सोमवार, 3 फ़रवरी 2025

भारत के सेकेंड लार्जेस्ट मोमो कम्पनी एआर बाजार मोमोमिया कैफे का गिरिडीह में हुआ उद्घाटन

गिरिडीह (Giridih)। शहर के बरगंडा के पावर हाउस चौक पर स्थित बाबु टावर में सोमवार को बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर एआर बाजार नामक मोमोमिया कैफे हाउस का उद्घाटन हुआ। यह कैफे हाउस शहर वासियों के लिये वरदान साबित होगा। इस कैफे हाउस में मोमोज के विभिन्न प्रकार के वेरायटीज उपलब्ध होंगे। साथ ही यहां पाव भाजी से लेकर कैफे हाउस में मिलने वाले सभी प्रकार के खाद्य सामग्री काफी किफायती दर पर उपलब्ध होंगे। 


एआर बाजार आपका परिवार मोमोमिया नामक इस कैफे हाउस का उद्घाटन सोमवार को संचालक आशु बगेड़िया के परिवार की छोटी छोटी बच्चियां आस्था रावत व रिया अग्रवाल ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया। मौके पर संचालक आशु बगेड़िया ने बताया कि इस कैफे हाउस के ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग की व्यवस्था है। जहां इस कैफे हाउस का लुत्फ उठाने पहुंचने वाले लोग अपने वाहनों की पार्किंग कर सकेंगे। वहीं इसके पहले तल्ले पर कैफेटेरिया और दूसरे तल्ले पर फैमली पार्टी के लिये स्थान उपलब्ध है। जहां लोग किसी भी प्रकार की पार्टी आयोजित कर सकेंगे। बताया कि यहां मोमोज के विभिन्न प्रकार के वेज नॉनवेज वेराइटी काफी किफायती मूल्य पर लोगों को उपलब्ध होंगे।



मोमोमिया के क्षेत्रिय मैनेजर हरप्रीत सिंह ने बताया कि मोमोमिया भारत वर्ष के दूसरे लार्जेस्ट कैफे हाउस की सुमार में शामिल है। पूरे भारत वर्ष में इसके 250 से अधिक शाखाएं संचालित है। पड़ोसी राज्य बिहार में इसके 30 शाखाएं संचालित है। वहीं झारखण्ड के गिरिडीह में यह तीसरा शाखा आज से शुरू हुआ है। इसके पूर्व झारखण्ड के जमशेदपुर में दो शाखा संचालित है।



वहीं एआर बाजार कैफे हाउस के उद्घाटन के मौके पर उपस्थित गिरिडीह के जाने माने चिकित्सक डॉ आर आर केडिया ने कहा कि इस तरह के कैफे हाउस की गिरिडीह को नितांत जरूरत थी। जहां हर वेराइटीज के चाइनीज फूड वेज नॉनवेज एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो। साथ ही छोटे मोटे पारिवारिक पार्टी के लिये भी स्थान उपलब्ध हो।


वहीं उद्घाटन समारोह में मौजूद महिलाओं ने भी इस प्रकार के कैफे हाउस के गिरिडीह में खुलने से काफी खुशी जाहिर की। मौके पर मौजूद सुरभि तुलस्यान ने कहा कि इस प्रकार के कैफे हाउस के गिरिडीह में खुलना गिरिडीह के लिये मिल का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यहां आकर काफी अच्छा लगा। उन्होने यहाँ तक कहा कि मैं निकट भविष्य में अपने बच्चों का बर्थ डे पार्टी इसी कैफे हाउस में सेलिब्रेट करूंगी। यहां का लुक यहां का इंटीरियर डेकोरेटर काफी लुभावना है। इसमे जो एक बार आएगा वह बार बार आना चाहेगा।



उद्घाटन समारोह में संचालक आशु बगेड़िया, अजय बगेड़िया (रिंकू), नेहा बगेड़िया, अशोक केडिया, दिलीप बगेड़िया, झामुमो नेता दिलीप रजक समेत कई गण्यमान्य लोग महिला व पुरुष उपस्थित थे।




