शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

नया साल 2020 का पहला चन्द्रग्रहण आज

नया साल 2020 का पहला चन्द्रग्रहण आज



 चन्द्रग्रहण का सूतक 4घण्टे 05 मिनट का होगा

10 जनवरी को रात 10:37 बजे से शुरू होगा ग्रहण और रात्रि  02:42 बजे तक चलेगा


न्यूज़ अपडेट, न्यूज़ डेस्क :  साल 2020 का पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण आज 10 जनवरी (दिन- शुक्रवार) को पड़ेगा। यह चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को रात 10:37 बजे शुरू होगा और  02:42Am तक चलेगा। यानी यह पहला ग्रहण 04 घंटे 05 मिनट तक चलेगा। चूंकि ग्रहण के 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक सूतक रहता है, ऐसे में मंदिरों और धार्मिक स्थलों के कपाट घ्रहण के दौरान बंद रहेंगे। ग्रणह समाप्त होने के अगले बाद अगले दिन दोपहर बाद मदिरों को गंगाजल से पवित्र किया जाएगा और फिर से पूजा पाठ शुरू होगा। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर बाहर नहीं निकलने की सला दी जाती है। जिससे के गर्भ में पल रहे बच्चे पर कोई बुरा असर न पड़े।

भारत में भी दिखेगा चंद्र ग्रहण

इस बार का चंद्र ग्रहण भारत में देखा जा सकेगा। साथ ही यूरोप, एशिया अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीपों के कई इलाकों में देखा जा सकेगा। बता दें कि इस नये साल 2020 में चार चंद्रग्रहण हैं।

 ग्रहण सूतक काल

किसी भी ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक के समय को ग्रहण काला माना जाता है।
चंद्र ग्रहण यदि 10 जनवरी को रात साढ़े दस बजे के बाद से शुरू होगा तो इससे पहले दिन में सुबह साढ़े बजे से ही सूतक काल शुरू हो जाएगा।

सूतक काल में शुभ कार्य का प्रारंभ करना मना होता है। यह सूतक काल ग्रहण के अगले दिन 11 जनवरी 2020 दोपहर 02:42 माना जाएगा। इसके बाद लोग स्नानादि करके दान आदि करेंगे।

चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक कारण

खगोल विज्ञान के अनुसार जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध पर आते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है तो चंद्र ग्रहण होता है। इसी प्रकार जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है यानी सूर्य के प्रकाश को आशिंक या पूरा कुछ समय के लिए रोक लेती है तो सूर्य ग्रहण होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है इसका किसी के जीवन पर बुरा या अच्छा  असर नहीं होता।

पत्रकार गौरी लंकेश का हत्यारा धनबाद से गिरफ्तार

 धनबाद से गिरफ्तार हुआ पत्रकार गौरी लंकेश का हत्यारा 

न्यूज़_अपडेट_धनबाद : बेंगलुरु की सांध्य मैगजीन लंकेश पत्रिका की सम्पादक पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या कांड का आरोपी ऋषिकेश देवडीकर को झारखंड के धनबाद से गुरुवार को गिरफ्तार किया गया है। 


आरोपी ऋषिकेश कतरास के व्यवसायी प्रदीप खेमका के पेट्रोल पंप में पहचान छिपा कर रह रहा था। उसे बेंगलुरु की एसआईटी ने छापेमारी कर धर दबोचा है।

विदित हो कि पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरु में हुई थी। पुलिस ने बताया कि तीन संदिग्ध गौरी के घर में घुसे और उन पर नजदीक से गोलियां चलाईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। 55 साल की गौरी लंकेश मशहूर कवि और पत्रकार पी लंकेश की बेटी थीं। वह सांध्य मैगजीन लंकेश पत्रिका की संपादक थीं। वह दक्षिणपंथी संगठनों के खिलाफ मुखर थीं और कई कट्टर हिंदूवादी संगठनों से उन्हें धमकियां भी मिल रही थीं।

बाबूलाल नेता प्रतिपक्ष और सरयू पार्टी अध्यक्ष हो सकते हैं

*बाबूलाल नेता प्रतिपक्ष और सरयू पार्टी अध्यक्ष हो सकते हैं !*


रांचीः झारखंड की राजनीति में अगले कुछ दिन काफी सनसनीखेज हो सकते हैं। कई बड़े राजनीतिक बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। चुनाव बाद राजनीति फिर गरमा सकती है। झारखंड विकास मोरचा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी व भाजपा से बागी होकर रघुवर दास को परास्त करने वाले सरयू राय चौंका सकते हैं। वही 2 सीटों से जीत हासिल करने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दुमका सीट भले छोड़ चुके हैं,पर इसे वे अपने ही घराने में रखना चाहते हैं। उनकी पत्नी कल्पना सोरेन इस सीट से झामुमो की उम्मीदवार बन सकती हैं।



*बाबूलाल मरांडी थाम सकते हैं भाजपा का झंडा, बन सकते हैं नेता प्रतिपक्ष*

झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी समेत तीन विधायक चुने गये हैं। प्रदीप यादव राजद और झामुमो से संपर्क बनाये हुए हैं। बंधु तिर्की की नजर झामुमो की ओर है। खुद सुप्रीमो भाजपा के संपर्क में हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि बाबूलाल मरांडी की भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से बात हो चुकी है। अगर वह भाजपा में शामिल होते हैं तो उन्हें विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाया जा सकता है।
भाजपा को एक मुखर और कद्दावर आदिवासी चेहरे की विधानसभा में सख्त जरूरत है। भाजपा के पास महज दो आदिवासी चेहरे फिलवक्त हैं- नीलकंठ सिंह मुंडा और कोचे मुंडा। लेकिन ये बाबूलाल मरांडी के मुकाबले कम मुखर हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व यह जान चुका है कि पार्टी में बतौर मुख्यमंत्री किसी आदिवासी चेहरे को पेश न कर पाने की उसे कीमत चुकानी पड़ी है।

