सोमवार, 6 जनवरी 2025

एनएच-19 पर दो ट्रकों में भीषण टक्कर, एक ट्रक का चालक गम्भीर, दूसरा फरार

गिरिडीह (Giridih)। जिले के निमियाघाट थाना क्षेत्र में दो ट्रकों की भीषण टक्कर में एक ट्रक चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। धटना एनएच-19 पर रांगामाटी के समीप की है। बताया गया कि आगे चल रहे ट्रक ने अचानक ब्रेक लगा दिया, जिससे पीछे से आ रहा ट्रक अनियंत्रित होकर उससे टकरा गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पीछे वाले ट्रक का ड्राइवर केबिन में फंस गया। 


घटना के बाद सूचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और स्थानीय लोगों व अन्य गाड़ी चालकों के सहयोग से काफी मशक्कत के बाद ट्रक के केबिन में फंसे ड्राइवर को बाहर निकाला गया और तत्काल उसे इलाज हेतु अस्पताल भेजा गया।


 वहीं हादसे के बाद आगे वाला ट्रक का चालक मौके से फरार हो गया। जबकि पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहन को जब्त कर थाने ले गयी। वहीं इस घटना के कारण हाइवे पर करीब आधे घंटे तक ट्रैफिक जाम रहा।

बुजुर्ग और असहाय सम्मान समारोह आयोजित कर मुखिया ने बांटे गरीबों के बीच कंबल

गिरिडीह (Giridih)। कड़ाके की ठंड को देखते हुए महेशलुंडी पंचायत के मुखिया शिवनाथ साव ने सोमवार को अपने निवास स्थान पर बुजुर्गों और असहायों के सम्मान में समारोह सह कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान जरूरतमंदों के बीच करीब पाँच सौ कंबल का वितरण किया गया। 


मौके पर मुखिया शिवनाथ साव ने कहा कि वे हमेशा से जनहित से जुड़े कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं जो आगे भी जारी रहेगा। कहा कि  जरूरतमंदों को ठंड से राहत देने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिये उन्होंने यह कम्बल वितरण किया। कार्यक्रम में  भाजपा नेता मनोज साहू, पत्रकार अमरनाथ सिन्हा, पूर्व मुखिया समेत कई लोग मूजुड़ थे।

पैदल यात्रियों व साइकिल चालकों का काउंसलिंग कर दी गयी सड़क सुरक्षा व यातायात नियमों की जानकारी

गिरिडीह (Giridih)।  राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 2025 के तहत सोमवार को पैदल यात्रियों व साइकिल चालकों का  काउंसलिंग कर सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी दी गयी। बताया गया कि बाइक चलाने वक्त हेलमेट का प्रयोग ज़रूर करे, नाबालिक को वाहन चलाने की अनुमति ना दें, निर्धारित गति सीमा में वाहन चलाएं,रोड  पर कभी भी क्रोधित होकर वाहन का प्रयोग न करे। वहीं इस दौरान हिट एंड रन एवं गुड सेमिरिथन योजना की भी जानकारी दी गयी।  वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करने का भी अनुरोध किया गया। 


इस दौरान लोगो के बीच रोड सेफ्टी हैण्डबुक और रोड़ सेफ्टी पम्पलेट का भी वितरण किया गया। कार्यक्रम के दौरान ट्रैफिक इंस्पेक्टर दुगनो टोपनो, एमवीआई शुभम लाल सिंह, जिला सड़क सुरक्षा प्रबंधन मोहम्मद वाजिद हसन एवं ट्रैफिक पुलिस पुलिस से इमरान, मंडल, अजय उपस्थित थे।

पुलिस एसोसिएशन के चुनाव सम्पन्न, अध्यक्ष बने सहदेव यादव और सचिव जितेंद्र कुमार सिंह

