सोमवार, 6 जनवरी 2025

सब्जियों का बंपर उत्पादन करने वाले झारखण्ड के किसानों के चेहरों पर मायूसी

सब्जियों के भाव में जबरदस्त गिरावट से फसल की लागत भी निकालना हुआ मुश्किल
 

रांची (Ranchi)। सब्जियों का बंपर उत्पादन करने वाले झारखंड के किसानों के चेहरों पर मायूसी पसरी है। बाजार में पिछले एक हफ्ते के दौरान सब्जियों के भाव में जबरदस्त गिरावट आई है। जिसके चलते किसानों को उनके फसल की लागत भी निकाल पाना  मुश्किल हो गया है।

राँची शहर के बाजारों में फूलगोभी, पत्ता गोभी, पालक, टमाटर जैसी सब्जियां पांच से लेकर दस रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रही हैं। गांवों के बाजारों में कीमतें इससे भी कम हैं। बिचौलिये किसानों को उनकी लागत जितनी भी कीमत देने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में कई इलाकों के किसान खेतों में लगी सब्जी की फसल खुद रौंद रहे हैं।



रामगढ़ के चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के बड़कीपोना गांव के किसान राधेश्याम महतो ने अपनी एक एकड़ जमीन में लगी पत्ता गोभी की फसल ट्रैक्टर चलाकर रौंद दिया। इसके पहले गोला प्रखंड में भी एक किसान ने फूलगोभी की उचित कीमत न मिलने से नाराज होकर अपनी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया था। 


राँची जिले के ओरमांझी इलाके में भी कई किसान खेत से सब्जी की फसल उखाड़कर फेंक रहे हैं। ओरमांझी के उकरीद गांव के किसान कामेश्वर महतो बताते हैं कि उन्होंने पांच से छह एकड़ जमीन पर फूलगोभी पत्तागोभी की खेती की थी। अब तैयार फसल दो से तीन रुपए प्रति किलो की दर से भी नहीं बिक रही। बाजार तक फसल ले जाने पर होने वाला खर्च भी नहीं निकल रहा। 

बोकारो जिले के कसमार प्रखंड अंतर्गत जम्हार गांव के किसान रमेश वर्मा, रामचंद्र महतो, लखनलाल महतो निरंजन महतो ने बताया कि उन्होंने बड़ी मेहनत से फूलगोभी तथा पत्तागोभी की खेती की थी। पहले बेमौसम बरसात ने फसल को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद फिर भी हिम्मत जुटाकर दोबारा फसल लगाई तो अब बाजार में भाव गिर जाने की वजह से लागत भी नहीं निकल पा रही है। 



राँची जिले के इटकी, बेड़ो, ठाकुरगांव, ब्रांबे, पिठौरिया, रातू मांडर, बोकारो जिले के पेटरवार, कसमार, खैराचातर, रामगढ़ जिले के गोला, चितरपुर, सोसो, पोना, कोडरमा जिले के डोमचांच, फुलवरिया, पुरनाडीह, धरगांव, चतरा जिले के इटखोरी, सिमरिया, पत्थलगड्डा, गिद्धौर, लातेहार जिले के बालूमाथ बारियातू, हजारीबाग जिले के बड़कागांव, केरेडारी,कटकमसांडी, चुरचू, गिरिडीह जिले के डुमरी, बगोदर, गांवा, बेंगाबाद, पीरटांड़ सहित कई अन्य इलाकों में हरी सब्जियों का जबर्दस्त उत्पादन हुआ है।

हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड के दादपुर निवासी शिबू महतो बताते हैं कि लोकल मार्केट में मूली पत्तागोभी चार से पांच रुपए प्रति किलो बिक रही है। बाहर के खरीदार इतनी भी कीमत देने को तैयार नहीं। किसानों के सामने स्थिति यह है कि खेत से बाजार तक फसल लाना भी मुनासिब नहीं लग रहा।

शर्मनाक : चाची ने अपने ही भतीजे से रचा ली शादी, हक्का बक्का हैं परिवार के लोग

लड़के की माँ ने थाने में आवेदन दे लगायी है न्याय की गुहार


हजारीबाग (Hazaribagh)। चाची और भतीजे के बीच इश्क इस तरह परवान चढ़ा कि प्रेमी जोड़े ने पवित्र रिश्ते को दागदार करते हुए विवाह रचा लिया. घटना झारखण्ड के हजारीबाग जिले के इचाक थाना क्षेत्र के करमाटांड़ गांव की है. अब इस शादी से पूरे गांव समाज के लोगों के साथ परिवार के लोग भी हक्का बक्का है। 

