बुधवार, 2 अप्रैल 2025

बाल सुधारगृह से फरार हुए 21 बाल कैदियों में 7 लाये गये वापस, 14 की तलाश जारी

चाईबासा (Jharkhand) ।  चाईबासा स्थित बाल सुधारगृह से मंगलवार की शाम सुधारगृह के मुख्य गेट तोड़कर फरार हुए 21 बाल कैदी में चार कैदी देर रात स्वयं लौट आए, जबकि बुधवार को तीन और बाल कैदियों को पुलिस ने पकड़कर वापस लाया। शेष 14 फरार कैदियों की तलाश में पुलिस लगातार जुटी हुई है।


घटना की गंभीरता को देखते हुए रांची से महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की निदेशक समीरा एस चाईबासा पहुंचीं। उन्होंने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मामले की जांच की। मौके पर उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा, एसडीएम संदीप अनुराग टोप्पो, एसडीपीओ बहामन टुटी, बाल संरक्षण आयोग के प्रतिनिधि और जिला पदाधिकारी भी उपस्थित थे।




घटना की चल रही जांच, होगी कार्रवाई : डीसी

डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि घटना के दौरान 21 बाल कैदी बाहर निकले थे। घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने और एसपी ने मौके पर पहुंच स्थिति का जायजा लिया। अब तक सात बाल कैदियों को वापस लाया गया है और शेष की तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि राज्य और जिला स्तर की टीमें मामले की जांच कर रही हैं, और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।



सुधारगृह का गेट तोड़ फरार हुए थे बाल कैदी

गौरतलब है कि बाल सुधारगृह चाईबासा-सरायकेला रोड पर स्थित है। वहीं इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। इस दौरान चश्मदीदों ने बताया कि मंगलवार की शाम बाल कैदियों के बीच आपस मे किसी बात को लेकर लड़ाई हुई। लड़ते लड़ते सभी बाल कैदी मुख्य द्वार पर पहुंचे और सुरक्षा कर्मियों से भिड़ गए। थोड़ी देर तक कैदियों और सुरक्षा गार्डों के बीच संघर्ष चलता रहा। बाद में कैदी गेट तोड़ने में सफल हो गए। इसके बाद वे मुख्य सड़क पर आए और अलग-अलग समूहों में बंटकर डिलियामार्चा व लड्डू बस्ती की ओर भाग गए।



रामनवमी एवं चैती नवरात्र पर्व के मद्देनजर जिला प्रशासन सतर्क, एसडीएम ने बैठक कर दिए कई निर्देश

गिरिडीह (Giridih) आगामी रामनवमी एवं चैती नवरात्र पर्व को शांति पूर्वक, समाजिक सौहार्द और आपसी भाईचारा के साथ मनाने को लेकर सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्रीकांत यशवंत विस्पुते की अध्यक्षता में बुधवार को विधि व्यवस्था संधारण को लेकर सभी अधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों एवं गणमान्य व्यक्तियों के साथ बैठक की।


बैठक में सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सभी थाना प्रभारी, गिरिडीह अनुमंडल क्षेत्र, प्रखंड विकास पदाधिकारी, गिरिडीह, समाज के गणमान्य नागरिक समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।


बैठक में आमलोगों की सुरक्षा, जुलूस मार्गों की सुरक्षा, ड्रोन व सीसीटीवी से निगरानी, अफवाहों की रोकथाम, सुगम यातायात व्यवस्था, भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक, बिजली व्यवस्था, स्वास्थ्य, सफाई, पेयजलापूर्ति, सोशल मीडिया के सद्धपयोग आदि आवश्यक सुविधाओं को लेकर चर्चा की गई। वहीं डीजे बजाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की बात कही गई। 



वहीं अनुमंडल पदाधिकारी ने सभी से सामाजिक समरसता, भाईचारा एवं सौहार्द बनाए रखने की अपील की। साथ ही त्योहारों के दौरान विधि व्यवस्था संधारण के संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों को कई आवश्यक दायित्व सौंपे। उन्होंने सभी अधिकारियों को पूरी पारदर्शिता और तत्परता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया। साथ ही त्योहारों के मद्देनजर हर समय अलर्ट रहने को कहा। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का उपद्रव व अफवाह फैलाने वाले असमाजिक व अराजक तत्वों के विरूद्ध सख्त-से-सख्त कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे।