*सरयू राय की हो सकती है भाजपा में वापसी, मिल सकती है संगठन की कमान*

तीसरी बड़ी सूचना अगर सच है तो सरयू राय की भाजपा में वापसी हो सकती है। इसके लिए भाजपा के भीतर ही दबंगता से बात उठ रही है। आरएसएस बैकग्राउंड और पार्टी के समर्पित नेता के रूप में उनकी पहचान रही है। वह कई बार कह भी चुके हैं कि एक आदमी की वजह से झारखंड में भाजपा जैसे सशक्त संगठन को दुर्गति झेलनी पड़ी है। उन्होंने यहां तक कहा है कि भाजपा के संस्कार उनके भीतर इस तरह भरे पड़े हैं कि बाहर रहते हुए भी उसे छोड़ या भुला पाना उनके लिए आसान नहीं। पार्टी में उनके समर्थकों-पैरोकारों की कमी नहीं है। समझा जाता है कि भाजपा उन्हें ससम्मान पार्टी में वापस लाना चाहती है। अगर वह लौटते हैं तो उन्हें पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मवारी सौंप सकती है।

*हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन हो सकती हैं दुमका से झामुमो प्रत्याशी*

तीसरी राजनीतिक बदलाव हेमंत सोरेन को लेकर है। वे दुमका और बरहेट सीटों से चुनाव जीते हैं। बरहेट उनकी पारंपरिक सीट है। इस बार उन्होंने दुमका में भाजपा की लूइस मरांडी को करीब 13 हजार वोटों से पराजित किया था। पिछली बार इस सीट पर हेमंत को हार का सामना करना पड़ा था। हेमंत ने दुका सीट खाली कर दी है, लेकिन वहां के लोगों के स्नेह और सहयोग को देखते हुए अपरोक्ष तौर पर वे इस सीट को भी अपने पास ही रखना चाहते हैं। इसलिए दबी जुबान यह चर्चा जोरों पर है कि दुमका सीट पर हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को उम्मीदवार बनायेंगे। इससे हेमंत सोरेन को दो फायदे होंगे। पहला यह कि दुमका सीट छोड़ने के बावजूद पत्नी के बहाने उस सीट पर उनकी मौजूदगी बरकरार रहेगी।
अब आते हैं हेमंत सरकार बिना शर्त बाहर से समर्थन दे रहे तीन सदस्यों वाले झारखंड विकास मोर्चा पर। बाबूलाल मरांडी अब यह मान चुके हैं कि वे अकेले अपना राजनीतिक कैरियर बरकरार नहीं रख सकते। उनके दो साथियों में एक प्रदीप यादव झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर चुनकर विधानसभा जरूर पहुंचे हैं, लेकिन उनकी दलीय निष्ठा पर संदेह जताये जा रहे हैं। चुनाव जीतने के तुरंत बाद वे रिम्स के पेयिंग वार्ड में भर्ती लालू प्रसाद से मिलने पहुंचे थे। पिछले अनुभव और ताजा हालात भी इसी बात की ओर इशारा करते हैं कि झाविमो के विधायक पाला बदल में माहिर हैं। अंदेशा है कि प्रदीप यादव भी पाला बदल सकते हैं। राजनीतिक कैरियर के आखिरी पड़ाव पर पहुंचे बाबूलाल मरांडी अब और जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। सूचना है कि बाबूलाल मरांडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बातचीत कर ली है। प्रधानमंत्री राजी भी हैं। उनकी दिली इच्छा भी है कि बाबूलाल मरांडी अपने मूल कैडर भाजपा में लौट आएं। नई विधानसभा का सत्र शुरू होने के दिन तक प्रमुख विपक्षी दल भाजपा की ओर से किसी नेता का नहीं चुना जाना इस बात का संकेत है कि पार्टी किसी बड़ी योजना पर काम कर रही है।

पत्रकारों को केंद्र सरकार का तोहफा

देश_के_पत्रकारों_को_केंद्र_सरकार_का_तोहफा
'पत्रकार वेलफेयर स्कीम' में हुआ संशोधन,लाभान्वित होंगे सभी पत्रकार

#केंद्र_सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूती प्रदान करने के लिए "पत्रकार वेलफेयर स्कीम" में संशोधन कर दिया है, यह देशभर के सभी पत्रकारों के लिए लागू हो गया है, दरअसल केंद्र सरकार ने पत्रकारों के कल्याण के लिए इस स्कीम को फरवरी 2013 में लागू किया गया था, अब इसमें संशोधन किया गया है, जिसका फायदा सभी जर्नलिस्ट्स ले सकेंगे।
 यदि किसी जर्नलिस्ट का निधन हो जाता है या फिर वह विकलांग हो जाता है, तो इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार उसके आश्रितों को 5 लाख रुपए की सहायता देगी, वहीं इलाज के लिए भी पत्रकार को सरकार की ओर से 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
 इस योजना की पात्रता के लिए एक समिति का गठन भी किया गया है, जिसके संरक्षक केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री होंगे, वहीं विभाग के सचिव अध्यक्ष, प्रधान महानिदेशक, एएस एंड एएफ, संयुक्त सचिव समिति के सदस्य हैं, वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव अथवा निदेशक सदस्य संयोजक हैं। इस समिति का काम होगा कि ये पीड़ित पत्रकार या फिर उनके परिजनों के आवेदन पर विचार करे तथा उसके मुताबिक आर्थिक सहायता देने का फैसला ले।
इस योजना के तहत एक अच्छी बात यह है कि इसमें केंद्र या राज्य सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं है।यह योजना पत्रकारों से संबंधित 1955 के एक अधिनियम "Working Journalists and other Newspaper Employes (Condition of service) And Miscellaneous Provision Act 1955" के तहत पत्रकार की श्रेणी में आने वाले देशभर के जर्नलिस्ट्स पर लागू किया गया है।

