रविवार, 19 जनवरी 2020

बिहार का लाल हुआ हिमस्खलन में शहीद

बिहार का लाल हुआ हिमस्खलन में शहीद


पटना : जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बर्फबारी जानलेवा साबित हो रही है. हिमस्खलन के कारण कई भारतीय जवान शहीद हो गए. जिसमें बिहार के सीवान जिले का भी लाल शामिल है.

रविवार की अहले सुबह शहीद जवान का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा. कुपवाड़ा माछिल सेक्टर में, नौगाम सेक्टर और पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में सुरक्षाबलों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में ख़राब मौसम के कारण सीवान जिले में महाराजगंज प्रखंड के हहवाँ गांव का रहने वाला एक सैनिक शहीद हो गया. शहीद सैनिक का शव पैतृक गांव पहुंचते ही इलाके में मातमी सन्नाटा पसर गया. शहीद के परिजनों में कोहराम मच गया है.

       शहीद जवान हहवाँ गांव के रहने वाले श्यामलाल शाह के पुत्र सुनील कुमार हैं. शहीद सुनील कुमार की शादी 2007 में ममता कुमारी के साथ हुई थी. जहां सुनील के 9 वर्षीय लड़का और 6 साल की एक लड़की है. पति के शहीद होने के बाद पत्नी ममता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.
जैसे ही उनके घर शहादत की खबर पहुंची घर के साथ-साथ पूरे गांव में चीख पुकार मच गई. जहां पत्नी अपने आप को अकेला छोड़ कर चले जाने की बात करते हुए बार-बार बेहोश हो जा रही थी, तो वहीं छह साल की मासूम बच्ची भी अपने पिता की मौत पर आंसू बहा रही थी.

देश की रक्षा के लिए शहीद सुनील के बारे में आस-पास के गांव वालों ने कहा कि वो काफी मिलनसार और होनहार लड़का था. बचपन से ही शिक्षा के प्रति वो काफी जागरुक था और लोगों में जागरुकता फैलाने का काम भी करता था. दूसरी तरफ सुनील के पिता तरुण सिंह आंखों में आंसू लिए लगातार कह रहे थे कि हमें अपने बेटे पर गर्व है और वो हमेशा देश की रक्षा में जान न्योछावर करने की बात भी करता था.

पति रहेगा तीन दिन पत्नी और तीन दिन प्रेमिका के साथ

पति रहेगा तीन दिन पत्नी और तीन दिन प्रेमिका के साथ


रांची पुलिस के समक्ष हुआ समझोता

रांची : झारखण्ड की राजधानी रांची के सदर थाने में शनिवार को एक अजीबोगरीब मामला सामने आया. इस मामले ने रांची पुलिस को पेशोपेश में डाल दिया। बाद में पुलिस के समक्ष थाने में एक समझोता तहत पत्नी और प्रेमिका ने पति का बंटवारा कर दिया। जिसके तहत पति, तीन दिन पत्नी के साथ तो तीन दिन प्रेमिका के साथ रहेगा। और एक दिन की उसकी रहेगी छुट्‌टी। 

दरअसल, शनिवार को एक व्यक्ति की प्रेमिका सदर थाने पहुंची और शिकायत की कि इकरारनामे को तोड़ते हुए पांच दिन से उसका प्रेमी घर नहीं आया है। पति, पत्नी और वो के चक्कर में पुलिस भी परेशानी में पड़ गई।

बाद में पुलिस ने पति राजेश कुमार को थाने बुलाया और समझाया। इसके बाद राजेश की पत्नी और प्रेमिका में सहमति बनी। पत्नी और प्रेमिका ने राजेश को रहने के लिए आपस में बांट लिया। पति सप्ताह में तीन-तीन दिन दोनों के साथ रहने पर सहमति हुई। पत्नी और प्रेमिका ने पति को एक दिन की छुट्टी भी दी।

गौरतलब है कि पुलिस की मौजूदगी में प्रेमिका और पत्नी ने समझौता किया था कि दोनों के लिए पति के दिनों का बंटवारा होगा। अब राजेश ने प्रेमिका से भी शादी कर ली है, इसलिए सप्ताह में तीन दिन पहली पत्नी, तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा।  साथ ही उसे सप्ताह में एक दिन के लिए साप्ताहिक छुट्टी भी दी गई।

उपायुक्त राहुल सिन्हा ने पिलाया पोलियो की खुराक

उपायुक्त राहुल सिन्हा ने पिलाया पोलियो की खुराक

गिरिडीह : रविवार को गिरिडीह जिले को  पोलियो से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से पोलियो टीकाकरण अभियान चलाया गया।

  जिसकी सफलता हेतु जिले के 2264 बूथों पर स्वस्थ्य विभाग के कर्मी, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका आदि पुरे तल्लीनता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वाहन किया, और 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलायी।

उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने गिरिडीह सदर अस्पताल परिसर में बनाये गये पोलियो बूथ पर सिविल सर्जन अवधेश कुमार सिन्हा की मौजूदगी में छोटे बच्चों को अपने हाथों से पोलियो की दवा पिलाया।
इस मौके पर काफी संख्या में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोग व स्थानीय नागरिक महिला-पुरुष मौजूद थे।

जिला अंडर-19 की वोमेन्स टीम जमशेदपुर रवाना

जिला अंडर-19 की वोमेन्स टीम जमशेदपुर रवाना

गिरिडीह :-झारखंड स्टेट वोमेन्स इंटर डिस्ट्रिक्ट अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए गिरिडीह जिला अंडर-19 की वोमेन्स टीम जमशेदपुर के लिए मैनेजर एवं कोच मो0 जुबेर के साथ रवाना हुई।

 जमशेदपुर में गिरिडीह की अंडर-19 वोमेन्स टीम 20, 21, 23 और 24 जनवरी को राँची, सिमडेगा, जमशेदपुर और हजारीबाग से अपने मैच खेलेंगी।

टीम में ट्रायल के माध्यम से बेहतर प्रदर्शन कर चुनी हुई खिलाड़ियों में :- श्रेयांशी (कप्तान), किरण कुमारी, रीमा कुमारी, नैना कुमारी, सानिया बुसरा, नित्या कुमारी, निकिता कुमारी, प्रीति कुमारी, अदिति कुमारी, पूजा कुमारी,  कुमारी सानिया,  पूजा कुमारी, प्रियंजली, प्रतिमा कुमारी,  सुप्रिया कुमारी को शामिल किया गया है।

गिरिडीह जिला क्रिकेट एसोसिएशन की एक बड़ी उपलब्धि है कि झारखंड स्टेट में अंडर-19 वोमेन्स टीम के सिर्फ 9 ही टीमों में अब गिरिडीह की टीम ने भी अपनी जगह बना ली है।



शनिवार, 18 जनवरी 2020

अंतिम बार गोमो स्टेशन पर दिखे थे नेताजी

अंतिम बार गोमो स्टेशन पर दिखे थे नेताजी

"तुम मुझे खून दो मैं तुझे आजादी दूंगा" का नारा देने वाले नेताजी के जीवन से जुडी है 18 जनवरी

18 जनवरी 1941 को अंतिम बार गोमो स्टेशन पर दिखे थे नेताजी

गिरिडीह (राजेश कुमार) : नेताजी सुभाष चंद्र बोस आज ही के दिन 18 जनवरी 1941 को एक पठान के वेश में अपने महा निष्क्रमण यात्रा के दौरान धनबाद जिले के गोमो पहुंचे थे और गोमो रेलवे स्टेशन से पेशावर के लिए पेशावर मेल (कालका मेल) में सवार हुए थे। उसके बाद नेताजी फिर कहीं नही दिखे। यूं कहें कि उसके बाद रात के गुमनाम अंधेरे में एक चमकता हीरा न जाने कहां गुम हो गया।

नेताजी को लेकर उनके एक दोस्त दिल्ली जानेवाली कालका मेल में चढ़ाने  गोमो आए थे। हालांकि नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक पठान के वेश में थे और उन्हें पहचान पाना कठिन था। ट्रेन के एक कंपार्टमेंट में सवार हुए। उनके सवार होने के तुरंत बाद ही ट्रेन खुल गयी। पठान ने परिचित से हाथ हिला कर विदा लिया।

नेताजी काफी देर तक हाथ हिलाते रहे थे। तब परिचित जान नहीं पाया था कि नेताजी से उनकी फिर कभी मुलाकात होगी कि नहीं। परिचित देर तक ट्रेन की तरफ ताकते रहे थे। ट्रेन के सामने से गुजर जाने के बाद पीछे प्रकाश का दो पुंज काफी दूर तक दिखा और फिर वह अंधेरे में विलीन हो गए। इसके बाद नेताजी कहीं नहीं मिले। उनके बारे में फिर किंविदंतियां ही शेष रह गयी

"तुम मुझे खून दो मैं तुझे आजादी दूंगा" स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह नारा देने वाले आजाद हिंद फौज के नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का धनबाद से एक तरह से पारिवारिक रिश्ता था। यहां उनके भतीजे अशोक बोस केमिकल इंजीनियर थे। नेताजी तब यहां आते-जाते थे। नेताजी ने यहां देश की पहली रजिस्टर्ड मजदूर यूनियन की शुरुआत की। इसके खुद अध्यक्ष थे। उन्होंने यहां मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ी थी।