डिजिटल व इंटरनेट मीडिया पर पैनी नजर

अनुमंडल पदाधिकारी, श्रीकांत यशवन्त विस्पुते ने कहा कि त्योहार के मद्देनजर वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टग्राम, एक्स, युट्यूब, वेबसाइट, पोर्टल जैसे डिजिटल और इंटरनेट मीडिया पर प्रशासन की पैनी नजर है। डिजिटल और इंटरनेट मीडिया की सूक्षमता से कई स्तरों पर निगरानी रखी जा रही है। किसी शरारती या असामजिक तत्वों द्वारा अफवाह फैलाने की कोशिष करने की स्थिति में संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी तरह के अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। भ्रामक और अपुष्ट खबरों का सत्यापन प्रशासन से जरूर कराएं, ताकि जिले में सामाजिक सौहार्द का वातावरण बना रहे। 



23 अप्रैल को धूमधाम से मनायी जायेगी भामाशाह जयंती

गिरिडीह जिला तैलिक साहू सभा के जिला कार्यकारणी की बैठक में लिया गया निर्णय

गिरिडीह (Giridih)। जिला तैलिक साहू सभा के जिला कार्यकारिणी समिति की बैठक बुधवार को साहू समाज भवन हुट्टी बाजार में जिलाध्यक्ष बालगोविंद साहू की अध्यक्षता एवं महासचिव धर्म प्रकाश के संचालन में हुई। बैठक में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भामाशाह जयंती पूरे धूमधाम से और समारोह पूर्वक मनाने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में जिले के 21 मंडल कमिटी के कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे।



बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष बालगोविंद साहू ने कहा कि भामाशाह जयंती समारोह आगामी 23 अप्रैल को भव्य रूप से मनाने का निर्णय लिया गया है। कहा कि हमारा जिला कमिटी काफी मजबूत हैं इसलिए भामाशाह जयंती समारोह पूरे उलास के साथ मनाया जाएगा। वहीं महासचिव धर्म प्रकाश ने तमाम मंडल इकाइयों से आग्रह किया कि सभी इकाइयां भामाशाह जयंती में सार्थक भागीदारी निभाए।



बैठक को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष उमाचरण प्रसाद साहू, उपाध्यक्ष संजय कुमार साहू, हरगौरी साहू, युवा अध्यक्ष मनोज साहू,  राजनीति चेतना मंच के अध्यक्ष शिवनाथ साहू, गांवा के अरविंद कुमार गुप्ता, तिसरी के भोला साहू, बेंगाबाद के गौरी शंकर साहू, बाबू चंड साहू, बिशेस्वर साहू, जमुआ के अशोक साहू, धनवार के गोविंद साहू, गांडेय के छेदी प्रसाद साहा, प्रवीण कुमार साहू, सुचिता देवी, नगर अध्यक्ष सत्य प्रकाश साहा आदि ने भी संबोधित किया।


वहीं बैठक में नगर सचिव मनीष गुप्ता, मोहित महतो, दीपक गुप्ता, लालमणि साहू, लखी नारायण साह, प्रदीप कुमार साव, पवन कुमार साहू, बिहारी साव, सुमित्रा देवी, उमेश कुमार साहू, भोला साहू, उदय साव, सुनील साव, राजू साव, अनिल साव समेत समाज से कई लोग उपस्थित थे।



आउटसोर्सिंग कर्मीयों ने फूंका बालाजी डिटेक्टिव फोर्स और शिवा प्रोटेक्शन कम्पनी का पुतला

गिरिडीह (Giridih)। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों ने बालाजी डिटेक्टिव फोर्स प्रा० लि० एवं शिवा प्रोटेक्शन कम्पनी का बुधवार को जेपी चौक पर पुतला दहन किया। इसके पूर्व आउटसोर्सिंग कर्मी झण्डा मैदान से निकल शहर के विभिन्न मार्गां में पदयात्रा करते एवं आउटसोर्सिंग कम्पनी बालाजी व शिवा प्रोटेक्शन कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते जेपी चौक पहुंचे। इस पुतला दहन कार्यक्रम में आउटसोर्सिंग कर्मियों को जेएलकेएम का पूर्ण समर्थन प्राप्त था।