गिरिडीह (Giridih)। पुलिस एसोसिशन के गिरिडीह इकाई के तीन वर्षीय कार्यकाल का चुनाव रविवार को न्यू पुलिस लाइन में संपन्न हुआ। शांतिपूर्ण तरीके से मतदान सम्पन्न होने के बाद देर रात मतगणना उपरांत जो परिणाम आये उसके अनुसार अध्यक्ष पद के लिये सहदेव यादव, उपाध्यक्ष पद के लिये सतेंद्र पासवान वहीं सचिव पद के लिये जितेंद्र कुमार सिंह, संयुक्त सचिव पद के लिये सुरेंद्र कुमार दिक्षित तथा कोषाध्यक्ष पद के लिये सन्नी मिंज निर्वाचित हुए।


बता दें कि गिरिडीह पुलिस एसोसिशन का चुनाव  महासंघ के निर्देश पर बतौर पर्यवेक्षक प्रांतीय मंत्री रविंद्र कुमार, धनबाद अध्यक्ष संजीव कुमार, सचिव विनोद उंराव, और ट्रेजरर मुस्लिम खान के देख रेख में  सम्पन्न हुआ। चुनाव प्रक्रिया में सार्जेंट मेजर के साथ इंस्पेक्टर, एसआई और एएसआई स्तर के अधिकारी सहित जिले भर के सभी थानो में पदस्थापित 379 पुलिस अधिकारी शामिल होकर अपने मताधिकार का  प्रयोग किया।


गौरतलब है कि संगठन के पांच पदों के लिये तीन वर्षीय कार्यकाल को लेकर चुनाव में इस बार भी दो गुट के प्रत्याशियों ने पूरी ताकत लगा रखी थी। चुनाव में एक गुट से अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी सोनू कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष सतेंद्र पासवान, सचिव जितेंद्र सिंह, ज्वाइंट सचिव अरविंद कुमार पाठक  और कोषाध्यक्ष पद के लिए सन्नी मिंज चुनावी मैदान में खड़े थे। 

वहीं दूसरे गुट से अध्यक्ष पद के लिए सहदेव यादव, उपाध्यक्ष सुभाष राम, सचिव पद के लिए भरत सिंह शिक्रीवाल, ज्वाइंट सचिव के लिए सुरेंद्र कुमार दीक्षित और कोषाध्यक्ष पद के लिए राजेश मुर्मू चुनाव मैदान में डटे थे। चुनाव परिणाम में मतदाताओं ने दोनों ही गुटों के सम्मान करते हुए। दोनों ही गुटों के प्रत्याशियों को मिला जुला कर चुनाव में विजयी बनाया।

पीरटांड प्रखण्ड के पोखरना में हुआ भाजपा का मंडल स्तरीय कार्यशाला

गिरिडीह (Giridih)। जिले के पीरटांड प्रखण्ड के पोखरना में भाजपा का संगठन महापर्व सदस्यता अभियान को लेकर सोमवार को मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेश साव शामिल हुए। मौके पर साव ने आगामी 14 जनवरी तक  सदस्यता अभियान को पूरा करने पर जोर दिया।


साव ने कहा कि गिरिडीह विधानसभा के पीरटांड प्रखण्ड के सुदूरवर्ती गांवों में भी सदस्यता अभियान का शिविर लगाकर सभी वर्गो के लोगों को भाजपा में जोड़ा जाएगा। उन्होंने पुरे प्रखण्ड में 15 हजार नए सदस्य जोड़ें जाने की बातें कही। कहा कि प्राथमिक सदस्यता का काम पूरा करने के बाद बूथ समिति निर्माण कार्य शुरू होगा। इसके लिये उन्होंने एक बूथ समिति बनाने के लिए 100 सदस्य होने की बातें कही। 


मौके पर पीरटांड प्रखण्ड अध्यक्ष अजय सिंह, विनय सिंह, महिला मोर्चा अध्यक्ष रिंकी देवी, मुन्ना उपाध्याय, अंबुज मोदक, प्रकाश मंडल, राजेश जायसवाल, श्याबल घोष, अरविन्दचंद्र राय, कैलाश वर्णवाल, हरी सिंह एवं कई महिलाएं मौजूद थी।

सिक्खों के दसवें गुरु व खालसा पंथ के संस्थापक, गुरु गोविंद सिंह का 359वां प्रकाश पर्व सम्पन्न