18 जनवरी 1941 को गोमो से ऐतिहासिक महानिष्क्रमण यात्रा से दो दिन पहले ही भतीजे शिशिर बोस ने एक पठान के रूप में उन्हें बरारी कोक वक्र्स में लाया था। यहां से शिशिर बोस ही उन्हें छोड़ने गोमो अपने भाई की कार से गए थे।
आज गोमो में उनके महा निष्क्रमण की याद दिलाता प्लेटफॉर्म संख्या एक और दो के बीच उनकी प्रतिमा स्थापित है साथ ही पूरे स्टेशन परिसर में नेताजी का चित्र बनाया गया है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में कोई कसर नही छोड़ता है। चित्र में नेताजी को ट्रेन में एक पठान के वेश में चढ़ता दिखाया गया है।

धनबाद में सन 1930 में देश की पहली रजिस्टर्ड मजदूर यूनियन कोल माइनर्स टाटा कोलियरी मजदूर संगठन की स्थापना नेताजी ने की। जब अंग्रेजों ने नेता जी को अपने आवास में नजरबन्द किया था, उस दौरान वह वहां से जियाउद्दीन नामक पठान का वेशधर कर वंडर कार से 14 जनवरी 1941 को यहां पहुंचे थे।

तब भतीजे ने उन्हें अपने घर में शरण दी थी। नेता जी दिनभर यही रहे, यहीं भारत में उनका आखिरी पड़ाव था। नेता जी की याद में बीसीसीएल ने ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यहां पार्क बनवाया।

लेकिन वह देखरेख के अभाव में वर्षों खंडहर बना रहा। अब इस पार्क की सुधि बीसीसीएल ने ली है। धनबाद से जुड़ी नेताजी की और भी स्मृतियां हैं। यहां का चप्पा-चप्पा उनकी यादों से जुड़ा है. बावजूद इसके आज तक यहां की उनकी निशानियां सहेजने की सरकार ने कोशिश नहीं की।

18 जनवरी 1941 रात के वक्त अपने वंडर कार से नेताजी डॉ शिशिर बोस के साथ धनबाद के गोमो स्टेशन पहुंचे। अंग्रेजी फौजों और जासूसों से नजर बचा कर गोमो हटियाटांड के घने जंगलों में छिपे रहे थे जंहा उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी अलीजान और वकील चिरंजीव बाबू के साथ एक गुप्त बैठक की थी। जहां नेताजी छिपे थे वहां आज आजाद हिंद स्कूल है। जो आज भी उनकी याद क्षेत्र वासियों को दिलाती है।@News Update,Jharkhand




शुक्रवार, 17 जनवरी 2020

गिरिडीह मे भीषण सड़क हादसा, दो की मौत

बस और मारुती के बीच भीषण टक्कर, दो की मौत


घटना सरिया थाना क्षेत्र की

गिरिडीह : जिले के सरिया-बिरनी मुख्य पथ पर निमाटांड़ के समीप आज तड़के हुई एक भीषण सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हो गयी।

घटना के सम्बन्ध में मिली जानकारी के मुताबिक घने कोहरे की वजह से एक मारुति कार और परिवर्तन नामक बस के बीच आमने सामने की टक्कर हो गयी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि इस घटना में मारुति सवार दो लोगो की मौत घटना स्थल पर ही हो गई है।

बताया जाता है कि दोनों मृतक जिले के डुमरी के निवासी थे और बिरनी से डुमरी वापस लौट रहे थे। इसी बीच निमाटांड़ सरिया के पास परिवर्तन नामक बस ने उनकी मारुती कार में टक्कर मार दी। जिसमें दोनों की मौत हो गयी। मृतकों का नाम रोहित राणा (25वर्ष) और सूरज राणा (22वर्ष) बताया जाता है।


गुरुवार, 16 जनवरी 2020

प्रेम प्रसंग में हुई रीतेश चौधरी की हत्या : एसपी

रीतेश चाौधरी हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा 

प्रेम प्रसंग में हुई रीतेश की हत्या : एसपी

गिरिडीह :  पुलिस नें बनखन्जो में हुये रीतेश चौधरी हत्याकांड की गुत्थी घटना के 24 घण्टे के भीतर सुलझाने में कामयाब रही। पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल दो नाबालिग आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही पुलिस ने हत्या में शामिल किए गए बाईक के साथ खून लगा हुआ लकडी का कुंदा भी जब्त कर लिया है।

गुरुवार को जिले के पुलिस कप्तान सुरेंद्र कुमार झा ने प्रेस वार्ता कर इस बावत जानकारी देते हुये बताया कि रीतेश की हत्या प्रेम प्रसंग में हुई है। उन्होंने मामले का खुलासा करते हुये बताया कि
रीतेश की हत्या का कारण जो लड़की बनी है वह नाबालिग है। वंही उसकी हत्या में शामिल रीतेश का दोस्त सिद्धार्थ कुमार वर्मा और छोटू यादव भी नाबालिग है।

