77 वर्षों से अनवरत जारी है महेशमुण्डा में माँ लक्खी की पूजा अर्चना
14 व 15 अक्टूबर को लगेगा दो दिवसीय मेला
गिरिडीह :- जिले के बेंगाबाद प्रखंड अंतर्गत महेशमुण्डा रेलवे स्टेशन परिसर ऱघेयडीह में श्री श्री लक्ष्मी पूजा वर्ष 1942 से अनवरत जारी है। इस पूजा की शुरुआत ग्रामीण यदुनंदन गोस्वामी के द्वारा किया गया था। बताया जाता है कि उस समय सम्पूर्ण इलाके में आकाल पड़ी थी। खेतों में बोये गये धान के बिचड़े व खेत सब सूखने लगे थे। चहुंओर पानी के लिये हाहाकार मच गयी थी। उसी को दूर करने की मन्नत दिल मे लिये यदुनंदन गोस्वामी ने माता लक्की की पूरे भक्ति भाव से पूजा अर्चना किया था। कहते है कि उनकी श्रद्धा भक्ति से माता लक्ष्मी प्रसन्न हो गयी थी। परिणामस्वरूप सम्पूर्ण इलाके में अच्छी वर्षा हुई जिससे फसल भी काफी अच्छी हुई थी। और, लोगों पर छाये आकाल का संकट टल गया था। उस वक़्त से ही प्रत्येक वर्ष महेशमुण्डा में माता लक्खी की पूजा अर्चना बड़े ही धूमधाम से की जाती है।
लक्की पूजा होने के बाद से लोग अपनी धान की फसल की कटाई शुरु करते हैं।
साम्प्रदायिक सौहार्द का मिशाल है यह पूजा
महेशमुण्डा में हर वर्ष शरदपूर्णिमा की अर्ध रात्रि में होने वाली माता लक्खी की पूजा साम्प्रदायिक सौहार्द की एक बड़ी मिशाल है। इस पूजन का खासियत यह है कि यंहा माता की पूजा अर्चना न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी बड़े ही धूमधाम से करते हैं। और, माता से दोनों ही समुदाय के लोग मन्नतें भी मांगते है। किवंदिति है कि यंहा माँ से मांगी गयीं हर मुराद अवश्य पूर्ण होती है।
क्या कहते है आयोजक
माता लक्खी की पूजा अर्चना के बाबत पूजा समिति के अध्यक्ष व जिला परिषद सदस्य धनंजय राणा ने बताते हैं कि माता की पूजा अर्चना करने के बाद ही हमलोग अपनी अपनी फसल की कटाई शुरु करते हैं। यह परम्परा हमारे पूर्वजों के द्वारा शुरू की गयी है। जिसका पालन हमलोग अब तक करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले यंहा एक दिवसीय पूजानोत्सव हुआ करता था। बाद में तीन दिवसीय आयोजन शुरू हुआ। जिसमें पहले दिन शरदपूर्णिमा की मध्यरात्रि में माँ लक्ष्मी की विधिवत पूजन होता है। उसके बाद दो दिवसीय मेला लगता है। जिसमे हर प्रकार के खेल तमासे, झूला, विभिन्न प्रकार की दुकानें आदि लगते है। दूर दराज के लोग इस मेला का लुत्फ उठाने व खरीददारी करने पहुंचते हैं। हम सबों का हमेशा बढ़-चढ़कर आकर्षक मेला लगाने का प्रयास रहता हैं ताकि इस मेला के प्रति लोगों का आकर्षण बना रहे।
इनका रहेगा सराहनीय योगदान
इस वर्ष लक्खी पूजा मेला के सफल संचालन में मुख्य रूप से पूजा समिति के अध्यक्ष व जिप सदस्य अध्यक्ष धनंजय राणा, सचिव बैजनाथ राणा, उप सचिव विजय गोस्वामी, जितेंद्र सिंह, मैनेजर महतो, सदानंद राणा, गोपाल राणा, सुधीर यादव, मंदिर मिर्जा, जनार्दन दास, सुखदेव राणा, मनोज बैठा, धारा दास, राजू राणा, मथुरा बैठा, एजाज मिर्जा, विनोद राणा समेत रघेयडीह बंधाबाद के लोगों का अहम योगदान रहेगा।
