गिरिडीह को फाइलेरिया मुक्त जिला बनाने की उपायुक्त ने की जिले वासियों से अपील
गिरिडीह : राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का सोमवार को समाहरणालय सभाकक्ष में दीप प्रज्ज्वलित कर उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने शुभारम्भ किया।
मौके पर उपायुक्त श्री सिन्हा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य 2022 निर्धारित किया गया है। राज्य से फाइलेरिया का उन्मूलन "राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम" के अन्तर्गत लक्षित है। कहा कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है। जिससे पूरे बदन में सूजन आ जाती है जिसे हाथीपाव भी कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि इसके रोकथाम एवं बचाव हेतु पूरे जिले में फाइलेरिया उन्मूलन हेतु बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई हैं। कहा कि फाइलेरिया के रोकथाम हेतु एमडीए कार्यक्रम इस वर्ष 23 अगस्त से 27 अगस्त तक मनाया जाएगा। जिसके तहत लक्षित जनसमूह को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया जाएगा।
दवा का सेवन खाली पेट नही करना है : डीसी
2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिला, गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को दवा का सेवन नहीं कराना है। दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। जिला के कुल 2519014 लक्षित आबादी को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। जिले में कुल 2619 बूथ चिन्हित किए गए हैं, जिसमें कुल 5248 दवा प्रशासक द्वारा दवा सेवन करवाने का कार्य किया जाएगा।
जिला स्तर पर 07 पर्यवेक्षक एवं प्रखंड स्तर पर 509 पर्यवेक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। 23 अगस्त से 25 अगस्त तक 3 दिनों तक सभी आंगनबाड़ी केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं स्वास्थ्य केंद्र पर दवा डीईसी एवं अलबेंडाजोल की एकल खुराक खिलाई जाएगी। शेष बचे हुए व्यक्तियों को 26 अगस्त से 27 अगस्त तक दवा प्रशासक (सहिया, सेविका एवं पोषण सखी) के द्वारा घर-घर जाकर खिलाई जाएगी। दवा का सेवन मास्क का उपयोग एवं सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए करवाया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि प्रखंड स्तर पर एवं जिला स्तर से कार्यक्रम का पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण किया जाएगा। जिला स्तर एवं प्रखंड स्तर पर आरआरटी टीम का गठन किया गया है। कार्यक्रम में स्वस्थ्यविभागके अधिकारी समेत जिले के सभी वरीय अधिकारी मौजूद थे।