गिरिडीह (Giridih)।  खालसा पंथ के संस्थापक व सिक्खों के 10वें गुरू गुरू गोबिंद सिंह जी का 359 वां प्रकाश पर्व सोमवार को स्टेशन रोड स्थित गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा में बड़े ही धूमधाम से उल्लास पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर गुरुद्वारा में विशेष दीवान का आयोजन किया गया। गुरूद्वारे को आकर्षक रंग बिरंगे फूलों व रोशनी से सजाया गया था। 


देहरादून के रागी जत्था भाई हरप्रीत सिंह व उनकी टीम के द्वारा वह प्रगटिओ मरद अगंमड़ा वरीआम इकेला।। वाह वाह गोबिंद सिंघ आपे गुरू चेला ।। देह शिवा बर मोहे ईहे, शुभ कर्मन ते कभुं टरूं, डरौं अरि सौं जब जाय लड़ौं, निश्चय कर अपनी जीत करौं ... जैसे कई शबद कीर्तन प्रस्तुत किये गये। जिसे सुनकर सात संगत निहाल हो गई। कीर्तन के माध्यम से संगतों को भाई हरप्रीत सिंह ने बताया कि मानव को अपने जीवन में सुख शांति पाने के लिए जात पात का त्याग करना चाहिए व सबों को एक सूत्र में बांधने का प्रयास करना चाहिए।


गुरूद्वारा के प्रधान मुख्य सेवक डाॅ गुणवंत सिंह मोंगिया व सचिव सम्मी सलूजा ने बताया कि गुरूगोबिंद सिंह जी की जयंती को लेकर 4 जनवरी को अखंड पाठ रखा गया था। जिसका समापन आज गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर हुआ। कहा कि गुरु गोबिन्द सिंह सिक्खो के दसवें धार्मिक गुरु थे। वे एक गुरु ही नहीं बल्कि एक महान दार्शनिक, प्रख्यात कवि, निडर एवं निर्भीक योद्धा, अनुभवी लेखक और संगीत के पारखी भी थे। वे सिर्फ 9 वर्ष की आयु में सिक्खों के नेता बने एवं अंतिम सिक्ख गुरु बने रहे। गुरु गोबिंद सिंह जी ने न सिर्फ अपने महान उपदेशों के माध्यम से लोगों को सही दिशा दिखाई, बल्कि उन्होंने समाज में हो रहे अत्याचारों और अपराधों के खिलाफ भी विरोध किया एवं खालसा पंथ की स्थापना की, जो को सिख धर्म के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना के तौर पर अंकित है।


आज प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा में लंगर की संपूर्ण सेवा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के द्वारा की गई थी। गुरूद्वारे में विधायक सोनू की धर्म पत्नी श्वेता शर्मा ने अपनी पुत्री के साथ माथा टेका और गुरू महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। साथ ही लंगर भी ग्रहण किया। मंत्री सोनू कतिपय व्यस्तता के कारण शामिल नहीं हो सके। वहीं लंगर में काफी संख्या में लोगों ने सिरकत की। कार्यक्रम में बीजेपी नेता विनय सिंह शामिल हो गुरु महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। 


मौके पर डाॅ अमरजीत सिंह सलूजा, चरणजीत सिंह सलूजा, राजेंद्र सिंह, गुरविंदर सिंह, तरणजीत सिंह बंटी, सतविंदर सिंह सलूजा, , देवेंदर सिंह, अजींदर सिंह चावला, तरणजीत सिंह जिम्मी, हर्षदीप सिंह, देवेंद्र सिंह, गुरूदीप सिंह बग्गा, कुशल सलूजा हरमिंदर सिंह बग्गा, कुंवरजीत सिंह, त्रिलोचन सिंह, गुरभेज सिंह कालरा, सुधीर आनन्द, रिसी सलूजा समेत काफी संख्या में सिक्ख समुदाय के महिला व पुरुष शामिल थे।

पटना साहिब पांच पवित्र तख्तों में से एक, जहां हुआ गुरु गोविंदसिंह जी का जन्म

पटना (Patna)। सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोविंदसिंह जी के 358वें प्रकाश पर्व पर तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारे में एक भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह गुरुद्वारा गुरु गोविंदसिंह जी की जन्मस्थली है, जहां वह 6 साल तक रहे थे। पटना साहिब सिखों के पांच पवित्र तख्तों में से एक है। 