#वेब_और_टीवी_जर्नलिस्ट्स_को_भी_होगा_लाभ
वहीं, इस योजना का लाभ टेलीविजन और वेब जर्नलिस्ट्स भी ले सकेंगे। न्यूज पेपर्स के बाद टेलीविजन जगत में क्रांति आई और टीवी न्यूज चैनल्स की शुरुआत हुई, वहीं, अब वेब जर्नलिज्म का जमाना आ गया है और वेब पर भी पत्रकारिता की जा रही है।
इसके साथ ही सभी न्यूज पेपर्स के एडिटर, सब एडिटर, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो जर्नलिस्ट, फ्रीलांस जर्नलिस्ट, अंशकालिक संवाददाता और उन पर आश्रित परिजनों को भी स्कीम के दायरे में रखा गया है, इसका लाभ लेने की शर्त यह है कि कम से कम 5 साल तक पत्रकार के रूप में सेवाएं दी गई हों। स्कीम के तहत यह जानकारी भी दी गई है कि एक से पांच लाख की सहायता किन परिस्थितियों में पीड़ित पत्रकार या उनके परिजनों को दी जाएगी।
अधिक जानकारी के लिए..* http://pib.nic.in/prs/JWSguidelinesEnglish.pdf?Sel=17&PSel=2 इस लिंक पर जा सकते हैं। अथवा
महानिदेशक (मीडिया एवं संचार), प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, 'ए' विंग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली -110001 से भी संपर्क किया जा सकता है।
 जिन पत्रकारों या उनके परिजनों को सहायता चाहिए, वे विहित फॉर्म पर अपने आवेदन दिए गए पते पर भेज सकते हैं।
 तीन पृष्ठों के इस फॉर्म का नमूना प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पत्र सूचना ब्यूरो) की वेबसाइट pib.nic.in से डाउनलोड कर सकते हैं।

गुरुवार, 31 अक्टूबर 2019

वीडियो कांफ्रेंसिंग कर आयोग ने की चुनाव तैयारी की समीक्षा

चुनाव आयोग ने किया विडियो काॅफ्रेसिंग के माध्यम से अधिकारियों के साथ चुनाव तैयारी की समीक्षा




रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके संपन्न कराने को लेकर की जा रही तैयारियों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। इस दौरान राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कृपानंद झा सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी शामिल हुए। इस बाबत चुनाव प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा किए जाने वाले निर्वाचन व्यय और मीडिया के रोल को लेकर निर्वाचन आयोग ने कई निर्देश दिए। आयोग ने प्रदेश की सभी चुनावी मशीनरी को निर्देश दिया है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन व्यय पर प्रभावी निगरानी व सतर्कता बरती जाए।
      निर्देश दिया गया है कि आयोग के प्रावधानों का अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए। निर्वाचन आयोग की ओर से बताया गया कि चुनाव के दौरान मीडिया का काफी अहम रोल होता है। मीडिया की भूमिका के संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान विस्तार से बताया गया। ज्ञात हो कि जिला स्तर पर एमसीएमसी गठित कर ली गई है। इसके माध्यम से मीडिया से संबंधित तीन महत्पूर्ण मामलों का निष्पादन किया जाना है। इसके अंतर्गत इलेक्ट्रानिक मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से राजनीतिक विज्ञापनों से जुड़े मामले, पेड न्यूज से संबंधित मामले और मीडिया द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन से संबंधित मामलें का निष्पादन शामिल है।

अभ्यर्थियों के विज्ञापनों का प्री-सर्टिफिकेशन जरूरी
          चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी विधानसभा क्षेत्र में अभ्यर्थियों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया पर दिए जाने वाले विज्ञापनों का जिला स्तर पर गठित एमसीएमसी कमिटी से प्री सर्टिफिकेशन अनिवार्य है। राजनीतिक दलों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया पर विज्ञापन के प्रकाशन- प्रसारण हेतु राज्यस्तर पर गठित एमसीएमसी से प्री सर्टिफिकेशन लेना जरूरी है। इसी प्रकार प्रिंट मीडिया में मतदान और मतदान के एक दिन पूर्व किए जाने वाले प्रचार सामग्री का प्री सर्टिफिकेशन अनिवार्य होगा। ये ध्यान देना आवश्यक है कि अन्य दिनों में भी इस तरह का कोई भी प्रचार नहीं किया जाना है, जिससे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होता है।

पेड न्यूज पर कार्रवाई की जानकारी
       भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पेड न्यूज के बारे विस्तार से बताया गया। कहा गया कि पेड न्यूज से मतदाता प्रभावित और दिग्भ्रमित होते हैं। ऐसे में पेड न्यूज के संबंध में भी की जानेवाली कार्रवाई से अवगत कराया गया। पेड न्यूज पर आयोग की विशेष नजर है और प्रत्येक शुक्रवार को पेड न्यूज से संबंधित प्रतिवेदन निर्वाचन आयोग को प्रेषित किया जाना है। निर्वाचन में अब बल्क एसएमएस और बल्क कॉलिंग आज प्रचार- प्रसार का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है।
 बल्क काॅल के खर्च की देनी होगी जानकारी    
 
