्था में थाना परिसर में ही धुनी रमाये बैठे रहे। कालांतर में यही साधु लंगटा बाबा के रूप में विख्यात हुए।



अंग्रेज अधिकारी ने मांगा था गलती की क्षमाः 

उस जमाने में खरगडीहा में अंग्रेज पुलिस का थाना था और परगना कार्यालय था। यहां अंग्रेज अधिकारियों का आना जाना लगा रहता था। एक बार एक अंग्रेज अधिकारी ने बाबा को थाना से अन्यत्र जाने का फरमान सुना दिया। तब बाबा ने उस अंग्रेज अधिकारी से कहा कि जा महाराज आकाश निर्मल है। जब वह अंग्रेज अधिकारी वापस लौट रहा था तो उसे रास्ते मे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अंग्रेज अधिकारी लौट कर खरगडीहा आया और बाबा से माफी मांगी। जानकारों की माने तो खरगडीहा प्रवास के दौरान बाबा ने अनेक लीलाएं की और पीड़ितों के कष्टों का निवारण भी किया। बाबा वर्ष 1910 के पुष पूर्णिमा को देह त्याग कर महासमाधि में प्रवेश कर गये।


हर वर्ष उमड़ता है बाबा की समाधि पर श्रद्धालुओं का सैलाबः 

तब से प्रत्येक वर्ष पूस पूर्णिमा के मौके पर बाबा के समाधि पर चादरपोशी के लिए न केवल झरखण्ड और बिहार के अपितु अन्य प्रान्तों के भक्तों का खरगडीहा में सैलाब उमड़ता है। बाबा के समाधि पर पहला चादरपोशी जमुआ के थानेदार द्वारा किया जाता है। वंही पहले पहर हिन्दू और दूसरे पहर मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा चादर पोशी की जाती है। 


 चादरपोशी के लिये प्रशासन चौकस

बाबा के समाधि पर्व को लेकर सेवादार समाधि स्थल की भव्य साज सज्जा करने में जुटे हैं। पूरा का पूरा बाबा का समाधि परिसर आकर्षक फूलों से सजाया जा रहा है। सेवादारों द्वारा विशाल लंगर सेवा की व्यवस्था की गई है। बाबा के भक्तों का खरगडीहा आने का सिलसिला आरम्भ हो गया है। कई भक्त और साधु संत यहां महीनों से डेरा डाले हैं। चादरपोशी हो इसके लिए प्रशासन पुरी तरह चौकस है।



भव्य मेला का होगा आयोजन

लंगटा बाबा के समाधि पर्व के अवसर पर लंगटा बाबा के समाधि स्थल खरगडीहा में भव्य मेला का भी आयोजन होगा। जिसमें खाने पीने के सामानों के साथ  विभिन्न प्रकार के घरेलू व साज श्रंगार की आकर्षक दुकानें सजेगी। वहीं मनोरंजन हेतु विभिन्न प्रकार आकर्षक झूले आदि भी रहेंगे। जिसका यहां पहुंचने वाले लोग भरपूर लुत्फ उठाएंगे। मेला के दौरान किसी प्रकार की कोई अनहोनी घटना घटित न हो इसके लिये प्रशासन पुरो तरह से सचेत है। पूरे मेला परिसर की निगरानी सीसीटीवी से की जाएगी। साथ ही भीड़ को कंट्रोल करने के लिये प्रशासन द्वारा ब्रेकेटिंग भी की गई है।


आज निकलेगी बाबा की पालकी

यूं तो समाधि पर्व पौष पूर्णिमा के दिन अर्थात 13 जनवरी को होगी। उस दिन बाबा के समाधि पर अहले 3 बजे से चादरपोशी की जाएगी। लेकिन इस समाधि पर्व के मौके पर आज 11 जनवरी को बाबा की भव्य पालकी यात्रा निकाली जाएगी। जिसमे काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। वहीं कल अर्थात 12 जनवरी को संध्या पहर महाआरती का आयोजन होगा। जबकि 13 जनवरी को चादरपोशी के साथ महालंगर भंडारा का आयोजन होगा। वहीं 14 जनवरी को खिचड़ी महाप्रसाद का वितरण किया जायेगा। जबकि 15 जनवरी को साधु संतों के बीच चादर का वितरण किया जाएगा।।