पुलिस कप्तान ने बताया कि सिद्धार्थ और छोटू यादव ने मिलकर पहले रीतेश को झरियागादी में बालगोपाल यादव के घर गांजा पीलाया। इसके बाद दोनों रीतेश को लेकर बाजार गए फिर  तिलकूट खरीद कर बनखंजो पहुंचे। जहां सिद्धार्थ और छोटू यादव ने रीतेश के साथ पहले जमकर मारपीट किया। उसके बाद सिद्धार्थ ने लकड़ी के कुंदे से बनखंजो पहाड़ के पीछे उसकी हत्या कर दी।

उन्होंने बताया कि रीतेश की हत्या के बाद दोनों आरोपियों ने मामले को सड़क हादसे में बदलने का प्रयास करते हुए पचंबा थाना पुलिस को भ्रम में डालने का प्रयास किया। लेकिन वह उसमे कामयाब नही हो पाये।  पचंबा थाना पुलिस ने छोटू यादव को जहां बरगंडा स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया। वहीं दुसरे आरोपी सिद्धार्थ को पुलिस ने बेंगाबाद थाना क्षेत्र के चितमाडीह गांव से दबोचने में सफलता पाई।

प्रेसवार्ता में एसपी सुरेन्द्र झा,के अलावे डीएसपी संतोष मिश्रा, पुलिस निरीक्षक सहदेव प्रसाद समेत अन्य कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

स्वर्ण कारोबारी के रूप में हुई लावारिश लाश की पहचान

लापता स्वर्ण कारोबारी के रूप में हुई लावारिश लाश की पहचान 

न्यूज़ अपडेट, पटना : बीते 10 जनवरी को किडनैप किए गए स्वर्ण कारोबारी के पूरे मामले का खुलासा हो गया है. अपहरण के दिने ही कुछ ही घंटे बाद अपराधियों ने कारोबारी की हत्या कर दी थी और शव को ठिकाने लगाने की नियत से मोतिहारी के चिरैया थाना इलाके में फेंक दिया गया था. 

बताया जाता है कि 11 जनवरी को ही चिरैया थाना के बैधनाथ पुर और खोड़ा गांव के बीच सड़क किनारे एक व्यक्ति का लावारिस शव मिला था. मोतिहारी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम कराने के बाद 72 घंटे तक रखने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया.

16 जनवरी को फोटो देखकर पटना पुलिस ने लावारिस की पहचान स्वर्ण कारोबारी के रुप में की, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ.

बता दें कि 10 जनवरी को दानापुर इलाके के खड़ंजा रोड में ज्वेलरी की दुकान चलाने वाला स्वर्ण व्यवसायी मुकेश कुमार गुप्ता लापता हो गया था. जिसके बाद उसके घरवाले ने अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी.

मां अलंकार ज्वेलर्स के मालिक मुकेश के भाई राकेश कुमार गुप्ता ने शिकायत में बताया था कि उसके भाई का अपहरण हो गया है. किसी ने उसे ऑडर लेने के लिए सगुना मोड़ बुलाया था और वहां से वह वापस नहीं लौटा. वहीं उसके भाई ने फोन पर कुछ लोग को दूकान पर भेज मंगल सूत्र और अंगूठी के साथ कुछ ज्वेलरी देने की बात कही थी. उसके कुछ देर बाद ही दो लोग दूकान से ज्वेलरी ले गए और फिर कारोबारी का नंबर बंद हो गया था.

लड़कियों को अगवा कर किया गैंगरेप

खूंटी में लड़कियों को अगवा कर किया गैंगरेप


न्यूज़ अपडेट,झारखंड : खूंटी में एक साथ 4 लड़कियों के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई है. सभी लड़कियां मेला देखकर लौट रही थी. इस दौरान ही सभी 6 आरोपियों ने इस घटना को अंजाम दिया है. पुलिस ने सभी लड़कियों को मेडिकल के लिए भेज दिया है.

मेला देखकर लौट रही थी घर

घटना के बारे में बताया जा रहा है कि सभी लड़कियों एक साथ मकर संक्रांति के मौके पर लगने वाले रंग रोड़ मेला देखने गई थी. सभी मेला से एक साथ लौट रही थी. इस दौरान दिन दिनदहाड़े सभी आरोपियों ने इस घटना को अंजाम दिया.

आरोपियों के चंगुल से भागी दो लड़कियां

बताया जा रहा है कि इस दौरान आरोपियों के चुंगल से दो लड़कियां चुंगल से भागकर घर पहुंची और इसके बारे में बताया. जिसके बाद गांव में हड़कंप मच गया. सभी पीड़ित लड़कियां आदिवासी समाज की है.