 इस संबंध में बताया गया कि बल्क एसएमएस और बल्क कॉलिंग का प्री सर्टिफिकेशन अनिवार्य होगा। इन बल्क एसएमएस व बल्क कॉलिंग को प्रसारित करने वाले सर्विस प्रोवाइडर द्वारा इनपर होने वाले व्यय की जानकारी भी देनी होगी। समीक्षा के क्रम में इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं सोशल मीडिया पर किए जाने वाले आपत्तिजनक प्रचार-प्रसार के विरुद्ध की जाने वाली कार्रवाई को लेकर भी जानकारी दी गई। निर्वाचन व्यय के संबंध में बताया गया कि प्रत्येक प्रकाशक- मुद्रक को सूचित किया जा सकता है कि उनके यहां चुनाव प्रचार- प्रसार से संबंधित छपने वाले सामग्रियों की तीन प्रतिया एमसीएमसी कोषांग को उपलब्ध कराई जाए। प्रमंडल स्तर पर निर्वाचन तैयारियों की होगी समीक्षा

शनिवार, 26 अक्टूबर 2019

उड़नदस्ता टीम को दी गयी c-Vigil एप की जानकारी

उड़नदस्ता टीम को दी गयी सी-भीजील की जानकारी


विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर उड़नदस्ता दल, स्थैतिक निगरानी दल और  c-Vigil Monetring Team का हुआ एक दिवसीय प्रशिक्षण




गिरिडीह-  विधासनसभा चुनाव के निमित्त शनिवार को समाहरणालय सभा कक्ष में जिला प्रशासन द्वारा चुनाव के मद्दे नजर गठित उड़नदस्ता मजिस्ट्रेटों की एक दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ।
   इसी दौरान स्थैतिक निगरानी दल और सी-भीजील मोनेटरिंग टीम को भी प्रशिक्षित किया गया।


 

     प्रशिक्षण के दौरान सभी को उनके दायित्वों एवं कर्तव्यों की विस्तृत जानकारी दी गयी। साथ ही उन्हें कितने समय के अंदर अपना कार्य पूर्ण करना है, इसकी भी जानकारी दी गयी।

प्रशिक्षण के दौरान सी-वीजील एप की जानकारी से प्रशिक्षकनार्थियों को अवगत कराया गया। एप के माध्यम से कार्य किस प्रकार की जानी है उसकी भी जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण के दौरान उड़नदस्ता मजिस्ट्रेटों को उनके मोबाइल पर उस एप को डाउनलोड कराया गया।

गौरतलब है कि आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर निष्पक्ष और शांति पूर्ण मतदान सम्पन्न कराने हेतु उड़नदस्ता मजिस्ट्रेटों की प्रतिनियुक्ति की गई हैं जो चुनाव के अनधिकृत चीजों की निगरानी करेंगे। मसलन चुनाव के दौरान किसी को रुपये देना, शराब बांटना, मतदान करने से रोकना, पार्टी विषेश के लिये मतदान करने हेतु बाध्य करना आदि की शिकायत मिलने पर उस स्थान पर पहुंच उसकी जानकारी प्राप्त करना और उसकी सूचना से निर्वाचन निबन्धक पदाधिकारी को अवगत करना आदि हे। इस हेतु निर्वाचन आयोग ने सी-वीजील एप बनाया है। जिसके माध्यम से सूचना उड़नदस्ता दल को प्राप्त होगी। प्रति मजिस्ट्रेट के साथ एक पुलिस विभाग के अधिकारी भी शामिल रहेंगे।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर प्रशिक्षक जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी एनआईसी मनीष मोहन, ई डिस्टिक मैनेजर सूर्या सरकार, UID अमित कुमार सिंह मौजूद थे। मौके पर जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी राजीव कुमार, सभी गठित टीम के प्रशिक्षार्थी, एवं जिला निर्वाचन कार्यालय के कर्मी मुख्य रूप से उपस्थित थे।

पोलिटिकल पार्टी के प्रतिनिधियों के साथ उपायुक्त ने की बैठक

राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ डीसी ने की बैठक




दिया चुनाव से सम्बंधित आदर्श आचार संहिता की विस्तृत जानकारी


गिरिडीह-  आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त ने शनिवार को जिले सभी मान्यता प्राप्त व गेरमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के अध्यक्ष, सचिव व प्रतिनिधियों के साथ बैठक किया।

समाहरणालय सभा कक्ष में पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई इस बैठक में उपायुक्त श्री सिन्हा आसन्न विधानसभा चुनाव के सम्बन्ध में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ गहन विचार विमर्श करेंगे तथा चुनाव के बावत कई दिशा निर्देश भी दिया।

      बैठक मे उपायुक्त द्वारा चुनाव के मद्दे नजर आदर्श आचार संहिता का पालन समेत कई अन्य बिंदुओं पर चर्चा किया किया। जिसमे उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने में राजनीतिक दलों का सहयोग आवश्यक है।


आदर्श आचार संहिता की जानकारी

 उन्होंने चुनाव से सम्बंधित अधिसूचना जारी होने के बाद प्रोटोकॉल के तहत 24 घण्टे, 48 घण्टे और 72 घण्टे के भीतर राजनीतिक दलों द्वारा किये जाने वाले कार्यों की जानकारी दी। जिसमे 24 घण्टे के भीतर सरकारी भवनों के दीवारों, मैदानों, में किसी भी प्रकार का पूर्व में किया गया दिवार लेखन, लगाये गए पोस्टर बेनर, होर्डिंग आदि को हटा देने को कहा।  वंही 48 घण्टे के भीतर सार्वजनिक सम्पत्तियों पर लगाये गए होर्डिंग, बैनर और पोस्टर को हटा लेने की बातें बतायी। जबकि निजी सम्पत्तियों पर अनधिकृत रूप से लगे प्रचार प्रसार सामग्री को हटा लेने को कहा। निर्धारित समय सीमा के बाद भी यदि उन स्थानों पर प्रचार सामग्री लगी दिखने पर उस राजनीतिक दल के विरुद्ध आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की कार्रवाई होने की बात बताया।

