बुधवार, 2 अप्रैल 2025

चैती छठ पुजा के खरना का प्रसाद लेने छठ व्रतियों के घर लगा रहा श्रद्धालुओं का तांता

गिरिडीह (Giridih)। लोकआस्था के महापर्व चैती छठ पूजा के आज दूसरे दिन छठ व्रतियों ने खरना किया। खरना का प्रसाद ग्रहण करने छठ व्रतियों के घर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। वहीँ सुहागिन महिलाएं छठ व्रतियों से आशीर्वाद लेने और मांग टिकाने अपनी बारी के आने का इंतजार करती दिखीं।


बता दें कि चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व का शुभारंभ नहाय खाय के साथ हुआ। जिसमें व्रतियों ने पूरे शुद्धता के साथ अरवा चावल का भात, चने का दाल और कद्दू और कोहड़े की सब्जी के साथ मौसमी सब्जी बनाया और भगवान सूर्य को भोग लगा इस पर्व का प्रण ले स्वंय प्रसाद ग्रहण की।




वहीं आज दूसरे दिन दिन भर का निर्जला उपवास रख व्रती सन्ध्या पहर पूरी शुद्धता के साथ अरवा चावल और दूध से बने खीर, गुड़ से बने अरवा चावल के खीर बनायी। खीर के बनने के उपरांत खीर के साथ पेड़ा, केला आदि का भोग छठी मइया को अर्पण की। उसके बाद स्वंय प्रसाद ग्रहण की। इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद से छठ व्रतियों का 36 घण्टे का निर्जला उपवास शुरू हो गया।





यह चैती छठ पुजा पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर सप्तमी तिथि तक चलता है। उत्तर भारत, खासकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इस पर्व को बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि दीपावली त्यौहार के बाद होने वाले छठ पर्व की तुलना में इस चैती छठ पर्व को काफी कम लोग करते हैं। जिस कारण नदी तालाबों व पोखरों में अत्यधिक भीड़ नहीं उमड़ती है। कम घरों में इस पर्व के होने के कारण छठ व्रतियों के घर खरना का प्रसाद लेने वालों का तांता लग जाता है। श्रद्धालु पूरे श्रद्धा भक्ति के साथ छठ व्रती के घर पहुंच खरना का प्रसाद ग्रहण करते हैं।



वहीं व्रत के तीसरे दिन गुरुवार को छठ व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य अर्पण करेंगी। मान्यता है कि भगवान सूर्य को सच्ची भक्ति के साथ अर्घ्य देने और विधिवत पूजा अर्चना करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। घर मे सुख समृद्धि बनी रहती है। व्रती खास कर अपने बच्चों की रक्षा और उनके सुखद भविष्य की कामना को लेकर यह व्रत करती हैं।





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