क्या है मामला :

आउटसोर्सिंग कर्मी अपने मासिक मानदेय, ईपीएफ में गड़बड़ी समेत अपने सात सूत्री मांगों के समर्थन में पिछले जनवरी माह से आंदोलनरत हैं। लेकिन दोनों ही कम्पनी के प्रबंधक कर्मियों के मांगों की अनदेखी करते आ रहे हैं। कंपनी के मनमाने रवैये को देखते हुए आउटसोर्सिंग कमियों के आंदोलन को दिशा देने जेएलकेएम भी कूद पड़ा और कर्मियों के मांगों को जायज करार दे उनके आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन दिया है।




नहीं हुई कार्रवाई तो होगा जोरदार आंदोलन : नागेंद्र

मौके पर जेएलकेएम के केन्द्रीय सचिव नागेन्द्र चन्द्रवंशी ने कहा कि आउटसोर्सिंग कर्मियों के साथ हो रहे भेदभाव को पार्टी बर्दास्त नहीं करेगी। कहा कि पार्टी की अगुवाई में बीते 18 व 22 जनवरी 2025 को उपायुक्त, सिविल सर्जन, अनुमंडल पदाधिकारी गिरिडीह आवेदन भी सौंपा गया था। लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई। नतीजतन आउटसोर्सिंग कर्मी बीते 24 मार्च 2025 से कार्य अवधि के दौरान काला बिल्ला लगाकर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य हुए। लेकिन अबतक स्थिति ढाक के तीन पात वाली बनी हुई है।


उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग कर्मियों के सात सूत्री मांगों का पार्टी पूर्ण समर्थन करती है। कहा कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा आउटसोर्सिंग कर्मियों के पक्ष में कम्पनी के खिलाफ शीघ्र कोई सख्त कदम नहीं उठाती है तो रामनवमी के बाद आगामी 07 अप्रैल से जिले भर के सभी आउटसोर्सिंग कर्मी सदर अस्पताल गिरिडीह में शांतिपूर्वक अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होगें।



पुतला दहन में थे मौजूद :

पदयात्रा सह पुतला दहन कार्यक्रम में जेएलकेएम नेता नागेन्द्र चन्द्रवंशी के आलावे अजय दास, अर्जुन पंडित, ताज अंसारी, रंजन कुमार, विकास झारखण्डी, असलम अंसारी, नीतीश राय, मिहिर चन्द्रवंशी, वतन साहा, सुभाष चौधरी, हर्षित भदानी, संदीप मलहा, छोटू राणा, दीपक यादव सहित आउटसोर्सिंग कर्मीयों में आफताब आलम, मिंकल कुमार गुप्ता, नवीन कुमार गुप्ता, नागेन्द्र मिश्रा, रिषभ कुमार, चंदन वर्मा, सुनील यादव, राहुल कुमार गिरी, देवनंदन दास, सिकंदर अंसारी, नकूल यादव, अजय यादव आदि मौजूद थे।



चतरा में घटी मॉब लिंचिंग की घटना, ग्रामीणों ने लूट पाट के आरोप में एक युवक की पीट पीट कर की हत्या

चतरा (Jharkhand)। झारखंड के चतरा जिले के लावालौंग थाना क्षेत्र में सौरू नावाडीह गांव में ग्रामीणों ने लूटपाट के आरोप में एक युवक को पीट-पीटकर मार डाला। मृतक युवक की पहचान राजो गंझू (20) के रूप में हुई है।



जानकारी के अनुसार, लावालौंग साप्ताहिक बाजार से चार ग्रामीण बाइक पर सवार होकर अपने गांव लौट रहे थे। जब वे हांहे और सौरू नावाडीह के बीच जंगल से गुजर रहे थे, तब तीन लुटेरों ने उन पर हमला कर दिया। लुटेरों ने बाइक को धक्का देकर गिरा दिया और लूटपाट का प्रयास किया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो गई। लुटेरों ने धारदार हथियार से ग्रामीणों पर वार किया, जिससे दो ग्रामीण मुकेश और एक अन्य ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए।