MCMC कमेटी और पेड़ न्यूज़

मौके पर उपायुक्त में MCMC कमेटी और पेड़ न्यूज़ की भी चर्चा किया।  उन्होंने कहा कि प्रचार सामग्री में धार्मिक बातों, धार्मिक चित्रों आपत्ति जनक बातों आदि का प्रयोग नहीं किया जाय। उन्होंने पेड़ न्यूज़ पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इस पर टीम की पैनी निगाह रहेगी। यदि पेड़ न्यूज़ पायी गयी तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। सम्बन्धित अखबार के खिलाफ प्रेस काउंसिल को भी लिखा जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि स्थानीय इलेक्टॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार हेतु कमेटी से स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा।
     वंही उन्होंने सुविधा एप से सम्बंधित जानकारी से भी सबों को अवगत कराया। उन्होंने कार्यक्रम हेतु उन ग्राउंड की सूची जंहा हेलीकाप्टर को उतरना है उसकी पूर्व सूची देने को कहा।
मौके पर उन्होंने आवश्यक पहुलओं की भी वस्तृत जानकारी दिया।

सरकारी वाहनों का प्रयोग

   वंही उन्होंने कहा की अधिसूचना जारी होने के बाद सरकारी वाहनों का प्रयोग, सरकारी राशि से विज्ञापन का प्रकाशन नहीं किया जाना है। उस दौरान विकास और निर्माण सम्बन्धी भी कोई काम नही करना है। यह सब आदर्श आचार संहिता के दायरे में आता है।

प्रचार सामग्री की अनुमति लेना अनिर्वाय होगा

  उपयुक्त ने कहा कि चुनाव प्रचार हेतु छपने वाले सामग्री मसलन पोस्टर, पम्पलेट, हैंडबिल, होर्डिंग्स आदि के प्रारूप की अनुमति लेकर ही उसे छपवाना है। साथ सभी प्रचार सामग्री पर प्रिंटर और प्रकाशक का नाम और पता अनिवार्य रूप से छपा हो तथा उसकी मात्रा भी उस पर अंकित रहे।

लाउडस्पीकर का प्रयोग

  आचार संहिता लागु होने के बाद रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। इसके प्रयोग के लिये अनुमण्डल पदाधिकारी से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा।

पार्टी के झंडा का प्रयोग व साइज

  जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त ने राजनीतिक झण्डों के प्रयोग के बावत भी विस्तृत जानकारी से राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को अवगत कराया।  कहा कि सभी प्रकार के वाहनों पर 1फिट/6 इंच का झंडा ही प्रयोग किया जा सकेगा। वाहनों पर सिर्फ एक ही झंडा लगाया जाना है। रोड शो के दौरान 6फिट X 4 फिट का मात्र एक बैनर लगाया जा सकेगा। पार्टी के कार्यकता अपने घरों में तथा पार्टी कार्यालय में अधिकतम तीन झंडा का ही प्रयोग किया जा सकता है।

बूथ लेवल एजेन्ट की बहाली

 उपायुक्त ने सभी पार्टी के प्रतिनिधियो को बुथ लेवल एजेंट की बहाली मतदान के पूर्व कर लेने की बातें कही। ताकि मॉक पोल के समय किसी प्रकार का व्यवधान उतपन्न न हो।


बैठक में थे शामिल

 बैठक में उपविकास आयुक्त मुकुन्द दास, अनुमंडल पदाधिकारी सह निर्वाचन निबन्धक पदाधिकारी गिरिडीह राजेश प्रजापति, उप निर्वाचन पदाधिकारी राजीव कुमार के अलावे झामुमो जिलेध्यक्ष संजय सिंह, झाविमो जिलाध्यक्ष महेश राम, भाजपा के जिलाउपाध्यक्ष देवराज, लोजपा के राजकुमार राज, राजद के इनाम आलम, एवं झामुमो जिलाउपाध्यक्ष अजित कुमार पप्पू के अलावे जिला निर्वाचन कार्यालय के कर्मी मुख्य रूप से उपस्थित थे।

मासिक पत्रकार सम्मेलन में डीसी ने दिया चुनाव तैयारी की जानकारी

जिला प्रशासन ने कर लिया है चुनाव से सम्बंधित सभी कोषांगों का गठन : उपायुक्त



जिलेके सभी छः विधानसभा क्षेत्रों बनाये जायेंगे दो दो महिला बुथ

घर वापस आओ -त्यौहार मनाना है मुहीम चला बाहर रह रहे वोटरों को लाया जायेगा

गिरिडीह-  जिले के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने शनिवार को मासिक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये कहा कि जिला प्रशासन ने आसन्न विधानसभा चुनाव से सम्बंधित सभी  कोषांगों का गठन कर लिया है और गठित की गयी सभी 15 कोषांग अपना कार्य भी शुरु कर दिया है। विधि कोषांग ने सभी लाइसेंसी आर्म्स धारकों से आर्म्स जमा करने को कहा है। जिन्हें आर्म्स विमुक्ति की आवश्यकता होगी उन्हें आवेदन करने को कहा गया है।

उन्होंने बताया कि चुनाव कार्य को सुचारू ढंग से सम्पन्न कराने हेतु दस हजार से अधिक कर्मचारी लगाये जायेंगे। जिनका पहला फेज प्रशिक्षण सम्पन्न हो गया है। दूसरा और तीसरा फेज का प्रशिक्षण भी शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा।

