कहीं सद्दाम हुसैन की कहानी तो नहीं दोहराई जा रही ! क्या वाक़ई आतंकी मसूद अजहर मारा गया
विश्व के चोटी के आतंककारियों में शामिल जैश ए मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर की दो दिन पहले बीमारी और अब उसकी मौत की खबर आई है, लेकिन भारत के बालाकोट हमले से पहले उसके बीमार होने के कोई संकेत नहीं थे। अगर भारतीय खुफिया एजेंसियों के लगातार दिए जा रहे इनपुट पर भरोसा किया जाए तो पुलवामा हमले तक मसूद अजहर पूरी तरह स्वस्थ था।
बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान का जवाबी हमला हुआ। जिसके विफल हो जाने के बाद अचानक पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कसूरी का बयान आता है कि मसूद अजहर बीमार है और घर से बाहर भी नहीं आ सकता। अभी इस खबर का विश्लेषण किया ही जा रहा था कि अचानक अजहर की मौत की खबर आती है। हालांकि अभी उसकी मौत की पुष्टि नहीं हुई है।
करीब डेढ़ दशक से अधिक समय पूर्व 13 दिसम्बर 2003 को अमेरिका की चौथी इंफैंट्री की पहली बिग्रेड की काम्बेट टीम ने इराकी शहर तिरकित के नजदीक अद्वार नामक स्थान पर छुपे इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन को पकड़ लिया था। जबकि अमेरिकी नेतृत्व में नाटो फौजों के इराक पर हमले के दौरान मौत के घाट उतार दिए जाने की खबर ठीक ऐसे ही आई थी जैसे अभी मसूद अजहर की बीमारी और उसकी मौत की आई है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी को इस खबर पर यकीन नहीं हुआ था और उसने सद्दाम को ढूंढने की मुहिम जारी रखी और आखिरकार चार साल से अधिक अवधि बीत जाने के बाद सीआईए ने उसे ढूंढ निकाला। बाद में उसे फांसी दे दी गई।