सोमवार, 2 दिसंबर 2024

अज्ञात अपराधियों ने दिनदहाड़े बस व पेट्रोल पम्प मालिक की गोली मार की हत्या


मंडल कोच नामक बस व पेट्रोल पंप के मालिक थे मृतक शालिग्राम मंडल 

साहिबगंज। जिले के तीनपहाड़ थाना के तीनपहाड़ बाईपास मोड और लालबंध के बीच आज दिनदहाड़े दो अज्ञात अपराधियों ने एक व्यक्ति को गोली मार दी। वहीं घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी उनके पास मौजूद पैसों से भरा बैग लेकर फरार हो गए। 


घटना में गम्भीर रूप से घायल व्यक्ति की पहचान राजमहल थाना क्षेत्र के कल्याणचक दलहय निवासी शालिग्राम मंडल के रूप में हुई। वह मंडल कोच नामक बस और पेट्रोल पंप के मालिक थे। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने गम्भीर रूप से घायल शालिग्राम मंडल को तुरंत अनुमंडल अस्पताल, राजमहल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। 


सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस

मंडल कोच बस और पेट्रोल पंप के मालिक की दिनदहाड़े हुई हत्या ने पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। घटना सोमवार 02 दिसम्बर की सुबह करीब 10 बजे की बतायी जाती है। घटना की सूचना मिलते ही तीनपहाड़ थाना प्रभारी मोहम्मद शाहरुख और डीएसपी नितिन खंडेलवाल सदल-बल घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच पड़ताल शुरू की। 


शीघ्र होगी अपराधियों की गिरफ्तारी : डीएसपी

दिनदहाड़े हुई इस वारदात के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपराधियों को जल्द पकड़ने और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं बरहरवा डीएसपी नितिन खंडेलवाल ने बताया कि अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए इलाके में गहन छानबीन की जा रही है। उन्होंने स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाया कि दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

झारखण्ड में 1542 नये एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की हुई पहचान


रांची। झारखंड में एचआईवी संक्रमितों की संख्या हर रोज बढ़ रही है। विश्व एड्स दिवस (01दिसंबर) के पहले झारखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी की ओर से जारी आंकड़ा बताता है कि राज्य में हर रोज औसतन सात एचआईवी संक्रमितों की पहचान हो रही है। इस साल एक अप्रैल से अक्टूबर के अंत तक यानी सात महीने में राज्य में 1542 नए एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है। इनमें आठ नवजात भी शामिल हैं।



स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सात महीने में राज्य में कुल 6 लाख 56 हजार लोगों की स्क्रीनिंग से यह आंकड़ा सामने आया है। सबसे ज्यादा 203 एचआईवी संक्रमितों की पहचान रांची में की गई है, जबकि पूर्वी सिंहभूम में 194, हजारीबाग में 149 और धनबाद जिले में 124 एचआईवी मरीज पाए गए हैं। गढ़वा एवं गिरिडीह जिले में एक भी एचआईवी संक्रमित नहीं पाया गया। जबकि लोहरदगा में चार और सिमडेगा एवं चतरा जिले में आठ-आठ मरीजों की पहचान हुई है। पिछले साल राज्य में कुल 12 लाख से भी अधिक लोगों की स्क्रीनिंग के बाद 2074 एचआईवी संक्रमितों की पहचान हुई थी।



एचआईवी संक्रमितों के इलाज के लिए राज्य में कुल 14 एआरटी (एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट) सेंटर बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर उन्हें निःशुल्क दवाइयां भी उपलब्ध कराई जाती हैं। रांची के रिम्स स्थित एआरटी सेंटर में सबसे ज्यादा करीब 1600 एचआईवी मरीज हर माह दवा लेते हैं। राज्य में एचआईवी संक्रमण के 90 प्रतिशत से भी ज्यादा मामलों में यह पाया गया है कि रोजगार के सिलसिले में बाहर के प्रदेशों में लंबे समय तक रहने वाले लोग संक्रमण लेकर लौट रहे हैं। इनमें निम्न आय वर्ग के लोगों की संख्या ज्यादा है। ऐसे सैकड़ों केस हैं जिसमें ट्रक ड्राइवर और प्रवासी मजदूर बाहर से संक्रमण लेकर आए।


झारखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी का दावा है कि मरीजों की लगातार मॉनिटरिंग और काउंसलिंग की जा रही है। गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच अनिवार्य तौर पर कराई जा रही है, ताकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं से बच्चों में एड्स के संक्रमण को रोका जा सके। पिछले एक साल में जिन एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है, उनमें 198 गर्भवती महिलाएं भी हैं। सोसाइटी उन लोगों को ही एक्टिव संक्रमित मानता है, जो एआरटी सेंटरों में पहुंचकर जांच कराते हैं। एड्स और एचआईवी संक्रमितों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्हें अंत्योदय अन्न योजना, आयुष्मान भारत, जनधन योजना, इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटेक्शन से भी जोड़ा गया है।