सभी आरोपी लड़कियों के स्कूल के

इस घटना में शामिल सभी आरोपियों की पुलिस ने पहचान कर ली है. सभी आरोपी लड़कियों के साथ स्कूल में ही पढ़ाई करते है. सभी गांव छोड़कर फरार हो गए है. आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी जारी है. जिस जगह पर घटना हुई है वह सुनसान इलाका है. इसका ही सभी आरोपियों ने फायदा उठाते हुए इस घटना को अंजाम दिया है.

सीबीआई की अदालत में लालू यादव से पूछे गये कुल 34 सवाल

चारा घोटाला कांड : सीबीआई की अदालत में लालू यादव से पूछे गये कुल 34 सवाल 

न्यूज़अपडेट,रांची : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में अपना बयान दर्ज करा दिया है. लालू यादव से सीबीआई कोर्ट ने कुल 34 सवाल पूछे हैं. लालू ने अदालत में इन सभी सवालों का जवाब बारी-बारी से दिया. वहीं लालू प्रसाद अपना बयान दर्ज कराने के बाद कोर्ट से निकल गए हैं. कोर्ट में पेशी के बीच लालू प्रसाद यादव करीब दो घंटे तक कोर्ट में रहे.

आपको बता दें कि 139 करोड़ के इस घोटाले में लालू ने गुरुवार को अपना बयान रांची की विशेष सीबीआइ अदालत में दर्ज कराया. इससे पहले चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव पेशी के लिए दिन के 10 बजे रांची की सीबीआइ अदालत पहुंचे. यहां सीबीआइ अदालत के जज सुधांशु कुमार शशि के मौजूद नहीं होने से उन्‍हें करीब आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा. इस बीच लालू को टायलेट भी ले जाया गया.

बता दें कि लालू ने 110 वें आरोपित के रूप में डोरंडा कोषागर मामले में कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया. कोर्ट कैंपस में भारी सुरक्षा की व्‍यवस्‍था की गई. लालू के वकील ने बताया कि डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में आइपीसी की धारा 313 के तहत बयान दर्ज कराया है. कड़ी सुरक्षा के बीच लालू यादव को सीबीआई के विशेष जज एसके शशि की अदालत में लाया गया. 

बुधवार, 15 जनवरी 2020

गिरिडीह में फिर एक युवक की नृशंस हत्या

गिरिडीह में युवक की नृशंस हत्या, अपराधियों ने कुचला चेहरा


गिरिडीह : पचंबा थाना क्षेत्र के बनखंजो पहाड़ी के समीप रेलवे ट्रैक के पास एक युवक की हत्या अज्ञात अपराधियों द्वारा कर दी गयी। अपराधियों ने काफी निर्दयता पूर्वक युवक की हत्या की है। 

युवक के चेहरे को बेरहमी से कुचल दिया है। चेहरा कुचला होने से युवक की पहचान नहीं हो पा रही थी। लेकिन घटना स्थल पर मिली एक बैग जिसमे कुछ कॉपी और किताब के साथ गांजा का पुड़िया भी बरामद हुआ है।  कॉपी पर नितेश कुमार राय नाम लिखा मिला है। उसी आधार पर पुलिस उसकी पहचान नितेश कुमार राय के रूप में कर रही है।

घटना की सुचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गयी है और शव को अपनी अभिरक्षा में ले लिया है। वंही यह खबर जंगल में आग की तरह पुरे इलाके में फैल गयी है और काफी संख्या में लोग घटना स्थल पर पहुंच गये है।

विदित हो कि कुछ दिनो पूर्व में भी पचम्बा थाना क्षेत्र के बोडो में भी एक युवक की ठीक इसी प्रकार हत्या की गयी थी। अपराधियों ने उसका भी चेहरा कुचल दिया था। जिसकी बाद में पचम्बा निवासी अमन राणा के रूप में पहचान हुई थी। पुलिस अभी उस हत्याकांड की गुत्थी सुलझा भी नहीं पायी थी कि पुनः दूसरी घटना घटित हो गयी है। बहरहाल डीएसपी सन्तोष मिश्रा और पचम्बा थाना प्रभारी मामले की गहन जाँच पड़ताल में जुटी है।

दिल्ली में बेची गई झारखंड की आदिवासी लड़की

दिल्ली में बेची गई झारखंड की आदिवासी लड़की, होता रहा रेप



दो महीने पैदल चलकर पहुँची घर

न्यूज़ अपडेट,रांची : गांव के एक लड़के ने कहा वह नौकरी दिलाएगा. लड़की मान गई और उसके साथ चली गई. दिल्ली में बेच दिया जिसके यहां बेची गई, दो महीने तक झाड़ू-पोछा किया. उसका बलात्कार हुआ और होता रहा. एक दिन चार लड़के एक साथ रेप करने की कोशिश करने लगे. अपने जीवन को दांव पर लगाया और दूसरी मंजिल के नीचे कूद गई.