पुत्र को बहका रिश्ते की चाची ने कर ली शादी

लड़के की मां मानतो देवी पति सतेंद्र तुरी ने इस मामले को लेकर इचाक थाना में लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है. लड़के की माँ ने थाने को दिये आवेदन में लिखा है, कि- गुड़िया देवी पति स्व तालेश्वर तुरी (उम्र करीब 35 वर्ष) जो रिश्ते में मेरे बेटे अनिल तुरी की चाची लगती है. उसने मेरे बेटे अनिल तुरी को बहला फुसलाकर 2- 4 दिन पूर्व शादी कर ली.  इस बारे में जब मुझे जानकारी हुई तो मैं अपने बेटे से मिलने गयी तो गुड़िया देवी मुझे मेरे बेटे से मिलने नहीं दी. बोली कि- तुम्हें उससे मिलने नही देंगे. आवेदन में उन्होंने यह भी लिखा है कि गांव-समाज के लोगों को जब इस शादी की जानकारी हुई तो सभी ने इस शादी को मानने से इनकार कर दिया. मैं भी इस अवैध रिश्ते को नहीं मान रही हूं.


पुत्र को छीन अब झूठा केश में फंसाने का प्रयास

आवेदन में मानतो देवी बताया है कि- मेरे पति बुजुर्ग हैं बांस का डाला टोकरी बनाकर किसी तरह गुजारा करते हैं. मेरा बेटा ही हमारे बुढ़ापे का सहारा है. जिसे गुड़िया देवी ने शादी कर हमलोगों से छीन लिया है. हमलोगों के पास आने नहीं दे रही है. उल्टा गुड़िया देवी ने मेरे मामा ससुर मदन तुरी, मामी सास सुमा देवी, देवर चेतलाल तुरी, मेरी बेटी प्रिया देवी, बसंती देवी, छोटी तुरी वगैरह सभी लोगों पर मारपीट का आरोप लगाकर हम लोगों को फंसाने का झूठा प्रयास कर रही है.  उन्होंने बताया कि इस शादी को करवाने में मंगरी देवी और बतिसिया दोनों ने इसका साथ दिया है. उन्होंने पुलिस से गुड़िया देवी पर कार्रवाई करने का आग्रह की है. 


नवब्याहता पत्नी के साथ गृह प्रवेश कराने की गुहार

वहीं दूसरी ओर मानतो देवी पति सतेंद्र तुरी के पुत्र अनिल तुरी ने भी थाना में एक आवेदन देकर घर मे प्रवेश कराने का आग्रह किया है. उसने आवेदन में लिखा है वह बालिग है और अपनी पसंद की लड़की से शादी किया है. लेकिन मुझे और मेरी नवविवाहिता पत्नी को मेरे परिवार के लोग घर मे प्रवेश नहीं करने दे रहे है. कृपया मुझे और मेरी नव ब्याहता पत्नी को गृह प्रवेश कराने की कृपा करें.



समाज की गरिमा तार- तार : मुखिया प्रतिनिधि

वहीं इस घटना के सम्बंध में मुखिया प्रतिनिधि ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह घटना बहुत ही शर्मनाक है. ऐसा होने से समाज की गरिमा तार- तार होती है. रिश्ते की चाची पर बहकाने का आरोप लगा युवक की मां द्वारा इचाक थाना में दिए आवेदन देने मामले को पुलिस काफी गम्भीरता से ली है और मामले की जांच पड़ताल कर अग्रेतर कार्रवाई करने की तैयारी में जुटी है.



दिल्ली के कर्तव्य पथ पर लगातार तीसरी बार गणतंत्र दिवस समारोह में दिखेगी झारखंड की झांकी

गणतंत्र दिवस पर होने वाले राष्ट्रीय कार्यक्रम की  झारखंड ने कर ली है तैयारी पूरी 

रांची (Ranchi)। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2025 पर दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में झारखंड समेत 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों का चयन किया गया है. गणतंत्र दिवस पर होने वाले राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए झारखंड ने तैयारी पूरी कर ली है. इस साल झारखंड की झांकी में दिवंगत रतन टाटा को श्रद्धांजलि के साथ झारखंड की समृद्ध संस्कृति, पारंपरिक नृत्य, शिक्षा में नारीशक्ति के बढ़ते कदम को प्रदर्शित किया जाएगा. 2024 में दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर तसर सिल्क पर आधारित झांकी प्रदर्शित की गयी थी.


केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से झांकियों का प्रारूप मांगा था. विभिन्न चरणों की चयन प्रक्रिया के बाद केवल 15 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की झांकी का दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रदर्शन के लिए चयन किया गया.


झारखंड की झांकी के प्रारूप की चयन प्रक्रिया के दौरान पदाधिकारियों ने राज्य की झांकी की सराहना की. नई दिल्ली में 19 जनवरी 2025 तक सभी चयनित राज्यों की झांकी को तैयार कर लेना है और पूरे परिधान के साथ 23 जनवरी 2025 को रिहर्सल कर लेना है. इसके बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर झांकियों को प्रदर्शित किया जाएगा. इसी क्रम में झारखंड की झांकी भी प्रदर्शित की जाएगी.

सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के लिए अब लेनी होगी इजाजत, केंद्र सरकार ने जारी किया प्रावधान

नई दिल्ली (New Delhi) आज के दौर में सभी के हाथ में मोबाइल फोन है. युवा और बुजुर्ग ही नहीं बच्चे भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं. सोशल मीडिया के फायदों के साथ ही इसके कुछ नुकसान भी हैं.
मगर अब 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की सहमति लेनी होगी. 
यह प्रावधान डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम, 2023 के मसौदा नियमों में शामिल है, जिसे केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जारी किया.
इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्यक्तिगत डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम (DPDP) नियमों के लिए मसौदा नियम जारी किए हैं. इसको लेकर 18 फरवरी तक आने वाली आपत्तियों के आधार पर बैठक में बदलाव किया जाएगा. अन्यथा इसे जारी रखा जाएगा.

व्यक्तिगत डिजिटल डेटा संरक्षण नियमों का लंबे समय से इंतजार था. हालांकि, सरकार ने जो मसौदा जारी किया है, उसमें नियमों के उल्लंघन पर किसी दंडात्मक कार्रवाई का जिक्र नहीं है. नियम जारी कर सरकार ने इस पर लोगों की राय मांगी है. इस पर 18 फरवरी के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा. जिसमें लोगों की राय पर गौर किया जाएगा.

लोगों की जानकारी के लिए जारी किया गया नियमों का मसौदा
मसौदा अधिसूचना में कहा गया है कि व्यक्तिगत डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम-2023 की धारा 40 की उप-धाराओं (1) और (2) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार ने अधिनियम के लागू होने की तिथि को या उसके बाद बनाए जाने वाले प्रस्तावित नियमों का मसौदा लोगों की जानकारी के लिए जारी किया है.


डेटा फिड्यूशरी पर जुर्माना लगाने का प्रावधान
मसौदा नियमों में डिजिटल डेटा संरक्षण नियम के लोगों की की कंसेंट प्रोसेसिंग, डेटा प्रोसेसिंग निकाय और अधिकारियों के कामकाज से संबंधित प्रावधान तय किए गए हैं.

अधिसूचना में कहा गया है, सूचित किया जाता है कि इन मसौदा नियमों पर 18 फरवरी 2025 के बाद विचार किया जाएगा. मसौदा नियमों में डीपीडीपी अधिनियम-2023 के तहत सजा उल्लेख नहीं है. इस नियम में डेटा फिड्यूशरी पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है.



डेटा फिड्यूशरी का काम और सीमाएं
डेटा फिड्यूशरी वो व्यक्ति, कंपनी या फर्म होती है जो किसी व्यक्ति के पर्सनल डेटा को प्रोसेस करने का तरीका तय करता है. डेटा फिड्यूशरी को डेटा प्रोसेस करना होता है. किसी खास मकसद के लिए वो डेटा प्रोसेस कर सकता है. इस दौरान उसे डेटा स्टोर करने की सीमाओं का पालन भी करना होता है.