खोरीमहुआ, डुमरी ओर गिरिडीह कॉलेज में होगा डिस्पेच सेंटर

उपायुक्त बताया कि मतदान दलों को बूथ तक भेजने हेते गिरिडीह कॉलेज, अनुमंडल कार्यालय खोरीमहुआ, अनुमंडल कार्यालय डुमरी में डिस्पेच सेंटर बनाया जायेगा। ताकि पोलिंग पार्टी को बूथ पर  भेजने में कोई असुविधा न हो।  उन्होंने बताया कि जिले में सभी छह विधानसभा क्षेत्रों के लिये 150 क्लस्टर और 250 सेक्टर बनाया गया है। जिन पर सभी बुनियादि सुविधा उपलब्ध हो इस पर कार्य किया जा रहा है जो अंतिम चरण में है।

 33 हजार 90 नये मतदाता शामिल हुये

जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त ने बताया कि बीते 12 अक्टूबर को मतदाता सूची का प्रकाशन सम्पन्न कर लिया गया है। हालांकि उन्होंने बताया कि मतदान की तिथि तक मतदाता का नाम पंजीकृत किया जा सकता है। जिसका कार्य जारी है। जिले के सभी 2393 बूथों के बीएलओ इस कार्य मे जुटे हैं।  उन्होंने बताया कि बीते 1 मई से 15 अक्टूबर तक 33 हजार 90 नये मतदाता का नाम सूची में शामिल किया गया है।

दो-दो बूथ महिला बूथ के रूप में चिन्हित

   उन्होंने बताया कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में दो दो बूथ महिला बूथ के रूप में चिन्हित किया गया है। जंहा महिला मतदाताओ के लिये सभी बुनियादी सुविधाये उपलब्ध होगी।

25 हजार 500 PWD (दिव्यांग) मतदाता चिन्हित

उपायुक्त ने कहा कि जिले में 25 हजार 500 से अधिक दिव्यांग मतदाता चिन्हित है। जिनके लिये सारी सुविधाये मतदान केंद्र पर उपलब्ध रहेगी। उन्हें घर से केंद्र तक लाने और मतदान के बाद उन्हें घर छोड़ने के वाहन की व्यवस्था रहेगी। बूथ पर व्हील चेयर होगा और उन्हें प्राथिमकता के आधार पर मतदान कराया जाएगा।

जारी है मतदाता जागरूकता कार्यक्रम

 उन्होंने बताया कि मतदाता जागरूकता के लिये कार्य किये जा रहे हैं। स्वीप प्रोग्राम जिला स्तर पर चल रहा है। स्कूल कॉलेज आदि के अलावे हाट बाजारों में भी जागरूकता अभियान जारी है। बताया कि ईवीएम और वीवीपीएटी मशीन के माध्यम से अब तक 2 लाख से अधिक मतदाताओं ने मशीन चलाना सीख लिया है। कहा कि वोट बहिष्कार होने वाले स्थानों पर विशेष ध्यान जिला प्रशासान दे रही है ताकि वोट का बहिष्कार पर रोक लग सके। और उन क्षेत्रों के मतदाता करने हेतु अपने घरों से निकले।

 मतदान प्रतिशत को बढ़ाने का प्रयास

 उपायुक्त ने कहा कि जिन बूथों पर कम मतदान प्रतिशत था। वैसे बूथों पर विशेष कार्य की जा रही है ताकि मतदान का प्रतिशत बढ़े। इसके लिये *घर वापस आओ त्यौहार मनाना है* यह मुहिम चलायी जा रही है। ताकि दूर प्रदेश में रहने वाले लोग भी मतदान हेतु अपने घर वापस आये। इसके लिये स्विप टीम को उन जिलो में भेजा जाएगा जंहा इस जिले के लोग रोजी रोटी की जुगाड़ में लगे है।

इसके अलावे उपायुक्त ने चुनाव से सम्बंधित अन्य बातें भी बताया। बूथ पर कितने पर कितने लोग होंगे आदि। इस पत्रकार सम्मेलन में नगर आयुक्त अनिल राय, डीडीसी मुकुंद दास, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रश्मि सिन्हा एवं सभी प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019

ट्रेड लाइसेंस की अन्तिम तिथि 31 दिसम्बर तक

 बिना जुर्माना व्यापार अनुज्ञप्ति बनाने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर तक


उसके बाद देना होगा ट्रेंड लाइसेंस बनाने हेतु जुर्माना

गिरिडीह-  नगर निगम/ नगर निकाय क्षेत्रान्तर्गत व्यापार करने वाले व्यापारियों को व्यापार अनुज्ञप्ति (ट्रेड लाइसेंस) लेना अनिवार्य है। जिसकी अंतिम तिथि 31 दिसम्बर निर्धारित की गयी है।

झारखण्ड सरकार नगर विकास आवास विभाग राज्य शहरी विकास अभिकरण ने नगर निगम/ नगर निकाय क्षेत्रान्तर्गत अवस्थित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को झारखण्ड नगरपालिका अधिनियम की धारा 455 के तहत ट्रेड लाइसेंस (व्यापार अनुज्ञप्ति) लेना अनिवार्य किया है।

बिना किसी अर्थ दंड (जुर्माना राशि) के राज्य सरकार ने ट्रेड लाइसेंस बनाने का अंतिम मौका व्यासायिक प्रतिष्ठानों के स्वामियों को 31 दिसम्बर 19 तक दिया है।
उक्त निर्धारित अवधि के बाद ट्रेड लाइसेंस (व्यापार अनुज्ञप्ति)  बनाने पर निर्धारित जुर्माना देना होगा।

आर्म्स लाइसेंसी 5 नवम्बर तक आर्म्स जमा करें, विमुक्ति का अवेदन 4 को दें

शस्त्र अनुज्ञप्तिधारी 5 नवम्बर तक अपने नजदीकी थाने में करें शस्त्र जमा : उपायुक्त