बसंत पंचमी के अमृत स्नान से होती है सात पीढ़ियों की शुद्धि, मिलते हैं 5 लाभ

प्रयागराज (Prayagraj)। महाकुंभ का अंतिम और तीसरा अमृत स्नान आज बसंत पंचमी के दिन हो रहा है। इस दौरान करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ संगम स्नान के लिए दिखाई दे रही है। सुबह 4 बजे से यह अमृत स्नान चल रहा है। बताया जा रहा कि अब तक 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगा ली है। महानिर्वाणी अखाड़े की साधु-संतों ने इस अमृत स्नान में भी सबसे पहले स्नान किया है। इसके बाद अन्य अखाड़े स्नान कर रहे हैं। माना जाता है कि बसंत पंचमी के अमृत स्नान से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। 


बसंत पंचमी के अमृत स्नान से मिलते हैं 5 लाभ

मोक्ष
हर वर्ष माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है, लेकिन इस बार यह महाकुंभ के साथ मनाई जा रही है, ऐसे में मान्यता है कि इस दिन अमृत स्नान करने से जातक को मृत्यु पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।


7 पीढ़ियों की शुद्धि
महाकुंभ का यह तीसरा और आखिरी अमृत स्नान है, ऐसे में जो भी जातक इस दिन गंगा स्नान कर सकेंगे उनके अलावा, उनकी 7 पीढ़ियों तक की शुद्धि हो जाती है।



पितरों की आत्मा तृप्त और मिलती है आत्मिक शांति

इस दिन अमृत स्नान का महत्व माना गया है। माना जाता है कि इसी दिन सरस्वती मां का अवतरण हुआ था। ऐसे में प्रयागराज के संगम तट पर अदृश्य सरस्वती नदी स्वरूप में स्वयं विराजमान हैं। माना जाता है कि यहां स्नान करने से जातक के पितरों की आत्मा तृप्त और आत्मिक शांति मिलती है।


निरोगी शरीर
साथ ही जातक के शरीर को आरोग्य की भी प्राप्ति होती है। माना गया है कि कोई रोग उसके पास भी नहीं भटकता है।


ऊर्जा का संचार
इसके अलावा, अमृत स्नान से जातक के शरीर में दिव्य ऊर्जा का संचार होता है।

कुली ने किया 'अधेड़' महिला संग ट्रेन में बलात्कार, आरोपी कुली गिरफ्तार

मुम्बई (Mumbai)। इन दिनों महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है। खास कर यदि महिला कहीं अकेली दिख जाती है तो, हर तरफ हवस के पुजारी उन्हें अपने हवस का शिकार बनाने को गिद्ध दृष्टि डाले रहते हैं। ताजा मामला देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के बांद्रा टर्मिनस की है। जहाँ लंबी दूरी की एक ट्रेन में एक महिला के साथ एक कुली ने कथित तौर पर बलात्कार किया और फरार हो गया। हालांकि राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने अपनी तत्परता दिखाते हुये बलात्कार के आरोपी कुली को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है। 


राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के अधिकारी ने बताया कि एक 'अधेड़ उम्र' की महिला और उसका बेटा शनिवार रात को ट्रेन से बांद्रा टर्मिनस पहुंचे। ट्रेन से उतरने के बाद वह दूसरी ट्रेन में चढ़ गई जो प्लेटफॉर्म के दूसरी तरफ खड़ी थी। 


अधिकारी ने बताया कि उस समय दूसरी ट्रेन में कोई यात्री नहीं था। उस ट्रेन में मात्र एक कुली मौजूद था और उसने महिला को अकेली देखा और ट्रेन के कोच को पूरी तरह खाली रहने का बेजा फायदा उठाते हुए उस 'अधेड़ उम्र' की महिला के साथ कथित तौर पर  बलात्कार किया।


अधिकारी ने बताया कि महिला का यौन उत्पीड़न करने के बाद आरोपी कुली मौके से फरार हो गया। इसके बाद पीड़ित महिला ने बांद्रा जीआरपी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी।


पीड़िता द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद रेलवे पुलिस हरकत में आयी और आरोपी कुली का पता लगाने के लिए स्टेशन परिसर में लगे निगरानी कैमरों की फुटेज खंगाली और उसे गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही है। अधिकारी ने बताया कि आरोपी कुली पर मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