जन्म कुंडली का सबसे महत्वपूर्ण भाव होता है दशम भाव

जन्म कुंडली का सबसे महत्वपूर्ण भाव दशम भाव

[विशेष ज्योतिषीय आलेख ज्योतिष शास्त्री के अनुसार]

जन्म कुंडली का सबसे महत्वपूर्ण भाव दशम भाव होता है। दशम भाव पिता, व्यापार, उच्च नौकरी, राजनीति, राजसुख, प्रतिष्ठा, विश्वविख्याति का कारक भाव माना जाता है। इसे कर्म भाव भी कहते हैं। जातक अपने कर्म से महान विख्यात एवं यशस्वी भी होता है और अपने पिता का नाम रोशन करने वाला भी होता है। यदि इस भाव का स्वामी बलवान होकर कहीं भी हो उस प्रकार से फल प्रदाता होता है।

दशमेश का मतलब होता है दशम भाव में जो भी राशि नंबर होगा, उस भाव के स्वामी को दशमेश कहा जाएगा। यथा दशम भाव में कुंभ यानी 11 नंबर लिखे होंगे तो उसका स्वामी शनि होगा। यदि इस भाव में 5 नंबर लिखा है तो सिंह राशि होगी, यदि 12 नंबर लिखा है तो मीन राशि होगी।

दशमेश नवांश कुंडली में जिस ग्रह की राशि में होता है उसी ग्रह के कारकत्व अनुरूप व्यवसाय व्यक्ति के लिए लाभदायक होता है। 


ग्रहों के कारकत्व निम्न प्रकार है -

सूर्य राज्य, फल-फूल, वृक्ष, पशु, वन, दवा, चिकित्सा, नेत्र, कंबल, लकड़ी, भूषण, मंत्र, भूमि, यात्रा, अग्नि, आत्मा, पिता, लाल चंदन, पराक्रम, धैर्य, साहस, न्याय प्रियता, गेहूं, घी ।

चंद्र जलीय पदार्थ, पशुपालन, डेरी उद्योग, कपड़ा, सुगंधित पदार्थ, कल्पना शक्ति, नेत्र, स्त्री सहयोग, भेड़, बकरी, स्त्री संबंधी पदार्थ, कृषि, गन्ना, चांदी, चावल, सफेद वस्त्र, सिल्क का कपड़ा, चमकीली वस्तु, यात्रा, तालाब, क्षय रोग, खारी वस्तुएं, माता, मन, प्रजा।

मंगल भूमि, अग्नि, गरमी, घाव, राज्य सेवा, पुलिस, फौज, शस्त्र, युद्ध, बिजली, राज दरबार, मिट्टी से बनी वस्तुएं, डैंटिस्ट, अनुशासन, स्पोर्ट्स, तांबा, रक्त चंदन, मसूर, गुड़, ज्वलनशील पदार्थ।

बुध विद्या, गणित ज्ञान, लेखन वृत्ति, काव्यगम, ज्योतिष, हरी वस्तुएं, शिल्प, दलाली, कमीशन, वाक शक्ति, त्वचा, चिकित्सा, वकालत, अध्यापन, संपादन, प्रकाशन, अभिनय, हास परिहास, व्याकरण, रत्न पारखी, कांसा, डाक्टर, गला, नाचना, पुरोहित।

गुरु शिक्षक, तर्क, मंदिर, मठ, देवालय, धर्म, नीतिज्ञ, राजा, सेना, तप, दान, परोपकार, पीला रंग, वेद-पुराण आदि से उपदेश, धन, न्याय, वाहन, परमार्थ, स्वास्थ्य, घी, चने, गेहूं, हल्दी, जौ, प्याज, लहसून, मोम, ऊन, पुखराज।

शुक्र रूप सौंदर्य, भोग विलास एवं सांसारिक सुख, सुगंधित एवं श्रंगारिक प्रसाधन, श्वेत एवं रेशमी वस्त्र, चांदी, आभूषण, गीत-संगीत, नृत्य, गायन, वाद्य, सिनेमा, अभिनेता, उत्तम वस्त्रों का व्यवसाय, मंत्री पद, सलाहकार, जलीय स्थान, दक्षिण पूर्व दिशा।

शनि मजदूर एवं दास वर्ग, शारीरिक परिश्रम, कारखाने, वनस्पति, नौकरी, निंदित कार्यो से धनोपार्जन, हाथी, घोड़ा, चमड़ा, लोहा, मिथ्या भाषण, कृषि, शस्त्रागार, सीसा, तेल, लकड़ी, विष, पशु, ठेकेदारी।