शस्त्र विमुक्ति का आवेदन 4 नवम्बर तक उपस्थापित करें


गिरिडीह-  उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी राहुल कुमार सिन्हा ने जिले के सभी शस्त्र अनुज्ञप्ति धारियों से अगामी 5 नवम्बर तक अपने अपने शस्त्र गोली सहित नजदीक के थाने अथवा शस्त्र बिक्रेता के पास जमा करने को कहा है। निर्धारित तिथि तक शस्त्र जमा नही करने वाले शस्त्र अनुज्ञप्ति धारकों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।


   आसन्न विधान सभा चुनाव को स्वच्छ शांतिपूर्ण एवं भयमुक्त वातावरण में सम्पन्न करने के निमित्त उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी ने शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 21 एवं 46 के उपधारा 21 के तहत यह निर्देश जिले के सभी शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों को दिया है। उन्होंने सभी आर्म लाइसेंस धारकों को गोली सहित अपने आर्म्स (शस्त्र) अपने नजदीकी थाने अथवा नजदीक के शस्त्र बिक्रेता के पास जमा कर उसकी पावती रसीद प्राप्त कर लेने को कहा है। इसके लिये शस्त्र जमा करने की अंतिम तिथि 5 नवम्बर निर्धारित की गयी है।  इस दौरान शस्त्र और गोली नहीं जमा करने वाले आर्म्स लायसेंस धारकों के विरुद्ध  शस्त्र अधिनियम की धारा 21 एवं 46 की उपधारा के तहत आवश्यक कार्रवाई की जायेगी।

  वंही जिले के सभी शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों से 5 नवम्बर तक शस्त्र जमा करने का जारी निर्देश के आलोक में उपायुक्त ने चुनाव के दौरान भी शस्त्र विमुक्ति चाहने वाले शस्त्र अनुज्ञप्ति धारियों से अगामी 4 नवम्बर  के पूर्वाह्न 11 बजे  अपना आवेदन विस्तार विवरणी के साथ स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष उपस्थापित करने को कहा है।

     उन्होंने कहा कि उसी तिथि को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में विमुक्ति पर निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि निर्धारित तिथि व समय के पश्चात शस्त्र विमुक्ति आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेंगे।

     उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी ने कहा की उसके पश्चात शस्त्र जमा नहीं किये जाने की स्थिति में सम्बंधित शस्त्र अनुज्ञप्ति धारियों की अनुज्ञप्तियों को रद्द कर दी जायेगी।

चुनाव कइ मद्दे नजर कोषांगों में हुई प्रतिनियुक्ति

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गठित कोषांग के बनाये गये नोडल पदाधिकारी



गिरिडीह- आसन्न विधानसभा चुनाव निमित्त जिला प्रशासन की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है। जिला प्रशासन ने चुनाव के निमित्त सभी कोषांगों का गठन कर लिया है। जिसमे कई कोषांग विधिवत अपना कार्य भी शुरू कर दिया है।

कोषांग और उसके नोडल पदाधिकारी
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कार्मिक कोषांग  के वरीय/ नोडल पदाधिकारी अपर समाहर्ता राकेश कुमार दुबे बनाये गये हैं। जबकि इस कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी जिला शिक्षा अधीक्षक अरविंद कुमार बनाये गये हैं।
इस कोषांग में चार सहयोगी पदाधिकारी भी शामिल हैं। यह कोषांग जिला स्थापना शाखा में संचालित है।

कम्प्यूटर कोषांग  कार्मिक कोषांग का सहयोगी यह कोषांग जिला सुचना विज्ञान केंद्र में संचालित है। इस कोषांग के भी वरीय नोडल पदाधिकारी अपर समाहर्ता ही हैं। जबकि प्रभारी पदाधिकारी जिला सुचना विज्ञान पदाधिकारी एनआईसी मनीष मोहन हैं।

एसएमएस मोनेटरिंग कोषांग जिला सुचना केंद्र में संचालित इस कोषांग के नोडल पदाधिकारी जिला सुचना विज्ञान पदाधिकारी बनाये गए हैं।

सामग्री कोषांग  कृषि उत्पादन बाजार समिति में संचालित होने वाले इस कोषांग के वरीय नोडल पदाधिकारी उपविकास आयुक्त मुकुंद दास और प्रभारी पदाधिकारी जिला आपूर्ति पदाधिकारी पवन कुमार मण्डल नियुक्त किये गए हैं।

ईवीएम एवं वीवीपीएटीएस कोषांग कृषि उत्पादन बाजार समिति में संचालित इस कोषांग के वरीय नोडल पदाधिकारी उपविकास आयुक्त हैं जबकि प्रभारी पदाधिकारी के रूप में जिला योजना पदाधिकारी देवेश गौतम नियुक्त हैं।

प्रशिक्षण कोषांग सर जेसी बोस बालिका उच्च विधालय में संचालित इस कोषांग के वरीय नोडल पदाधिकारी उपविकास आयुक्त हैं। जबकि प्रभारी पदाधिकारी अनुमण्डल पदाधिकारी राजेश प्रजापति और जिला शिक्षा पदाधिकारी पुष्पा कुजुर तथा सहयोगी पदाधिकारी सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान अभिनव कुमार सिन्हा हैं।

वाहन कोषांग भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय में संचालित इस कोषांग वरीय नोडल पदाधिकारी अपर समाहर्ता और प्रभारी पदाधिकारी के रूप में जिला परिवहन पदाधिकारी डॉ सुदेश कुमार प्रतिनियुक्त किये गये हैं।