गुरु गोविंदसिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना में हुआ था। उनका बचपन का नाम गोविंद राय था। यह स्थान पहले सलिसराय जौहरी की हवेली थी। सलिसराय, गुरु के बड़े भक्त थे और उन्होंने अपनी हवेली को धर्मशाला में बदल दिया। यहीं पर गुरु तेग बहादुर की गर्भवती पत्नी ने गोविंद राय को जन्म दिया था।


 हरिमंदिर साहिब गुरुद्वारे का निर्माण 18वीं सदी में शुरू हुआ था। यह गुरुद्वारा भीषण आग और 1934 के भूकंप का शिकार हो गया। महाराजा रणजीत सिंह ने इसे आग से विनाश के बाद फिर से बनवाया। वर्तमान गुरुद्वारे का निर्माण 10 नवंबर 1948 को शुरू हुआ और यह 1957 में तैयार हुआ। इसे बनाने में करीब 20 लाख रुपए खर्च हुए। गुरुद्वारे की पांच मंजिली इमारत संगमरमर की बनी है। इसके दरबार हॉल की ऊंचाई 31 फीट और गुंबद की ऊंचाई 108 फीट है। परिसर में 125 फीट ऊंचा निशान साहिब स्थापित है, जिस पर सोने का खंडा साहिब अंकित है। 

गुरुद्वारे में आने वाले श्रद्धालु सेवा को अपना धर्म मानते हैं। चाहे बर्तन धोना हो, प्रसाद बनाना या जूते संभालना सभी कार्य श्रद्धालु खुद करते हैं। प्रकाश पर्व के समय यह सेवा चार गुना बढ़ जाती है। प्रसाद के रूप में पिन्नी लड्डू और कड़ा प्रसाद (हलवा) बंटता है। प्रकाश पर्व पर 12 हजार से ज्यादा पिन्नी रोजाना तैयार की जाती हैं। इसके अलावा 24 घंटे लंगर परोसा जाता है, जिसमें हर जाति और धर्म के लोग शामिल होते हैं। 


गुरु गोविंदसिंह जी ने न केवल सिख धर्म को नई दिशा दी, बल्कि खालसा पंथ की स्थापना भी की थी। उनका जन्मस्थान आज भी उनके विचारों और शिक्षा का प्रतीक बना हुआ है। पटना साहिब गुरुद्वारा, भूकंप और अग्निकांड के बावजूद, गुरु गोविंद सिंहजी के आदर्शों और विरासत को संभाले हुए है।

540 फुट गहरे बोरवेल में गिरी 18 साल की लड़की, रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन जारी

गुजरात (Gujrat)।  गुजरात में कच्छ जिले के एक गांव में 06 जनवरी सोमवार को सुबह 18 साल की एक लड़की 540 फुट गहरे बोरवेल में गिर कर फंस गई है. इस लड़की को बचाने के लिए रेस्‍क्‍यू अपॅरेशन चलाया जा रहा है. 
देशभर में खुले बोरवेलों में अभी तक कई बच्‍चे फंस चुके हैं. इनमें से कइयों को बचाया भी गया. लेकिन किसी व्‍यस्‍क के बोलवेल में फंसने के कम ही मामले सामने आए हैं.उन्हीं में एक मामला यह भी है. जिसमे 18 साल की वयस्क लड़की बोरवेल में गिर कर फंस गई है.


आखिर बोरवेल में इतनी बड़ी लड़की कैसे गिरी?

 घटना जिले के भुज तालुका के कंदेराई गांव में सुबह करीब साढ़े छह बजे घटित हुई.जब परिवार के लोगों ने अधिकारियों को बताया कि उनकी 18 वर्षीय लड़की बोरवेल में गिर गई है, तो अधिकारियों को संदेह हुआ कि इतनी उम्र की लड़की भला बोरवेल में कैसे गिर गई. बाद में अधिकारियों को दोपहर में कैमरे की मदद से उसके बोरवेल में होने की पुष्टि हुई.भुज के डिप्टी कलेक्टर एबी जादव ने बताया कि किशोरी राजस्थान के प्रवासी मजदूरों के परिवार से थी. वह 540 फुट गहरे बोरवेल में 490 फुट की गहराई पर फंसी हुई है. उन्होंने बताया कि स्थानीय बचाव दल बोरवेल में लगातार 'ऑक्सीजन' पहुंचा रहा है. 

रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में जुटी है BSF और NDRF की टीम

रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में जुटे अधिकारियों ने बताया कि  'लड़की अचेत अवस्था में है. उसे बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है. स्थानीय बचाव दल उसे ऑक्सीजन दे रहा है.' उन्होंने बताया कि बचाव कार्यों में सहयोग के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की टीमों को भी बुलाया गया है।


बोरवेल में गिरने से दो बच्चे की हुई मौत

बता दें कि हाल ही में जयपुर के दौसा और कोटपुली में खुले बोरवेल में गिरने से पांच वर्षीय और तीन वर्षीय बच्चे की मौत हो गई थी. आंकड़े बताते हैं कि देशभर में हजारों बोरवेल मुंह खोले जिंदगियों को निगलने के लिए तैयार हैं, क्‍योंकि उन्‍हें लापरवाही से खुला छोड़ दिया गया है. इन बोरवेल में आए दिन मासूम बच्‍चे गिरते रहते हैं.

चार्जिंग पर लगी ई-स्कूटी हुई ब्लास्ट, हादसे में 11 वर्षीया बच्ची की मौत

रतलाम (Ratlam)। मध्य प्रदेश के रतलाम में ई-स्कूटी में विस्फोट होने से एक परिवार के लिए  ई-स्कूटी मातम का सबब बन गयी. घटना में एक 11 वर्षीय मासूम की मौत हो गई. जबकि दो लोग झुलस गए. यह घटना बीती रात पीएनटी कॉलोनी के लक्ष्मणपुरा क्षेत्र में घटित हुई. 


बताया गया कि घर के कमरे में ही ई स्कूटी को चार्ज पर लगाकर परिवार के लोग सो गये. देर रात करीब 2:30 बजे बाइक में जोरदार विस्फोट हुआ. हादसे में पूरे घर में आग लग गई. विस्फोट की आवाज सुन आसपास के लोग पहुंचे. और काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन इस हादसे में घर में सो रही एक 11 वर्षीय बालिका की दम घुटने से मौत हो गई. वहीं घर के दो अन्य सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए. अनन फानन में दोनों घायलों को सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. 



बड़ौदा से नानी के घर आई थी बच्ची

जानकारी के अनुसार 11 वर्षीय मासूम बालिका अंतरा चौधरी बड़ौदा से अपने नाना-नानी के घर रतलाम आई थी. आज उसे अपने घर वापस जाना था लेकिन इलेक्ट्रिक स्कूटी में ब्लास्ट होने से घर में लगी आग ने मासूम की जान ले ली. इस हदसे में दम घुटने से अंतरा की मौत हो गई. जबकि नानी भगवती मोरे और 12 वर्षीय लावण्या घायल हो गई.घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने सारी वस्तु स्थिति से अवगत हो मृत बच्ची के शव को पोस्टमार्टम हेतु रतलाम के मेडिकल अस्पताल भिजवा आगे की कार्रवाई में जुट गई है.



शादी के लाल जोडे में ज्वेलरी सहित जयमाला के पहले बाथरूम गई दुल्हन हुई लापता, ढूंढ रहे लड़के वाले

गोरखपुर (Gourakhpur)। शादी की रश्म अपने पूरे परवान पर था। जयमाला के लिये लड़की और लड़का दोनों तैयार थे। पंडित मंत्रोच्चार करने में जुटे थे। वर पक्ष और वधु पक्ष के लोग इस शादी का साक्षी बनने और दूल्हे दुल्हन को आशीर्वाद देने को आतुर थे। इसी बीच लड़की जयमाला के बीच मे ही बाथरूम जाने की बात कह बाथरूम गयी और काफी देर तक नहीं लौटी तो खुद लड़का उसे ढूंढने बाथरूम की ओर गया। बाथरूम का दरवाजा खुला था लेकिन दुल्हन गायब थी। उसके बाद तो शादी का माहौल कोहराम में बदल गया। दूल्हा पक्ष के लोग दुल्हन को ढूंढने में जुट गए। लेकिन दुल्हन का कहीं दूर दूर तक कुछ पता नहीं चल पाया।