राहु गुप्त धन, लॉटरी, शेयर, विष, तिल, तेल, लोहा, वायुयान संबंधी ज्ञान, मशीनरी, चित्रकारी, फोटोग्राफी, वैद्यक, जासूसी अनुसंधान, कंबल, गोमेद।

केतु गुप्त विद्या, वैराग्य, तीर्थाटन, भिक्षावृत्ति, चर्म रोग, काले वस्त्र, कंबल, विष, शस्त्र, फोड़ा, फुंसी, गर्भपात, चेचक, अत्यंत कठिन कार्य, मंत्रसिद्धि, तत्वज्ञान, दु:ख, शोक, संघर्ष।


कारकत्व शब्दों तक ही सीमित नहीं इनकी परिधि अत्यंत विस्तृत है - जैसे ‘राज्य’ शब्द सूर्य का कारकत्व है। इस छोटे से शब्द में राजा, मंत्री, गवर्नर, राष्ट्रपति, छोटे-मोटे तमाम सरकारी कर्मचारी व अधिकारी, राजनेता, विधायक, सांसद आदि सभी वर्ग जिनका परोक्ष अथवा अपरोक्ष रूप में सरकार से किसी न किसी प्रकार से कोई संबंध है, शामिल हैं। जन्म कुंडली का एकादश भाव ‘आय भाव’ तथा द्वितीय भाव ‘धन भाव’ कहलाता है। इनके स्वामियों के बलाबल और आपस में संबंध के आधार पर व्यवसाय संबंधी आय व धन का विचार किया जाता है।

दशम स्थान स्थित राशि की दिशा में अथवा दशमेश जिस नवांश में होगा, उस नवांश संबंधी राशि की दिशा में व्यवसाय संबंधी लाभ होगा।

 मेष, सिंह व धनु राशियां ‘पूर्व’ दिशा की स्वामी है। 
मिथुन, तुला व कुंभ राशियां ‘पश्चिम’ दिशा की स्वामी है। 
कर्क, वृश्चिक व मीन राशियां ‘उत्तर’ दिशा की स्वामी है तथा 
वृष, कन्या तथा मकर राशियां ‘दक्षिण’ दिशा की स्वामी है। 

उपरोक्त विचार ‘लग्न कुंडली’ के साथ ‘चंद्र कुंडली’ व ‘सूर्य कुंडली’ से भी करने पर सूक्ष्म निष्कर्ष पर पहुंचने में काफी सहायता मिलेगी।



कुछ रोचक बाते :


◆ लग्न का स्वामी और दशम भाव का स्वामी यदि एक साथ हो तो ऐसा जातक नौकरी में विशेष उन्नति पाता है।

◆ दशमेश के साथ शुक्र हो और द्वादश भाव में बुध हो तो वह जातक महात्मा, पुण्यात्मा होता है, लेकिन दशमेश व शुक्र केंद्र में होना चाहिए।

◆ दशम भाव का स्वामी केंद्र या त्रिकोण (पंचम, नवम भाव को कहते है) में हो तो वह जातक राजपत्रित अधिकारी होता है।

◆दशम भाव में स्वराशिस्थ सूर्य पिता से धन लाभ दिलाता है।

◆ दशम भाव में मीन या धनु राशि हो और उसका स्वामी गुरु यदि त्रिकोण में हो तो यह सभी सुखों को पाने वाला होता है।

◆ दशम भाव का स्वामी उच्च का होकर कहीं भी हो तो वह अपने


बल-पराक्रम से सभी कार्यों में सफलता पाता है।

★ पंचम भाव में गुरु व दशम भाव में चंद्रमा शुभ स्थिति में हो तो वह जातक विवेकशील, बुद्धिमान व तपस्वी होता है।

★ एकादश भाव का स्वामी दशम में व दशम भाव का स्वामी एकादश भाव में हो या नवम भाव का स्वामी दशम में और दशम भाव का स्वामी नवम भाव में हो तो ऐसा जातक लोकप्रिय, शासक यानी मंत्री या कलेक्टर भी हो सकता है।

★लग्न का स्वामी व दशम भाव का स्वामी बलवान यानी अपनी राशि में हो या उच्च राशि में हो तो वह जातक प्रतिष्ठित, विश्वविख्यात तथा यशस्वी होता है।

★ दशम भाव में शुक्र-चंद्र की युति जातक को चिकित्सक बना देती है।