स्वीप कोषांग जिला जनसम्पर्क कार्यालय में संचालित इस कोषांग के वरीय पदाधिकारी उप विकास आयुक्त एवं नोडल पदाधिकारी अपर समाहर्ता हैं। जबकि इस कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रश्मि सिन्हा एवं सहयोगी पदाधिकारी सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा सुचिता किरण भगत, जिला सहकारिता पदाधिकारी नीलम कुमारी एवं सहायक सांखियकी पदाधिकारी राजेश कुमार पाठक की प्रतिनियुक्ति की गयी है।

विधि व्यवस्था कोषांग जिला गोपनिय शाखा में संचालित इस कोषांग के वरीय नोडल पदाधिकारी अपर समाहर्ता बनाये गए हैं। जबकि प्रभारी पदाधिकारी जिला गोपनीय शाखा इस कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी प्रतिनियुक्त हैं।

आदर्श आचार संहिता कोषांग कार्यपालक दण्डाधिकारी गिरिडीह अनुमण्डल न्यायालय कक्ष में संचालित होने वाले इस कोषांग के वरीय पदाधिकारी निदेशक लेखा, प्रशासन एवं स्वनियोजन, डीआरडीए आलोक कुमार और नोडल पदाधिकारी अनुमण्डल पदाधिकारी गिरिडीह बनाये गए हैं। जबकि कार्यपालक दंडाधिकारी धीरेन्द्र कुमार को इस कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किया गया है।

मीडिया एवं सोशल मीडिया कोषांग जिला जनसम्पर्क कार्यालय में संचालित इस कोषांग के वरीय नोडल पदाधिकारी निदेशक डीआरडीए आलोक कुमार बनाये गये हैं। जबकि जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रश्मि सिन्हा इस कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी और सोशल मीडिया स्पेशलिस्ट व अतिरिक्त जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी सहयोगी पदाधिकारी बनाये गए हैं।

इन कोषांगों के अलावे सिंगल विंडो सिस्टम, प्रेक्षक कोषांग, डाक मतपत्र एवं इटीपीबीएस कोषांग, शराब निगरानी कोषांग, अभ्यर्थी व्यय लेखा कोषांग, पीडब्ल्यूडी (दिव्यांग) कोषांग, एवं लॉजिस्टिक कोषांग का भी गठन कर उसके वरीय/ नोडल बना लिए गए हैं तथा उन कोषांगों के प्रभारी पदाधिकारी और सहयोगी पदाधिकारी की भी प्रतिनियुक्ति कर ली गयी है।

क्यों मनाते हैं धनतेरस का त्यौहार, आइये जाने


धनतेरस
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कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। भारत सरकार ने धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। 

 क्यों मनाते हैं धनतेरस

कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस कहते हैं। यह त्योहार दीपावली आने की पूर्व सूचना देता है। इस दिन नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान धन्वंतरि की पूजा का महत्व है।

क्यों मनाया जाता है धनतेरस का त्योहार 

भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर माना जाता रहा है। यह कहावत आज भी प्रचलित है कि
 'पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया' 
इसलिए दीपावली में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया जाता है। जो भारतीय संस्कृति के हिसाब से बिल्कुल अनुकूल है।

शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार 

समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि विष्णु के अंशावतार हैं। संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि का अवतार लिया था। भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।


धनतेरस के दिन क्या करें 

धनतेरस के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी भी रूप में चांदी एवं अन्य धातु खरीदना अति शुभ है।

धन संपत्ति की प्राप्ति हेतु कुबेर देवता के लिए घर के पूजा स्थल पर दीप दान करें एवं मृत्यु देवता यमराज के लिए मुख्य द्वार पर भी दीप दान करें।

धनतेरस की पौराणिक एवं प्रामाणिक कथा

धनतेरस से जुड़ी कथा है कि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन देवताओं के कार्य में बाधा डालने के कारण भगवान विष्णु ने असुरों के गुरु शुक्राचार्य की एक आंख फोड़ दी थी।

कथा के अनुसार, देवताओं को राजा बलि के भय से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया और राजा बलि के यज्ञ स्थल पर पहुंच गए। शुक्राचार्य ने वामन रूप में भी भगवान विष्णु को पहचान लिया और राजा बलि से आग्रह किया कि वामन कुछ भी मांगे उन्हें इंकार कर देना। वामन साक्षात भगवान विष्णु हैं जो देवताओं की सहायता के लिए तुमसे सब कुछ छीनने आए हैं।
बलि ने शुक्राचार्य की बात नहीं मानी। वामन भगवान द्वारा मांगी गई तीन पग भूमि, दान करने के लिए कमंडल से जल लेकर संकल्प लेने लगे। बलि को दान करने से रोकने के लिए शुक्राचार्य राजा बलि के कमंडल में लघु रूप धारण करके प्रवेश कर गए। इससे कमंडल से जल निकलने का मार्ग बंद हो गया।

वामन भगवान शुक्रचार्य की चाल को समझ गए। भगवान वामन ने अपने हाथ में रखे हुए कुशा को कमण्डल में ऐसे रखा कि शुक्राचार्य की एक आंख फूट गई। शुक्राचार्य छटपटाकर कमण्डल से निकल आए।

इसके बाद बलि ने तीन पग भूमि दान करने का संकल्प ले लिया। तब भगवान वामन ने अपने एक पैर से संपूर्ण पृथ्वी को नाप लिया और दूसरे पग से अंतरिक्ष को। तीसरा पग रखने के लिए कोई स्थान नहीं होने पर बलि ने अपना सिर वामन भगवान के चरणों में रख दिया। बलि दान में अपना सब कुछ गंवा बैठा।

इस तरह बलि के भय से देवताओं को मुक्ति मिली और बलि ने जो धन-संपत्ति देवताओं से छीन ली थी उससे कई गुना धन-संपत्ति देवताओं को मिल गई। इस उपलक्ष्य में भी धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।