राजधानी रांची से लगभग 400 किलोमीटर दूर साहेबगंज जिलान्तर्गत बरहेट थाना है. संथाली, पहाड़िया, पड़हिया आदिवासी बहुल. बरहेट थाना से 15 किलोमीटर दूर श्रीरामपुर गांव की इस लड़की से बीते 7 जनवरी की सुबह को जब मिला तो पास के चापाकल (हैंडपंप) से घड़े में पानी भरकर घर ला रही थी. उसकी मां खेत में काम करने गई थी.
पीड़िता

लड़की के अनुसार उसने भागना शुरू किया और फिर लगातार लगभग दो महीने तक भागती रही. दिनभर सड़कों पर चलती रही. रात को अस्मत बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ जाती. अंधेरा खत्म होते ही फिर चलना शुरू करती. लगभग दो महीने पैदल चलती रही. रास्ता पता नहीं था. दिल्ली से चलती-चलती वह मध्य प्रदेश के सीधी जिला पहुंच गई.

वहां बेहोशी की हालत में लोगों को मिली. पुलिस आई थाने और फिर वन स्टॉप सेंटर ले गई. कमजोरी से उसकी आंखें बाहर निकली लग रही थीं. शरीर में केवल हड्डी नजर आ रही थी. चार दिन बाद वह बोलने के हालात में आई. केवल संथाली भाषा जानती थी. हिन्दी या दूसरी भाषा न तो कभी सुना था, न ही बोली थी. बात-बात में उसके मुंह से निकल गया झारखंड.

पुलिस ने तलाशना शुरू किया. संपर्क हुआ धनबाद के युवक अंकित राजगढ़िया से. उसने अपने एक दोस्त जो संथाली जानता था, उससे उसकी बात कराई. गांव और पिता के नाम का पता चला. अंकित ने घर जाकर तस्दीक की और तसल्ली होने के बाद उसने साहिबगंज पुलिस को मामले की जानकारी दी. अखबारों में खबर छपी. लड़की वापस गांव पहुंची. मामला बरहेट थाना आईपीसी की धारा 370 (मानव तस्करी, सात से 10 साल की कठोर कारावास, नाबालिग की तस्करी में एक से अधिक बार पकड़े जाने पर आजीवन कारावास) और 371 (दासियों की खरीद-बिक्री, 10 साल से लेकर आजीवन कारावास) कांड संख्या 152/19 के तहत दर्ज की गई है.

अस्मत बचाने को रात को चढ़ जाती थी पेड़ पर

ये झारखंड की एक पहाड़िया आदिवासी लड़की है जिसके पिता मर चुके हैं. घर में मां के अलावा भाई और उसका परिवार है. मजदूरी से ही घर चलता है. गांव के एक लड़के सृजन मुर्मू ने कहा मिशनरी में नौकरी दिलवा देगा. पांच हजार रुपए महीना मिलेगा. तैयार हो गई. झारखंड से पुरानी दिल्ली ले जाकर सृजन ने उसे बेच दिया. इस लड़की के साथ उसी के गांव की एक और लड़की थी. पास के गांव की भी एक लड़की थी. सब बेच दी गई थीं.

लड़की बताती है- ‘उसे एक ऑफिस में रखा जाता था. वहीं झाडू-पोछा लगाने का काम करती थी. रात को खरीदार उसके साथ रेप करता था. विरोध करने पर चाकू दिखाता था. एक रात चार लड़के आ गए, वह बहुत बड़े और हट्टे-कट्ठे थे. हम तीन लड़कियां एक साथ खड़ी थीं. एक ने उसका हाथ पकड़ा ही था, हाथ छुड़ाकर घर की खिड़की से हम तीनों कूद गईं. रास्ते में किसी होटल के आगे फेका खाना खा लेती थीं. लोग पागल समझते थे, इसलिए कुछ कहते नहीं थे. नहाई नहीं, सो शरीर से बदबू आने लगी थी. डर से पेड़ पर सोती नहीं थी. दिन में कभी झपकी लेती थी. फिर चलना शुरू कर देती थी.’

पीड़िता का घर  

श्रीरामपुर की दो लड़कियां अब भी गायब हैं.