14 व 15 अक्टूबर को लगेगा दो दिवसीय मेला
गिरिडीह :- जिले के बेंगाबाद प्रखंड अंतर्गत महेशमुण्डा रेलवे स्टेशन परिसर ऱघेयडीह में श्री श्री लक्ष्मी पूजा वर्ष 1942 से अनवरत जारी है। इस पूजा की शुरुआत ग्रामीण यदुनंदन गोस्वामी के द्वारा किया गया था। बताया जाता है कि उस समय सम्पूर्ण इलाके में आकाल पड़ी थी। खेतों में बोये गये धान के बिचड़े व खेत सब सूखने लगे थे। चहुंओर पानी के लिये हाहाकार मच गयी थी। उसी को दूर करने की मन्नत दिल मे लिये यदुनंदन गोस्वामी ने माता लक्की की पूरे भक्ति भाव से पूजा अर्चना किया था। कहते है कि उनकी श्रद्धा भक्ति से माता लक्ष्मी प्रसन्न हो गयी थी। परिणामस्वरूप सम्पूर्ण इलाके में अच्छी वर्षा हुई जिससे फसल भी काफी अच्छी हुई थी। और, लोगों पर छाये आकाल का संकट टल गया था। उस वक़्त से ही प्रत्येक वर्ष महेशमुण्डा में माता लक्खी की पूजा अर्चना बड़े ही धूमधाम से की जाती है।
लक्की पूजा होने के बाद से लोग अपनी धान की फसल की कटाई शुरु करते हैं।
साम्प्रदायिक सौहार्द का मिशाल है यह पूजा
महेशमुण्डा में हर वर्ष शरदपूर्णिमा की अर्ध रात्रि में होने वाली माता लक्खी की पूजा साम्प्रदायिक सौहार्द की एक बड़ी मिशाल है। इस पूजन का खासियत यह है कि यंहा माता की पूजा अर्चना न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी बड़े ही धूमधाम से करते हैं। और, माता से दोनों ही समुदाय के लोग मन्नतें भी मांगते है। किवंदिति है कि यंहा माँ से मांगी गयीं हर मुराद अवश्य पूर्ण होती है।
क्या कहते है आयोजक
माता लक्खी की पूजा अर्चना के बाबत पूजा समिति के अध्यक्ष व जिला परिषद सदस्य धनंजय राणा ने बताते हैं कि माता की पूजा अर्चना करने के बाद ही हमलोग अपनी अपनी फसल की कटाई शुरु करते हैं। यह परम्परा हमारे पूर्वजों के द्वारा शुरू की गयी है। जिसका पालन हमलोग अब तक करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले यंहा एक दिवसीय पूजानोत्सव हुआ करता था। बाद में तीन दिवसीय आयोजन शुरू हुआ। जिसमें पहले दिन शरदपूर्णिमा की मध्यरात्रि में माँ लक्ष्मी की विधिवत पूजन होता है। उसके बाद दो दिवसीय मेला लगता है। जिसमे हर प्रकार के खेल तमासे, झूला, विभिन्न प्रकार की दुकानें आदि लगते है। दूर दराज के लोग इस मेला का लुत्फ उठाने व खरीददारी करने पहुंचते हैं। हम सबों का हमेशा बढ़-चढ़कर आकर्षक मेला लगाने का प्रयास रहता हैं ताकि इस मेला के प्रति लोगों का आकर्षण बना रहे।
इनका रहेगा सराहनीय योगदान
इस वर्ष लक्खी पूजा मेला के सफल संचालन में मुख्य रूप से पूजा समिति के अध्यक्ष व जिप सदस्य अध्यक्ष धनंजय राणा, सचिव बैजनाथ राणा, उप सचिव विजय गोस्वामी, जितेंद्र सिंह, मैनेजर महतो, सदानंद राणा, गोपाल राणा, सुधीर यादव, मंदिर मिर्जा, जनार्दन दास, सुखदेव राणा, मनोज बैठा, धारा दास, राजू राणा, मथुरा बैठा, एजाज मिर्जा, विनोद राणा समेत रघेयडीह बंधाबाद के लोगों का अहम योगदान रहेगा।
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