शाम छह बजे के बाद इन 11 गांवों में होगी नो एंट्री, भूल कर भी गए तो पड़ेगा महंगा

ग्रामीणों ने बैठक कर लिया फैसला, नो एंट्री के समय गांव में घुसे तो करेंगे सेंदरा

गुमला (Gumla)। झारखंड के गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड अंतर्गत बरडीह पंचायत के 11 गांवों के ग्रामीणों ने रविवार को उरू गांव में बैठक कर एक फरमान जारी किया है. जारी फरमान में यह स्पष्ट किया गया है कि शाम छह बजे के बाद अब अनजान लोगों को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा. इसके लिए बरडीह पंचायत के बॉर्डर इलाके सिविल और सोकराहातु गांव में नो एंट्री का बोर्ड लगाया जाएगा. बता दें कि बरडीह पंचायत में रोघाडीह, घुसरी, बरडीह, तबेला, कुकरूंजा, कोल्दा, सोकराहातु, कोचागानी, केरागानी व कुईयो गांव के लोग बकरी और खस्सी चोरी से परेशान हैं. इन गांवों के साले कोरवा, बंधा कोरवा, रामदेव कोरवा, पुनई उरांव, घसिया कोरवा सहित दो दो दर्जन ग्रामीणों की बकरी और खस्सी की चोरी हुई है. इन गांवों के ग्रामीण बकरी चोरों के आतंक से परेशान हैं. एक महीने के अंदर 40 से 45 बकरी और खस्सी की चोरी हो चुकी है. चोरों के आतंक को रोकने और उन्हें पकड़ने के लिए ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है. बैठक कर ग्रामीणों ने बकरी चोरों को पकड़ने के लिए बॉर्डर इलाके में कड़ी नजर रखने का निर्णय लिया है.


टीम बना करेंगे ग्रामीण रतजगा

ग्रामीणों ने यह भी कहा है कि पुलिस को सूचना देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है. इसलिए अब गांव के लोग टीम बनाकर इन सभी 11 गांवों में रतजगा करेंगे. चोर पकड़े जाते हैं तो उसकी पिटाई (सेंदरा) की जाएगा. इसके बाद पुलिस को सौंपा जाएगा. 


बकरी चोरों को पकड़कर पीटेंगे, तब सौंपेंगे पुलिस को

बैठक के दौरान रामदेव कोरवा ने बताया कि मेरी सात बकरी व खस्सी चोरी हुई है. बरडीह गांव के मधु उरांव ने कहा कि एक महीना से बकरी चोरी से परेशान हैं. उनके घर में भी चोर घुसा था, पर चोर भाग गया. पुलिस चोरों को पकड़े. नहीं तो मजबूरी में बड़ी कार्रवाई करनी होगी. बरडीह गांव के बालमोहन मुंडा ने कहा कि पहले हम ग्रामीण नक्सल घटना से भयभीत थे. अब बकरी चोर से परेशान हैं. अब चोर के पकड़ कर खुद कार्रवाई करेंगे. पुलिस मदद नहीं कर रही है. तबेला गांव के राज कुमार कहते हैं कि उनका इलाका कुरूमगढ़ थाना क्षेत्र में आता है. पशुपालन कर वह जीविका चलाते हैं, परंतु कुछ दिनों से बकरी चोरी की घटना बढ़ी है. अब चोरों को पकड़कर पीटेंगे. तब पुलिस को सौंपेंगे.


अनजान लोगों के लिये होगी नो एंट्री : मुखिया

बरडीह पंचायत के मुखिया ईश्वर खेस ने बताया कि बरडीह पंचायत के 11 गांवों में बकरी और खस्सी की चोरी बढ़ गयी है. इसलिए गांव के प्रवेश द्वार पर नो एंट्री का बोर्ड लगाएंगे. गांव में अनजान लोगों को घुसने नहीं दिया जाएगा. मुखिया ने कहा कि ये 11 गांव पूरी तरह नक्सल पीड़ित हैं, परंतु नक्सली घटनाएं कम हुईं तो चोरी की घटना बढ़ गयी है. इन 11 गांवों की आबादी करीब सात हजार है.


नक्सलवाद से मुक्त हो रहा गांव

गौरतलब है कि 15 लाख के इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव के मारे जाने और सबजोनल कमांडर रंथू उरांव के पकड़े जाने के बाद बरडीह पंचायत का इलाका नक्सल से मुक्त की राह पर है. नक्सल से निपटने के लिए ही कुरूमगढ़ गांव में थाना की स्थापना हुई है. इस क्षेत्र में तीन पुलिस पिकेट भी लगा है, परंतु अब इस क्षेत्र के लोग नक्सल से कम और चोरों से ज्यादा भयभीत हैं.