गायब हुई लड़की लुक्खी सोरेन के पिता हृदन सोरेन (60) बीमार हैं. छोटी बहन रो रही है. वह भी सृजन मुर्मू का नाम लेती है कि वही उसकी बहन को ले गया. जब उसे वापस लाने को कहा तो 2500 रुपया देने को कहा. वह पैसा लेकर गया, अभी तक वापस गांव नहीं आया है. पास के घर की एक और महिला बताती हैं कि उसकी भी बेटी ठकराइन सोरेन को छोटो मुर्मू तीन साल पहले ले गया. वह आज तक लौट के नहीं आई. उसकी छोटी बेटी (शादी हो गई है) ने एक बार कोलकाता में उसे कहीं देखा था लेकिन उसे याद नहीं कि कहां देखा था. मामला पुलिस में दर्ज नहीं है, पैसा और पति नहीं, ऐसे में बेटी को ढूंढे़ तो कैसे. पास के ही लेटरा बस्ती की भी एक लड़की गायब है.

लुक्खी सोरेन के मामले में साहेबगंज एसपी अमन कुमार ने बताया कि इस इलाके में यह अब आम बात हो चली है. अमन कुमार ने कहा कि लुक्खी सोरेन के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. पता कराते हैं. वैसे उन इलाकों से लड़कियां काम करने के लिए भी जाती हैं.

स्थानीय पत्रकार अजीत झा कहते हैं. इस इलाके में पहाड़िया, संथाली आदिवासी लड़की का बाहर जाना और फिर वापस लौट कर नहीं आना, आम बात हो गई है. यह मामला चर्चा में आ गया तभी तो आप रांची से यहां पहुंच गए हैं. हम लोगों के लिए यह आम बात है. आए दिन खबर छापते हैं, लेकिन कुछ होता नहीं है.

व्यवसायी नारायण प्रसाद साह ने इस खबर को पूरा करने में द्विभाषिये का काम काम किया. बताते हैं- श्रीरामपुर ही नहीं, पहाड़ के किसी भी गांव में चले जाइए, हर गांव से दो-चार लड़की ऐसे ही गायब हैं.

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ में सहायक प्रेफोसर रहे अफकार अहमद अपने एक रिसर्च में भी इस बात का जिक्र किया है कि झारखंड के उरांव, मुंडा, संथाल, पहाड़िया (आदिम जनजाति) गोंड, जनजाति की लड़कियां सबसे अधिक इसका शिकार हैं. खासकर उरांव और मुंडा जनजाति सबसे अधिक प्रभावित हैं.

वह कहते हैं, ‘रांची, खूंटी के इलाके में बड़ी संख्या में फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी खुली हैं. पहले तो ये ट्रेनों से मानव तस्करी करते थे, तो थोड़े-बहुत पकड़ में आ जाते थे. अब तो बसों और ट्रकों से ये धंधा हो रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि इम्मॉरल ट्रैफिकिंग प्रिवेंशन एक्ट की जानकारी पुलिस के अफसरों को ही नहीं है. निचले कर्मियों को कहां से पता होगा. उनके लिए वर्कशॉप नहीं कराए जाते हैं.’

इंडिया टुडे में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सेक्स ट्रैफिकिंग के मामले में भारत में लगभग दो लाख करोड़ रुपए का कारोबार सालाना होता है.

मानव तस्करी में झारखंड देशभर में अव्वल

                    गांव में लगने वाला हाट

बरहेट में मंगलवार को हाट-बाजार लगता है. केबल ऑपरेटर राजकुमार बताते हैं कुछ डील तो यहीं होती है, कुछ पास के मंदिर शिवगादी धाम के पास. क्योंकि आदिवासी पहाड़ से हाट-बाजार के दिन ही उतरते हैं. सब्जी, जड़ी-बूटी, कबूतर, मुर्गा बेचते हैं और उसी पैसे से जरूरत का सामान खरीद कर वह पहाड़ चले जाते हैं. लौटने का रास्ता शिवगादी मंदिर होकर ही जाता है. यहां के एक वृद्ध आदिवासी पुरुष ने बताया कि उनके गांव बीचमाको की एक लड़की दो दिन पहले ही गई है. उसे पचकटिया के तीलू नाम का युवक ले गया है. पास खड़ी एक महिला ने बताया कि चेन्नई लेकर गया है.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक 2018 में पूरे देशभर में मानव तस्करी के सबसे अधिक 373 मामले झारखंड में दर्ज किए गए हैं. इसमें 314 नाबालिग लड़कियों की तस्करी हुई है. दर्ज मामलों के आधार पर 158 लोगों को मुक्त कराया गया. आंकड़ों के मुताबिक 58 फोर्स लेबर, 18 देह व्यापार, 34 घरेलू कामकाज, 32 बलपूर्वक शादी, 7 मामले भीख मांगने के लिए तस्करी में कराए गए. वहीं दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र 311, तीसरे स्थान पर असम में 262 मामले दर्ज किए गए हैं और देशभर में कुल 2,367 मामले दर्ज किए गए हैं.

