मंगलवार, 3 मार्च 2020

सरिया में 32 करोड़ की लागत से पावर ग्रिड बनकर तैयार

सरिया में 32 करोड़ की लागत से पावर ग्रिड बनकर तैयार
ट्रांसमिशन लाइन का काम जारी , गर्मी में मिलेगी राहत 

सरिया : सरिया क्षेत्र में बिजली की अनियमित आपूर्ति से उपभोक्ताओं को काफी परेशानी होती हैं।  बिजली की आँख मिचौनी से लोग तंग तबाह रहते है। ऐसे में सरिया में बन रहे पावर ग्रीड  स्टेशन के बनने में विलंब होना लोगों को खलता रहा है। अबतक पावर ग्रीड बन गया होता तो लोगो को बिजली की तंगी के दिन नही देखने को मिलते।

बताते चलें की कुछ विलम्ब से ही सही सरिया अनुमंडल क्षेत्र में निर्बाध गति से बिजली की आपूर्ति हो इसे लेकर 32 करोड़ की लागत से बन रहा पावर ग्रीड सब स्टेशन अब बनकर समाप्ति की ओर है।परंतु ट्रांसमिशन लाइन के कनेक्ट नहीं होने एंव पावर ग्रीड सब स्टेशन विभाग को सौंपने में कुछ विलंब होने से लोगो को इसके लाभ मिलने में कुछ और समय लग सकता है। 

 कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर दानिस सिद्दकी ने बताया कि आरके कंस्ट्रक्शन को ठेका मिलते ही तीव्र गति से काम प्रारंभ किया गया जो अब समाप्ति की ओर है परंतु ट्रांसमिशन लाइन जब तक नहीं आएगा तब तक पावर सब स्टेशन में लगे ट्रांसफार्मर चार्ज नहीं किए जा सकेंगे। वहीं ट्रांसमिशन लाइन का कनेक्शन होते ही इस सब स्टेशन से जुड़े हुए क्षेत्रों को निर्बाध गति से बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी। 

बताते चलें कि  पूर्व सांसद डॉक्टर रविंद्र कुमार राय] तथा विधायक विनोद कुमार सिंह के प्रयास से वर्ष 2015 -16 में सरिया में पावर ग्रिड स्टेशन बनने की स्वीकृति मिली। जिसके लिए तत्कालीन अंचलाधिकारी निर्भय कुमार के द्वारा सरिया के मन्धनिया गांव में उक्त ग्रीड निर्माण के लिए सवा दस एकड़ जमीन चिन्हित किया गया। वहीं वित्तीय वर्ष 2016-17 में इस का टेंडर निकला।  जिसमें 32 करोड रुपए की लागत से बनने वाले इस पावर ग्रिड स्टेशन का ठेका आर के कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को प्राप्त हुआ।  पावर ग्रीड स्टेशन के निर्माण के लिए वन विभाग द्वारा एनओसी दे दिया गया। जबकि विभाग के द्वारा कार्य करने का आदेश भी संबंधित कंपनी को प्राप्त हुआ। आदेश मिलते ही सितंबर 2018 से युद्ध स्तर पर कार्य प्रारंभ हुआ। जो अब लगभग समापन की ओर है। 

बताया जाता है कि इस पावर ग्रीड स्टेशन से 8 सब स्टेशन को पावर मिलेगी। जिसमें पीरटांड़, पालगंज, औरा, चीचाकी, बिरनी सरिया, नवागढ़ चट्टी, केसवारी तथा चलकुसा संभावित के नाम शामिल हैं। 

इससे इन क्षेत्रों के सैकड़ों गांव लाभान्वित होंगे। स्ट्रीट लाइट व पानी के साधन मिलेंगे। वहीं पर्याप्त बिजली मिलने से दर्जनों लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा।कुटीर उद्योग व लघु उद्योग का जाल बिछेगा।
(रिपोर्ट - राजेश पांडेय)

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