इसी दौरान, साप्ताहिक हाट से लौट रहे अन्य ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। भीड़ बढ़ती देख दो लुटेरे जंगल का सहारा लेकर फरार हो गए, लेकिन एक लुटेरा राजो गंझू ग्रामीणों के कब्जे में आ गया। गुस्साए ग्रामीणों ने उसे पकड़कर गांव ले गए और उसकी जमकर पिटाई की। ग्रामीणों की पिटाई की वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने इस संबंध में कई ग्रामीणों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है।


एक माह पूर्व भी हुई थी ऐसी घटना
गौरतलब है कि एक महीने पहले सिमरिया थाना क्षेत्र के शिला ओपी के बाजारटांड में भी ग्रामीणों ने एक युवक को भीड़ के गुस्से का शिकार बना दिया था। लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं ने क्षेत्र में कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस प्रशासन ने लोगों से कानून हाथ में न लेने की अपील की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।


बाल सुधारगृह से फरार हुए 21 बाल कैदी, प्रशासनिक महकमा में हड़कम्प

चाईबासा (Jharkhand)। पश्चिम सिंहभूम जिला के चाईबासा सदर प्रखंड अंतर्गत मुफस्सिल थाना में डीलियामार्चा गांव (जिला स्कूल के पास) स्थित बाल सुधार गृह से 21 बाल कैदी के फरार होने की सूचना है।  बाल सुधार गृह से बाल कैदी के भागने की सूचना से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। घटना मंगलवार रात लगभग साढ़े आठ बजे की बतायी जाती है, जब सरहुल पर्व का जुलूस सड़कों पर निकल रहा था। इसी दौरान बाल सुधार गृह से बड़ी संख्या में बाल कैदी फरार हो गए।



सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और बड़ी संख्या में पुलिस बल को मौके पर भेजा गया। पुलिस अधिकारियों ने तुरंत बाल सुधार गृह पहुंचकर कैदियों की गिनती शुरू कर दी। बाल सुधार गृह प्रशासन ने प्रारंभिक जांच के बाद बताया कि कई बच्चे लापता हैं, हालांकि पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वे मिलान प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही भागे हुए कैदियों की सही संख्या बता पाएंगे।




 धर-पकड़ की कार्रवाई शुरू
बाल सुधार गृह से बच्चों के फरार होने की खबर मिलते ही पुलिस ने तुरंत पूरे क्षेत्र में नाकेबंदी कर दी और बच्चों की तलाश शुरू कर दी। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अन्य संभावित स्थानों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। स्थानीय लोगों से भी इस संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है।

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि बच्चे पहले से ही भागने की योजना बना रहे थे। संभावना जताई जा रही है कि किसी ने अंदर से उनकी मदद की होगी। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वे कैसे भागने में सफल हुए।

सुरक्षा इंतजाम सवालों के घेरे में
इससे पहले भी बाल सुधार गृह से भागने के मामले सामने आए हैं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का फरार होना सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े करता है। प्रशासन अब बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर रहा है और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।



क्या कहते हैं प्रशासिक अधिकारी
जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बच्चों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। इसके अलावा, बाल सुधार गृह के सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जाएगी। यदि सुरक्षा में कोई चूक पाई जाती है, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ने बताया कि कीतने कैदु भागें है।उनकी संख्या का सही जानकारी नहीं है। बाल कैदियों कैदियों की गीनती रात साढ़े आठ बजे तक होती रही।


भयाक्रांत हैं स्थानीय लोग
इस घटना से स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल है। कुछ लोगों का मानना है कि भागे हुए बच्चे अपराधी प्रवृत्ति के हो सकते हैं और उनके इलाके में कोई अप्रिय घटना हो सकती है। हालांकि, पुलिस ने लोगों को आश्वस्त किया है कि सभी बच्चों को जल्द ही खोज लिया जाएगा।

चाईबासा बाल सुधार गृह से 21 बच्चों के फरार होने की घटना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। पुलिस पूरी ताकत से उनकी धर-पकड़ में जुटी है। जल्द ही इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट सामने आ सकती है। वहीं, इस घटना ने बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनका जवाब प्रशासन को देना होगा।