मामला उत्तरप्रदेश के गोरखपुर के खजनी थाना क्षेत्र के भरोहिया गांव स्थित शिव मंदिर की है। जहां शुक्रवार को सीतापुर से एक युवक शादी करने पहुंचा था। वहीं दुल्हन भी अपनी मां के साथ मंदिर में सात फेरे लेने पहुंची थी। लेकिन जयमाला के ठीक पहले दुल्हन शादी के लाल जोड़े में सोने चांदी के आभूषणों से लदी बाथरूम जाने की बात कह मंडप से निकली लेकिन वापस नहीं लौटी। 



 क्या है मामला 
जानकरी के मुताबिक, सीतापुर जिले के तंबौर थाना क्षेत्र के गोविंदपुर गांव का रहने वाले कमलेश कुमार की पहली पत्नी का निधन हो चुका है। 40 वर्षीय कमलेश घर संभालने और बच्चों की देखभाल के लिए दोबारा शादी करना चाहते थे, इसलिए अच्छे रिश्ते की तलाश में थे। इसी बीच सीतापुर में ही उनकी मुलाकात एक बिचौलिए से हुई। उसने शादी कराने का आश्वासन दिया। बिचौलिए ने एक युवती का फोटो कमलेश दिखाया जो कमलेश को काफी पसंद आ गयी। बिचौलिए ने कमलेश से 30 हजार रुपये बात आगे बढ़ाने के नाम पर लिए।


3 जनवरी को शिव मंदिर में हो रही थी शादी
कुछ दिन बाद बिचौलिया ने बताया रिश्ता पक्का हो गया है। गोरखपुर के खजनी थाना क्षेत्र के भरोहिया गांव के मंदिर पर तीन जनवरी को शादी की बात कही। कमलेश कुमार बिचौलिए की बात पर भरोसा कर पूरे परिवार के साथ शादी करने के लिए गोरखपुर स्थित शिव मंदिर पहुंचे, जहां दुल्हन भी अपनी मां के साथ सात फेरे लेने के आई थी। शादी की तैयारियां शुरू हुई। कमलेश ने दुल्हन को शादी का जोड़ा, साजो-श्रृंगार के सामान, नई साड़ियां और अपनी दिवंगत पत्नी के सभी ज्वेलरी दिया। जिसे दुल्हन पहन कर मंडप पर पहुंची। लेकिन जयमाल के समय दुल्हन अचानक ज्वेलरी लेकर अपनी मां के साथ फरार हो गई। दूल्हा हाथ में वरमाला लेकर इंतजार ही करता रहा।


क्या कहना है भुक्तभोगी कमलेश का
पीड़ित कमलेश ने बताया कि 'जयमाल की तैयारी शुरू हो गई। मैं हाथ में वरमाला लेकर दुल्हन का इंतजार कर रहा था। दुल्हन शादी के जोड़े में थी। अचानक वह बाथरूम जाने की बात कहकर वहां से निकली। जब काफी देर तक वह वापस नहीं लौटी तो मैं भी पीछे-पीछे उसे तलाशने के लिए निकला। दुल्हन वहां से गहने और सामान लेकर फुर्र हो चुकी थी।' इस घटना से कमलेश और उसके परिवार को गहरा झटका लगा। दुल्हन को कस्बे में खोजते रहे। मोबाइल पर दुल्हन की फोटो दिखाकर लोगों से पूछते रहे लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला।

नहीं मिली है कोई शिकायत : एसपी
एसपी साउथ जितेन्द्र कुमार ने बताया 'खजनी थाने की पुलिस को इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर पीड़ित पक्ष शिकायत करता है तो पुलिस मामले की जांच कर कानूनी कार्रवाई करेगी।'