गिरिडीह (Giridih)। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में विश्व ब्रेल दिवस के अवसर पर नेत्रहीन विद्यालय अजीडीह में विधिक जागरूकता सह साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान पैनल अधिवक्ता मो फैयाज अहमद ने बताया कि विश्व ब्रेल दिवस हर साल 4 जनवरी को मनाया जाता है।
यह दिन, ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। पैनल अधिवक्ता रविकांत शर्मा ने बताया कि लुई ब्रेल का जन्म 1809 में फ़्रांस में हुआ था। उन्होंने 10 साल की उम्र में फ़्रांस के रॉयल इंस्टीट्यूट फ़ॉर ब्लाइंड यूथ में पढ़ाई की थी। उन्होंने उभरे हुए बिंदुओं की प्रणाली को विकसित किया, जिसे बाद में ब्रेल के नाम से जाना गया। कहा कि ब्रेल लिपि नेत्रहीन लोगों के लिए बनाई गई एक लेखन पद्धति है। ब्रेल लिपि किसी भी भाषा को लिखने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। यह कई भाषाओं में उपलब्ध है, जैसे कि संस्कृत, अरबी, चीनी, हिब्रू, और स्पेनिश। ब्रेल लिपि पढ़ने के लिए, अंगुलियों को बायीं से दायीं ओर बिंदुओं पर चलाया जाता है और उभरे हुए पैटर्न को महसूस किया जाता है।
उन्होंने बताया कि विश्व ब्रेल दिवस 2025 की थीम 'समावेश और विविधता के माध्यम से सशक्तिकरण' हैं इस थीम का मकसद, दृष्टिबाधित लोगों को समाज के हर पहलू में शामिल करना और उन्हें स्वीकार करना है। ताकि हर कोई अपनी क्षमताओं के मुताबिक आगे बढ़ सके और योगदान दे सके। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पीएलबी दिलीप कुमार, अशोक कुमार वर्मा,कामेश्वर कुमार, सुनील कुमार, रिया कुमारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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