झारखंड पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 2013 से 2019 तक कुल 608 मामले दर्ज कराए गए. इसमें 736 महिलाएं और 182 पुरुषों को मुक्त कराया गया. वहीं इस दौरान कुल 555 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया. जिसमें 355 पुरुष और 200 महिलाएं शामिल हैं.

वहीं झारखंड पुलिस की वेबसाइट के मुताबिक राज्य के आठ जिलों रांची, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, चाईबासा, दुमका और पलामू में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट बनाया गया है. इसमें साहिबगंज सहित अन्य जिला शामिल नहीं हैं. 2016 में झारखंड सरकार ने प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसीज एंड डोमेस्टिक वर्कर्स रेगुलेशन एक्ट पास किया.

इसके मुताबिक कोई भी व्यक्ति या एजेंसी यह काम (लोगों को बाहर ले जाकर रोजगार देना) तभी कर सकता है जब वह रजिस्ट्रेशन करा चुका है. इसके बाद जिसे (लड़का या लड़की) वह बाहर ले जाता है उसका पूरा स्थानीय पता, जिस जगह नौकरी देता है उसका पता, बैंक खाता, प्रत्येक माह सैलरी आदि की सूचना देना होता है. इसकी जानकारी उसे जिलाधिकारी के कार्यालय में भी जमा कराना होता है. अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है तो उसे दो साल की जेल और दो लाख रुपए जुर्माना भरना होगा. साथ ही संस्थान या व्यक्ति के रजिस्ट्रेशन में किसी तरह की गलती होने पर एक साल की जेल और 20 हजार रुपए जुर्माना देना होगा.

मानव तस्करी के आरोपी ने कहा फरवरी में वह लड़की को भेज देगा

साहिबगंज जिले के पंचायत के एक जनप्रतिनिधि ने नाम न छापने की शर्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि चार लोग इस काम में पिछले 10 साल से लगे हुए हैं. उनके मुताबिक ये लड़की को 30 हजार में बेचते हैं. फिर जो खरीदता है, वह इनके अकाउंट में हर महीने अलग से एक हजार रुपए भेजता है. ये कहना मुश्किल है कि अब तक कितने लड़कियों को बेचा है.

इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली में छपी एक सर्वे में इसका मुख्य कारण गरीबी बताया गया है. साथ ही अधिकतर मामलों में पड़ोसी या कोई जानने वाला ही ऐसा (तस्करी) कर रहा होता है.

कभी तस्करी के शिकार हुए और अब पिछले 10 सालों से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के क्षेत्र में काम कर रहे बैद्यनाथ कुमार बताते हैं झारखंड में बकरे की कीमत 80 हजार है तो लड़कियों की कीमत 30 हजार रुपए.

सूत्र के जरिए मानव तस्कर के आरोपी दुर्योधन पंडित से बात हुई तो उसने साफ कहा कि वह जनवरी के बाद चार लड़की भेज देगा. 30 हजार के बदले 50 हजार और प्रतिमाह एक हजार के बदले तीन हजार के ऑफर को भी वह मान लिया. साफ शब्दों में कहा कि इन लड़कियों से चाहे जो काम कराइए, उसे मतलब नहीं. यौन शोषण के बार में पूछने पर कहा कि कीजिए, कोई दिक्कत नहीं है. तस्करी के आरोपी राजू ठाकुर ने बताया कि अब वह इस काम को छोड़ चुका है. पहले उसे एक लड़की के 25-30 हजार रुपए मिलते थे.

गिरफ्तार मानव तस्कर पन्ना लाल के पास 80 करोड़ की संपत्ति

बीते साल झारखंड के एक बड़े मानव तस्कर पन्ना लाल को गिरफ्तार किया गया. उसकी पत्नी सुनीता देवी भी इस काम में शामिल रही है. दोनों की संपत्ति ईडी के मुताबिक लगभग 80 करोड़ रुपए बताई गई है. बैद्यनाथ कुमार यह भी बताते हैं कि इस वक्त 250 से अधिक मानव तस्करों के नाम पुलिस के पास हैं. पता नहीं उन पर कब कार्रवाई होगी.

इन मामलों को लेकर कानून, सरकार, पुलिस, एनजीओ…सब काम कर रही हैं. बस रुक नहीं रहा है तो इन आदिवासी लड़कियों की तस्करी. उनका शारीरिक और यौन शोषण.
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन

अंत में, बरहेट सीएम हेमंत सोरेन का विधानसभा क्षेत्र है. वह दो जगहों से चुनाव जीते थे जिसमें दुमका सीट उन्होंने छोड़ दी है.

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